सड़क के किनारे पौधे क्यों लगाए जाते हैं? Why are plants planted on roadside?

सड़क के किनारे पौधे क्यों लगाए जाते हैं? Why are plants planted on roadside?

क्या आप जानते हैं कि राष्ट्रीय राजमार्गों और विभिन्न सड़कों के किनारे पेड़-पौधों और झाड़ियों को क्यों उगाया जाता है? 

राष्ट्रीय राजमार्गों और विभिन्न सड़कों के किनारे पेड़-पौधे लगाने का उद्देश्य सिर्फ सुंदरता बढ़ाना नहीं है.

आप सोच रहे होंगे कि यह शायद पेड़ों की संख्या बढ़ाने के लिए है, तो दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसका मकसद इससे कहीं ज्यादा है.

आइए इस लेख में जानते हैं कि सड़क के किनारे पेड़-पौधों को लगाने का असली उद्देश्य क्या है.

सड़क के किनारे लगाए गए पेड़ हमारे लिए किस प्रकार सहायक होते हैं? How are the trees planted by the roadside helpful for us?

#1. किसी भी प्रकार के हाईवे या एक्सप्रेस-वे में वाहनों की अप और डाउन लाइन के बीच डिवाइडर बनाकर ऐसे पौधे लगाए जाते हैं, जो आने-जाने वाले वाहनों के बीच कम से कम 8 फीट की दूरी बना दे.

#2. इंजीनियरों का मानना है कि दो लेन में इतनी दूरी होने से दुर्घटना की संभावना काफी कम हो जाती है और किसी कारण से एक ट्रैक के क्षतिग्रस्त होने पर दूसरे ट्रैक के प्रभावित होने की संभावना भी कम हो जाती है.

#3. विपरीत दिशाओं की ओर से आमने सामने आने वाले वाहनों की हेडलाइट्स एक दूसरे के चालक को परेशान नहीं करती हैं. ये झाड़ियां या पौधे आमतौर पर घने होते हैं ताकि प्रकाश दूसरी तरफ न जाए.

#4. क्यारियों में कुछ खास प्रकार के पौधे लगाए जाते हैं, जो वायु प्रदूषण को कम करने का काम करते हैं.

#5. पेड़ों का हरा रंग ड्राइवर की आंखों को शीतलता प्रदान करता है, जिससे आंखों में जलन नहीं होती है.

#6. झाड़ियों के कारण इंसान और जानवर अंधाधुंध सड़क पार नहीं करते जिससे दुर्घटनाएं कम होती हैं. इस प्रकार वे दुर्घटनाओं से बचते हैं.

#7 यदि ये झाड़ियां नहीं होतीं, तो कोई भी भ्रमित हो सकता है कि वह राजमार्ग के दूसरी ओर या किसी गलत रास्ते पर यात्रा कर रहा है जिसके परिणामस्वरूप दुर्घटना हो सकती है.

#8. सड़कों के किनारे लगाए गए पेड़ हमें छाया और लकड़ी प्रदान करते हैं.

#9. ये पेड़ ध्वनि के स्तर (ध्वनि प्रदूषण) को कम करते हैं.

#10. सड़कों के किनारे स्थित ये पेड़ हवा को साफ और नम रखते हैं.

#11. सरकंडा, विलायती कीकर और सफेदा जैसे पेड़ वायु मार्ग में बाधा डालते हैं और इसके वेग को कम करते हैं.

#12. वे गर्म विकिरणों को अवरुद्ध करते हैं और सूर्य और अन्य तीव्र प्रकाश स्रोतों की चकाचौंध में बाधा डालते हैं.

हाइवे पर किस तरह के पेड़ नहीं लगाए जा सकते हैं? What kind of trees cannot be planted on the highway?

नीलगिरी, नीम, चमेली, जामुन आदि के पेड़ों की लकड़ी कमजोर होती है और इसलिए इन्हें राजमार्गों के किनारे नहीं लगाया जाता है.

इसके अलावा बेर, बबूल जैसे कांटेदार पेड़ भी सड़कों के पास नहीं लगाए जाते हैं. ये कमजोर पौधे आंधी के पानी के कारण टूट कर सड़क पर गिर सकते हैं, जिससे हाईवे ब्लॉक हो जाएगा, साथ ही वाहनों और यात्रियों को भी गंभीर नुकसान हो सकता है और इन कांटेदार पौधों में छाया की कमी तो होगी ही साथ ही यात्रियों को भी नुकसान हो सकता है.

राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए पौधे कौन प्रदान करता है? Who provides saplings for National Highways?

राष्ट्रीय राजमार्ग एवं राजमार्ग के किनारे Public Works Department (PWD) अपने स्तर पर ही पौधरोपण करते हैं. जहां PWD का अपना बगीचा है और इसके सहयोग से वृक्षारोपण किया जाता है. वन विभाग की ओर से जब भी मांग की जाती है तो मांग के अनुसार पौधे उपलब्ध करा दिए जाते हैं.

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने घोषणा करते हुए कहा कि भविष्य में राजमार्गों के किनारे आम, महुआ, इमली, जामुन, अर्जुन, शीशम, पीपल जैसे छाया और फलदार पेड़ लगाए जाएंगे और उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी स्थानीय जनता को दी जाएगी जिससे उन्हें रोजगार के अवसर भी मिलेंगे और पर्यावरण संरक्षण का काम हो जाएगा.

इसके लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है, जिसके तहत इस कार्य में करीब एक हजार एनजीओ शामिल होंगे, जिन्हें इस विशेष कार्य के लिए वृक्षारोपण और उनके रखरखाव की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.

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