कोर्ट में जज के पास लकड़ी का हथौड़ा क्यों होता है? Why do judges use a gavel in court?

कोर्ट में जज के पास लकड़ी का हथौड़ा क्यों होता है? Why do judges use a gavel in court?

हमने फिल्मों और धारावाहिकों में देखा है कि जज कोर्ट में लकड़ी के हथौड़े (Wooden hammer) का इस्तेमाल करते हैं. इस हथौड़े का प्रयोग तभी किया जाता है जब अदालत (Courtroom) में शोर मचा होता है और लोगों को शांत करना पड़ता है.

लेकिन क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की है कि कोर्ट में जज लकड़ी के हथौड़े का इस्तेमाल क्यों करते हैं और इसे क्या कहते हैं?

सबसे पहले यह जान लेते हैं कि कोर्ट में इस्तेमाल होने वाले इस हथौड़े (Hammer) को तकनीकी भाषा में क्या कहते हैं?

आपको बता दें कि कोर्ट में इस्तेमाल होने वाले इस हथौड़े को तकनीकी भाषा में “गैवेल (Gavel)” कहा जाता है.

इस हथौड़े का इस्तेमाल करने की शुरुआत कहां से हुई?

इस हथौड़े (गैवेल) का प्रयोग सबसे पहले मध्ययुगीन इंग्लैंड में शुरू हुआ था. ब्रिटिश काल में भारत में गैवल का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन अब शायद ही कोई अदालत इसका इस्तेमाल करती हो.

उस समय में अदालतों में जमींदारों और किरायेदारों के बीच हमेशा विवाद होता था, जिसके बाद अदालत कक्ष में अफरा-तफरी मच जाती थी, जिसके कारण अदालत कक्ष को शांत और व्यवस्थित बनाने के लिए न्यायाधीश लकड़ी की मेज को पीटते थे. धीरे-धीरे इसे लकड़ी के हथौड़े से बदल दिया गया.

गैवेल अदालत में न्यायिक शक्ति (Judicial power) का प्रतिनिधित्व करता है. 

अब भारतीय अदालतों में गैवल का बहुत कम उपयोग होता है. लेकिन विदेशी अदालतों में अभी भी गैवल का इस्तेमाल किया जाता है.

आपने नीलामी घरों में भी देखा होगा कि नीलामी की अंतिम बोली पर हथौड़े से बोली को अंतिम घोषित कर दिया जाता है. यहां भी हथौड़ा शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है.

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