लाफिंग बुद्धा (Laughing Buddha) पूरे विश्व में पूजें जाते है. उनकी मूर्तियां घरों, दुकानों, व्यापार के स्थानों आदि जगहों पर देखी जाती है.
भारत में जिस प्रकार “वास्तुशास्त्र” का महत्व हैं, ठीक उसी तरह चीन में “फेंगशुई” को महत्व दिया जाता हैं. जैसे भारत में कुबेर जी धन के देवता हैं वैसे ही चीन में ‘लाफिंग बुद्धा’ को धन के देवता माना जाता हैं. फेंगशुई की मान्यता के अनुसार घर में ‘लाफिंग बुद्धा’ की मूर्ति रखने से धन में समृद्धि आती हैं और घर में सौभाग्य, सुख-शांति और खुशहाली आती है.
खुश रहना कौन नहीं चाहता है? इसीलिए भारत में भी काफी लोग अपने घर, ऑफ़िस और दुकानों में लाफिंग बुद्धा की मूर्तियां रखते हैं. लाफिंग बुद्धा को पहचानना बहुत आसान है, उन्हें पारंपरिक रूप से एक बड़ा मोटा गोलमटोल पेट, गंजे सर वाले भिक्षु के रूप में दर्शाया गया है जो एक साधारण चोगा पहने हुए हैं और प्रार्थना की माला अक्सर उनके गले में लटकी रहती है.
कौन थे लाफिंग बुद्धा? Who was Laughing Buddha?
लाफिंग बुद्धा एक चीनी भिक्षु थे, चीनी बौद्ध धर्म में और जापानी बौद्ध में धर्म उन्हें देवता के रूप में प्रतिष्ठित किया जाता है. ‘लाफिंग बुद्धा’ को चीन में “पु-ताई” (Pu-Tai) के नाम से जाना जाता हैं वही जापान मे उन्हें “बुदाई” (Budai) या “होटी” (Hotei) के नाम से जाना जाता हैं.
लाफिंग बुद्धा किस देश के थे? What is the origin of the Laughing Buddha?
मान्यताओं के अनुसार ‘लाफिंग बुद्धा’ 1000 साल पहले यानि लगभग 10 वीं शताब्दी के आसपास “वुएयू साम्राज्य” (Wuyue kingdom) में रहते थे. बहुतों ने उन्हें अपने परोपकारी स्वभाव के कारण भावी बुद्ध यानि “मैत्रेय बुद्ध” के रूप में अपनाया था. उनकी हंसमुख प्रवृत्ति, विनोदी व्यक्तित्व और विलक्षण जीवनशैली उन्हें अधिकांश बौद्ध भिक्षुयों से अलग करती है. उनके बड़े पेट और मुस्कुराहट के कारण उन्हें लाफिंग बुद्धा के नाम से जाना जाने लगा.
लाफिंग बुद्धा चाहते थे की लोग हमेशा सकारात्मक और खुश रहें, जब उनका देहांत हुआ तो अंतिम विदाई लेने के लिए भारी भीड़ जमा हो गई, दाह संस्कार समारोह में आग जलाई गई थी और अचानक आतिशबाजी का एक बड़ा विस्फोट हुआ यह देख वहाँ मौजूद सभी लोग आश्चर्यचकित हो गए. दरअसल लाफिंग बुद्धा ने ही देहांत से पहले वह पटाखे अपने पोटरी मे छिपाकर रखें थे ताकी उनके अंतिम विदाई के वक़्त दाह संस्कार में मौजूद सभी लोग मुस्कुराते हुए दिखे. अपनी मृत्यु के बाद भी उन्होंने सभी उपस्थित लोगों को जीवन का जश्न मनाने की याद दिलाई.
लाफिंग बुद्धा तरह तरह के मूर्ति रूप में दर्शाये जाते हैं और हर मूर्ति का अर्थ अलग अलग होता हैं. फेंगशुई के अनुसार सही जगह पर लॉफिंग बुद्धा की मूर्ति रखने से घर की नकारात्मकता खत्म होती है और घर में सकारात्मकता बढ़ती है. जिससे सुख-समृद्धि का आगमन घर में होता है.
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nice article
Thanks, Praveen ji 🙂