आहार का चुनाव स्वास्थ को ध्यान में रख कर करना चाहिए, ताकि भोजन के बाद हमे ऊर्जा प्रदान हो सके, शरीर स्वस्थ रहे और शरीर का संतुलन बना रहे. जिस तरह खाने मे पोषक तत्व रहते हैं, वैसे ही हम खाने के लिए जो पात्र उपयोग में लाते है, उसके भी हमे फायदे और नुक्सान को ध्यान में रखना चाहिए.
इसलिए सही आहार के साथ सही धातु के बर्तन का चुनाव करना भी जरूरी होता है, ताकि खाने के गुणों में वृद्धि हो सके और हमारा शरीर रोगों से दूर रहे. क्या आप जानते है कि किस धातु के बर्तन में खाना खाने से क्या फायदा और क्या नुक्सान होता है? How food served and cooked in different metals impact your health?
तो आइये जानते है कौन सी धातु के बर्तन में भोजन करने से क्या क्या लाभ और हानि होती है.
मिट्टी के बर्तन में खाना पकाने के स्वास्थ्य लाभ – Health benefits of cooking in clay pot
भारत में पुरातन समय में खाना बनाने के लिए मिट्टी के बर्तनों का काफी इस्तेमाल किया जाता था इसलिए लोग पहले बीमार भी कम पड़ते थे, आज भी कई गावों में तथा भिन्न आदिवासी जातियों के लोग निरंतर मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करते पाए जाते है.
मिट्टी का बर्तन खाने में मौजूद पोषक तत्वों को विलुप्त नहीं होने देता तथा भाप को बंधे रखता है जिससे खाद्य पदार्थ के पोषक तत्व खाने से ओझिल नहीं होते, मिट्टी के बर्तन में खाना लम्बे समय तक गर्म रहता है.
इंसान के शरीर को रोज 18 प्रकार के सूक्ष्म पोषक तत्वों की जरूरत होती है जो मिट्टी के बर्तनों में बने खाने से आसानी से मिल जाते है, इन सूक्ष्म पोषक तत्वों में कैल्शियम, मैग्नीशियम, सल्फर, आयरन, सिलिकॉन, कोबाल्ट, जिप्सम आदि शामिल होते हैं.
मिट्टी के बर्तन में बना खाना पूर्ण रूप से खाने के लिए सर्वोत्तम होता है, और मिट्टी के बर्तन में खाना खाया जाए तो उसका अलग से स्वाद भी आता है.
सोने के बर्तन में खाना पकाने के स्वास्थ्य लाभ – Health benefits of cooking in a gold pot
सोने की तासीर गर्म होती है इसमें बने खाने से आपके शरीर को अंदर और बाहर दोनों तरह से फायदा मिलता है, सोने से बने पात्र में भोजन बनाने और करने से शरीर के आंतरिक और बाहरी दोनों हिस्से कठोर, बलवान, ताक़तवर और मजबूत बनते है, यानि अंदर से आप एनर्जेटिक महसूस करते हैं और बाहर से आपके ख़ूबसूरती में निखार आता हैं, साथ साथ सोना आँखों की रौशनी भी बढ़ता है. इसके अलावा सोने के बर्तन में खाना पकाने से आपके खाने की पौष्टिकता भी बढ़ जाती है.
चांदी के बर्तन में खाना पकाने के स्वास्थ्य लाभ – Health benefits of cooking in silverware
चाँदी एक ठंडी धातु है, जो शरीर को अंदर से ठंडक पहुँचाती है और शरीर के तापमान को ठंडा बनाए रखता है. चाँदी के बर्तन में खाना पकाना और सेवन करना बच्चों और बड़ो दोनों के लिए लाभदायक है.
चाँदी के पात्र में भोजन करना केले के पत्ते पर भोजन करने के समान माना गया है, दोनों ही सूरत में आपके शरीर को औषिधीय लाभ मिलते है. चाँदी हमेशा बैक्टीरिया फ्री एवं संक्रमण रहित होती है इसलिए चाँदी के बर्तनों का प्रयोग हमें कई तरह की बीमारियों से बचाता है और शुद्धता प्रदान करता है.
चाँदी एंटी-बैक्टीरियल होने के कारण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है. चाँदी के ग्लास में पानी पीने से सर्दी-जुकाम की समस्या दूर होती है.
चाँदी के बर्तन में बच्चो को भोजन करना उनके दिमाग के लिए फ़ायदेमंद होता है, यह दिमाग को शांत रखकर याददाश्त को बढ़ाने में मदद करता है एवं आंखों की समस्याओं से निजात दिलाता है.
चाँदी के बर्तनों का प्रयोग पित्त बढ़ने की समस्या या पित्त दोष को दूर करने में बेहद प्रभावी होता है. चाँदी के बर्तनों में पानी, दूध या कोई अन्य तरल पदार्थ रखने से उनमें ताजापन आता है, चांदी शुद्धता का प्रतीक है. पुरातन समय में पानी साफ करने के लिए वॉटर फिल्टर नहीं होते थे, ऐसे में लोग पानी को साफ और शुद्ध करने के लिए चाँदी के बर्तनों का उपयोग करते थे.
कांसे के बर्तन में खाना पकाने के स्वास्थ्य लाभ – Health benefits of cooking in a bronze pot
कांसे के बर्तन में खाना खाने से बुद्धि तेज होती है, रक्त में शुद्धता आती है, रक्तपित शांत रहता है और भूख बढ़ती है. कांसे के बर्तन भोजन के पौष्टिक गुणों को बरकरार बनाए रखते है तथा कांसे के बर्तन में खाना बनाने से केवल 3 प्रतिशत ही पोषक तत्व नष्ट होते हैं.
कांसे के बर्तन खट्टी चीजे रखने या परोसने के उपयोग में नहीं लाने चाहिए, इसमें रखी खट्टी चीजें कांसे के सम्पर्क में आते ही विषैले हो जाती है जो शरीर के लिए हानिकारक साबित हो सकता है.
तांबे के बर्तन में खाना पकाने के स्वास्थ्य लाभ – Health benefits of cooking in a copper pot
तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से शरीर रोग मुक्त बनता है, ऐसा पानी पीने से रक्त शुद्ध होता है, स्मरण-शक्ति तेज होती है, लीवर संबंधी समस्या दूर होती है. तांबे का पानी शरीर के विषैले तत्वों को खत्म कर देता है इसलिए इस पात्र में रखा पानी स्वास्थ्य के लिए उत्तम होता है.
तांबे में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जिससे इसमें पका खाना खाने से जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या कम होती है. तांबे के बर्तनों में पका खाना खाने से शरीर के विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं जिससे किडनी और लीवर स्वस्थ रहते हैं.
पीतल के बर्तन में खाना पकाने के स्वास्थ्य लाभ – Health benefits of cooking in a brass pot
ताम्बा और जस्ता धातुओं को मिलाकर पीतल धातु बनाई जाती है, इस धातु का पीला रंग हमारी आँखों के लिए टॉनिक का कार्य करता है. पीतल के कलश में रखा पानी पिने से शरीर को अत्यधिक ऊर्जा मिलती है.
पीतल के बर्तन में खाना पकाने और खाने से कृमि रोग, कफ और वायुदोष की बीमारी नहीं होती. पीतल के बर्तन में खाना बनाने से केवल ७ प्रतिशत ही पोषक तत्व नष्ट होते हैं यानी भोजन का अधिकांश पोषण उसमें बरकरार रहता है.
पीतल के बर्तन मजबूत होते हैं और ये बर्तन जल्दी गरम हो जाते हैं जिसके कारण गैस और अन्य प्रकार की ऊर्जा की बचत भी होती है.
लोहे के बर्तन में खाना पकाने के स्वास्थ्य लाभ – Health benefits of cooking in iron utensils
लोहे के बर्तनों जैसे कड़ाई आदि में खाना पकाने से इसमें मौजूद लौह तत्व आपके भोजन में भी मिल जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है.
लोहे के बर्तन में खाना पकाने से इसके अंश भोजन में मिलकर शरीर में पहुंचते हैं जो रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाते हैं और इससे एनीमिया (खून की कमी) जैसी समस्याओं से बचाव व उपचार होता है. लेकिन लोहे के बर्तन में खाना नहीं खाना चाहिए क्योंकि इसमें खाना खाने से बुद्धि कमजोर होती है और दिमाग का नाश होता है.
स्टील के बर्तनों में खाना पकाने के स्वास्थ्य लाभ – Health benefits of cooking in steel utensils
स्टील का प्रयोग वर्तमान में काफी चलन में है, यह एक मिश्रित धातु है जो लोहे में कार्बन, क्रोमियम और निकल मिलाकर बनाई जाती है. इसमें खाना पकाने या बनाने में सेहत को कोई नुकसान नहीं होता. इसमें खाना बनाने और खाने से शरीर को कोई फायदा नहीं पहुँचता और नुक्सान भी नहीं पहुँचता.
एलुमिनियम के बर्तन में खाना पकाने के लाभ या नुकसान – एलुमिनियम के बर्तन में खाना पकाने के लाभ या नुकसान
एल्युमिनिय बोक्साईट का बना होता है, इसमें बने खाने से शरीर को सिर्फ नुक्सान होता है.
एल्युमिनिय के बर्तन मे खाना पकाने से भोजन के प्राकृतिक गुण नष्ट हो जाते है और सबसे बड़ी बात तो यह है की यह एक ऐसा धातु है जिसे हमारा शरीर बाहर निकालने में भी असमर्थ है और धीरे-धीरे यह धातु हमारे शरीर में जमा होने लगता है और सेहद संबंधी कई गंभीर समस्या का कारण भी बनता है.
यह आयरन और कैल्शियम को सोखता है इसलिए इससे बने पात्र का उपयोग नहीं करना चाहिए. इन बर्तन में बना खाना हो या पेय पदार्थ दोनों के द्वारा ही एल्युमीनियम शरीर में पहुँचता है और धीमे जहर का काम शुरू कर देता है.
इससे हड्डियां कमजोर होती है, मानसिक बीमारियाँ होती है, लीवर और नर्वस सिस्टम को क्षति पहुंचती है, इसके साथ साथ किडनी फेल होना, टी बी, अस्थमा, दमा, बात रोग, शुगर जैसी गंभीर बीमारियाँ होती है.
एलुमिनियम के बर्तनों में बने भोजन को खाने से सिर्फ बड़े ही नहीं बल्कि बच्चे भी प्रभावित होते है, बच्चों पर इसका असर बहुत जल्द पड़ता है. एलुमिनियम के प्रेशर कूकर से खाना बनाने से 87 प्रतिशत पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं.
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