‘शिव पुराण’ और ‘श्रीमद देवी भागवत’ में रुद्राक्ष की माला धारण करने के कई नियम बताए गए हैं. इन ग्रंथों में बताया गया है कि कितने रुद्राक्ष से बनी माला शरीर के किस अंग पर धारण करनी चाहिए ताकि भक्त की हर मनोकामना पूरी हो सके.
‘रुद्र’ यानि भगवान शिव – रुद्राक्ष के वृक्ष, जड़, त्वचा, शाखा, पत्ती, फल और फूल में सर्वत्र निवास करते हैं. रुद्राक्ष की माला प्राचीन काल से ऋषियों द्वारा जप और ध्यान के लिए धारण की जाती रही है. रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और भगवान शिव की कृपा से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों को नियंत्रित करने के लिए रुद्राक्ष की माला से जप करना सबसे उत्तम माना गया है. इसका धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व होने के साथ-साथ स्वास्थ्य से भी गहरा संबंध है. तो आइए जानते हैं कि रुद्राक्ष आपके लिए कैसे फायदेमंद है.
रुद्राक्ष की उत्पत्ति कैसे हुई? How did Rudraksha originate?
जानिए कितने रुद्राक्ष से बनी माला किस अंग पर धारण करनी चाहिए? Know how many Rudraksha beads are made on which part should be worn?
पुराणों के अनुसार रुद्राक्ष को दैवीय शक्तियों द्वारा पवित्र माना जाता है और विज्ञान के अनुसार रुद्राक्ष से कुछ विशेष स्पंदन उत्पन्न होते हैं जो हमारे आसपास के नकारात्मक विकिरणों को नष्ट करते हैं.
श्रीमद् देवी भागवत के अनुसार शरीर के विभिन्न अंगों पर अलग-अलग संख्या में रुद्राक्ष की माला धारण की जाती है. श्रीमद् देवी भागवत के अनुसार रुद्राक्ष धारण करने से बढ़कर संसार में और कोई वस्तु नहीं है.
# हृदय पर 50 मनकों की माला और सिर पर 20 मनकों की माला धारण करनी चाहिए.
# श्रीमद् देवी भागवत के अनुसार रुद्राक्ष की 16 मनकों की माला भुजाओं पर, 12 मनकों की माला कलाई पर तथा 108 मनकों की माला गले में धारण करना चाहिए.
# श्रीमद् देवी भागवत के अनुसार रुद्राक्ष की 108 मनकों की माला धारण करने से हर क्षण अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है. सामान्य माला की बजाय 108 रुद्राक्ष की माला का जाप करने से 10 गुना पुण्य मिलता है.
शिव पुराण के अनुसार रुद्राक्ष के समान फल और लाभ देने वाली दुनिया में और कोई माला नहीं है. इसलिए मनोकामना पूर्ति के लिए इसे धारण करना चाहिए, इसकी पूजा करनी चाहिए और जप करने के लिए रुद्राक्ष से बनी माला का ही उपयोग करना चाहिए. जो व्यक्ति रुद्राक्ष को शरीर पर धारण कर उसकी शुद्धता का ध्यान रखता है उसकी हर मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है.
Kya mai 88 Dane ke male ko gale me pahan sakta hu
अरविंदजी, मेरी राय है की आपको किसी वेदाभ्यासी पुरोहित से सम्मति लेनी चाहिए.