‘राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह’ कब और क्यों मनाया जाता है? When and why is ‘National Road Safety Week’ celebrated?

When and why is ‘National Road Safety Week’ celebrated? ‘राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह’ कब और क्यों मनाया जाता है?

भारत में सड़क सुरक्षा सप्ताह (Road Safety Week) का आयोजन हर साल जनवरी के महीने में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways), भारत सरकार द्वारा किया जाता है.

सड़क सुरक्षा सप्ताह के आयोजन का उद्देश्य लोगों को सावधानी के साथ सड़क नियमों का पालन करने के लिए जागृत करना और उनके जीवन को सुरक्षित करना है.

दिल्ली, बैंगलोर, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बड़ौदा, पुणे, भुवनेश्वर, हैदराबाद, चंडीगढ़ आदि सहित भारत के कई शहरों में, ‘सड़क सुरक्षा सप्ताह’ बहुत ही दृढ़ता से और सावधानी के साथ मनाया जाता है. 

इस अवसर पर, सड़क सुरक्षा से संबंधित कई कार्यक्रम आयोजित करके, लोगों को सड़क पर सावधानीपूर्वक वाहन चलाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.

सड़क सुरक्षा सप्ताह कैसे मनाया जाता है? How is Road Safety Week celebrated?

सड़क सुरक्षा सप्ताह निम्नलिखित गतिविधियों द्वारा मनाया जाता है:

  • सिग्नल और सड़क पर यात्रा करने वाले यात्रियों के बीच गुलाब, चॉकलेट और फूलों सहित सड़क सुरक्षा के सूचना-पत्र वितरित किए जाते हैं.
  • सड़क सुरक्षा के साधनों, तरीकों और आवश्यकताओं को सड़क पर यात्रा करने वाले लोगों को समझाया जाता है. सड़क पर वाहन चलाते समय उन्हें Helmet या Seat belt  का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जाता है. 
  • सड़क सुरक्षा के प्रति वाहन चालकों को प्रोत्साहित करने के लिए मुफ्त चिकित्सा जांच और ड्राइविंग प्रशिक्षण कार्यशालाएं भी आयोजित की जाती हैं.
  • सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए सड़क सुरक्षा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है.

सड़क सुरक्षा सप्ताह अभियान को आयोजित करना क्यों महत्वपूर्ण है? Why it is important to organize a Road Safety Week campaign?

दुनिया भर में हर साल यातायात दुर्घटनाओं में 1.35 मिलियन लोगों की मौत के साथ सड़क यातायात मृत्यु-दर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है, और भारत में भी यह एक गंभीर मामला बन गया है. 

भारत में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन प्रत्येक जनवरी को भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) द्वारा किया जाता है. NSC एक स्वायत्त संस्था है जो भारत सरकार द्वारा सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण के मुद्दों पर जनता को जागृत करने के लिए स्थापित की गई है. 

सड़क सुरक्षा सप्ताह अभियान को आयोजित करने का लक्ष्य सड़क सुरक्षा के नियमों के बारे में जागरूकता पैदा करना और सुरक्षित सड़क यात्रा पर जोर देना है.

भारत में हर साल एक लाख से अधिक लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं, या उनमें से कुछ शारीरिक विकलांगता से पीड़ित होते हैं. ऐसी स्थितियों के कारण, विशेष रूप से भारत में सड़क सुरक्षा उपायों का महत्व और आवश्यकता अधिक बढ़ जाती है. 

भारत में सड़क पर यातायात करने वाले लोगों की एक बड़ी आबादी है, इसलिए यात्रियों में सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाना अधिक अनिवार्य है.

सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाने का मुख्य उद्देश्य क्या है? What is the main objective of celebrating Road Safety Week?

  • सड़क सुरक्षा अभियान को मनाने का उद्देश्य जन समुदाय, स्कूलों, कॉलेजों, कार्यशालाओं, सड़कों आदि के बीच सड़क सुरक्षा के साधनों को बढ़ावा देना है.
  • सड़क सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करके सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाना, सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाले मृत्यु और शारीरिक चोटों को रोकना.
  • सभी यात्रियों को यातायात नियमों का पालन करने और ड्राइविंग के दौरान हेलमेट या सीट बेल्ट पहनने के लिए प्रोत्साहित करना.
  • सुरक्षा के नए साधनों को लागू करना ताकि सड़क दुर्घटनाओं के खतरों को रोका जा सके.
  • लोगों को सड़क दुर्घटनाओं से बचाने के लिए वाहनों की गति सीमा के बारे में जागरूक करना.
  • लोगों को जागरुक करने के लिए कि थके होने पर या नशे में होने पर वाहन नहीं चलाए और वाहन चलाते समय फोन या रेडियो का प्रयोग न करे. 

जानिए भारत में ‘सड़क सुरक्षा दिवस’ कैसे मनाया जाता है? Know how ‘Road Safety Day’ is celebrated in India?

सड़क सुरक्षा मंत्रालय और राज्य सरकारों के सहयोग से, भारत सरकार द्वारा स्थापित राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद, भारत में हर साल जनवरी के महीने में सड़क सुरक्षा दिवस का आयोजन करती है. 

इसके लिए, केंद्र सरकार सड़क सुरक्षा संवर्धन अभियानों के लिए राज्य सरकार को सहायता प्रदान करती है. यह सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा एक संयुक्त अभियान होता है, जो सड़क की दुर्घटनाओं को कम करने और सड़क सुरक्षा नियमों के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है.

कई शहरों में, जनता को इस विषय के बारे में जागरूक करने के लिए कई जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं, जिसमें लोगों को यातायात नियमों और संकेतों के बारे में बताया जाता है. कई स्कूल और कॉलेज इन अभियानों में भाग लेते हैं और लोगों के बीच सड़क सुरक्षा सुचना-पत्रक और पुस्तिकाएं वितरित किये जाते हैं.

इसके साथ ही, स्थानीय प्रशासन ड्राइवरों और मोटरसाइकिल चालकों का निरीक्षण अभियान भी चलाता है और लोगों को सख्त निर्देश दिया जाता है कि वे नशे में वाहन न चलाएं और अन्य यातायात नियमों का पालन करें. साथ ही, ड्राइवरों को यातायात नियमों और संकेतों के बारे में सूचित किया जाता है और सड़क पर उनकी सुरक्षा के साथ-साथ दूसरों की सुरक्षा का ध्यान रखने का निर्देश दिया जाता है.

प्रमुख कारण जो दुर्घटनाओं को बढ़ाते हैं? Major causes that increase accidents?

कई कारण हैं, जिनकी वजह से सड़क पर कई बड़े हादसे होते हैं. सड़क पर होने वाली इन बड़ी दुर्घटनाओं का वर्णन नीचे किया गया है.

1) शराब पीकर गाड़ी चलाना (Drink and drive):

भारत में हर दिन लगभग 20 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं. 

एक शराबी व्यक्ति या नशे में धुत्त व्यक्ति बड़ी लापरवाही और गति के साथ वाहन चलाता है, जिससे ये लोग न केवल अपने जीवन को बल्कि दूसरों के जीवन को भी जोखिम में डालते हैं. 

मोटरसाइकिल पर सवार नशे में धुत्त व्यक्ति या सड़क पर शराब के प्रभाव में चलने वाला व्यक्ति भी कई बड़ी दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है.

इसे रोकने के लिए, स्थानीय प्रशासन को नियमित रूप से ड्राइवरों का निरीक्षण करना चाहिए, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कोई शराब पीकर तो वाहन नहीं चला रहा है, और यदि कोई निर्धारित मात्रा से अधिक शराब पीकर वाहन चला रहा है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. 

इसके साथ ही, वर्तमान में निर्धारित शराब मानक को कम करने की आवश्यकता है ताकि सड़क पर दुर्घटनाओं को कम किया जा सके.

2) अवयस्क वाहन चालक (Minor driver):

भारत में गियर वाले वाहनों के लिए ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने की आयु 18 वर्ष निर्धारित की गई है. साथ ही, 50cc के बिना गियर वाले वाहनों के लिए, यह आयु 16 वर्ष है, लेकिन इसके लिए चालक के परिवार की अनुमति की आवश्यकता होती है. 

इसी तरह, व्यवसायिक वाहन चलाने की आयु 20 वर्ष निर्धारित की गई है. भले ही सरकार द्वारा लाइसेंस के लिए सही उम्र तय की गई हो, लेकिन कई लोगों को सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से और दलालों के माध्यम से कम उम्र में वाहन लाइसेंस मिल जाता है. 

जिसके लिए वह अपनी उम्र के फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराते है, इस तरह की धांधली से वह न केवल खुद के लिए खतरा बन जाते है, बल्कि दूसरों के लिए भी खतरा बन जाते है.

3) ध्यानपूर्वक गाड़ी ना चलाना (Careless driving):

ध्यान से गाड़ी न चलाने के कई कारण होते हैं, जैसे कि गाड़ी चलाते समय फोन पर बात करना, वाहन चलाते समय संदेश भेजना, साथियों से बात करना, तेज आवाज में गाने बजाना ये ऐसे कार्य हैं जो दुर्घटनाओं को बढ़ाते हैं. 

आपको याद रखना चाहिए कि आप सड़क पर अकेले नहीं हैं, आपके अलावा सड़क पर कई अन्य लोग और कभी-कभी आसपास जानवर भी हो सकते हैं, जो आपकी थोड़ी सी लापरवाही के कारण दुर्घटनाओं का शिकार हो सकते हैं, क्योंकि कुछ ही सेकंड की लापरवाही आपके लिए घातक साबित हो सकती है. 

एक अनुमान के अनुसार, वाहन चलाते समय संदेश भेजने से दुर्घटना की संभावना 28 गुना बढ़ जाती है. एक ड्राइवर जो सावधानी से ड्राइव नहीं करता है, वह अपने स्वयं के जीवन को भी खतरे में डालता है.

4) व्यावहारिक कारण (Practical reasons):

साथ ही, कई लोग जानबूझकर यातायात नियमों का पालन नहीं करते हैं जैसे कि हेलमेट नहीं पहनना, सीट बेल्ट नहीं लगाना, सिग्नल तोड़ना या प्रतिबंधित लेन में वाहन चलाना. इस तरह की आदतें सड़क दुर्घटनाओं में घातक साबित होती हैं.

5) पैदल चलने वाले और खुले पशु (Pedestrians and open animals):

कभी-कभी बेतरतीब पैदल चलने वाले भी सड़क दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं. एक बेतरतीब या शराबी पैदल यात्री कई अन्य वाहनों और मोटरसाइकिल चालकों को भी खतरे में डाल देता है. लोगों की जान बचाने की कोशिश में ऐसे कई दुर्घटनाएं होती हैं. 

साथ ही, भारत एक ऐसा देश है, जिसकी 70 प्रतिशत आबादी गावों में रहती है, इसलिए कई जगहों पर यह काफी स्वाभाविक है कि सड़क के दोनों ओर गांव स्थित हो. जिसके कारण, कई बार खुले जानवर और खेलते बच्चे राजमार्गों और राष्ट्रीय मार्गों पर पहुंच जाते हैं, जिसके कारण वाहन को रोकने के लिए ड्राइवरों को बहुत कम समय मिलता है, कभी-कभी यह इतना कम होता है कि दुर्घटना से बचना लगभग असंभव होता है.

6) असुरक्षित वाहन (Unsafe Vehicle):

कई असुरक्षित और असुव्यवस्थित व्यवसाइक वाहन सड़कों पर कई दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार होते है. ऐसे वाहन अवैध रूप से सड़कों पर दौड़ रहे होते हैं और लोगों को आवागमन या परिवहन के लिए समस्या पैदा करते हैं. 

पुराने और जीर्ण वाहन द्वारा किसी भी प्रकार की दुर्घटना हो सकती है, जैसे ब्रेक ना लगना टायर क्षतिग्रस्त होना आदि. इस तरह के वाहन ड्राइवर और साथ ही दूसरों के जीवन को खतरे में डालते हैं.

सड़कों पर सुरक्षित कैसे रहें और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए क्या करें? 

नीचे कुछ संकेत दिए गए हैं, जिनका अनुसरण करके हम सड़क दुर्घटनाओं को रोक सकते हैं:

  • मोटरसाइकिल या साइकिल चलाते समय हमेशा हेलमेट का उपयोग करना चाहिए.
  • पीछे बैठे सवार को भी हेलमेट पहनना चाहिए.
  • हमेशा सीट बेल्ट पहने और इसे अपनी आदत बना लें, भले ही आप शहर के अंदर गाड़ी चला रहे हों.
  • कभी शराब पीकर गाड़ी न चलाएं.
  • नींद या चक्कर आने पर ड्राइव न करें.
  • वाहन की क्षमता से अधिक लोगों को नहीं बैठना चाहिए.
  • ध्यान रखें कि आप केवल सही दिशा में गाड़ी चलाते हैं, गलत दिशा में गाड़ी चलाने से दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है.
  • वाहन चलाते समय अपने आसपास के परिस्थिति के प्रति सचेत रहना चाहिए.
  • अगर कोई गलत तरीके से वाहन चलाता है तो इस मामले में तुरंत प्रशासन को सूचित करें.
  • ट्रैफिक सिग्नल और रोड सिग्नल के बारे में पूरी जानकारी रखें.
  • हमेशा सड़क के संकेतों और गति सीमाओं के नियमों का पालन करें.
  • ट्रैफिक सिग्नल को कभी न तोड़ें, भले ही कोई आपको देख नहीं रहा हो, हमेशा याद रखें कि यह आपकी अपनी सुरक्षा के लिए है.
  • हमेशा अपने वाहन और मोटरसाइकिल को पूरी तरह से सुव्यवस्थित रखें.
  • दूसरे यात्रियों को भी यातायात सुरक्षा के नियमों के विषय में जानकारी दिजिए.
  • वाहन चलाते समय फोन पर बात करने, संदेश भेजने या तेज गाने सुनने की आदत को त्याग दें.
  • वाहन चलाते समय सतर्क और सुरक्षित रहें.
  • गैर ज़िम्मेदाराना तरीके से ओवरटेक न करें, ओवरटेक से दुर्घटना होने की संभावना अधिक होती है.
  • गांव या शहर के आसपास वाहन चलाते समय हमेशा सतर्क रहें.
  • वाहन चलाते समय खुले जानवरों और पैदल यात्रियों का हमेशा ध्यान रखें.
  • हमेशा रात में साइकिल चलाने वालों का ख्याल रखें.
  • कभी भी तेज गति से वाहन न चलाएं, भले ही सड़क खाली क्यों न हो क्योंकि गड्ढे और अचानक लगने वाले झटके के कारण दुर्घटना हो सकती है.
  • अपनी सुरक्षा के साथ-साथ दूसरों की सुरक्षा का भी ख्याल रखें.

सड़क सुरक्षा पर 10 लाइनें

  1. सड़क सुरक्षा को कुछ मामलों में गंभीर चोटों या मौतों से बचने के लिए किए गए उपायों के रूप में वर्णित किया जाता है.
  2. स्कूल और कॉलेज में अक्सर बच्चों और छात्रों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाता है.
  3. विभिन्न संगठन एवं स्वयंसेवी संस्थाएं सार्वजनिक स्थानों पर पर्चे बांट कर सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का काम करती हैं.
  4. देश के कुछ मेट्रो शहरों में लोग प्रशासन के सहयोग से सड़क सुरक्षा सप्ताह (Road Safety Week) मनाते हैं.
  5. पूरी दुनिया में हर साल करीब दस लाख लोग सड़क हादसों में मारे जाते हैं.
  6. सड़क हादसों में बच्चे, किशोर और युवा सबसे ज्यादा पीड़ित होते हैं.
  7. सड़क दुर्घटनाओं को आसानी से रोका जा सकता है अगर लोग अपने आसपास की गतिविधियों के बारे में थोड़ा और सावधान रहें.
  8. सड़क सुरक्षा पहल न केवल दुर्घटनाओं को रोकती है बल्कि दुर्घटना या चोट की गंभीरता को कम करने का भी लक्ष्य रखती है.
  9. सड़क सुरक्षा का उद्देश्य लोगों की सुरक्षा करना है, लेकिन यह तब तक पूरी तरह सफल नहीं हो सकता जब तक लोग स्वयं जागरूक न हों.
  10. यदि कोई व्यक्ति सड़क सुरक्षा कानूनों का पालन नहीं करता है तो उसे अक्सर जुर्माना भुगतना पड़ता है.

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