हॉलमार्क सोने और चांदी की शुद्धता के साथ कुछ अन्य कीमती धातुओं के शुद्धता का प्रमाण है, यह भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा गुणवत्ता का आधिकारिक निशान है, जो कि सोने से बनी सामग्री को प्रमाणित करने के लिए सोने के गहने और कलाकृतियों पर अंकित किया जाता है. हॉलमार्क संबंधी प्रशासनिक नियंत्रण भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के अधीन होते है, जो उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के तहत आता है. हॉलमार्क के निशान का मतलब है की सोने की शुद्धता को लाइसेंस प्राप्त प्रयोगशाला में परीक्षण किया गया है. सोने से बनी सामग्री खरीदने से पहले सुनिश्चित करें कि आभूषणों में बीआईएस हॉलमार्क है. यदि सोने के गहनों पर हॉलमार्क है तो इसका मतलब है कि उसकी शुद्धता प्रमाणित है. हॉलमार्किंग को वर्तमान में ज्वेलर्स के लिए स्वैच्छिक आधार पर लागू किया गया है, लेकिन 15 जनवरी 2021 से देश भर में हॉलमार्क को अनिवार्य कर दिया जाएगा. सोने के गहने और कलाकृतियों पर बीआईएस हॉलमार्क अनिवार्य होने से ग्राहकों को शुद्ध सोना मिलेगा.
सोने के गहने और कलाकृतियों पर BIS हॉलमार्क में कई घटक होते हैं:
- बीआईएस का लोगो
- सोने की शुद्धता 22 कैरेट के अनुरूप 22K916, 18 कैरेट के अनुरूप 18K750 और 14 कैरेट के अनुरूप 14K585. (कैरेट वह मानक है जिससे सोने में मिश्रित धातुओं की मात्रा का पता चलता है.)
- परख केंद्र का लोगो
- ज्वेलर्स का लोगो / कोड
- निर्माण का वर्ष
कई ज्वैलर्स बिना हॉलमार्किंग प्रकिया पूरी किए ही हॉलमार्क लगाते हैं. ऐसे में यह देखना जरूरी है कि हॉलमार्क असली है या नहीं. असली हॉलमार्क पर भारतीय मानक ब्यूरो का निशान होता है. उस पर हॉलमार्किंग परख केंद्र के लोगो के साथ सोने की शुद्धता भी लिखी होती है. उसी में ज्वेलरी के निर्माण का वर्ष और उत्पादक का लोगो भी होता है.
खरीदे हुए गहने और आभूषो को लेकर यदि आपके मन के किसी प्रकार की शंका या संदेह है तो आप पास के किसी हॉलमार्किंग केंद्र में जाकर ज्वेलरी की जांच करवा सकते है. देश भर में करीब 700 हॉलमार्किंग केंद्र हैं. इनकी लिस्ट आप बीआईएस की वेबसाइट bis.org.in पर देख सकते हैं.
भारत में केवल हॉलमार्क वाले सोने के गहने बेचे जाएंगे (Only hallmark gold jewelry will be sold in India)
उपभोक्ता मामलों विभाग के केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कहा है कि 15 जनवरी 2021 से देश भर में सोने के गहने और कलाकृतियों पर बीआईएस हॉलमार्क को अनिवार्य कर दिया जाएगा. उपभोक्ता मामलों विभाग द्वारा 15 जनवरी, 2020 तक बीआईएस हॉलमार्क को अनिवार्य बनाने से संबंधित अधिसूचना जारी कर दी जाएगी. इसके बाद ज्वेलर्स को एक साल की मोहलत दी जाएगी, ताकि ज्वैलर्स अपने पुराने माल को बेच सके.
BIS हॉलमार्किंग अनिवार्य होने के बाद अगर कोई सर्राफा कारोबारी नियमों की अनदेखी करता है तो एक साल की सजा हो सकती है. इसके अलावा जुर्माने के तौर पर न्यूनतम एक लाख रुपये और वस्तु के मूल्य का पांच गुना तक जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है. इसके तहत सभी ज्वेलर्स के लिये भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के पास पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा तथा वे केवल हॉलमार्किंग के सोने की ज्वेलरी ही बेच सकेंगे.
सरकार द्वारा यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि ग्राहकों को शुद्ध सोना मिल सके. सरकार द्वारा इस नियम के लागू किए जाने के बाद देश में कहीं भी बिना बीआईएस हॉलमार्किंग के सोने की ज्वेलरी नहीं बेची जा सकेगी. बीआईएस ने तीन श्रेणियों 14 कैरट, 18 कैरट और 22 कैरट के लिए हॉलमार्क के मानक तय किये हैं. अभी हॉलमार्क स्वैच्छिक है. हॉलमार्किंग अनिवार्य होने से ग्राहकों का भरोसा भी बढ़ेगा.
जानिए कितने कैरेट के सोने में कितनी शुद्धता होती है:
- 14 कैरेट – 58.3 प्रतिशत (583)
- 18 कैरेट – 75 प्रतिशत (750)
- 20 कैरेट – 83.3 प्रतिशत (833)
- 22 कैरेट – 91.7 प्रतिशत (917)
- 24 कैरेट – 99.9 प्रतिशत (999)