दोस्तों, हमें डॉक्टर, वैद्य और बड़े बुजुर्गों द्वारा हमेशा ही भोजन के बाद चलने या टहलने की सलाद दी जाती है, ऐसा इस लिए क्योंकि हम में से कई लोगों को अक्सर भोजन के बाद आलस्य की अनुभूति होती है और हम किसी आरामदायक अवस्था में बैठना पसंद करते हैं. और जैसा की हम सभी जानते है की यह आदत न केवल हमारी भूल है बल्कि इससे हमारे स्वस्थ और शरीर पर विपरीत प्रभाव पड़ता है.
हमे अक्सर बताया जाता है की भोजन के बाद कुछ कदम चलने से भोजन को ठीक तरह से पचाने में मदद होती है तथा यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होता है. भोजन के बाद टहलना जिसे “सौ कदम” चलने वाला व्यायाम भी कहा जाता है, यह एक प्राकृतिक व्यायाम है, और यह सबसे आसान और सुरक्षित भी है. लेकिन चलने या टहलने का एक निर्धारित वक्त होता हैं जिससे कुछ देर तक टहलने से शरीर को स्वस्थ बनाये रखने में मदद मिलती है. इन्हीं में शामिल है भोजन के बाद टहलने के प्रक्रिया और सही समय.
वैसे तो टहलने का यह प्राकृतिक व्यायाम आपके शरीर की पाचन प्रक्रिया को मजबूत करता है और आपके स्वस्थ जीवनशैली के नेतृत्व करने में लाभदायक है, लेकिन असमय टहलना आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है.
लेकिन क्या टहलने का भी समय होता है? हम तो आजतक बस यही सुनते आ रहे है की खाना खाने के बाद टहलना जरूरी है. बिलकुल सही है… लेकिन यह पूरी तरह वैज्ञानिक नहीं है, खासकर जब बात भोजन के पश्चात टहलने की हो रही है तो आपको इसके बारे में पूरा ज्ञान होना जरूरी है.
जब हमारे शरीर का कोई अंग कार्यरत होता है तब उसे ऊर्जा की जरूरत होती है. जैसा की जब आप सायकल चला रहे होते है तब आपके पैर सबसे ज्यादा कार्यरत होते है, तो यह तय है की पैरो पर ऊर्जा की सबसे ज्यादा खपत होगी और इसे पूरा करने के लिए शरीर का रक्त प्रवाह पैरो की तरफ होगा. तो आप समझ गए होंगे की जब हम भोजन कर लेते है तब पाचन प्रक्रिया के लिए हमारा पेट ही सबसे ज्यादा कार्यरत अंग होता है और शरीर का रक्त प्रवाह पेट की तरफ होता है.
भोजन के तुरंत बाद टहलने से रक्त का प्रवाह पेट के बजाय पैरो की तरफ ज्यादा बहने लगता है जिसकी वजह से दिल को दोहरी मेहनत करनी पड़ती है. इसका असर यह होता है की जठराग्नि मंद पड़ जाती है, जिससे कब्ज रहने लगता है और अम्ल बढ़ जाता है. पेट में भोजन पूरी प्रक्रिया से नहीं पचने के कारण आंतों में जमा हुआ मल सड़कर दूषित अपानवायु बनाने लगता है, यह दूषित अपानवायु ही सारे शरीर में फैलकर विविध प्रकार के रोग उत्पन्न करता है.
खाने के बाद, भोजन को पेट और छोटी आंतों से गुजरने में छह से आठ घंटे लगते हैं. टहलने से भोजन को पेट से छोटी आंतों में जाने में लगने वाले समय में तेजी लाने में मदद मिलती है. लेकिन ध्यान रखने वाली बात यह है की भोजन के 30 से 40 मिनिट बाद टहलना चाहिए. अगर आपने हल्का खाना या भोजन लिया है तभी टहलना चाहिए. भारी यानी गरिष्ठ भोजन को पचाने के लिए आंतों को अतिरिक्त श्रम करना पड़ता है इसलिए गरिष्ठ भोजन के बाद टहलना ही है तो कम से कम एक घंटे इंतजार कर लेना ही फायदेमंद है.
खाना पचाने के लिए भोजन के तुरंत बाद यदि कुछ उपाय करना चाहे तो वज्रासन करना चाहिए. वज्रासन एक ऐसा आसन है जिसे आप भोजन के ठीक बाद कर सकते हैं. इससे भोजन को आंतों में ठीक से पहुंचने में मदद होती है और कब्ज, गैस, सीने में जलन आदि पेट की समस्याओं में राहत मिलती है.
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