उल्टी माला फेरना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग (Ulti Mala Ferna Muhavara)

Ulti Mala Ferna Muhavare Ka Matlab

उल्टी माला फेरना का अर्थ – Ulti Mala Ferna Muhavare Ka Matlab

उल्टी माला फेरना मुहावरे का अर्थकिसी का बुरा चाहना, किसी के अमंगल की कामना करना
Ulti Mala Ferna

उल्टी माला फेरना मुहावरे का अर्थ

Ulti Mala Ferna Muhavre Ka Arth – उल्टी माला फेरना मुहावरे का अर्थ है किसी का बुरा चाहना, किसी के अमंगल की कामना करना, किसी का अहित करना, किसी के बारे में अनिष्ट की कामना करना।

उल्टी माला फेरना मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग

Ulti Mala Ferna Muhavre Ka Vakya Prayog

#1. वाक्य प्रयोग: गरीबी से उभरे तेजस ने जब खूब तरक्की करना शुरू किया तो उनके अपने ही लोग उनकी तरक्की से ईर्ष्या करने लगे और उनके नाम की उल्टी माला फेरने लगे।

#2. वाक्य प्रयोग: जब कक्षा में नये प्रवेशकर्ता विनय ने अपने ज्ञान से सभी शिक्षकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और उन सभी का प्रिय बन गया, तब कुछ पुराने छात्रों ने विनय के नाम की उल्टी माला फेरने लगे।

#3. वाक्य प्रयोग: जब रमेश को सुरेश के साथ व्यवसाय साझा करने का प्रस्ताव मिला, तो उसने तुरंत मना कर दिया क्योंकि रमेश हमेशा सुरेश के विरुद्ध उल्टी माला फेरता रहता है।

#4. वाक्य प्रयोग: शर्माजी की होनहार बेटी के लिए जब एक अच्छा रिश्ता आया तो उसके नकचढ़े पड़ोसी उसके लिए उल्टी माला फेरने लगे।

#5. वाक्य प्रयोग: पाकिस्तान और चीन हमेशा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के खिलाफ उल्टी माला फेरते रहते है और भारत के विकास में बाधा डालने में लगे रहते हैं।

मौखिक बातचीत में अक्सर मुहावरों का प्रयोग किया जाता है जो मानवीय भावनाओं को वास्तविक बनाते हैं। मुहावरों को स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है।

प्रत्येक पाठ्यक्रम में मुहावरों का अपना-अपना अनुभाग होता है, छोटी-बड़ी कक्षाओं में मुहावरों को पढ़ाया जाता है, याद कराया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इसे मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।

मुहावरा अधिक असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करना है। एक शब्द के कई अलग-अलग मुहावरे हो सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि यहां दिए गए मुहावरे ही परीक्षा में पूछे जाएंगे।

मुहावरे सभी प्रकार की परीक्षाओं की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरों की अपनी अहमियत होती है। पेपर चाहे हिंदी में हो या अंग्रेजी में, यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।

मुहावरों का अभ्यास करना कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। अगर इसे ध्यान से समझा जाए तो इसे याद रखने की जरूरत ही नहीं पड़ती। इसे समझ-समझ कर ही लिखा और बोलचाल में उपयोग किया जा सकता है।

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