उल्टी गंगा पहाड़ चली का अर्थ – Ulti Ganga Pahad Chali Muhavare Ka Matlab
उल्टी गंगा पहाड़ चली मुहावरे का अर्थ | असंभव या विपरीत कार्य होना, असंभव कार्य करने का प्रयास करना, असंभव या विपरीत परिणाम पाना। |
उल्टी गंगा पहाड़ चली मुहावरे का अर्थ
Ulti Ganga Pahad Chali Muhavre Ka Arth – उल्टी गंगा पहाड़ चली मुहावरे का अर्थ है असंभव या विपरीत कार्य होना, असंभव कार्य करने का प्रयास करना, असंभव या विपरीत परिणाम पाना। जब कोई चीज असंभव हो या जो कभी संभव न हो और आशा संभव हो जाए या उससे विपरीत चीज असंभव हो जाए तो ऐसी स्थिति में कहा जाता है कि उल्टी गंगा पहाड़ चली।
उल्टी गंगा पहाड़ चली मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग
Ulti Ganga Pahad Chali Muhavre Ka Vakya Prayog
#1. वाक्य प्रयोग: बलदेव 120 किलो के मशहूर पहलवान हैं, जिन्हें 50 किलो के पहलवान ने पहले ही दाव में चित कर दिया, ये तो वही बात हो गई, उल्टी गंगा पहाड़ चली।
#2. वाक्य प्रयोग: केदार पढ़ाई में बिल्कुल भी अच्छा नहीं है, लेकिन फिर भी उसने वार्षिक परीक्षा 70 प्रतिशत से पास कर ली, बात तो ऐसी हो गई कि उलटी गंगा पहाड़ चली।
#3. वाक्य प्रयोग: आतंकवाद समर्थक देश पाकिस्तान ने भारत के साथ मिलकर आतंकवाद को खत्म करने का ऐलान कर दिया है, जिसके चलते हर तरफ यही चर्चा हो रही है कि उल्टी गंगा पहाड़ चली।
#4. वाक्य प्रयोग: विज्ञान प्रदर्शनी के लिए पूरे स्कूल को दिल्ली के मशहूर विज्ञान भवन ले जाया जा रहा है और शिक्षकों की एंट्री फीस भी छात्रों की फीस से ही भरी जा रही है, यानी उल्टी गंगा पहाड़ चली।
मौखिक बातचीत में अक्सर मुहावरों का प्रयोग किया जाता है जो मानवीय भावनाओं को वास्तविक बनाते हैं। मुहावरों को स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है।
प्रत्येक पाठ्यक्रम में मुहावरों का अपना-अपना अनुभाग होता है, छोटी-बड़ी कक्षाओं में मुहावरों को पढ़ाया जाता है, याद कराया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इसे मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।
मुहावरा अधिक असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करना है। एक शब्द के कई अलग-अलग मुहावरे हो सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि यहां दिए गए मुहावरे ही परीक्षा में पूछे जाएंगे।
मुहावरे सभी प्रकार की परीक्षाओं की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरों की अपनी अहमियत होती है। पेपर चाहे हिंदी में हो या अंग्रेजी में, यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।
मुहावरों का अभ्यास करना कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। अगर इसे ध्यान से समझा जाए तो इसे याद रखने की जरूरत ही नहीं पड़ती। इसे समझ-समझ कर ही लिखा और बोलचाल में उपयोग किया जा सकता है।
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