Interesting and amazing facts about Tortoises in Hindi – कछुए पृथ्वी के सबसे प्राचीन जीवों में से एक है, वे सांप, छिपकली, मगरमच्छ और पक्षियों से भी पहले पृथ्वी पर अस्तित्व में आए थे. समुद्री कछुओं (कुर्म) को डायनासोर से भी पहले के जिव माना जाता है.
आज हम आपके साथ कछुओं / कुर्म से संबंधित बहुत रोचक जानकारी Tortoises facts in Hindi साझा कर रहे है.
“कछुआ” और “कुर्म” में क्या अंतर है? What is the difference between “Tortoise” and “Turtle”?
दोस्तों क्या आप जानते हैं कि कछुए “कुर्म” होते हैं, लेकिन सभी कुर्म “कछुए” नहीं होते हैं? जी हां दोस्तों दरअसल कछुआ और कुर्म दोनों में कुछ बुनियादी अंतर पाए जाते हैं.
दोनों के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर यह है कि “कछुए (Tortoise)” अपना अधिकांश समय जमीन पर बिताते हैं जबकि “कुर्म (Turtle)” की शारीरिक रचना पानी में रहने के लिए अनुकूलित होती है और यह अपना लगभग जीवन पानी में ही बिताते है.
“कछुओं” के पीठ पर अधिक मात्रा में और गुंबददार खोल होते हैं जबकि “कुर्म” के पीठ पर पतले, अधिक जल-गतिशील खोल होते हैं. तैराकी में सहायता के लिए कुर्म के पीठ पर बने खोले अधिक सुव्यवस्थित होते हैं.
“कछुओं” के पैरों की बनावट हाथी के पैरों के समान होती है. क्योंकि कछुए अक्सर आकार में बड़े और वजनदार होते हैं, उनके हाथी सदृश्य पैर उन्हें उबड़-खाबड़ जमीन पर घूमने और अतिरिक्त वजन उठाने में मदद करते हैं.
जबकि “कुर्म” के पैर मछली के पंखों की तरह सपाट और चिकने होते हैं, जिससे उन्हें पानी के भीतर भ्रमण करना आसान हो जाता है.
कछुआ के बारे में आश्चर्यजनक तथ्य हिंदी में – Amazing facts about a tortoise in Hindi (1 to 10)
#1. आज इस धरती पर कछुओं की 318 से अधिक प्रजातियां हैं, इनमें से कुछ जमीन पर (Terrestrial creatures) और कुछ पानी (Aquatic creatures) में रहती हैं, लेकिन कई प्रजातियां ऐसी भी हैं जो विलुप्त होने के कगार पर हैं.
#2. माना जाता है कि कछुओं की उत्पत्ति लगभग 23 करोड़ वर्ष पहले ट्रायसिक काल (Triassic Period) के दौरान हुई थी.
#3. महासागरों में समुद्री कछुओं (Sea Turtle) का वजूद 10 करोड़ साल से भी ज्यादा माना जाता है यानि डायनासोर के समय से.
#4. भारत में मीठे पानी के कुर्म (24) और कछुओं (5) की कुल 29 प्रजातियां पाई जाती हैं.
#5. पूरी दुनिया में कछुए लगभग हर तरह के वातावरण में रहते हैं. कछुए बहुत अनुकूल होते हैं और अंटार्कटिका को छोड़कर हर महाद्वीप पर पाए जा सकते हैं.
#6. कछुओं का जीवनकाल उनकी प्रजातियों के आधार पर अलग-अलग हो सकता है. सामान्य तौर पर, अधिकांश कछुओं की प्रजातियां 80-150 साल तक जीवित रह सकती हैं.
#7. कछुए के लिंग का पता लगाना कोई आसान काम नहीं है. कछुए में लिंग का निर्धारण करने का सबसे आम तरीका उसकी पूंछ का बारीकीसे निरीक्षण करना है. मादा कछुओं की पूंछ छोटी और पतली होती है जबकि नर कछुओं की पूंछ लंबी और मोटी होती है. मादा कछुओं का शरीर आमतौर पर नर से बड़ा होता है.
#8. कछुए न तो जहरीले होते हैं और न ही विषाक्त होते हैं. इनके शरीर में कोई विष ग्रंथियां नहीं होती हैं, इसलिए वे काटने पर जहर नहीं छोड़ सकते और न हीं उनके मांस में कोई विष होता है.
#9. कुछ कछुए मांसाहारी (Carnivores) होते हैं, कुछ शाकाहारी (Herbivores) होते हैं और कुछ सर्वाहारी (Omnivores) होते हैं, जो मांस और पौधे भी खा सकते हैं. कभी-कभी युवा कछुए मांसाहारी के रूप में जीवन शुरू करते हैं, लेकिन बड़े होने के बाद वे पौधों को खाना शुरू कर देते हैं.
#10. कछुए अपने आकार के कारण संभोग के लिए परिपक्व होते हैं, न कि उम्र के कारण. संभोग के समय इनकी छाती का कवच एक बड़ी भूमिका निभाता है, जो मादा के लिए बहुत सीधा और नर में थोड़ा घुमावदार होता है.
कछुआ के बारे में रोचक तथ्य हिंदी में – Interesting facts about a tortoise in Hindi (11 to 20)
#11. ऐसा माना जाता है कि मादा कछुए संभोग के चार साल बाद तक उपजाऊ अंडे दे सकते हैं, हालांकि प्रत्येक मौसम के बाद उनकी प्रजनन क्षमता काफी कम हो जाती है.
#12. अंडे देने के लिए मादा कछुआ पहले मिट्टी खोदती है, फिर एक बार में 1 से 30 अंडे देती है, अंडे सेने में 90 से 120 दिन लगते हैं.
#13. कछुओं के मुंह में दांत नहीं होते हैं. कछुओं को बिना दांत के खाना खाने में कोई दिक्कत नहीं होती है. अक्सर कछुए बिना दांतों के सहारे खाना खा सकते हैं क्योंकि वे अपनी जीभ से अपना खाना पूरी तरह से निगल लेते हैं.
#14. कछुओं को अपने खोल में छिपने से पहले अपने फेफड़ों को खाली करना पड़ता है, आप उन्हें छिपने से पहले सांस छोड़ते हुए सुन सकते हैं.
#15. समुद्री कछुए (कुर्म) सामान्य कछुए नहीं होते हैं, इसलिए जब उन्हें खतरा महसूस होता है तो वे पीछे नहीं हटते या अपने खोल में छिपते नहीं हैं.
#16. कछुए ठंडे खून वाले जीव हैं, उनका शरीर ठंड में जम जाता है और वे शीतनिंद्रा (Hibernation) में चले जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि ठंडे खून वाले जानवर का जीवन बहुत लंबा होता है.
#17. अक्सर सर्दियों के दौरान, कछुए शीतनिंद्रा में चले जाते हैं और बिना कुछ खाए कई महीनों तक एक ही स्थिति में पड़े रहते हैं.
#18. एक आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि कछुओं की कुछ प्रजातियां अपने कूल्हे से भी सांस ले सकते हैं और महीनों तक बर्फ के नीचे जीवित रह सकती हैं.
#19. समुद्री कछुए (कुर्म) का खोल संवेदनशील होता है, वे यहां से हर रगड़ और खरोंच को महसूस कर सकते हैं.
#20. कछुए अपने खोल से बाहर नहीं आ सकते क्योंकि कछुए पूरी तरह से अपने खोल से जुड़े होते हैं और उनका खोल उनके शरीर के साथ ही बढ़ता है.
कछुआ के बारे में रोचक तथ्य हिंदी में – Facts about a tortoise in Hindi (21 to 30)
#21. कछुओं में देखने और सुनने की अद्भुत क्षमता होती है.
#22. कछुए अपने गले का इस्तेमाल आसपास की गंध को सूंघने के लिए करते हैं.
#23. वैज्ञानिकों ने कोलंबिया में दुनिया के सबसे पुराने समुद्री कछुए के जीवाश्म की खोज की है, जो लगभग पूरी तरह से संरक्षित है और लगभग 12 करोड़ वर्ष पुराना है.
#24. रात के अंधेरे में कछुए आसानी से देख सकते हैं. पराबैंगनी किरणों (Ultraviolet rays) से लेकर यहां तक कि लाल नारंगी और पीले रंग सहित रंग भी देख सकते हैं.
#25. कछुए जितने गर्म वातावरण में रहते हैं, उनके खोले का रंग उतना ही हल्का होता है. ऐसे कछुए जिनका कवच गहरे रंग का होता है, वे बहुत ठंडे इलाकों में रहते हैं.
#26. कछुए बहुत धीमी गति से चलते हैं. यह पृथ्वी पर चौथा सबसे धीमा जानवर है, लगभग सभी कछुए 270 मीटर प्रति घंटे (6.4 किमी / दिन) की गति से चलते हैं. “गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स” के मुताबिक अब तक किसी कछुए की सबसे ज्यादा रफ्तार 11 इंच प्रति सेकेंड यानी 1 किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई है.
#27. कछुए केवल संभोग करते समय फुफकार की तरह आवाज करते हैं, हालांकि वे आमतौर पर कोई आवाज नहीं करते हैं. फिल्म “जुरासिक पार्क” में डायनासोर की आवाज असल में कछुओं के सेक्स करने की आवाज है.
#28. कछुए का दिमाग अगर उसके शरीर से अलग कर दिया जाए तो भी वह 6 महीने तक जीवित रह सकता है.
#29. कछुए के शरीर के वजन का 40% पानी होता है, वास्तव में मरुस्थलीय कछुए बरसात के दिनों में या विभिन्न जल स्रोतों से बड़ी मात्रा में पानी पीते और जमा करते हैं ताकि शुष्क दिनों के दौरान यह उपयोगी हो सके.
#30. हॉक्सबिल (Hawksbill) प्रजाति का समुद्री कछुआ केवल ऐसे जीवों को खाता है जो जहरीले होते हैं.
कछुआ के बारे में रोचक तथ्य हिंदी में – Kachua ke bare mein jankari
#31. धब्बेदार कछुआ (Speckled tortoise) दक्षिण अफ्रीका के मूल निवासी कछुओं की दुनिया की सबसे छोटी प्रजाति है. ये कछुए केवल 3 से 4 इंच के आकार के होते हैं और वजन में 100-165 ग्राम तक हो सकते हैं.
#32. गैलापागोस (Galapagos tortoise) प्रजाति का कछुआ दुनिया का सबसे बड़ा कछुआ है, जिसका वजन 417 किलोग्राम (919 पौंड) तक हो सकता है. यह लम्बाई में 1.3 मीटर (4 फीट) तक हो सकते है.
#33. कुछ उष्णकटिबंधीय द्वीपों में विशाल कछुए भी पाए जाते हैं जिन्हें Giant Tortoise के रूप में जाना जाता है. विशालकाय कछुए की कुल ऊंचाई 27.0″-36.0″ (69-91 सेमी) और शरीर की लंबाई 48.0″-60.0″ (122-152 सेमी) हो सकती है. इतना ही नहीं इनका वजन 400 किलो से भी ज्यादा हो सकता है.
#34. कछुए की गैलापागोस प्रजाति (Galapagos tortoise) पक्षियों का भी शिकार करती है. इसके लिए वह पक्षियों को अपने खोल के नीचे घसीटता है और अपने वजन से कुचल देता है.
#35. हर साल 23 मई को अमेरिका के एक निजी कछुआ प्रेमी संगठन द्वारा विश्व कछुआ दिवस (World Turtle Day) मनाया जाता है. यह दिन दुनिया भर में कछुओं और उनके लुप्त हो रहे आवासों की रक्षा के लिए लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है.
#36. प्राचीन रोमन सेना, कछुओं से बहुत प्रभावित थी, उसने दुश्मन से खुद को बचाने के लिए कतार बनाना और अपने सिर को ढाल से सुरक्षित रखना कछुओं से ही सीखा था.
#37. 1968 में सोवियत संघ का पहला अंतरिक्ष यान (Zond 5) चंद्रमा का चक्कर लगाकर पृथ्वी पर लौटा था. इसमें कुछ कछुए भी सवार थे, वापस आने पर पता चला कि कछुए तो जीवित थे लेकिन उनका का वजन 10% कम हो गया है.
#38. 1835 में चार्ल्स डार्विन (Charles Darwin) द्वारा देखभाल किए गए हैरियट (Harriet) नामक कछुए की 2006 में ऑस्ट्रेलिया के चिड़ियाघर में मृत्यु हो गई. बताया जाता है की मृत्यु के समय इसकी अनुमानित आयु 175 वर्ष थी.
#39. जोनाथन (Jonathan) नाम का विशाल कछुआ आज के समय का जमीन पर सबसे पुराना जीवित जानवर है. जब यह 50 वर्ष का था, तब सेंट हेलेना (Saint Helena) के गवर्नर को अफ्रीका के एक छोटे से द्वीप द्वारा उपहार में मिला था. जोनाथन की वर्तमान आयु (2022 तक) 190 वर्ष है और स्वस्थ अवस्था में इसकी लंबाई 45 इंच और ऊंचाई 2 फीट है.
#40. अफसोस की बात है कि आज कछुओं की कई प्रजातियां लुप्तप्राय हो गई हैं. आंकड़ों के अनुसार, आज पृथ्वी पर कछुओं की 318 प्रजातियों में से 129 असुरक्षित या संकटग्रस्त हैं.
कछुए का खोल कितना मजबूत होता है? How strong is a Tortoise’s shell?
कछुए का खोल 60 अलग-अलग प्रकार की हड्डियों से बना होता है, जो सभी एक साथ आपस में जुड़ी होती हैं. खोल के ये हड्डी वाले हिस्से प्लेटों से ढके होते हैं जो खोल को मजबूत बनाते हैं.
कछुए का खोल बेहद सख्त होता है, और हजारों पाउंड के दबाव का सामना भी कर सकता है. उनके कवच को तोड़ने के लिए उनके वजन का 200 गुना और कई हजार के दबाव की जरूरत होती है.
इनका कवच इतना मजबूत होता है कि यह बंदूक की गोली, शेर और मगरमच्छ के हमले को भी झेल सकता है.
चील या बाज जैसे विशाल आकार के पक्षी कछुए के कवच को तोड़ने के लिए एक नायाब तरकीब अपनाते है, वह कछुए को अपने पंजों में जकड़कर आसमान में बहुत ऊंची उड़ान भरते है और फिर उसे वहां से पत्थरों या पहाड़ियों पर गिरा देता है, जिससे उसका कवच टूट जाता है.
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