क्या मनुष्य इस संसार में समय की सीमाओं को पार कर भूत और भविष्य में यात्रा कर सकता है? क्या समय यात्रा (Time travel) संभव है और यदि यह वास्तव में संभव है, तो आप समय यात्रा के माध्यम से अतीत के किस समय में जाना चाहेंगे?
दोस्तों हम अक्सर ऐसी बातें सुनकर खुश हो जाते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि अभी तक समय यात्रा एक कल्पना मात्र है. यद्यपि समय यात्रा 19वीं शताब्दी के बाद से काल्पनिक कहानियों का एक प्रमुख केंद्र रहा है, और समय के फैलाव की घटना के कारण भविष्य की एकतरफा यात्रा सैद्धांतिक रूप से संभव भी है.
आज के समय में भी दुनिया भर में समय यात्रा की कुछ ऐसी घटनाएं और किस्से-कहानियां हैं जो समय यात्रा की संभावनाओं को सही ठहराते हैं.
तो दोस्तों आज की इस पोस्ट में आइए एक नजर डालते हैं समय यात्रा और इससे जुड़े मिथकों और सच्चाई पर.
टाइम मशीन की कहानी – Story of Time Machine
समय यात्रा (Time travel) की कल्पनाओं में से एक ऐसी ही कल्पना है Time machine की.
समय यात्रा की अवधारणा का इतिहास (History of the concept of time travel):
“समय यात्रा” तत्त्वविज्ञान और कथा-साहित्य में एक व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त अवधारणा है, जो 1895 से पहले केवल वैज्ञानिकों के बीच लोकप्रिय थी. लेकिन उसके बाद 1895 में H.G. Wells के उपन्यास “The Time Machine” द्वारा पहली बार टाइम मशीन का विचार पेश किया गया, जिसने इसे आम लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय बना दिया.
प्रसिद्ध अंग्रेजी लेखक हर्बर्ट जॉर्ज वेल्स (Herbert George Wells) ने समय यात्रा पर आधारित 1895 में “द टाइम मशीन” नामक एक उपन्यास लिखा था. इस उपन्यास में एक ऐसी मशीन की कल्पना की गई है, जिसमें बैठकर कोई भी मनुष्य अपनी सभी मानसिक और शारीरिक क्षमताओं के साथ, शारीरिक रूप से, भूतकाल या भविष्य में किसी भी समय यात्रा कर सकता है.
हालांकि वैज्ञानिकों का मानना है कि शायद भविष्य में समय यात्रा की संभावना है, लेकिन अतीत में समय यात्रा की संभावना लगभग न के बराबर है.
समय यात्रा पर वैज्ञानिक राय – Scientific opinion on time travel
आइए इस अवधारणा को एक सरल उदाहरण से समझते हैं – यदि हम बीते समय में यात्रा करके और अतीत में जाकर अपने माता-पिता के विवाह को रोक देते हैं, तो हमारा कोई अस्तित्व ही नहीं होगा और इस स्थिति में वह व्यक्ति (यानि की मैं) कौन होगा जो वर्तमान में समय यात्रा कर रहा है?
अर्थात् यदि हम अतीत में पैदा ही नहीं हुए हैं, तो हम वर्तमान में समय यात्रा कैसे कर सकते हैं? इसी कारण अतीत में समय यात्रा को असंभव माना जाता है.
इस पर वैज्ञानिकों का मानना है कि जो घटना घटित हो चुकी है उसकी छवि और ध्वनि ब्रह्मांड में कणों (Particles) के रूप में हमेशा मौजूद रहती है. जिस तरह आप मूवी देखते हैं, उसी तरह आप टाइम मशीन के जरिए अस्तित्व की इन घटनाओं को देख सकते हैं. लेकिन आप इसमें कोई बदलाव नहीं कर सकते हैं और अगर आप ऐसा करने की कोशिश भी करते हैं, तो वे कण बिखर जाएंगे और अस्पष्ट हो जाएंगे.
समय यात्रा पर भौतिकी सिद्धांत – Physics theory on time travel
हालांकि, यदि हम इस उदाहरण को “Quantum Physics” के दृष्टिकोण से देखें, तो जिस समय हम अतीत में जाकर अपने माता-पिता के विवाह को रोकेंगे, उसी समय ब्रह्मांड दो भागों में विभाजित हो जाएगा; और उसमें एक “समानांतर ब्रह्मांड (Parallel Universe)” का निर्माण होगा, जिसमें न तो हमारे माता-पिता का विवाह होगा और न ही हम पैदा होंगे और दूसरी ओर हमारा ब्रह्मांड बिलकुल वैसे ही बना रहेगा जिसमें हमारे माता-पिता का विवाह हुआ होगा और हम भी पैदा हुए होंगे.
अब अगर हम भविष्य में समय यात्रा की बात करें तो यह संभव है और इसे आइंस्टीन के “Theory Of Relativity” यानी सापेक्षता के सिद्धांत से भी साबित किया जा सकता है. इस सिद्धांत के अनुसार यदि हम प्रकाश की गति से यात्रा करें तो भविष्य में समय यात्रा की जा सकती है.
टाइम मशीन की अवधारणा – The Time Machine Concept
कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार समय यात्रा तभी संभव है जब हम समय के सापेक्ष प्रकाश की गति से या उससे तेज गति से यात्रा करने में सक्षम हो, जो की अभी तक संभव नहीं हुआ है.
उदाहरण के लिए, यदि एक 20 वर्षीय व्यक्ति को प्रकाश की गति से अंतरिक्ष यान (Spaceship) के माध्यम से अंतरिक्ष में भेजा जाता है और जब यह व्यक्ति अंतरिक्ष में 5 वर्ष बिताकर पृथ्वी पर लौट आता है, तब तक उसके कुछ समवयस्क साथियों की अधिक आयु के कारण मृत्यु हो चुकी होगी और अन्य लोग दादा-परदादा बनकर नाती-पोतों के साथ जीवन व्यतीत कर रहे होंगे.
5 साल अंतरिक्ष में बिताने के बाद इस शख्स की उम्र महज 25 साल होगी, जबकि इसके साथियों की उम्र 70 साल के करीब होगी. क्योंकि प्रकाश की गति से चलने के कारण इस व्यक्ति ने समय को पीछे छोड़ दिया, इसलिए अन्य साथियों की तुलना में इसके लिए समय की गति धीमी थी, जिसके कारण इसने अंतरिक्ष में 5 वर्ष के जीवन का अनुभव किया जबकि इसके साथियों ने पृथ्वी पर जीवन के पूरे 50 साल का अनुभव किया.
दूसरे शब्दों में कहें तो अंतरिक्ष में यह व्यक्ति भविष्य में 50 साल आगे पहुंच गया था और पृथ्वी पर वापस आकर अपने अतीत को देख रहा होता है. अब जैसे की हम समय की गति से यात्रा कर सकते हैं, लेकिन अभी तक ऐसी कोई टाइम मशीन नहीं बनी है जो समय की गति से चल सके.
इसका मुख्य कारण यह है कि टाइम मशीन को समय की गति से चलाने के लिए हमें भारी मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता होती है और इतनी ऊर्जा प्राप्त करने के लिए वैज्ञानिकों को पहले किसी ग्रह के संपूर्ण ऊर्जा का उपयोग करने के तरीके सीखने होंगे.
और अगर भविष्य में मानव जाति ऐसा कर पाती है तो अनंत ब्रह्मांड की यात्रा मनुष्य के लिए वरदान साबित होगी. यकीन मानिए, जिस दिन ऐसा होगा, उस दिन मनुष्य न केवल समय यात्रा करके अपना भविष्य बदल पाएगा, बल्कि मानव इतिहास एक बार फिर से लिखा जाएगा.
तब समय यात्रा एक कमरे से दूसरे कमरे में जाने जितनी आसान होगी, हम नए आयामों और समानांतर ब्रह्मांडों की खोज करने में सक्षम होंगे.
अल्बर्ट आइंस्टीन: सापेक्षता का सिद्धांत – Albert Einstein: Theory of relativity
1905 में प्रसिद्ध वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने सापेक्षतावाद का सिद्धांत (Theory of relativity) दिया था. इस सिद्धांत में, उन्होंने कहा है कि ब्रह्मांड में समय और अंतरिक्ष एक दूसरे से चादर के रूप में जुड़े हुए हैं. गुरुत्वाकर्षण बल के प्रभाव में आकर यह चादर नीचे मुड़ जाती है, जिससे समय रेखा में एक परिवर्तन देखने को मिलता है.
आधुनिक वैज्ञानिकों ने इस सिद्धांत के आधार पर समय यात्रा के कई तरीके खोजे हैं, जिनका उपयोग करके हम समय में यात्रा कर सकते हैं.
वर्महोल द्वारा समय यात्रा (Time Travel By Wormhole):
कई वैज्ञानिकों का कहना है कि वर्महोल के जरिए टाइम ट्रेवल किया जा सकता है. वर्महोल समय और अंतरिक्ष की चादर में पाई जाने वाली विकृति हैं. सीधे शब्दों में कहें तो वर्महोल अंतरिक्ष के दो हिस्सों के बीच एक सुरंग है, जो दो अलग-अलग जगहों को एक साथ जोड़ती है.
इसके भीतर से यात्रा करते हुए, लाखों प्रकाश वर्ष की दूरी कम समय में ही पार की जा सकती है. वर्म होल की अवधारणा को हॉलीवुड की दो लोकप्रिय फिल्मों Interstellar और Star Trek में भी दिखाया गया है.
कॉस्मिक स्ट्रिंग द्वारा समय यात्रा (Time Travel By Cosmic String):
कॉस्मिक स्ट्रिंग एक तरह की कॉस्मिक ट्यूब होती है, जिसके अंदर बड़ी मात्रा में ऊर्जा भरी होती है. इसके अंदर के पदार्थ काफी ज्यादा सघन होते हैं, जिसके कारण कॉस्मिक स्ट्रिंग आसानी से समय और स्थान की चादर को मोड़ देती है. ऐसे में कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि इसके इस्तेमाल से समय यात्रा को संभव बनाया जा सकता है.
ब्लैक होल के माध्यम से समय यात्रा (Time Travel Through Black Holes):
ब्लैक होल ब्रह्मांड में सबसे घनी वस्तुओं में से एक है. इनका गुरुत्वाकर्षण बल इतना अधिक होता है कि ये अंतरिक्ष में फैले समय और स्थान की चादर में एक बड़ा छेद कर देते हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि ब्लैक होल के क्षितिज के पास समय बहुत धीरे-धीरे चलता है. अगर हम ऐसा वाहन बना सकें जो ब्लैक होल के क्षितिज का चक्कर लगाकर वापस आ जाए, तो एक मायने में वाहन में यात्रा करने वाला व्यक्ति समय यात्रा कर पाएगा.
असीमित सिलेंडर द्वारा समय यात्रा (Time Travel By Tipler Cylinder):
इस सिद्धांत को प्रसिद्ध वैज्ञानिक Frank J. Tipler ने सामने रखा था. उनका कहना था कि यदि हम सूर्य के द्रव्यमान के दस गुना ज्यादा वजन के किसी पदार्थ को अरबों-खरबों बार लपेटकर एक लंबे या घने सिलेंडर में बदल दें और उसे पर्याप्त तेजी से घुमा दें, तो इसके माध्यम से हम समय यात्रा कर पाएंगे.
इस सिद्धांत के अनुसार सिलेंडर का आकार असीमित या कहें अनंत होना चाहिए. सैद्धांतिक स्तर पर यह प्रयोग ठीक हो सकता है, लेकिन प्रायोगिक स्तर पर यह असंभव है.
प्रकाश की गति से समय यात्रा (Time Travel At The Speed Of Light):
आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत के अनुसार यदि हम एक ऐसा वाहन बनाते हैं जो प्रकाश की गति से यात्रा करने में सक्षम हो, तो उसके माध्यम से हम समय की यात्रा कर सकते हैं. यद्यपि समय यात्रा की यह अवधारणा सैद्धान्तिक स्तर पर सत्य है, प्रायोगिक स्तर पर ऐसा नहीं हो सकता.
भौतिक नियमों के अनुसार, केवल वे पदार्थ जिनमें द्रव्यमान नहीं होता है, प्रकाश की गति से यात्रा कर सकते हैं. दूसरी ओर, जिस पदार्थ के अंदर द्रव्यमान होता है, वह कभी भी प्रकाश की गति से यात्रा नहीं कर सकता है.
हमारे पास केवल समय यात्रा के सिद्धांत हैं, संसाधन नहीं. लंबे समय से वैज्ञानिक समय के आयाम के रहस्य को जानने की कोशिश कर रहे हैं.
कथा-कहानियों और पुराणों में समय यात्रा का उल्लेख – Mention of time travel in stories and Puranas
महाभारत में टाइम ट्रेवल का जिक्र (Time travel is mentioned in Mahabharata)
महाभारत में राजा काकुदमी (Kakudmi) की कहानी का उल्लेख है, जो सृष्टिकर्ता ब्रह्मा जी से मिलने के लिए स्वर्ग की यात्रा करता है, और जब वह पृथ्वी पर लौटता है तो यह जानकर आश्चर्य होता है कि पृथ्वी पर कई युग बीत चुके हैं.
बौद्ध धर्म के अनुसार समय यात्रा (Time travel according to Buddhism)
समय की सापेक्षता का उल्लेख “बौद्ध पाली कैनन” में भी किया गया है. “Payasi Sutta” बुद्ध के प्रमुख शिष्यों में से एक कुमार कस्पा के बारे में बताता है, जो संशयी पयासी को समझाता है कि समय पृथ्वी की तुलना में स्वर्ग में अलग तरह से गुजरता है.
एक जापानी कहानी के अनुसार समय यात्रा (Time travel according to a Japanese story)
जापानी कहानी “उराशिमा तारो (Urashima Taro)” में भी समय यात्रा का वर्णन किया गया है, जिसमें उरशिमा तारो नाम का एक युवा मछुआरा समुद्र के नीचे एक महल में जाता है और तीन दिन बाद, जब वह अपने गांव के घर लौटता है, तो वह खुद को भविष्य में 300 साल आगे पाता है. उसके गांव में 300 साल बीत चुके होते हैं जहां उसे भुला दिया गया है, उसका घर उजड़ गया है और उसके परिवार की मृत्यु हो गई है.
यहूदी साहित्य के अनुसार समय यात्रा (Time Travel According to Jewish Literature)
यहूदी परंपरा में, पहली शताब्दी ईसा पूर्व के विद्वान “होनी हा-मैगेल (Honi ha-Magel)” के बारे में कहा जाता है कि वे सत्तर साल तक सोए थे. जब वह उठता है और घर लौटता है, तो उसे कोई ऐसा नहीं मिलता जिसे वह जानता हो. जब वह लोगों को बताता है कि वह सत्तर साल से सो रहा है, तो कोई भी उसके दावों पर विश्वास नहीं करता कि वह कौन है.