वाचाल गधा और धोबी – पंचतंत्र की कहानी (The Donkey and the Washerman Story In Hindi)

वाचाल गधा और धोबी - पंचतंत्र की कहानी (The Donkey and the Washerman Story In Hindi)

दोस्तों, पंचतंत्र की कहानियां (Tales of Panchatantra in Hindi) श्रृंखला में आज हम – वाचाल गधा और धोबी की कहानी (The Donkey and the Washerman Story In Hindi) पेश कर रहे हैं। Gadha Aur Dhobi Ki Kahani में बताया गया है की फिजूल दिखावा क्यों नहीं करना चाहिए। उसके बाद क्या होता है? यह जानने के लिए पढ़ें – Donkey and the Washerman Story In Hindi

Donkey and Washerman Story in Hindi – Tales of Panchatantra

वाचाल गधा और धोबी - पंचतंत्र की कहानी (The Donkey and the Washerman Story In Hindi)
वाचाल गधा और धोबी पंचतंत्र की कहानी

एक नगर में शुद्धपट नाम का एक परिश्रमी धोबी रहता था। उसके पास एक कामकाजी गधा भी था। पर्याप्त घास न मिलने के कारण गधा बहुत पतला और कमजोर हो गया था, जिसके कारण वह ठीक से काम नहीं कर पाता था।

धोबी को चिंता होने लगी, उसके मन में एक विचार आया कि कुछ दिन पहले जंगल में घूमते हुए उसने एक मरा हुआ शेर देखा था, उसकी खाल धोबी के पास थी, अगर मैं इस खाल को गधे पर लाद कर इसे घास चरने खेत में भेज दूं, तो खेत के रखवाले उसे शेर समझेंगे। इससे डर जाएंगे और मार कर भगाने की कोशिश भी नहीं करेंगे।

धोबी की युक्ति काम कर गई। धोबी अपनी चाल के अनुसार रोज रात को गधे को शेर की खाल से ढक कर खेत में चरने के लिए भेज देता था। यहां तक कि गधा भी रात भर घास चरने के बाद सुबह-सुबह धोबी के पास आ जाता। धोबी का यह तरीका कई दिनों तक ऐसे ही चलता रहा।

लेकिन एक बार गधे की पूरी पोल सबके सामने आ गई। हुआ यु की एक गधी की आवाज सुनकर गधे ने भी अडारना शुरू कर दिया। यह देख खेत के रखवाले उस गधे पर टूट पड़े।

उन पहरेदारों ने शेर की खाल पहने गधे को इतना पीटा कि गधे की वहीं सांस रुक गई। धोबी की इसी चतुराई ने उस गधे की जान ले ली।

कहानी का भाव:

यह कहानी हमें सिखाती है कि हम अपने भीतर के व्यक्तित्व को सतही दिखावे से कितना भी छुपाने की कोशिश कर लें, लेकिन हकीकत एक न एक दिन सामने आ ही जाती है।

The Donkey and the Washerman Story In Hindi

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