तेनाली रामा की कहानियां: कौवों की गिनती

Tenali Raman Funniest Stories In Hindi For Kids

कौवों की गिनती (तेनाली रामा की कहानियां) – Kauwon Ki Ginti | Tenali Raman Stories In Hindi

विजयनगर साम्राज्य के महाराजा कृष्णदेव राय हमेशा अपने दरबारियों से ऐसे प्रश्न किया करते थे जिनका उत्तर आज तक कोई नहीं दे पाया। लेकिन हर बार उन्हें जवाब तेनाली रामा से ही मिलता था।

महाराज का प्रश्न एक बार सुनकर कोई भी उसका सीधा और सटीक उत्तर न दे पाता था। लेकिन तेनाली रामा अपनी बुद्धि का प्रयोग करके हर बार महाराज के प्रश्नों का सही और सटीक उत्तर दे देते। ऐसे ही एक बार महाराज ने तेनाली रामा से ऐसा प्रश्न किया, जिसका उत्तर देना सबके लिए बहुत कठिन था।

महाराज ने दरबार में बैठे सभी दरबारियों के सामने तेनाली रामा से पूछा, क्या तुम बता सकते हो कि हमारे राज्य में कितने कौवे हैं? बिना सोचे-समझे तेनाली रामा अपनी बुद्धि पर विश्वास करके महाराज से कहता है, जी हां महाराज! यह सबसे आसान प्रश्न है। लेकिन इसमें मुझे थोड़ा समय लगेगा।

महाराज तेनाली राम की बातें सुनकर सोचने लगे कि यह मुझे मूर्ख बना रहा है। तभी महाराज ने तेनालीराम को चेतावनी दी और कहा कि एक बार फिर विचार कर लो। तेनाली राम संतुष्ट होकर कहते हैं, हां महाराज, मैं ठीक-ठीक बता सकता हूं कि हमारे राज्य में कोवो की संख्या कितनी है?

महाराज ने कहा कि आपको एक सप्ताह का समय दिया जाता है, यदि आप इस प्रश्न का उत्तर खोजने में विफल रहते हैं तो आपको मृत्युदंड दिया जाएगा। तेनाली रामा ने फिर कहा, चिंता न करें, महाराज, मैं इसका उत्तर अवश्य ढूंढ लूंगा।

ठीक एक हफ्ते बाद जब महाराज तेनाली रामा के सामने आए तो वही सवाल फिर से तेनाली रामा से पूछा गया, क्या तुमने कौवों की संख्या का पता लगा लिया है? तेनाली रामा ने कहा, महाराज, मैंने कौओं की संख्या का पता लगा लिया है, हमारे राज्य में दो लाख बीस हजार तीस कौवे हैं।

तेनाली रामा के जवाब से महाराज हैरान रह गए। महाराज ने फिर पूछा क्या तुमने सही उत्तर दिया है। तेनाली रामा ने कहा कि अगर आपको विश्वास नहीं है तो आप किसी से भी गिनती करवा सकते हैं।

महाराज ने कहा कि अगर कौवों की संख्या कम या ज्यादा हुई तो? तब तेनालीराम कहते हैं महाराज यदि संख्या बढ़ गई तो वे हमारे राज्य के कौए नहीं होंगे। वे इस राज्य के कौओं के रिश्तेदार होंगे जो उनसे मिलने आए होंगे और अगर संख्या कम निकली तो समझ लेना कि हमारे राज्य के कौवे अपने रिश्तेदारों से मिलने गए हैं।

महाराज और सभा में बैठे सभी दरबारी और मंत्री जोर-जोर से हंसने लगते हैं। क्योंकि महाराज को सही उत्तर मिल गया था। महाराज तेनाली रामा से कहते हैं कि तुम्हारी बुद्धि की सराहना करनी होगी। आज तुमने इतने कठिन प्रश्न का भी उत्तर दिया है।

इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?

समस्या कैसी भी हो, अगर हम समझदारी और धैर्य से समस्या का सामना करते हैं, तो जीत हमारी ही होती है।

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