ताजमहल का इतिहास, कहानी, जानकारी और रोचक तथ्य हिंदी में – History, story, information, and interesting facts of Taj Mahal

History, story, information, and interesting facts of Taj Mahal in Hindi - ताजमहल का इतिहास, कहानी, जानकारी और रोचक तथ्य हिंदी में

History, story, information, and interesting facts of Taj Mahal in Hindi – ताजमहल भारत के आगरा शहर में स्थित एक विश्व धरोहर मकबरा (World heritage tomb) है और इसे दुनिया के 7 अजूबों में भी गिना जाता है. ताजमहल को दुनिया की सबसे खूबसूरत मानव निर्मित इमारतों में से एक माना जाता है.

ऐतिहासिक नजरिये से, ताजमहल एक ऐसी इमारत है जिसे प्रेम का प्रतीक (Symbol of Love) कहा जाता है, जिसे शाहजहां (Shahjahan) ने अपनी तीसरी और सबसे प्यारी पत्नी, “मुमताज़ महल (Mumtaz Mahal)” की याद में बनवाया था और इसे बनाने में लगभग 21 साल लगे थे.

ताजमहल, प्यार का प्रतीक और वास्तव में एक वास्तुशिल्प आश्चर्य (Architectural wonder) है. यह भारत के खूबसूरत पर्यटन स्थलों (Beautiful tourist places) में से एक है, जिसे देखने दुनिया भर से पर्यटक आते हैं. इस स्मारक की अतुलनीय सुंदरता दुनिया भर के पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देती है.

वैसे तो ताजमहल के बारे में लोग काफी हद तक जानते होंगे लेकिन आज हम आपको इससे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें Taj Mahal Facts In Hindi बताने जा रहे हैं, जिन्हें जानने के बाद आपको इससे जुड़े अन्य पहलुओं की भी जानकारी (Taj Mahal ke bare mein jankari) हो जाएगी.

ताजमहल के बारे में जानकारी हिंदी में – Taj Mahal Information In Hindi

Taj Mahal Story In Hindi – ताजमहल शाहजहां की तीसरी और सबसे प्यारी पत्नी “मुमताज़ महल (Mumtaz Mahal)” की याद में बनाया गया था और इसे बनने में लगभग 21 साल (1632 – 1653) लगे थे.

42 एकड़ में फैले और ताजमहल के रूप में बनकर तैयार हुए इस अद्भुत स्मारक (Monument) के निर्माण में 22,000 मजदूरों, चित्रकारों, पत्थरबाजों और कशीदाकारी कलाकारों ने योगदान दिया था.

इस स्मारक में मकबरा पूरे परिसर का केंद्रबिंदु है, जिसमें एक मस्जिद और एक गेस्ट हाउस शामिल है, और तीन तरफ एक अबाधित दीवार से घिरे एक औपचारिक बगीचे में स्थापित है.

इसके मुख्य गुम्बद की ऊंचाई 240 फीट और चार मीनारों की ऊंचाई 130 फीट है. यह स्मारक 20 मंजिला इमारत जितना ऊंचा है.

ताजमहल के निर्माण और सजावट के लिए पूरे भारत और एशिया के सबसे बेहतरीन साधन-सामग्रियों का इस्तेमाल किया गया था. ऐसा माना जाता है कि निर्माण के दौरान निर्माण सामग्री के परिवहन के लिए 1,000 से अधिक हाथियों का उपयोग किया गया था.

सत्रहवीं शताब्दी में बने ताजमहल को बनाने में उस समय 3.2 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. लेकिन अगर आज के समय में ताजमहल बना होता तो इसके निर्माण निधि में करीब 7,000 करोड़ रुपए खर्च होते.

ताजमहल परिसर में स्थित सभी इमारतों और मीनारों का काम कई अलग-अलग चरणों में पूरा किया गया था. ताजमहल के केवल गुंबद को बनने में 15 साल लगे थे जबकि बाकी का काम अगले 7 साल में पूरा किया गया था. 

ताजमहल को मुख्य रूप से सफेद संगमरमर (White marble) और लाल बलुआ पत्थर (Red sandstone) से बनाया जाना था जिसके लिए परिवहन की आवश्यकता थी, और इस कार्य में 1000 से अधिक हाथियों का उपयोग करके पूरे भारत और मध्य पूर्व एशिया से इन्हें प्राप्त किया गया था.

लाल बलुआ पत्थर फारसी वास्तुकला में आम है और दिल्ली में “लाल किला (Red Fort)” और “जामा मस्जिद” जैसे अन्य मुगल संरचनाओं में इसका उपयोग देखा जा सकता है, जबकि सफेद संगमरमर का उपयोग परमात्मा के प्रतिनिधित्व के रूप में किया गया था.

स्मारक की जड़ाई के काम के लिए लगभग 28 विभिन्न प्रकार के कीमती और अर्ध-कीमती पत्थरों का इस्तेमाल किया गया था. इन पत्थरों को श्रीलंका, तिब्बत, चीन और यहां तक कि भारत के कई विभिन्न जगहों से आयात किया गया था.

दीवारों पर उत्कीर्ण सुलेख में कुरान के छंद शामिल हैं जिनमें स्वर्ग की बातें लिखी गई हैं. इसकी स्थापत्य शैली फारसी, तुर्क, भारतीय और इस्लामी वास्तुकला के घटकों का एक अनूठा समामेलन है.

ताजमहल बनाने के लिए विदेशों से कुशल कारीगरों को बुलाया गया था. इनमें से प्रमुख 37 कुशल कारीगर थे जिनकी देखरेख में लगभग इक्कीस हजार मजदूर काम करते थे.

वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी (Ustad Ahmad Lahori) इसके निर्माण कार्य के प्रमुख थे और वह फारसी थे जिन्हे विशेष रूप से ईरान से बुलाया गया था. जबकि ताजमहल के राजमिस्त्री मुहम्मद ईसा खान (Muhammad Isa Khan) थे.

ताजमहल के बारे में मिथक या किंवदंती यह भी है कि इसे गेरोनिमो वेरोनियो (Geronimo Veroneo) नाम के एक इतालवी वास्तुकार द्वारा बनाया गया था.

आपको जानकर हैरानी होगी कि ताजमहल की इमारत एक खास तरह की लकड़ी पर बनी है. इस लकड़ी को नमी की जरूरत होती है और जैसे-जैसे इसे नमी मिलती है यह ओर भी मजबूत होती जाती है. यही कारण है कि ताजमहल यमुना नदी के तट पर बनाया गया था.

ताजमहल के मुख्य गुंबद के चारों ओर 130 फीट ऊंचाई के चार ऊंची मीनारें भी बनाई गई हैं. ये मीनारें ताजमहल के मुख्य भवन को संतुलन प्रदान करती हैं.

ये मीनारें सतह से 90 डिग्री में सीधे खड़े नहीं हैं, इन मीनारों को बाहर की तरफ थोड़ा सा झुकाव दिया गया है ताकि बिजली गिरने या भूकंप जैसी आपदा की स्थिति में ये मीनारें मकबरे पर न गिरें और बाहर की ओर गिरें.

वैसे तो ताजमहल को मुमताज महल के लिए बनवाया गया था, लेकिन यहीं पर शाहजहां का मकबरा भी बनवाया गया है. बड़ा वाला मकबरा बादशाह का है जबकि छोटा मकबरा मुमताज महल का है, मकबरे के चारों ओर अल्लाह के 99 नाम सुलेख में उकेरे हुए हैं.

ऐसा कहा जाता है कि शाहजहां अपने दफनविधि के लिए “काला ताजमहल (Kala Taj Mahal)” नामक एक अलग मकबरा बनाना चाहते थे. हालांकि वह अपनी इच्छा पूरी नहीं कर सके और अंत में उन्हें अपनी पत्नी मुमताज महल की कब्र के पास ताजमहल में दफना दिया गया.

ताजमहल के परिसर में कमल से भरे तालाब के चारों ओर कुल 24 फव्वारे भी बनाए गए हैं और ये सभी फव्वारे एक साथ काम करते हैं. इन फव्वारों के नीचे एक विशाल तांबे की टंकी का निर्माण किया गया है, टैंक को भरने के बाद, दबाव बनने पर ये फव्वारे एक साथ पानी छोड़ते हैं.

इस परिसर के चारों ओर एक विशाल 300 वर्ग मीटर चारबाग, मुगल उद्यान (Mughal garden) है. इस बगीचे में एक उठावदार रास्ता है, यह रास्ता इस चारबाग को 16 निचले स्तर के ढलानों में विभाजित करता है.

ताजमहल परिसर के अंदर पाए जाने वाले बगीचे की शैली “फारसी तैमूरिड” है जिसे बाबर (Babur) भारत में लाया था.

ताजमहल का प्रतिबिंब बगीचे के बीच में एक ऊंचे स्तर पर बने तालाब में दिखाई देता है. यह तालाब मकबरे और मुख्य द्वार के बीच बना हुआ है. यह प्रतिबिंब इसकी सुंदरता में इजाफा करता है.

ताजमहल के बारे में रोचक तथ्य हिंदी में – Interesting facts about Taj Mahal in Hindi

#1. कहा जाता है कि मुमताज़ की मृत्यु बुरहानपुर में हुई थी जहां उन्हें दफनाया गया था और 6 महीने बाद उनके शव को शाहजहां द्वारा आगरा लाया गया और ताजमहल में दफनाया गया.

#2. ताजमहल मुगल वास्तुकला की उत्कृष्ट कृति होने के साथ-साथ विश्व धरोहर भी है. इसकी स्थापत्य शैली भारतीय, फारसी, तुर्क और इस्लामी वास्तुकला के घटकों का एक अनूठा मिश्रण है.

#3. ताजमहल का रंग बदलता रहता है: सुबह गुलाबी, रात में दूधिया सफेद और चांदनी रात में सुनहरा. लेकिन बढ़ते प्रदूषण के कारण ताजमहल का रंग हल्का पीला पड़ने लगा है. इसलिए इसके आसपास पेट्रोल-डीजल वाहनों पर रोक लगा दी गई है.

#4. ताजमहल में एक कमी यह भी है कि दीवारों पर बने 11 नक्काशीदार खंभों में से एक का आकार गोल है, लेकिन शेष दस त्रिकोणीय डिजाइन में हैं.

#5. ताजमहल आगरा शहर के दक्षिणी छोर पर एक छोटे से भूमि पठार पर बनाया गया था. इतिहासकारों के अनुसार, शाहजहां ने इसके बदले आगरा शहर के मध्य में जयपुर के महाराजा जय सिंह को एक महान महल भेट दिया था.

#6. ऐसा माना जाता है कि मुमताज महल का नाम “अर्जुमंद बानो बेगम” था लेकिन वह मुमताज महल के नाम से प्रसिद्ध हुईं.

#7. 1857 के भारतीय विद्रोह के दौरान, ताजमहल के कई हिस्सों को ब्रिटिश सैनिकों ने क्षतिग्रस्त कर दिया था, और मकबरे के कई कीमती पत्थरों को ब्रिटिश सेना द्वारा मकबरे की दीवारों से निकाल कर हड़प लिया गया था.

#8. वर्ष 1908 के आसपास ताजमहल के उद्यानों को ब्रिटिश शैली में परिवर्तित कर दिया गया था और वही शैली आज भी दिखाई देती है.

#9. 1983 में, ताजमहल को UNESCO की विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था.

#10. ताजमहल दुनिया में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली इमारत है. इसे देखने के लिए हर दिन दुनिया भर से करीब 12,000 लोग आते हैं.

#11. ताजमहल हर साल 20 से 40 लाख पर्यटकों को आकर्षित करता है, जिनमें से 2,00,000 से अधिक विदेशी होते हैं.

#12. प्रत्येक शुक्रवार को ताजमहल आगंतुकों के लिए बंद रहता है और दोपहर में केवल दो घंटे के लिए मुस्लिम भाविकों को नमाज़ में शामिल होने के लिए खोला जाता है.

#13. ताजमहल को वर्ष 2007 में दुनिया के नए सात अजूबों (Seven Wonders of the World) में से एक घोषित किया गया.

#14. ताजमहल से सरकार को एक साल में करीब 25 करोड़ रुपये की कमाई होती है.

#15. औरंगाबाद में ताजमहल की एक नकल इमारत है, जो “मिनी ताज (Mini Taj)” के नाम से प्रसिद्ध है, वास्तव में यह वास्तुशिल्प “बीवी का मकबरा (Biwi Ka Maqbara)” है जिसे शाहजहां के बेटे और मुगल सम्राट औरंगजेब ने बनवाया था.

#16. द्वितीय विश्व युद्ध, 1971 के भारत-पाक युद्ध और 9/11 के हमलों के बाद, ताज को नुकसान से बचाने के लिए बांस के घेरे से ढक दिया गया था.

#17. प्रशंसित पर्यटन स्थलों की सूची में ताजमहल हमेशा शीर्ष पर रहा है.

ताजमहल का रहस्य क्या है? इसके तहखाने क्यों बंद हैं? What is the secret of the Taj Mahal? Why are its cellars closed?

दोस्तों अब हम आपको ताजमहल के बारे में कुछ और अज्ञात तथ्य Amazing Facts about Taj Mahal in Hindi बताने जा रहे हैं. 

ताजमहल के निर्माण के लिए आगरा नहीं था पहली पसंद – Agra was not the first choice for constructing the Taj Mahal

आपको जानकर हैरानी होगी कि ताजमहल के निर्माण के लिए आगरा शहर (Agra city) पहली पसंद नहीं था.

ताजमहल के निर्माण के लिए पहला पसंदीदा स्थल “बुरहानपुर शहर (Burhanpur City)” था जो मध्य प्रदेश का वह क्षेत्र है जहां मुमताज महल की 14 वें बच्चे को जन्म देते समय मृत्यु हो गई थी.

लेकिन दुर्भाग्य से, बुरहानपुर में संगमरमर की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पाई थी और इसलिए अंततः आगरा में ताजमहल का निर्माण करने का निर्णय लिया गया.

ताजमहल या तेजोमहालय: क्या है तेजो महालय विवाद? Taj Mahal or Tejo Mahalaya: What is Tejo Mahalaya Controversy?

Tejo Mahalaya Fact Check – कुछ चिकित्सकों के अनुसार “ताजमहल” वास्तव में “तेजोमहालय (Tejo Mahalaya)” नामक एक शिव मंदिर था, जिसके मूल ढांचे में जानबूझकर कुछ बुनियादी बदलाव करने के बाद इसे “ताजमहल” के नाम से परिचित किया गया.

एक स्पष्टीकरण तथ्य यह है कि शाहजहां की पत्नी का नाम मुमताज़ (Mumtaz) था, और अंग्रेजी वर्तनी के अनुसार मुमताज नाम की वर्तनी “Z” से समाप्त होती है जबकि ताजमहल की वर्तनी में “J” आता है.

इसके अलावा अगर स्मारक का निर्माण मुमताज़ के याद में बनाया गया था तो इसके नाम में “मुम” शब्द लगा रहने देते तो भी कुछ नहीं बिगड़ता, तो फिर “मुम” शब्द क्यों हटा दिया गया.

साथ ही “महल” मुस्लिम शब्द नहीं है. किसी भी मुस्लिम देश में ऐसी कोई भी इमारत नहीं मिलती जिसके नाम में “महल” शब्द का इस्तेमाल किया गया हो, लेकिन भारतीय संस्कृति में “महल” शब्द का इस्तेमाल प्राचीन काल से किया जाता रहा है.

क्या ताजमहल का रंग दिन के अलग-अलग समय में बदलता है? Does the color of the Taj Mahal change during different periods of the day?

Changing Colours Of Taj Mahal – किसी निर्जीव इमारत के बारे में यह कहना निराधार लग सकता है, लेकिन ऐसी मान्यता है कि हर बार जब आप दिन के अलग-अलग समय पर ताज को देखते हैं, तो यह एक अलग रंग में दिखता है.

ऐसा माना जाता है कि ताजमहल का निर्माण इस तरह से किया गया था कि सफेद संगमरमर आकाश की रंग स्थिरता के अनुरूप हो. इस कारण से, ताजमहल दिन के दौरान अपना रंग बदलता रहता है. 

सुबह देखने पर यह गुलाबी रंग का दिखाई देता है, दोपहर में दूधिया सफेद दिखाई देता है, सूर्यास्त के समय यह जगमगाता हुआ सुनहरे रंग का प्रतीत होता है और झिलमिलाती चांदनी रात में यह चांदी जैसा चमकदार दिखाई देता है. 

क्या ताजमहल कुतुबमीनार से भी ऊंचा है? Is the Taj Mahal taller than Qutub Minar?

तो दोस्तों, इस सवाल का जवाब “हां” है. ताजमहल वास्तव में कुतुबमीनार से भी ऊंचा है. 

दरअसल “ताजमहल” की ऊंचाई 74 मीटर (243 फीट) नापी गई है जबकि “कुतुब मीनार” जो दुनिया की सबसे ऊंची ईंटो से बनी मीनार है, की ऊंचाई 72.85 मीटर (239 फीट) मापी गई है.

हालांकि यह अंतर बहुत ज्यादा तो नहीं है, लेकिन फिर भी ताजमहल कुतुबमीनार से थोड़ा ऊंचा है, वह भी करीब पांच फीट के अंतर से.

काले ताजमहल का रहस्य – The Mystery of the Black Taj Mahal

एक किंवदंती यह भी बताई जाती है कि सफेद ताजमहल बनने के बाद मुगल बादशाह शाहजहां का सपना था कि वह अपने लिए यमुना नदी के पार ऐसा ही एक “काला ताजमहल (Black Taj Mahal)” बनाए.

लेकिन उनके बेटे औरंगजेब (Aurangzeb) ने उन्हें घर में कैद कर दिया था और इस वजह से उनका यह सपना कभी पूरा नहीं हो सका.

1665 में आगरा का दौरा करने वाले जीन बैप्टिस्ट टैवर्नियर (Jean Baptiste Tavernier) के नाम से एक फ्रांसीसी यात्री ने अपने काल्पनिक लेखन में सबसे पहले काले ताजमहल (Black Taj Mahal) के विचार का उल्लेख किया था.

क्या शाहजहां ने ताजमहल के मजदूरों के हाथ काट दिए गए थे? Did Shah Jahan Chop off the Hands of Taj Mahal Workers?

ताजमहल से जुड़ा एक तथ्य जो ज्यादातर लोग एक-दूसरे को बताते हैं, वह यह है कि शाहजहां ने ताजमहल को बनाने वाले मजदूरों के हाथ कटवा दिए थे, ताकि दुनिया में ऐसा स्मारक दोबारा न बन सके. लेकिन, इस तथ्य के प्रमाण आज तक नहीं मिले हैं.

लेकिन ऐसा प्रतीत होता है श्रमिकों द्वारा ताजमहल के निर्माण के लिए आवश्यक कौशल और योगदान के लिए श्रमिकों को न केवल अच्छी तरह से भुगतान किया गया था, बल्कि उनका सम्मान भी किया जाता था.

ताजमहल की मीनारें बाहर की ओर क्यों झुकी हुई हैं? Why are the minarets of the Taj Mahal tilted outwards?

ताजमहल की चारों मीनारों को थोड़ा बाहरी झुकाव के साथ इस तरह से कुशलता से बनाया गया है कि चाहे भूकंप आए या तेज बिजली गिरे फिर भी यह मीनारें केंद्रीय गुंबद पर नहीं गिरेगी. 

प्रत्येक मीनार का झुकाव यह सुनिश्चित करता है कि भूकंप जैसी आपदाओं की स्थिति में मीनारें बीच में स्थित गुबंद और मकबरे से दूर गिर जाएंगी.

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