Dark secrets of Taj Mahal secrets rooms in Hindi – इसकी अलौकिक सुंदरता के बारे में आज तक बहुत कुछ लिखा, कहा और बताया गया है, लेकिन संगममार की इस खूबसूरत संरचना के कुछ अनसुलझे रहस्योद्घाटन भी बताए गए हैं.
समय-समय पर, यह शानदार मुगल वास्तुकला उन विवादों से घिरी रही है जो इसके अस्तित्व पर सवाल उठाते हैं.
ताजमहल पर शोधकर्ताओं ने कई तरह के शोध किए हैं और उनका मानना है कि ताजमहल के नीचे एक हजार से ज्यादा कमरे हो सकते हैं.
उनका यह भी मानना है कि ताजमहल जितना ऊंचा है, उतनी ही गहराई तक इसे धरती के अंदर भी बनाया गया है.
तो आज हम बात करने जा रहे हैं ताजमहल के उस दरवाजे के बारे में जिसे खोलने से सरकार भी डरती है.
उन दिनों जब कोई किला बनाया जाता था, तो दुश्मन के हमले आदि की स्थिति में उससे बाहर निकलने के लिए गुप्त मार्ग भी बनाए जाते थे.
और कहा जाता है कि ताजमहल के अंदर भी एक ऐसा ही गुप्त मार्ग मौजूद है, जो इसके नीचे से गुजरता है और किसी दूसरी जगह से निकल जाता है.
कुछ चिकित्सकों का मानना है कि अन्य रहस्यमय काल कोठरियों की तरह, वह गुप्तमार्ग भी शाहजहां के समय से ही बंद करवा दिया गया था.
निरीक्षण करने पर पता चला है कि ताजमहल के नीचे के इन कमरों को ईंटों से बंद कर दिया गया है. लेकिन शोधकर्ताओं का मानना है कि जिन ईंटों से तहखाने को बंद किया गया है, वे ईंटे इन कमरों के बाद बनाई गई हैं.
लेकिन आखिर क्या वजह थी कि इन कमरों को बनाने के बाद ही बंद करना पड़ा था.
इस पर कुछ पुरातत्वविदों और शोधकर्ताओं की अलग-अलग राय है. कुछ का मानना है कि इन तहखानों में मुमताज महल का मकबरा रखा गया है और उन कमरों को आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया गया है.
ताजमहल के सबसे प्रमुख रहस्यों में से एक यह है कि ऐसा कहा जाता है कि ताजमहल के दृश्य भाग में दिखाई देने वाली कब्रें जनता के देखने के लिए बनाई गई नकली कब्रें हैं.
ये कब्रें खाली स्मारक कब्रें हैं और मुमताज़ और शाहजहां दोनों की असली कब्रों को नीचे एक तहखाने में अचिह्नित कब्रों में दफनाया गया है क्योंकि कब्रों की सजावट करना इस्लाम में मना है.
मुमताज़ और शाहजहां के असली मकबरों को तहखाने में संरक्षित किया गया है और उनके असली मकबरों को सुरक्षित रखने के लिए ही तहखाने को सील कर दिया गया है.
लेकिन ऐसा क्यों किया गया है? इसकी पूरी जानकारी किसी के पास उपलब्ध नहीं है.
कुछ पुरातत्वविदों और लेखकों का कहना है कि जिस स्थान पर ताजमहल बनाया गया है, वहां पहले प्राचीन काल से “तेजोमहालय (Tejo Mahalaya)” नामक एक शिव मंदिर स्थापित किया गया था.
बाद में शाहजहां के शासनकाल के दौरान 17वीं शताब्दी में “शिव मंदिर (Shiv temple)” की संरचना के ऊपर ताजमहल का निर्माण कराया गया था, इसलिए यह तहखाने ताजमहल से भी काफी प्राचीन हैं.
लेकिन पिछले कुछ सालों से एक नई धारणा सामने आ रही है, जिसके मुताबिक ताजमहल के नीचे के इन तहखानों में बेशकीमती खजाने हो सकते हैं.
क्योंकि मेटल डिटेक्टर से जांच करने पर पता चला है कि इस स्मारक के नीचे कई तरह की धातुओं की पुष्टि हुई है.
लेकिन पुरातत्वविदों का यह भी मानना है कि इसके अंदर कई ऐसे ऐतिहासिक दस्तावेज भी हो सकते हैं जो हमारे इतिहास को भी बदल सकते हैं.
इन तहखानों की खोज की खबरें और कहानियां कई बार सामने आईं है, लेकिन यह भी एक सच्चाई है कि इन्हें कभी खोला नहीं जा सका.
ऐसा कहा जाता है कि इनमें से कई दरवाजे आधिकारिक तौर पर खोले भी गए थे लेकिन बाद में बंद कर दिए गए, जिससे यह रहस्य और भी गहरा जाता है.
सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं जिनमें दावा किया जा रहा है कि सरकार भी ताजमहल के तहखानों के दरवाजे खोलने से डर रही है. लेकिन इन दावों के पीछे कितनी सच्चाई है इसकी पुष्टि कोई नहीं कर सकता.
ताजमहल के दरवाजे सरकार द्वारा क्यों बंद किए गए है? Why are the doors of the Taj Mahal closed by the government?
ताजमहल के दरवाजे न खोले जाने के पीछे सरकार के कई कारण हो सकते हैं. 1995-1996 की अवधि के दौरान बंद किए गए वह दरवाजे स्मारक के आंतरिक कक्ष के हैं, जिसमें दूसरे स्तर और तीसरे स्तर का मकबरा (असली मकबरा) है.
दरवाजे को सील करने का वैज्ञानिक कारण यह था कि स्मारक के अंदर के कक्ष संगमरमर से बने हैं जो कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) गैस यानि जिसे हम मानव सांस द्वारा छोड़ते है, की अधिकता के संपर्क में आने पर कैल्शियम कार्बोनेट में परिवर्तित हो जाते हैं.
यह संगमरमर को पाउडर के रूप में परिवर्तित कर देता है, इसलिए स्मारक को और अधिक खराब होने से बचाने के लिए इसके आंतरिक कक्षों को बिना किसी वेंटिलेशन के पूरी तरह से सीलबंद कर दिया गया है.
ऐसा जानबूझकर एहतियात के तौर पर किया गया था क्योंकि यह ताजमहल के चारों ओर की चार मीनारों को प्रभावित कर सकता था और स्मारक के एक बड़े हिस्से को नष्ट कर सकता था.
ऐसा कहा जाता है कि भारत सरकार ने ताजमहल के अस्तित्व के खोजबीन और संशोधन पर प्रतिबंध लगा दिया है. इतना ही नहीं सरकार ने ताजमहल की सच्चाई पर आधारित एक किताब पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.
भारत में सांप्रदायिक तनाव के डर से किसी को भी सीलबंद कमरे खोलने की अनुमति सरकार द्वारा नहीं दी जाती है और यह वास्तविकता है कि सरकार ऐसी स्थितियों से बच रही है.
ताजमहल के रहस्य आज भी अनसुलझे हैं! कौन जानता है कि सच्चाई क्या है!!
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