Tag: Kabirdas Ji Ke Dohe

संत कबीर दास जी के 350+ प्रसिद्ध दोहे अर्थ सहित – Sant Kabir Das Ji Ke Dohe in Hindi

कस्तूरी कुंडल बसै, मृग ढूंढे बन माहिं ।ऐसे घट-घट राम है, दुनिया देखे नाहिं ।। ईश्वर हर व्यक्ति के हृदय में विद्यमान है, लेकिन सांसारिक […]

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संत कबीर दास जी के 350+ प्रसिद्ध दोहे अर्थ सहित – Sant Kabir Das Ji Ke Dohe in Hindi

ऊंचे कुल में जामिया, करनी ऊंच न होय ।सौरन कलश सुरा, भरी, साधु निंदा सोय ।। यदि सोने के कलश में शराब है, तो संत […]

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