१. वह विद्वान जिसने असंख्य किताबों का अध्ययन बिना सदगुरु के आशीर्वाद से कर लिया वह विद्वानों की सभा में एक सच्चे विद्वान के रूप […]
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चाणक्य नीति ( हिंदी में ): सोलहवां अध्याय – Chanakya Neeti (In Hindi): Chapter Sixteenth
१. एक दुराचारी महिला का हृदय एकबद्ध नहीं होता है; यह विभाजित होता है. जब वह एक आदमी से बात करती है तो दूसरे की […]
Continue readingचाणक्य नीति ( हिंदी में ): पन्द्रहवां अध्याय – Chanakya Neeti (In Hindi): Chapter Fifteenth
१. वह व्यक्ति जिसका हृदय हर प्राणी मात्र के प्रति करुणा से पिघलता है. उसे जरुरत क्या है किसी ज्ञान की, मुक्ति की, सर के […]
Continue readingचाणक्य नीति ( हिंदी में ): चौदहवां अध्याय – Chanakya Neeti (In Hindi): Chapter Fourteenth
१. गरीबी, दुःख और एक बंदी का जीवन यह सब व्यक्ति के किए हुए पापों का ही फल है. 1. Poverty, disease, sorrow, imprisonment and […]
Continue readingचाणक्य नीति ( हिंदी में ): तेरहवां अध्याय – Chanakya Neeti (In Hindi): Chapter Thirteenth
१. यदि आदमी एक पल के लिए भी जिए तो भी उस पल को वह शुभ कर्म करने में खर्च करे. एक कल्प तक जी […]
Continue readingचाणक्य नीति ( हिंदी में ): बारहवां अध्याय – Chanakya Neeti (In Hindi): Chapter Twelfth
१. वह गृहस्थ भगवान की कृपा को पा चुका है जिसके घर में आनंददायी वातावरण है. जिसके बच्चे गुणी है. जिसकी पत्नी मधुर वाणी बोलती […]
Continue readingचाणक्य नीति ( हिंदी में ): ग्यारहवां अध्याय – Chanakya Neeti (In Hindi): Chapter Eleventh
१. उदारता, वचनों में मधुरता, साहस, आचरण में विवेक ये बातें कोई पा नहीं सकता ये जन्मजात गुण हैं. 1. Generosity, pleasing address, courage and […]
Continue readingचाणक्य नीति ( हिंदी में ): दसवां अध्याय – Chanakya Neeti (In Hindi): Chapter Tenth
१. जिसके पास धन नहीं है वो गरीब नहीं है, वह तो असल में धनी है, यदि उसके पास विद्या है. लेकिन जिसके पास विद्या […]
Continue readingचाणक्य नीति ( हिंदी में ): नवां अध्याय – Chanakya Neeti (In Hindi): Chapter Ninth
१. तात, यदि तुम जन्म-मरण के चक्र से मुक्त होना चाहते हो तो जिन विषयों के पीछे तुम इन्द्रियों की संतुष्टि के लिए भागते फिरते […]
Continue readingचाणक्य नीति ( हिंदी में ): आठवां अध्याय – Chanakya Neeti (In Hindi): Chapter Eighth
१. नीच वर्ग के लोग दौलत चाहते है, मध्यम वर्ग के दौलत और इज्जत, लेकिन उच्च वर्ग के लोग सम्मान चाहते है क्योंकि सम्मान ही […]
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