“उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाये”
“खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप हैं”
“तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता, कोई आध्यात्मिक नहीं बना सकता, तुमको सब कुछ खुद अंदर से सीखना हैं, आत्मा से अच्छा कोई शिक्षक नही हैं”
“सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा”
“बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप हैं”
“ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं, वो हमही हैं जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार हैं”
“विश्व एक विशाल व्यायामशाला है जहाँ हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं”
“दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो”
“शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु हैं. विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु हैं. प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु हैं”
“किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आये – आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर
चल रहे हैं”
“एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ”
“जब तक जीना, तब तक सीखना” – अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक हैं
“जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पर विश्वास नहीं कर सकते”
“जो अग्नि हमें गर्मी देती है, हमें नष्ट भी कर सकती है, यह अग्नि का दोष नहीं हैं”
“चिंतन करो, चिंता नहीं, नए विचारों को जन्म दो”
“हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का धयान रखिये कि आप क्या सोचते हैं, शब्द गौण हैं. विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं”
“जैसा तुम सोचते हो, वैसे ही बन जाओग. खुद को निर्बल मानोगे तो निर्बल और सबल मानोगे तो सबल ही बन जाओगे”
“कुछ मत पूछो, बदले में कुछ मत मांगो. जो देना है वो दो, वो तुम तक वापस आएगा, पर उसके बारे में अभी मत सोचो”
“जो कुछ भी तुमको कमजोर बनाता है – शारीरिक, बौद्धिक या मानसिक उसे जहर की तरह त्याग दो”
“तुम फ़ुटबाल के जरिये स्वर्ग के ज्यादा निकट होगे बजाये गीता का अध्ययन करने के”
“वेदान्त कोई पाप नहीं जानता, वो केवल त्रुटी जानता हैं। और वेदान्त कहता है कि सबसे बड़ी त्रुटी यह कहना है कि तुम कमजोर हो, तुम पापी हो, एक तुच्छ प्राणी हो, और तुम्हारे पास कोई शक्ति नहीं है और तुम ये-वो नहीं कर सकते”
“किसी की निंदा ना कर. अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो ज़रुर बढाए. अगर नहीं बढ़ा सकते, तो अपने हाथ जोड़िये, अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये, और उन्हें उनके मार्ग पे जाने दीजिये”
“यही दुनिया है; यदि तुम किसी का उपकार करो, तो लोग उसे कोई महत्व नहीं देंगे, किन्तु ज्यों ही तुम उस कार्य को बंद कर दो, वे तुरन्त तुम्हें बदमाश प्रमाणित करने में नहीं हिचकिचायेंग. मेरे जैसे भावुक व्यक्ति अपने सगे – स्नेहियों द्वारा ठगे जाते हैं”
“सच्ची सफलता और आनंद का सबसे बड़ा रहस्य यह है- वह पुरुष या स्त्री जो बदले में कुछ नहीं मांगता. पूर्ण रूप से निःस्वार्थ व्यक्ति, सबसे सफल हैं”
“एक विचार लो, उस विचार को अपना जीवन बना लो – उसके बारे में सोचो उसके सपने देखो, उस विचार को जियो. अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों, शरीर के हर हिस्से को उस विचार में डूब जाने दो, और बाकी सभी विचार को किनारे रख दो. यही सफल होने का तरीका हैं”
“क्या तुम नहीं अनुभव करते कि दूसरों के ऊपर निर्भर रहना बुद्धिमानी नहीं हैं. बुद्धिमान् व्यक्ति को अपने ही पैरों पर दृढता पूर्वक खड़ा होकर कार्य करना चहिए. धीरे धीरे सब कुछ ठीक हो जाएगा”
“जब लोग तुम्हे गाली दें तो तुम उन्हें आशीर्वाद दो. सोचो, तुम्हारे झूठे दंभ को बाहर निकालकर वो तुम्हारी कितनी मदद कर रहे हैं”
“हम जो बोते हैं वो काटते हैं, हम स्वयं अपने भाग्य के निर्माता हैंं”
“जो सत्य है, उसे साहसपूर्वक निर्भीक होकर लोगों से कहो – उससे किसी को कष्ट होता है या नहीं, इस ओर ध्यान मत दो. दुर्बलता को कभी प्रश्रय मत दो. सत्य की ज्योति ‘बुद्धिमान’ मनुष्यों के लिए यदि अत्यधिक मात्रा में प्रखर प्रतीत होती है, और उन्हें बहा ले जाती है, तो ले जाने दो; वे जितना शीघ्र बह जाएँ उतना अच्छा ही हैं”
“यदि स्वयं में विश्वास करना और अधिक विस्तार से पढ़ाया और अभ्यास कराया गया होता, तो मुझे यकीन है कि बुराइयों और दुःख का एक बहुत बड़ा हिस्सा गायब हो गया होता”