‘बुध’ ग्रह, हमारे सौर मंडल का पहला ग्रह है और सूर्य के सबसे करीब है. अंतरिक्ष यान द्वारा कई बार ‘बुध’ ग्रह का अध्ययन किया गया है. गहन अध्ययन के बाद वैज्ञानिकों ने इस छोटे ग्रह के बारे में कुछ चौंकाने वाले निष्कर्षों का खुलासा किया है और इसकी पूरी सतह का नक्शा भी बनाया है. आज हम यहां ‘बुध” ग्रह के बारे में 10 आश्चर्यजनक तथ्य साझा करने जा रहे है.
#1. “बुध (Mercury)” ग्रह सौरमंडल का सबसे छोटा और सूर्य के सबसे निकट का ग्रह है. इस छोटे से ग्रह का व्यास लगभग 4,876 किलोमीटर है. यह ‘शनि’ के चंद्रमा टाइटन (Titan) और ‘बृहस्पति’ के चंद्रमा गेनीमेड (Ganymede) दोनों से छोटा है.
#2. ‘बुध’ ग्रह पर तापमान में होने वाला उतार-चढ़ाव सौर प्रणाली में सबसे चरम सीमा का तापमान होता है: सूर्य के सबसे निकट का ग्रह होने के बावजूद, ‘बुध” ग्रह की सतह बेहद ठंडी हो सकती है. दरअसल, ‘बुध’ ग्रह पर दिन के दौरान तापमान 840 डिग्री फ़ारेनहाइट (450 डिग्री सेल्सियस) तक पहुंच सकता है, लेकिन ‘बुध’ ग्रह पर गर्मी बनाए रखने के लिए कोई वातावरण नहीं होने के कारण, रात में तापमान शून्य से 290 डिग्री फ़ारेनहाइट (माइनस 180 डिग्री सेल्सियस) तक कम हो सकता है.
#3. ‘बुध’ ग्रह पृथ्वी की तुलना में बहुत धीरे-धीरे घूमता है, इसलिए यहां का एक दिन लंबे समय तक रहता है. ‘बुध’ ग्रह को अपनी धुरी पर एक पूरा चक्कर लगाने में पृथ्वी के 59 दिन लगते हैं. लेकिन ‘बुध’ किसी भी अन्य ग्रह की तुलना में तेजी से सूर्य के चारों ओर घूमता है इसलिए ‘बुध’ पर एक वर्ष सबसे तेजी से गुजरता है. क्योंकि यह सूर्य के सबसे निकट का ग्रह है, ‘बुध’ ग्रह को सूर्य की परिक्रमा करने के लिए केवल 88 पृथ्वी दिवस लगते हैं.
#4. ‘बुध’ ग्रह पर बर्फ मौजूद है! वैज्ञानिकों का मानना है कि ‘बुध’ ग्रह पर बने गड्ढों (craters) के भीतर बर्फ मौजूद है. ‘बुध’ ग्रह के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव ठंडे और छायादार हैं, इस वजह से वहां पानी को बर्फ के रूप में बनाए रखना संभव हो सकता है. हो सकता है कि उल्कापिंडों और धूमकेतुओं द्वारा ‘बुध’ पर बर्फ पहुंच गई हो, या ‘बुध’ की सराय से पानी की भाप उत्सर्जित होकर गड्ढों में बर्फ के रूप में जमा हो गई.
#5. ‘बुध” एक पथरीला ग्रह है जिसमें लोहे का एक विशाल और ठोस कोर (Iron Core) है जो अपने आंतरिक भाग का एक बड़ा हिस्सा है. अनुमान लगाया जाता है की लौह कोर लगभग 1,260 मील (लगभग 2,000 किलोमीटर) चौड़ा है और ‘बुध’ के पूरे कोर (लगभग 2,440 मील, या लगभग 4,000 किलोमीटर, चौड़ा) के लगभग आधे हिस्से जितना है. ‘बुध’ का लौह कोर लगभग चंद्रमा के आकार के बराबर है. ‘बुध’ ग्रह पर, ग्रह का लगभग 70% हिस्सा लोहा है, जो ‘बुध’ को सौर मंडल में सबसे अधिक लौह युक्त ग्रह बनाता है. वैज्ञानिकों को आज तक यह निश्चित रूप से पता नहीं है कि ‘बुध’ पर विशाल लौह कोर का निर्माण कैसे हुआ.
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#6. ‘बुध’ ग्रह पर अत्यंत विरल वायुमंडल अस्तित्व में है. ‘बुध’ ग्रह का वायुमंडल सौर मंडल में किसी भी अन्य ग्रह के मुकाबले सबसे विरल है. इस प्रकार के वातावरण को वैज्ञानिक भाषा में “एक्सोस्फीयर (Exosphere)” कहा जाता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि सौर मंडल में चंद्रमा और अन्य निकायों में भी एक्सोस्फीयर होता है, संभवतः यह सौर मंडल में सबसे आम तरह का वातावरण है.
#7. ‘बुध’ न केवल सबसे छोटा ग्रह है, बल्कि यह दिन-प्रतिदिन सिकुड़ता जा रहा है. बहुत धीमी प्रक्रिया में, ‘बुध’ हर दिन छोटा होता जा रहा है. यह अनुमान है कि ‘बुध’ ग्रह चार अरब साल पहले की तुलना में लगभग 9 मील सिकुड़ गया है. खगोलविदों का मानना है कि ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि ‘बुध’ ग्रह का लौह कोर (iron core) समय के साथ ठंडा हो रहा है, जो इस ग्रह को ठोस बना रहा है, इसलिए यह ग्रह के विस्तार को कम करता जा रहा है.
#8. सौर मंडल में ‘बुध’ सबसे अधिक गड्ढों (craters) वाला ग्रह है. ‘बुध’ का वायुमंडल इतना कमजोर है की इस ग्रह के पास उल्का प्रभावों से बचने के कोई भी उपाय नहीं है. उल्कापिंड के प्रभाव के कारण, ‘बुध’ ग्रह की सतह गड्ढों से भारी मात्रा में प्रभावित हुई है और इसी कारण ‘बुध’ को हमारे चंद्रमा के समान रूप प्राप्त हो चुका है.
#9. ‘बुध’ ग्रह का वैश्विक नाम मरकरी (Mercury) है, जो कि रोम के वाणिज्य देवता के नाम पर रखा गया है. ‘बुध’ ग्रह की कक्षा (orbit) छोटी होने के कारण ऐसा लगता है जैसे यह अन्य ग्रहों की तुलना में आकाश में सबसे तेजी से आगे बढ़ रहा है. यही कारण है कि रोमन लोगों ने इसका नाम अपने द्रुतगामी भगवान, ‘मरकरी’ के नाम पर रखा, जिन्हें पौराणिक दंतकथाओं में अक्सर पंख वाले शिरस्त्राण के साथ एक द्रुतगामी दूत के रूप में भी चित्रित किया गया है. रोमन ‘मरकरी’ देवता वाणिज्य, वित्त, संचार और वाक्पटुता के भी देवता थे.
#10. हमारे सौर मंडल में ‘बुध” दूसरा सबसे गर्म ग्रह है: भले ही ‘बुध” ग्रह सूर्य के सबसे निकट का ग्रह है, लेकिन सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह ‘शुक्र’ ग्रह है. ‘बुध’ ग्रह पर दिन के दौरान तापमान 450 ° C तक पहुंच सकता है और रात में यह -180 ° C तक कम हो सकता है. यह परिवर्तन इसलिए होता है क्योंकि ‘बुध’ ग्रह पर तापमान को विनियमित करने के लिए कोई संरचना नहीं है.
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