Facts about sparrow – कुछ साल पहले तक हर जगह गौरैयों की खूबसूरत आवाजें और उनके चहकने और गाने की आवाजें सुनाई देती थीं, लेकिन अब गौरैया न जाने कहा गायब हो गई हैं. वर्तमान समय में गौरैयों के मौजूदगी में भारी कमी आई है.
गौरैया को भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग भाषाओं में विविध नामों से जाना जाता है: इसे उर्दू में चिरैया, सिंधी में झिरकी, पंजाब में चिरी, जम्मू और कश्मीर में चेर, पश्चिम बंगाल में चराई पाखी, उड़ीसा में घराछतिया, गुजरात में चकली, महाराष्ट्र में चिमनी, तेलुगु में पिछुका, कन्नड़ में गुबाच्ची, तमिलनाडु और केरल में कुरुवी के नाम से जाना जाता है. आमतौरपर नर गौरैया को चिड़ा कहा जाता है और मादा को चिड़ी या चिड़िया भी कहा जाता है.
दोस्तों आज हम आपको Interesting facts about sparrow in Hindi में गौरैया के बारे में रोचक तथ्य और जानकारी बताने जा रहे हैं.
Interesting facts about sparrow in Hindi – 1 to 10
#1. गौरैया का वैज्ञानिक नाम Passer domesticus है. गौरैया आकार में बहुत छोटा पक्षी है. इसकी लंबाई औसतन 16 सेमी (6.3 इंच) और वजन 24 से 40 ग्राम होता है.
#2. गौरैया को सामाजिक जिव कहा जाता है. वे उपनिवेशों में रहते हैं जिन्हें आमतौर पर झुंड के रूप में वर्णित किया जाता है.
#3. वैज्ञानिकों के अनुसार दुनिया में गौरैयों की करीब 43 प्रजातियां पायी जाती हैं. लेकिन चिंताजनक बात यह है कि पिछले कुछ सालों में इसकी संख्या में 60 से 80 फीसदी की कमी आई है.
#4. गौरैया के सिर और पंख गोल होते हैं. लेकिन नर और मादा गौरैयों को उनके रंग के आधार पर अलग किया जा सकता है: नर की पीठ पर भूरे-लाल रंग के पंख और गर्दन पर एक काली पट्टी होती हैं जबकि मादा के पंख भूरे और धारीदार होते हैं.
#5. गौरैया आमतौर पर 38 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ती हैं. लेकिन खतरे की घड़ी में ये 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से भी उड़ सकती हैं.
#6. गौरैयों का खाद्य: गौरैया स्वाभाविक रूप से मांसाहारी होती हैं, लेकिन लंबे समय तक इंसानों के संपर्क में रहने के कारण अब यह सर्वाहारी की श्रेणी में आ गई है, क्योंकि गौरैया मांसाहारी और शाकाहारी दोनों तरह का खाद्य खाती हैं. गौरैया मुख्य रूप से छोटे कीट-पतंगे को खाती हैं, लेकिन वे बीज, जामुन और फल भी खा सकती हैं.
#7. दुनिया में सबसे ज्यादा गौरैया पूर्वी एशिया में पाई जाती है.
#8. गौरैयों के घोंसले के निर्माण की ज़िम्मेदारी नर गौरैयों की होती हैं और वे घोंसला बनाते समय मादा गौरैयों को आकर्षित करने की कोशिश करते हैं.
#9. एक मादा गौरैया औसतन हर साल 3 से 5 अंडे देती है. 12 से 15 दिनों के बाद अंडे से एक चूजा (गौरैया) का जन्म होता है. नर और मादा दोनों मिल के अंडों और उनके बच्चों की देखभाल करते हैं. गौरैया अपने जन्म के 15 दिन बाद ही अपना घोंसला छोड़ने में सक्षम होती है.
#10. बहुत कम गौरैया के अंडों में माता-पिता दोनों का DNA होता है, अधिकांश में केवल उनकी मां का ही DNA होता है.
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Amazing facts about sparrow in Hindi – 11 to 20
#11. अधिकांश गौरैया सुस्त होती हैं, वे शायद ही कभी अपने जन्मस्थान से 2 किलोमीटर (1.2 मील) से अधिक दूर उड़ती हैं.
#12. गौरैया की आंख के रेटिना में प्रति वर्ग मिलीमीटर 400,000 फोटोरिसेप्टर होते हैं.
#13. जब गौरैया उदास होती हैं, तो अपने तनाव को कम करने के लिए बार-बार अपनी पूंछ हिलाती हैं.
#14. आमतौर पर गौरैया जमीन पर सीधे चलने की बजाय कूद-कूद कर चलती हैं.
#15. भले ही इनकी गिनती पानी के पक्षियों में नहीं होती, लेकिन फिर भी इनमें तैरने की क्षमता होती है. एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए ये पानी के अंदर से तैरते हैं.
#16. गौरैया की कुछ प्रजातियां पहाड़ी इलाकों में करीब 3300 फीट की ऊंचाई पर रहती हैं और गौरैया करीब 10-12 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ सकती हैं. एक शोध के तौर पर वैज्ञानिकों ने एक प्रशिक्षित गौरैया को 20 हजार फीट की ऊंचाई तक ले जाकर छोड़ दिया था. हैरानी की बात यह है कि वह गौरैया 20 हजार फीट की ऊंचाई पर भी उड़ रही थी. लेकिन इतनी ऊंचाई पर उसकी सांस लेने की दर दोगुनी हो गई थी और उसके शरीर का तापमान 2 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया था. बाकी सब लगभग सामान्य था.
#17. गौरैया ज्यादातर समय जमीन पर ही रहती है, लेकिन यह पेड़ों और झाड़ियों में भी घूमती नजर आती है.
#18. जंगली गौरैया औसतन 4 से 5 साल तक जीवित रह सकती हैं. हालांकि, डेनमार्क में एक जंगली गौरैया 19 साल 9 महीने तक जीवित रही थी, जो की एक जंगली गौरैया के लिए विश्व रिकॉर्ड है. पिंजरे में रहने वाली गौरैया औसतन 12 से 14 साल तक जीवित रहती हैं. लेकिन, 23 साल तक जीवित रहने वाली एक गौरैया का भी रिकॉर्ड है.
#19. बिल्लियां, कुत्ते, सांप, लोमड़ी आदि जानवर ही ज्यादातर गौरैयों का शिकार करते हैं. इन्ही कुछ जानवरों से गौरैयों को हमेशा खतरा बना रहता है.
#20. गौरैयों की घटती आबादी का एक प्रमुख कारण मोबाइल टावरों से निकलने वाला विकिरण (radiation) है क्योंकि आमतौर पर 12 से 15 दिनों तक अंडे सेने के बाद गौरैया के बच्चे निकल आते हैं, लेकिन मोबाइल टावरों के पास ऊष्मायन के 30 दिनों के बाद भी अंडे से बच्चे नहीं निकलते हैं.
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Some more facts about the sparrow
#21. हर साल 20 मार्च को दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में ‘World Sparrow Day’ (विश्व गौरैया दिवस) मनाया जाता है, इस दिवस की शुरुआत 2010 में गौरैयों की घटती आबादी को चिंताजनक मानते हुए की गई थी.
#22. ‘गौरैया संरक्षण’ और ‘गौरैया बचाओ अभियान’ का समर्थन करते हुए घरेलू गौरैया को वर्ष 2012 में दिल्ली का राज्य पक्षी और 2013 में बिहार का राज्य पक्षी घोषित किया गया है.
#23. 1950 के दशक के उत्तरार्ध में चीनी सरकार ने लाखों गौरैयों को मारने के लिए एक अभियान चलाया था, क्योंकि गौरैया फसल खा जाया करती थी, लेकिन जैसे ही अभियान समाप्त हुआ, इसके विपरीत परिणाम देखने को मिले, क्योंकि लाखों गौरैयों को मारने के बाद, चीन में फसल खाने वाले कीड़ों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हो गई और इससे अकाल जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी.
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