सर्पदंश, यानि किसी सांप द्वारा त्वचा पर काटने से होने वाला घाव है, विशेष रूप से किसी जहरीले सांप द्वारा काटने पर यह जानलेवा साबित हो सकता है. विषैले सांप द्वारा काटे जाने पर विशिष्ट लक्षण दिखाई देते है जैसे त्वचा पर दो छेदन वाला घाव, काटे जाने वाली जगह के चारों ओर सूजन, दर्द, लालिमा, ऐंठन, मतली या रक्तस्राव के लक्षण देखे जा सकते हैं और यहां तक कि पक्षाघात भी हो सकता है. लेकिन केवल विषैले सांप ही हानिकारक नहीं होते है यहां तक कि बिना जहरवाले सांप से काटे जाने पर भी एलर्जी या संक्रमण जैसे गंभीर परिणाम हो सकते है.
सांप आमतौर पर मनुष्यों पर हमला नहीं करते और न ही वह मनुष्य वस्ति के आसपास निवास करते है. सांप तभी हमला करता है जब उसे किसी तरह का खतरा महसूस होता है और यह एक रक्षात्मक रूप से किया जाने वाला हमला होता है.
एक अनुमान के अनुसार, भारत में हर साल सांप द्वारा काटने की कम से कम 81,000 घटनाएं होती है, जिनमें से लगभग 11,000 लोगों की मौत हो जाती हैं. सांपो से होने वाली दुर्घटना के मामले में भारत एक भारी प्रभावित देश है.
सुरक्षा की दृष्टि से यह ज्ञान होना जरूरी है कि अगर आपको या किसी अन्य व्यक्ति को सांप ने काट लिया तो ऐसे परिस्थिति में आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए. दिए गए सुझावों को ध्यान में रखते हुए आप शायद आपकी और दूसरों की जान बचा सकते है.
अगर आपको सांप ने काट लिया तो आपको क्या करने की जरूरत है?
✔ तुरंत एम्बुलेंस को फोन करें. किसी भी प्रकार के सांप के काटने पर आपको उसे एक आपात स्थिति के रूप में ही मानना चाहिए और जितनी जल्दी हो सके आपातकालीन चिकित्सा देखभाल प्राप्त करानी चाहिए, भले ही आपको लगे कि सांप विषैला था या नहीं. यहां आपका तर्क कोई मायने नहीं रखता क्योंकि जान का जोखिम नहीं लिया जा सकता. कई सारे सांप रंग और स्वरूप से एक समान दिखते हैं.
आपको जितना संभव हो सके उतना स्थिर और शांत रहने की आवश्यकता होती है, इसलिए फोन करने के लिए भागदौड़ न करे, अपने मोबाइल फोन का उपयोग करें या किसी अन्य व्यक्ति से मदद के लिए फोन की याचना करे.
✔ घबराएं नहीं और कोई हलचल न करें. आपको किसी जहरीले सांप ने काटने के बाद भी मन और शरीर को शांत और स्थिर रखना आपके शरीर में विष के प्रसार को धीमा करने में मदद कर सकता है, जिससे आपकी जान बच सकती है. यह केवल एक मिथक है कि सांप के काटने के बाद जहर सीधे आपके रक्त प्रवाह में आ जाता है, इसके बजाय, यह सबसे पहले आपके लसीका प्रणाली के माध्यम में चला जाता है. लसीका आपके शरीर में एक तरल पदार्थ होता है जिसमें सफेद रक्त कोशिकाएं (white blood cells) होती हैं. जिस तरह पुरे शरीर में लगातार रक्तसंचार होता है उसी तरह शरीर के अंगों के हलचल से लसीका का संचार होता है. यदि आप शांत और स्थिर बने रहते है तो लसीका के माध्यम से विष को शरीर में फैलने से रोक सकते हैं.
✔ संभव हो तो मोबाईल द्वारा सुरक्षित दूरी से सांप की तस्वीर लें. सांप की पहचान सर्पदंश के उपचार में मदद कर सकती है.
✔ हो सके तो सांप की पहचान करें या निरीक्षण करें जिससे हॉस्पिटल कर्मचारियों को सांप के वर्णन से इलाज के लिए कुछ मदद मिल सके.
✔ सांप के काटने वाले घटनास्थल से दूर होकर व्यक्ति को ऐसे अवस्था में लेटा दे जिसमें घाव दिल के निचले हिस्से में रहे.
✔ घाव को ढीले और संक्रमण रहित कपड़े से ढंक दे.
✔ शरीर पर से गहने और आभूषण या तंग कपड़े उतार दे.
✔ यदि पैर पर काटा गया हो तो जूते और मोजे निकालें दे.
सांप के काटने पर क्या नहीं करना चाहिए.
❌ काटे हुए जगह को न तो चीरा दे न ही धोये और नाही चूसकर विष निकालने का प्रयास करें. सांप द्वारा काटे जाने पर इलाज के कई पुराने पारंपरिक तरीके हैं जो की इलाज से ज्यादा नुकसान का कारण बन सकते हैं. सांप के काटने की जगह को धोने से अस्पताल के कर्मचारियों को सांप के विष और सांप के प्रकार की पहचान करने में कठिनाई हो सकती है. काटे हुए स्थान पर चीरा देने का प्रयास न करे, क्योंकि चीरा देते समय यदि किसी तरह की लापरवाही हो जाती है तो शरीर से काफी मात्रा में खून बहने लगेगा जो की जानलेवा हो सकता है.
❌ सांप को पकड़ने की कोशिश नहीं करें और नाही सांप को फांसने में समय बर्बाद करें.
❌ काटे जाने पर सांप जहरीला था या नहीं इसके लक्षणों के प्रकट होने का इंतजार न करें, तत्काल चिकित्सा की तलाश करें.
❌ बर्फ न लगाएं या घाव को पानी में न डुबोएं.
❌ दर्द निवारक के रूप में शराब का सेवन न करे.
❌ दर्द निवारक (एस्पिरिन, इबुप्रोफेन, नेप्रोक्सन, आदि) न लें.
सांपो से जुड़े भ्रम और अंधविश्वास (Confusion and superstition related to snakes)
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