Rashtriya Swayamsevak Sangh in Hindi – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज शतकपूर्ति के कगार पर है, 2025 में इस संस्था को गौरवशाली 100 वर्ष पूरे होंगे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को संक्षिप्त में आरएसएस (RSS) के रूप में जाना जाता है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार (Dr. Keshav Baliram Hedgewar) ने 27 सितंबर 1925 को दशहरा (विजयादशमी) के शुभ दिन पर की थी.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मुख्यालय नागपुर, महाराष्ट्र में स्थित है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख को ‘सरसंघचालक’ (Sarsanghchalak) कहा जाता है. RSS के विद्यमान सरसंघचालक श्री मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) हैं.
संघ को राष्ट्रीय स्वयंसेवी संगठन (National Volunteer Organization) और राष्ट्रीय सेवा संघ (Rashtriya Seva Sangh) के नामों से भी जाना जाता है.
विश्व का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन – Largest voluntary organization in the world.
RSS की स्थापना के समय, केवल 5 लोग (संघी) पहली शाखा में शामिल हुए थे, लेकिन वर्तमान में पूरे देश में RSS की 39,454 शाखाएं कार्यरत हैं और यह अनुमान लगाया जाता है कि प्रत्येक शाखा में लगभग 100 सदस्य हैं जिन्हें स्वयंसेवक (Volunteers) कहा जाता है.
आज RSS दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन है.
शाखा की सामान्य गतिविधियों में खेलकूद, योग-व्यायाम, वंदना और भारत और दुनिया के सांस्कृतिक पहलुओं पर बौद्धिक चर्चा-परिचर्चा शामिल है.
RSS की कार्यशाला एक शाखा के रूप में आयोजित की जाती है.
- प्रातःकालीन शाखा को ‘प्रभात शाखा’ कहते हैं.
- संध्या शाखा को ‘सायं शाखा’ कहते हैं.
- रात्रि को लगने वाली शाखा को ‘रात्रि शाखा’ कहा जाता है.
- वह शाखा जो सप्ताह में एक या दो बार लगती है, ‘मिलन शाखा’ कहलाती है.
- महीने में एक या दो बार लगने वाली शाखा को ‘संघ मण्डली’ कहते हैं.
RSS की शाखाओं में, शाखा के अंत में एक प्रार्थना गाई जाती है, “नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे…” यह संघ की स्थापना के 15 साल बाद गाया जाने लगा. पहले एक श्लोक मराठी में और एक श्लोक हिंदी में गाया जाता था.
महात्मा गांधी हत्याकांड और RSS – Mahatma Gandhi assassination and RSS
महात्मा गांधी की नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) नाम के व्यक्ति ने 30 जनवरी 1948 को दिल्ली के बिड़ला भवन में शाम 5:10 बजे गोली मारकर हत्या कर दी थी.
गांधी जी की हत्या के बाद राष्ट्रीय स्तर पर RSS का नाम उछाला गया और इसकी कड़ी आलोचना भी की गई.
नाथूराम गोडसे को RSS का सक्रिय सदस्य बताते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर कई गंभीर आरोप भी लगाए गए, जबकि गोडसे ने 1930 में ही RSS छोड़ दिया था.
गांधी हत्या की घटना के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर RSS के नाम का उल्लेख होने लगा और इस घटना के कारण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का नाम पूरी दुनिया में चर्चा में आया.
RSS पर प्रतिबंध लगा दिया गया – RSS was banned
गांधी हत्या के समय देश के गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) ने कानून एवं व्यवस्था को देखते हुए RSS पर प्रतिबंध लगा दिया था.
भारत के तत्कालीन प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू (Pandit Jawaharlal Nehru) चाहते थे कि RSS को हमेशा के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाए, लेकिन सबूतों के अभाव में सरदार पटेल ने ऐसा करने से इनकार कर दिया और जुलाई 1949 में RSS से प्रतिबंध हटा लिया गया.
इस घटना के अलावा, RSS पर देश में राजनीतिक आपातकाल के दौरान दूसरी बार 1975 में और तीसरी बार 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस में उसकी भूमिका के लिए प्रतिबंधित किया गया था.
RSS संगठन में महिलाएं शामिल नहीं हैं – Women are not included in RSS organization
महिलाओं को RSS संगठन में शामिल नहीं किया जाता है क्योंकि महिलाओं को इसकी अनुमति नहीं है.
क्योंकि RSS की शाखाएं सुबह छह बजे ही शुरू हो जाती हैं और RSS के सदस्यों को बहुत कठिन मर्दाना अभ्यास करना पड़ता है, इसलिए RSS संगठन में महिलाओं को शामिल नहीं किया जाता है.
भारतीय महिलाएं परिवार की केंद्रबिंदु होती हैं, इसलिए महिलाओं के लिए सुबह जल्दी उठना और शाखा में जाकर वहां कठिन व्यायाम करना सहज नहीं होता है.
‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ और ‘राष्ट्र सेविका समिति’ – ‘Rashtriya Swayamsevak Sangh’ and ‘Rashtra Sevika Samiti’
‘राष्ट्र सेविका समिति’ एक हिंदू राष्ट्रवादी महिला संगठन है जो ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ के समानांतर है और राष्ट्रीय हित में काम कर रही है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और राष्ट्र सेविका समिति दोनों अलग-अलग संस्था हैं लेकिन अक्सर बहुत से लोगों को यह गलतफहमी हो जाती है कि सेविका समिति भी RSS का ही हिस्सा है लेकिन ऐसा नहीं है.
‘राष्ट्र सेविका समिति’ का भी यही दावा है कि यह अपनी विचारधारा को RSS के साथ साझा करते हुए RSS से स्वतंत्र है.
RSS और सामाजिक समरसता – RSS and social harmony
RSS राष्ट्रहित, राष्ट्र की सेवा और राष्ट्र की प्रगति के लिए काम करता रहा है, लेकिन उस पर शुरू से ही आरोप भी लगते रहे हैं.
1962 के भारत-चीन युद्ध में RSS ने सरकार का पूरा समर्थन किया था. इससे समाधानी होकर नेहरू ने 1963 के गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने के लिए RSS को आमंत्रित भी किया था.
RSS देश-विदेश में बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओं आदि में अपना पूरा सहयोग देता रहा है.
कोरोना महामारी (Corona pandemic) में भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपना पूरा योगदान दिया है और स्वयंसेवकों ने अपनी जान जोखिम में डालकर पूरी तत्परता से लोगों के लिए उपयोगी कार्य किये है.
RSS कितने देशों में कार्यरत है? In how many countries is the RSS working?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ न केवल भारत में सक्रिय है बल्कि वर्तमान में यह दुनिया के 156 देशों में सक्रिय है और इसकी 3,289 शाखाएं हैं. विदेश में संघ की पहली शाखा 1940 में केन्या के मोम्बासा में स्थापित की गई थी.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बारे में गौरवपूर्ण तथ्य – Proud facts about Rashtriya Swayamsevak Sangh
#1. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, एक भारतीय हिंदू राष्ट्रवादी संगठन है जिसे व्यापक रूप से भारतीय जनता पार्टी का मूल संगठन भी माना जाता है.
#2. सरसंघचालक मोहन भागवत भारत के उन चुनिंदा लोगों में से एक हैं जिन्हें Z+ सुरक्षा दी गई है.
#3. RSS के सदस्य चाहे किसी भी बड़े पद पर हों, लेकिन वे अपना ज्यादातर काम खुद ही करते हैं जैसे: कपड़े धोना, खाना बनाना आदि. और वे अपने वरिष्ठ अधिकारी के बहुत आज्ञाकारी भी होते हैं.
#4. संघ के लिए काम करते हुए RSS के ‘प्रचारक’ को अविवाहित रहना पड़ता है. और अन्य होते है संघ के ‘विस्तारक’, जो गृहस्थ जीवन में रहकर ही किशोरों को संघ से जोड़ने का काम करते हैं.
#5. संघ का प्रचारक बनने के लिए किसी भी स्वयंसेवक को 3 साल के लिए OTC यानी Officer Training Camp में शामिल होना होता है. और शाखा प्रमुख बनने के लिए 7 से 15 दिनों तक ITC यानी Instructor Training Camp में शिरकत करनी होती है.
#6. ऐसा नहीं है कि RSS में सिर्फ हिंदू हैं, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि RSS में मुसलमान भी शामिल हैं. 2002 से, RSS ‘मुस्लिम राष्ट्रीय मंच’ नाम से एक विंग चलाता है जिसमें लगभग 10,000 मुस्लिम सदस्य शामिल हैं.
#7. अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और नरेंद्र मोदी जैसे दिग्गज भाजपा नेता संघ के प्रचारक रहे हैं.
#8. भगवा रंग (Saffron colour) का RSS का अपना अलग आधिकारिक झंडा है. यह झंडा RSS की सभी शाखाओं में फहराया जाता है. RSS किसी व्यक्ति को नहीं बल्कि भगवा ध्वज को अपना गुरु मानता है.
#9. RSS की पोशाक में एक काली टोपी, सफेद शर्ट, कपड़े की बेल्ट, खाकी शॉर्ट्स और चमड़े के जूते होते हैं. अब खाकी शॉर्ट्स की जगह फुल पैंट ने ले लिया है.
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