26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) पर निबंध – Essay on 26 January (Republic Day)

26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) पर निबंध - Essay on 26 January (Republic Day)

26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर निबंध | Republic Day Essay in Hindi – “गणतंत्र दिवस” के अवसर पर हम संक्षेप में निबंध (Republic day essay) प्रस्तुत कर रहे हैं जिसका उपयोग आप स्कूल, कॉलेज, कार्यालय या गणतंत्र दिवस पर आधारित किसी अन्य समारोह में निबंध के रूप में कर सकते हैं.

“गणतंत्र दिवस” पर निबंध छात्रों के लिए हिंदी में – Essay on “Republic Day” in Hindi for students

साल 1950 से हर साल 26 जनवरी को भारत में “गणतंत्र दिवस” के रूप में मनाया जाता है. 1950 में आज ही के दिन “भारतीय संविधान” अस्तित्व में आया था.

हमारे संविधान (Constitution) ने भारत के प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार देकर बड़े-छोटे, अमीर-गरीब, गोरे-काले, जाति-धर्म, लिंग के भेदभाव को समाप्त कर दिया है. 

आमतौर पर गणतंत्र दिवस (Republic day) पर, पुरे भारत में तिरंगा झंडा फहराने, परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ एकता का एक विशाल उत्सव देखा जाता है.

वर्ष 1930 से, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के क्रांतिकारी भारत से ब्रिटिश शासन को समाप्त करने के अंतिम उद्देश्य के साथ भारत को एक संविधान वाला देश बनाना चाहते थे.

लंबे समय तक गुलामी से आजादी मिलने के बाद 28 अगस्त 1947 की बैठक में एक मसौदा समिति को भारत के स्थायी संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए कहा गया था. 

समिति द्वारा एक संशोधित मसौदा संविधान तैयार किया गया और 4 नवंबर 1947 को विधानसभा को प्रस्तुत किया गया. लगभग एक साल बाद मसौदा समिति के अध्यक्ष डॉ बी.आर.अम्बेडकर ने 25 नवंबर 1949 को राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को भारतीय संविधान (Indian Constitution) का अंतिम मसौदा पेश किया.

इसे पूरी तरह से तैयार होने में लगभग तीन साल लग गए और आखिरकार 26 जनवरी 1950 को इसके लागू होने के साथ ही भारत देश एक सार्वभौम, धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी, लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया.

भारत का संविधान (The constitution of India) भारत के लोकतांत्रिक गणराज्य की घोषणा के साथ लागू हुआ और इस प्रकार भारत ने अपना पहला गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को मनाया था.

उस दिन, भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने एक जीप में मैदान का चक्कर लगाया, और वहां जमा हुए 3,000 सशस्त्र बलों को सलामी दी, जिसके बाद उन्होंने पहली बार, हमारा राष्ट्रीय ध्वज “तिरंगा” फहराया.

आज “गणतंत्र दिवस” वास्तव में एक राष्ट्रीय पर्व बन गया है जो भारत के सभी राज्यों में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. 

भारत के प्रधानमंत्री दिल्ली में लाल किले पर तिरंगा फहराते हैं, उसके बाद “गणतंत्र दिवस परेड” होती है जो दिन का मुख्य आकर्षण होता है. राजपथ पर होने वाली परेड में बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं.

देश के सभी राज्यों के सभी सरकारी, अर्ध-सरकारी, निगम और प्रशासनिक कार्यालयों में ध्वजारोहण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.

इस अवसर पर स्कूलों और कॉलेजों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, प्रभातफेरियां निकाली जाती हैं, तिरंगा फहराया जाता है, राष्ट्रगान गाया जाता है, गणतंत्र दिवस पर भाषण, देशभक्ति गीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेलकूद और प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं और विजेताओं को पुरस्कृत किया जाता है.

गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार वितरण समारोह भी आयोजित किया जाता है, जहां पुलिस अधिकारियों, रक्षा कर्मियों और बच्चों को उनकी वीरता और बहादुरी के लिए “अशोक चक्र”, “कीर्ति चक्र” और “शौर्य चक्र” जैसे महत्वपूर्ण पदकों से सम्मानित किया जाता है.

साथियों, हमें जो आजादी मिली है, उसे पाने के लिए कई क्रान्तिकारियों ने अनगिनत यातनाओं को सहकर अपने प्राणों की आहुति भी दी थी. एक समय था जब भारत अंग्रेजों की गुलामी में बंधा हुआ था और भारत के सभी नागरिकों के मौलिक अधिकारों पर तरह-तरह के अंकुश लगा दिए गए थे. 

हमारे साहसी और वीर स्वतंत्रता सेनानियों के अथक प्रयासों से आज भारत एक स्वतंत्र देश है. इसलिए यह हमारा नैतिक दायित्व है कि हम स्वतंत्रता को नष्ट न करें और उसका हमेशा सम्मान करें.

साथ ही भारत के विकास में अपना सहयोग दें और अपनी जिम्मेदारियों के प्रति निष्ठा बनाए रखें और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहते हुए भारत को एक विकसित देश बनाएं.

धन्यवाद, जय हिंद, जय भारत!!!

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