Information and interesting facts about Research and Analysis Wing (R&AW) in Hindi – किसी भी देश की खुफिया एजेंसी अपने देश और उसके नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए तैयार रहती है और जब हम दुनिया भर की प्रसिद्ध खुफिया एजेंसियों की बात करते हैं, तो हमारे दिमाग में सबसे पहले Research and Analysis Wing का नाम सबसे पहले आता है जिसे हम आमतौर पर RAW के नाम से भी जानते हैं.
भारत की खुफिया एजेंसी RAW की स्थापना 1968 में चीन और पाकिस्तान से युद्ध के बाद हुई थी और तब से RAW ने न केवल भारत में आतंकवाद को पनपने से रोक दिया है बल्कि पाकिस्तान जैसे कई देशों की घातक योजनाओं को भी विफल कर दिया है.
RAW जासूसी करने में इतना सक्षम है कि दुश्मन देश में किसी भी मिशन को बिना किसी कार्रवाई के अंजाम दे सकता है.
दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम भारत की इस खुफिया एजेंसी RAW के बारे में हैरान कर देने वाली जानकारी देने जा रहे हैं, जिसके बारे में शायद ही आप जानते होंगे. Information about this intelligence agency RAW.
भारतीय खुफिया एजेंसी (रॉ) के बारे में रोचक तथ्य हिंदी में – Amazing Facts About Indian Intelligence Agency (R&AW) In Hindi
#1. इंदिरा गांधी सरकार द्वारा सुरक्षा की आवश्यकता को महसूस करते हुए, 1962 के भारत-चीन युद्ध और 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद RAW का गठन किया गया था.
#2. RAW के प्रमुखों को प्रधान मंत्री का वास्तविक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (National Security Advisor) माना जाता है और RAW सीधे प्रधान मंत्री को रिपोर्ट करता है.
#3. RAW का सिद्धांत “धर्मो रक्षति रक्षितः” है, जिसका अर्थ है कि जो धर्म की रक्षा करता है वह हमेशा सुरक्षित रहता है.
#4. RAW की कानूनी स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं है. आखिर क्यों RAW एक एजेंसी नहीं बल्कि एक विंग क्यों है?
#5. आप RAW पर RTI नहीं डाल सकते क्योंकि इसे सुरक्षा के लिए सूचना के अधिकार अधिनियम (Right to Information Act) से बाहर रखा गया है.
भारतीय खुफिया एजेंसी (रॉ) के बारे में रोचक तथ्य हिंदी में – Facts About Indian Intelligence Agency (R&AW) In Hindi
#6. RAW में भर्ती होने का सबसे आसान तरीका है UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) पास करना और सीधे IPS या IFS के पद पर नियुक्त होना. अगर आपने वह प्रतिभा है तो RAW की नजर आप पर बनी रहेगी.
#7. जब तक यह ख़ुफ़िया एजेंसी ख़ुद आप तक नहीं पहुंचती, तब तक आप खुद RAW में भर्ती नहीं हो सकते.
#8. RAW में भर्ती होने के लिए आपकी नागरिकता भारतीय (Indian) होनी चाहिए, इसके अलावा किसी भी दबाव की स्थिति में आत्मविश्वास से काम करने वाला व्यक्ति ही रॉ एजेंट बन सकता है.
#9. ऐसे उम्मीदवार जो रक्षा बलों से चुने गए हैं, उन्हें RAW में शामिल होने से पहले अपने मूल विभाग से इस्तीफा देना आवश्यक है.
#10. RAW में काम करने के लिए देश के प्रति निष्ठां और वफादारी सबसे ज्यादा जरूरी है क्योंकि रॉ एजेंट्स भारत देश के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं.
भारतीय खुफिया एजेंसी (रॉ) के बारे में रोचक तथ्य हिंदी में – Indian Intelligence Agency (R&AW) Facts In Hindi
#11. रॉ एजेंटों को अमेरिका, यूके और इज़राइल में प्रशिक्षित किया जाता है ताकि वे खतरनाक से खतरनाक परिस्थितियों में कोई भी काम कर सकें.
#12. यदि आपने इस एजेंसी के बारे में समाचारों में या कहीं और ज़्यादा कुछ नहीं सुना है, तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वे वास्तव में कितना गुप्त हैं.
#13. रॉ एजेंट का राज कोई नहीं जान सकता, यहां तक कि उसके पति या पत्नी को भी नहीं पता होता है कि उसका जोड़ीदार रॉ एजेंट है और रॉ एजेंट का राज उसकी मौत के साथ ही दफन हो जाता है.
#14. निस्संदेह भारत की यह खुफिया एजेंसी बिना किसी कार्रवाई की भनक लगे ही दुश्मन देश में कोई भी कारनामा कर सकती है.
#15. RAW विदेशी मामलों, अपराधियों और आतंकवादियों के बारे में पूरी जानकारी रखता है और यह अपने देश की सुरक्षा के लिए किसी को भी निशाना बना सकता है.
भारतीय खुफिया एजेंसी (रॉ) के बारे में रोचक जानकारी हिंदी में – Indian Intelligence Agency (R&AW) Ke Bare Mein Jankari
#16. एजेंट मिशन पूरा होने के बाद रॉ एजेंसी छोड़ सकते हैं, बशर्ते उन्हें यह रहस्य रखना होगा कि वे जीवन भर रॉ एजेंट थे.
#17. दूसरे देश में जाना और उस देश का नागरिक बनना और खुफिया जानकारी हासिल करना अपने आप में बहुत जोखिम भरा होता है और कई बार खतरनाक मिशन पर जाने पर उनके परिवार वालों को भी पता नहीं होता कि वह कई सालों से कहां है.
#18. अगर कोई एजेंट किसी देश में जासूसी करते हुए पकड़ा जाता है तो उसके देश की सरकार उसकी मदद नहीं करती और इस तरह देश के लिए कुर्बानी देने वालों को मरने के बाद अपने ही देश की मिट्टी भी नसीब नहीं होती. भारत ही नहीं दुनिया के किसी भी देश के जासूस दुश्मन देश में फंस गए तो यही हश्र होता है, यही कड़वी सच्चाई है. ऐसा ही कुछ हुआ भारत के रवींद्र कौशिक के साथ.
#19. ऐसा माना जाता है कि अगर आप खेल और अभिनय में अच्छे हैं, तो आपकी संभावनाएं और भी बढ़ जाएंगी.
#20. मिशन पूरा होने के बाद, अधिकारी को अपने मूल विभाग में फिर से शामिल होने की अनुमति दी जाती है. यदि आपके पास इतनी बहादुरी नहीं बची है, तो आप निश्चित रूप से वापस जा सकते हैं.
#21. सिक्किम को भारत में शामिल करने का श्रेय भी काफी हद तक RAW को ही जाता है. RAW ने वहां के नागरिकों को भारत समर्थक बनाने में अहम भूमिका निभाई थी.
#22. चीनी, अफगानी या किसी अन्य भाषा का ज्ञान आपके अवसरों को और बढ़ा देता है.
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