राष्ट्रपति भवन: इतिहास और जानकारी हिंदी में – Rashtrapati Bhavan in Hindi

राष्ट्रपति भवन से जुड़े रोचक तथ्य - Facts About Rashtrapati Bhavan of India in Hindi

Rashtrapati Bhavan in Hindi – राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में राजपथ के पश्चिमी छोर पर स्थित भारत के राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास है (Official residence of the President of India) और भारत के सबसे प्रतिष्ठित स्मारकों में से एक है.

राष्ट्रपति भवन की चार मंजिला इमारत में 340 कमरे हैं और यह दुनिया के किसी भी राष्ट्राध्यक्ष के निवास से बड़ा है. यह अद्भुत और विशाल इमारत “रायसीना पहाड़ी (Raisina Hill)” पर स्थित है.

राष्ट्रपति भवन वास्तुकला की उत्कृष्ट कृति होने के साथ-साथ दुनिया की सबसे बड़ी इमारतों में से एक है.

लेकिन ब्रिटिश साम्राज्य का प्रतीक बनने से लेकर भारत के राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास बनने तक यह इमारत कई ऐसी कहानियां बयां करती है, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं.

राष्ट्रपति भवन का इतिहास – Rashtrapati Bhavan History in Hindi

इस इमारत को बनाने का विचार पहली बार 1911 में उठा जब दिल्ली दरबार ने फैसला किया कि भारत की राजधानी को कोलकाता से दिल्ली स्थानांतरित किया जाएगा.

वर्ष 1911 में जब ब्रिटिश सरकार ने कोलकाता की बजाय दिल्ली को राजधानी बनाने का फैसला किया तो वे एक ऐसी इमारत बनाना चाहते थे, जहां से वे पूरे देश पर राज कर सकें.

साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि नई दिल्ली में ब्रिटिश वायसराय (British Viceroy) के निवास के लिए एक आलीशान भवन का निर्माण भी किया जाएगा.

ऐसे में ब्रिटिश सरकार ने एक शानदार महल बनाने का फैसला किया और साल 1912 में रायसीना हिल्स पर इस इमारत को बनाने का फैसला किया गया.

राष्ट्रपति भवन परिसर 330 एकड़ भूमि में फैला हुआ है. ब्रिटिश वास्तुकार सर एडविन लैंडसीर लुटियंस (Sir Edwin Landseer Lutyens) द्वारा राष्ट्रपति भवन की इमारत का डिजाइन बनाया गया था.

राष्ट्रपति भवन 17 साल की अवधि में बनकर तैयार हुआ था. 2 लाख वर्ग फुट में बनी इस इमारत के निर्माण में 29,000 से अधिक श्रमिक शामिल थे, जिसमें 70 करोड़ ईंटों और 30 लाख घन फुट पत्थर का इस्तेमाल किया गया था.

इमारत में 340 कमरे, 74 बरामदे, 37 सभागार, लगभग एक किलोमीटर का गलियारा, 18 सीढ़ियां और 37 फव्वारे हैं.

इस भवन के निर्माण की सबसे खास बात यह है कि इसके निर्माण में लोहे का प्रयोग नगण्य है.

राष्ट्रपति भवन में बने चक्र, छज्जे, छत्रियां और जालियां भारतीय पुरातत्व प्रणाली का अनुसरण करते हैं. इमारत के खंभों पर उकेरी हुई घंटियां हिंदू, जैन और बौद्ध मंदिरों की घंटियों की नकल हैं.

इस इमारत के खंभों के निर्माण की प्रेरणा कर्नाटक के मूडबिद्री स्थित जैन मंदिर से मानी जाती है.

इसके गुंबद के बारे में लुटियंस का मानना है कि यह गुंबद रोम के सर्वदेव मंदिर (Pantheon of Rome) से प्रेरित है. लेकिन विश्लेषकों का मत है कि गुंबद की संरचना मूल रूप से मौर्य काल के दौरान मध्य प्रदेश के सांची में बने सांची स्तूप (Sanchi Stupa) की तर्ज पर बनाई गई है.

1950 तक राष्ट्रपति भवन को “वायसराय हाउस (Viceroy’s House)” कहा जाता था. तब यह भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल का निवास हुआ करता था.

26 जनवरी 1950 को, यह भवन भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद (Dr. Rajendra Prasad) का आधिकारिक निवास बना, तब से यह भारत के राष्ट्रपति का निवास स्थान रहा है.

राष्ट्रपति भवन के बारे में रोचक तथ्य – Interesting facts about Rashtrapati Bhavan

#1. वर्तमान में राष्ट्रपति भवन में 750 कर्मचारी कार्यरत हैं. इनमें से 245 कर्मचारी राष्ट्रपति सचिवालय में कार्यरत हैं. यहां 50 रसोइयों की भी नियुक्ति की गई है.

#2. राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डन (Mughal Garden) में 100 से अधिक प्रकार के फूल उगाए गए हैं, जिन्हें उद्यानोत्सव के दौरान प्रदर्शित किया जाता है.

#3. राष्ट्रपति भवन में एक उपहार कक्ष (Gift hall) है जिसमें राष्ट्रपति को मिलने वाले सभी उपहार रखे जाते हैं. इसमें किंग जॉर्ज पंचम (King George V) और उनकी रानी द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली दो चांदी की कुर्सियां भी हैं.

#4. राष्ट्रपति भवन के दावत कक्ष (Banquet hall) में एक बार में 104 मेहमानों के बैठने की क्षमता है और इसके अलावा संगीतकारों के लिए एक गुप्त गैलरी भी है.

#5. राष्ट्रपति भवन में बच्चों के लिए दो विशेष गैलरियों की भी व्यवस्था की गई है. पहली गैलरी में बच्चों द्वारा किए गए सभी विशेष कार्य संग्रहीत हैं और दूसरी गैलरी में वह सब कुछ है जो बच्चों के लिए रुचिकर होगा. इसलिए इन गैलरियों को “बच्चों द्वारा (By the Children)” और “बच्चों के लिए (For the Children)” कहा जाता है.

#6. प्रत्येक शनिवार को सुबह 10 बजे राष्ट्रपति भवन में “गार्ड ऑफ चेंज (Guard of Change)” नामक 30 मिनट का समारोह आयोजित किया जाता है. यह एक प्राचीन सैन्य परंपरा है.

#7. राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में गौतम बुद्ध की एक मूर्ति है, जो चौथी शताब्दी की है. जिस स्तर पर इसे रखा गया है वह इंडिया गेट की ऊंचाई के बराबर है.

#8. यहां का मार्बल हॉल एक संग्रहालय के रूप में कार्य करता है और इसमें भारत के सभी पिछले राष्ट्रपतियों के चित्र और मोम की मूर्तियां हैं. इसमें आजादी से पहले भारत के ब्रिटिश वायसराय की मूर्तियां भी हैं.

#9. राष्ट्रपति भवन में अब तक देश के दो राष्ट्रपतियों का निधन हो चुका है. भारत के तीसरे राष्ट्रपति जाकिर हुसैन (Zakir Hussain) 3 मई 1969 को कार्यालय में अचानक बीमार पड़ गए और उनकी मृत्यु हो गई. वहीं, फखरुद्दीन अली अहमद (Fakhruddin Ali Ahmed) का 11 फरवरी 1977 को निधन हो गया, जब वह राष्ट्रपति भवन में अपने कार्यालय में नमाज की तैयारी में व्यस्त थे.

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