प्रदूषण पर निबंध – Pollution Essay in Hindi

प्रदूषण पर निबंध - Pollution Essay in Hindi

Short And Long Essays On Pollution In Hindi / Pradushan Par Nibandh Hindi Mein – प्रदूषण एक ऐसा शब्द है जिससे आज के बच्चे भी वाकिफ हैं और लगभग हर कोई इसकी गंभीरता को स्वीकार करता है. प्रदूषण शब्द सुनते ही हमारे मन में तरह-तरह के सवाल चलने लगते हैं.

प्रदूषण किसे कहते हैं? प्रदूषण का अर्थ क्या है? प्रदूषण कितने प्रकार के होते हैं? प्रदूषण क्यों होता है? प्रदूषण क्यों फेलता है? प्रदूषण से जुड़ी ऐसी ही तमाम जानकारियां आपको इस निबंध के जरिए मिल जाएंगी.

इस लेख का उद्देश्य केवल निबंध लेखन ही नहीं बल्कि पर्यावरण प्रदूषण के प्रति स्वयं को और दूसरों को जागरूक करना भी है. तो दोस्तों इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझें.

आइए सबसे पहले जानते हैं कि प्रदूषण किसे कहते हैं? What is pollution in Hindi?

वे अवांछित और हानिकारक पदार्थ जो किसी भी प्रकार के पर्यावरण संतुलन के प्रतिकूल होते हैं और इसकी खराब स्थिति के लिए जिम्मेदार होते हैं, वह प्रदूषक तत्व (Pollutant elements) कहलाते हैं और उनसे होने वाली प्रतिकूल परिस्थितियों को प्रदूषण (Pollution) कहा जाता है.

प्रदूषण पर निबंध – Short And Long Essays On Pollution In Hindi / Pradushan Par Nibandh Hindi Mein

प्रदूषण का संबंध प्रकृति से जुड़े किसी एक घटक के हानि या नुकसान से नहीं है, बल्कि उन सभी प्राकृतिक संसाधनों को खराब या बर्बाद करना है जो प्रकृति ने हमें बड़ी खूबसूरती से दिए हैं. प्रकृति का यह नियम है कि हम प्रकृति के साथ जैसा व्यवहार करेंगे, बदले में प्रकृति से हमें वैसा ही मिलेगा.

दुनिया भर में आधुनिकीकरण से कुछ दशक पहले तक हर तरफ हरियाली ही हरियाली पाई जाती थी, खेत-खलिहान, बाग-बगीचे आदि हरे-भरे होते थे, सभी जलाशयों का पानी साफ और शुद्ध दिखता था और हवा में प्राणवायु (Oxygen) का स्तर भी अधिक मात्रा में होता था, लेकिन अब ऐसा नजारा कहीं नजर नहीं आता.

आज के समय में प्रकृति को जो सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है वह है प्रदूषण और इसका कारण है मानव व्यवहार. प्रदूषण का सीधा सा अर्थ है हवा, पानी और मिट्टी का दूषित होना.

इन प्राकृतिक संसाधनों के दूषित होने के कारण न तो हम ताजी हवा में सांस ले पा रहे हैं, न हमें स्वच्छ पानी मिल रहा है, न हम शुद्ध भोजन कर पा रहे हैं, न ही शांतिपूर्ण वातावरण में रह पा रहे हैं, जब की यह मानव जाति सहित विश्व के सभी जीवों का अधिकार है.

हरियाली, हरे-भरे बगीचे, पक्षियों की चहचहाहट, नदियों का स्वच्छ और नीला पानी, शुद्ध हवा और साफ आसमान, मानो आने वाले समय में यह सिर्फ एक सपना न रह जाएगा.

प्रदूषण का अर्थ क्या है? Pollution meaning in Hindi

जब हानिकारक तत्व पर्यावरण के प्राकृतिक घटकों जैसे हवा, पानी, मिट्टी आदि में मिलकर उन्हें इस हद तक दूषित कर देते हैं कि वे स्वास्थ्य और पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव डालने लगते हैं, तो इसे प्रदूषण कहा जाता है.

प्रदूषण प्राकृतिक वातावरण में दूषित पदार्थों यानि प्रदूषकों का जुड़ना है जो प्रतिकूल परिवर्तन का कारण बनता है. जब ये प्रदूषक हमारे प्राकृतिक संसाधनों में मिल जाते हैं तो जीवन और भौगोलिक संरचना पर अनेक नकारात्मक प्रभाव उत्पन्न होते हैं.

सृष्टि के इतिहास पर नजर डालें तो हम पाएंगे कि प्रदूषण मुख्य रूप से मानवीय गतिविधियों से फैला है और इसने हमारे पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित किया है. प्रदूषण से उत्पन्न प्रभावों के कारण मनुष्य के लिए छोटी-छोटी बीमारियों से लेकर मानव सहित अन्य जीवों के अस्तित्व पर भी संकट उत्पन्न हो जाता है.

मनुष्य ने सदियों से पर्यावरण को अंधाधुंध नुकसान पहुंचाया है जिससे पर्यावरण असंतुलित हो गया है. प्रदूषण का सबसे मुख्य कारण तो पर्यावरण का असंतुलन (Environmental imbalance) ही है.

प्रदूषण के प्रकार – Types of pollution in Hindi

पर्यावरण में विभिन्न प्रकार के प्रदूषण होते हैं, लेकिन मुख्य रूप से प्रदूषण चार प्रकार के होते हैं जो इस प्रकार हैं –

1) वायु प्रदूषण; 2) जल प्रदूषण; 3) ध्वनि प्रदूषण और 4) मृदा प्रदूषण.

आइए इन चार प्रकार के प्रदूषणों को विस्तार से जानने का प्रयास करते हैं.

1) वायु प्रदूषण (Air Pollution): 

घरों और कारखानों से निकलने वाला दूषित पानी नदियों, तालाबों में बह जाता है. 

प्रदूषित जल नदी, झील, महासागर, या अन्य जलाशयों को रसायनों या सूक्ष्मजीवों जैसे हानिकारक पदार्थों से दूषित करता है, जिससे पानी की गुणवत्ता कम हो जाती है और यह मनुष्यों या पर्यावरण के लिए विषाक्त हो जाता है.

पानी के साथ-साथ कल-कारखानों का कूड़ा-करकट भी नदियों में ही छोड़ा जाता है और यह एक प्रमुख कारण है कि रसायन, कूड़ा-कचरा, प्लास्टिक और अन्य प्रदूषकों से हमारी नदिया, जलाशय, झीलें और समुद्र लगातार प्रदूषित होते जा रहे हैं.

कृषि में उपयुक्त उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग से भूजल प्रदूषित होता है.

जल प्रदूषण की यह व्यापक समस्या न केवल हमारे स्वास्थ्य को खतरे में डाल रही है बल्कि जलाशयों में रहने वाले जीवों के अस्तित्व के लिए भी खतरा पैदा कर रही है.

दुनिया भर में, युद्ध और हिंसा के अन्य सभी रूपों की तुलना में प्रदूषित पानी से हर साल अधिक लोग मरते हैं. प्रदूषित जल से डायरिया, पीलिया, टाइफाइड, हैजा आदि खतरनाक बीमारियां होती हैं.

2) वायु प्रदूषण (Air Pollution):

वायु प्रदूषण मुख्य रूप से हवा में छोड़ी गई कुछ हानिकारक गैसों के कारण होता है जिनमें अक्सर कुछ खतरनाक ठोस या तरल कण और रसायन होते हैं. ये सभी गैसें वातावरण को भारी नुकसान पहुंचाती हैं, जिसका हमारे स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है.

कारखानों की चिमनियों और सड़कों पर चलने वाले वाहनों से निकलने वाले धुएं में कार्बन मोनोऑक्साइड, ज्वालामुखियों की राख और जंगल की आग और ग्रीन हाउस गैसें जैसे कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन, क्लोरो-फ्लोरो कार्बन आदि खतरनाक गैसें निकलती हैं.

इन हानिकारक गैसों, धूल और धुएं से हवा प्रदूषित होती है जो पौधों, जानवरों और मनुष्यों और प्राणियों को अत्यधिक प्रभावित करती है.

3) ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution)

ध्वनि प्रदूषण, अवांछित या अत्यधिक ध्वनि से उत्पन्न होता है जो मानव स्वास्थ्य, वन्य जीवन और पर्यावरण की गुणवत्ता पर हानिकारक प्रभाव डाल सकता है. इंसान की सुनने की क्षमता की एक सीमा होती है उससे कहीं ज्यादा आवाज की ध्वनियां उसे बहरा भी बना सकती हैं.

ध्वनि प्रदूषण के कुछ प्रमुख कारण वाहनों के हॉर्न, औद्योगिक मशीनें, लाउडस्पीकर, पटाखे आदि हैं. इसके अलावा कुछ अन्य उपकरण भी अधिक मात्रा में प्रयोग करने पर ध्वनि प्रदूषण फैलाते हैं, जैसे टेलीविजन, ट्रांजिस्टर, रेडियो आदि.

तेज आवाज के संपर्क में आने से उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, नींद में खलल, तनाव, पागलपन, चिड़चिड़ापन, बेचैनी, बहरापन आदि समस्याएं भी हो सकती हैं.

4) मृदा  प्रदूषण (Soil Pollution)

रसायनों और हानिकारक अपशिष्ट उत्पादों जैसे उर्वरकों, कीटनाशकों, औद्योगिक कचरे के अधिक उपयोग के कारण मिट्टी का दूषित होना मृदा प्रदूषण कहलाता है.

मृदा या भूमि प्रदूषण को जहरीले रासायनिक यौगिकों, पदार्थों या मिट्टी में रोग पैदा करने वाले घटको के लगातार निर्माण के रूप में भी परिभाषित किया जा सकता है, जो पौधों की वृद्धि और पशु स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है.

प्रदूषण वैश्विक समस्या का विषय बन गया है.

श्रृष्टि के अस्तित्व और विकास के लिए प्रदूषण को रोकना बहुत जरूरी है. पर्यावरण प्रदूषण आज एक वैश्विक समस्या है, अगर इसे समय पर नहीं रोका गया तो हमें पूर्ण विनाश से कोई नहीं बचा सकता.

प्रकृति के अपने नियम हैं, उन्हीं नियमों के अनुसार सृष्टि के सभी प्राणी अपना जीवन चक्र व्यतीत करते हैं, लेकिन हम मनुष्यों ने अपने स्वार्थ के लिए इससे काफी छेड़छाड़ की है, जिससे प्रकृति का संतुलन बिगड़ गया है.

पृथ्वी पर मौजूद कोई भी जिव प्रदूषण के प्रभाव से अछूता नहीं रहा है. आज हम इंसानों के कारण ही पेड़-पौधे, पशु-पक्षी आदि का जीवन संकट में है.

प्रदूषण ने हमारी पृथ्वी को पूरी तरह से बदल दिया है और हम दिन-ब-दिन पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं जो हमारे जीवन को और भी कठिन बना रहा है.

प्रदूषण के इन हानिकारक प्रभावों के कारण कई प्रकार के जीव और प्रजातियां धीरे-धीरे विलुप्त हो रही हैं.

प्रदूषण कम करने के उपाय (Tips for Preventing Pollution)

हमें सबसे पहले यह जानने की जरूरत है कि हमारी किन गतिविधियों के कारण प्रदूषण दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है और पर्यावरण में असंतुलन फैल रहा है.

कुछ बुनियादी नियमों का पालन करके हम प्रदूषण को कम कर सकते हैं.

  • परिवहन के लिए सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें.
  • इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल पर ज्यादा जोर दें.
  • प्लास्टिक सामग्री का उपयोग कम से कम करें.
  • सौर ऊर्जा उपकरणों का प्रयोग करें.
  • हमेशा रिसाइकिल करने योग्य उत्पादों का उपयोग करने का प्रयास करें.
  • धूम्रपान से दूर रहें.
  • कम उपकरण का प्रयोग करें और टिकाऊ उत्पादों का ही चयन करें.

वनों की अंधाधुंध कटाई द्वारा वनों का विनाश भी प्रदूषण के कारकों में शामिल है. लेकिन अधिक से अधिक पेड़ लगाकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है. 

इसी तरह कई उपाय हैं, जिन्हें अपनाकर प्रदूषण को कम करने के प्रयास किए जा सकते हैं.

निष्कर्ष

अगर हमें अपनी आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ, सुरक्षित और रहने योग्य वातावरण देना है तो इस दिशा में अभी से ही कठोर कदम उठाने होंगे.

यह मानव जाति का दायित्व है कि वह प्रदूषण की समस्या का समाधान उतनी ही समझदारी से करे, जितनी कि उसने प्राकृतिक संसाधनों को कम करके पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया है.

प्रदूषण पर नियंत्रण पाना हमारे देश के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी धरती के लिए जरूरी है, ताकि पूरी धरती पर जीवन फल-फूल सके.

प्रदूषण पर 10 पंक्तियां हिंदी में (10 Lines on Pollution in Hindi)

  1. प्रदूषण एक वैश्विक समस्या बन गया है जो हमारे पर्यावरण को कई तरह से नुकसान पहुंचा रहा है.
  2. प्रदूषण का सीधा सा अर्थ है हवा, पानी और मिट्टी का दूषित होना.
  3. प्रदूषण मुख्यतः चार प्रकार के होते हैं- वायु प्रदूषण; जल प्रदूषण; ध्वनि प्रदूषण और मृदा प्रदूषण.
  4. किसी भी अशुद्ध पदार्थ का ठोस, द्रव या गैस के रूप में पर्यावरण में मिल जाना प्रदूषण कहलाता है.
  5. खुले में कचरा फेंकने से आसपास का वातावरण प्रदूषित होता है जिससे कई तरह की बीमारियां फैलती हैं.
  6. प्रदूषण के इन हानिकारक प्रभावों के कारण कई प्रकार के जीव और प्रजातियां धीरे-धीरे विलुप्त हो रही हैं.
  7. प्लास्टिक उत्पादों और पॉलिथीन बैग का अत्यधिक उपयोग बढ़ते प्रदूषण के मुख्य कारणों में से एक है.
  8. बड़ी संख्या में पेड़ों को काटने से भी प्रकृति का संतुलन तेजी से बिगड़ रहा है, इसलिए हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए.
  9. शहरों और महानगरों में प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन गया है.
  10. प्रदूषण पर नियंत्रण पाना हमारे देश के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी धरती के लिए जरूरी है.
प्रदूषण पर निबंध - Pollution Essay in Hindi
Short And Long Essays On Pollution In Hindi / Pradushan Par Nibandh Hindi Mein

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