Information and facts about Phobia in Hindi – फोबिया (Phobia) शब्द का प्रयोग अक्सर किसी विशेष वस्तु या परिस्थिति के डर के लिए किया जाता है. “फोबिया” शब्द का अर्थ है किसी चीज का अत्यधिक या तर्कहीन भय का अनुभव.
फोबिया सबसे आम मानसिक बीमारियों (Mental illness) में से एक है. हम सभी में कुछ न कुछ डर और फोबिया जरूर होते हैं. हम में से बहुत कम लोग अपने फोबिया के बारे में अवगत होते हैं; जबकि कुछ लोगों को इसे समझने में समय लगता है.
लोग जाने-अनजाने में अपने भीतर लगभग किसी भी चीज का फोबिया विकसित कर सकते हैं.
आज हम आपके साथ फोबिया के बारे में बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी Phobia: Information and Facts in Hindi साझा करने जा रहे हैं.
फोबिया क्या है? (What is Phobia? Explained in Hindi)
फोबिया एक अतिशयोक्तिपूर्ण और तर्कहीन भय है. फोबिया एक प्रकार का चिंता विकार (Anxiety disorder) है जिसके कारण व्यक्ति किसी परिस्थिति, जीवित प्राणी, स्थान या वस्तु के बारे में अत्यधिक, तर्कहीन भय का अनुभव करता है.
जब किसी व्यक्ति को फोबिया विकार होता है, तो वह अक्सर अपना जीवन उस चीज़ से बचने में बिता देता है जिसे वह खतरनाक मानता है. ऐसी स्थिति में, कथित खतरा अत्यधिक भय से उत्पन्न किसी भी वास्तविक खतरे से बड़ा प्रतीत होता है.
अपने फोबिया से संबंधित किसी चीज का सामना करने पर व्यक्ति को तीव्र संकट का अनुभव होता है. यह रुकावट उन्हें सामान्य रूप से काम करने से रोक सकती है और कभी-कभी पैनिक अटैक का कारण भी बन सकती है.
फोबिया कितने प्रकार के होते हैं? How many types of phobias are there?
फोबिया किसी भी विशेष वस्तु या परिस्थिति के कारण हो सकता है इसलिए फोबिया के अनगिनत प्रकार हो सकते हैं.
कुछ चिकित्सा संस्थानों के अनुसार, कोई विशेष फोबिया चार प्रमुख श्रेणियों में से एक में आता है:
- प्राकृतिक वातावरण का भय (Fear of the natural environment)
- जानवरों से संबंधित भय (Animal phobia)
- चिकित्सा उपचार या परिणामों से संबंधित भय (Fear of medical treatment or consequences)
- विशिष्ट परिस्थिति से संबंधित भय (Specific situational fear)
साथ ही, समय के साथ जैसे-जैसे समाज बदलता है, संभावित फोबिया की सूची भी बदलती रहती है. उदाहरण के लिए, आज के आधुनिक समय में नोमोफोबिया (Nomophobia) मोबाईल या कंप्यूटर के बिना होने के आभास से होने वाला डर है.
फोबिया के लक्षण – Symptoms of Phobia
फोबिया से ग्रसित व्यक्ति निम्नलिखित लक्षणों का अनुभव करता है जो अधिकांश फोबिया में सामान्य रूप से देखें जाते हैं:
- भय के मूल कारण (स्रोत) के संपर्क में आने पर बेकाबू और चिंतित महसूस करना.
- इस भावना को बनाए रखना कि उस डर के स्रोत से हर कीमत पर बचना चाहिए.
- स्रोत के संपर्क में आने पर ठीक से काम न कर पाना.
फोबिया से ग्रसित व्यक्ति को अपने भय की वस्तु के संपर्क में आने पर घबराहट और तीव्र चिंता की भावनाओं का अनुभव होने की संभावना होती है. इन संवेदनाओं के शारीरिक प्रभावों में निम्न संकेत शामिल हो सकते हैं:
- पसीना आना
- श्वास की गति असामान्य तरिके से चलना
- दिल की धड़कन का तेज होना
- शरीर में कंपन उत्पन्न होना
- घुटन की अनुभूति होना
- सीने में दर्द या जकड़न उत्पन्न होना
- मुंह का पानी सुख जाना
- भ्रम और भटकाव का आभास होना
- जी मिचलाना
- सिर चकराना
- सरदर्द
फोबिया से संबंधित वस्तु के बारे में सोचकर ही व्यक्ति के मन में चिंता की भावना पैदा हो सकती है. एक विशिष्ट फोबिया (Specific phobia) की तुलना में एक जटिल फोबिया (Complex phobias) किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य और अन्य गतिविधियों को प्रभावित करने की अधिक संभावना होती है.
फोबिया के कारण – Causes of Phobia
एक मानसिक विकार जिसे फ़ोबिया कहा जाता है, 30 वर्ष की आयु के बाद शुरू होना असामान्य माना जाता है, और अक्सर बचपन, किशोरावस्था या प्रारंभिक वयस्कता के दौरान शुरू होता है.
फ़ोबिया का कारण तनावपूर्ण अनुभव, किसी भयानक घटना से गुजरने या माता-पिता या घर के किसी सदस्य के फोबिया के कारण हो सकता है जिसका बच्चा अनुसरण कर सकता है.
विशिष्ट प्रकार का भय – Specific type of Phobias
ये फोबिया आमतौर पर 4 से 8 साल की बचपन की उम्र से पहले विकसित हो जाते हैं. कुछ मामलों में इस भय का कारण किसी दर्दनाक प्रारंभिक अनुभव का परिणाम हो सकता है.
उदाहरण के लिए, बिना क्षमता के मोटरसाइकिल चलाते समय दुर्घटना हो जाना, जिसका प्रतिकूल परिणाम मन पर हो जाता है और वाहन से डर लगने लगता है जिसे अमाक्सोफोबिया (Amaxophobia) कहते है.
बचपन में शुरू होने वाला फोबिया परिवार के किसी अन्य सदस्य के फोबिया के कारण भी हो सकता है.
उदाहरण के लिए, जिस बच्चे की मां को चींटियों का अत्यधिक भय होता है यानि “Myrmecophobia” होता है, उस बच्चे में समान फोबिया विकसित होने की संभावना अधिक होती है.
जटिल प्रकार का भय – Complex type of Phobias
शोधकर्ता मानते हैं कि जटिल प्रकार का भय जीवन के व्यक्तिगत अनुभवों, मस्तिष्क के रासायनिक प्रक्रियाएं और आनुवंशिकी के संयोजन के कारण होते हैं.
फोबिया के दौरान मस्तिष्क कैसे प्रतिक्रिया करता है – How the brain reacts during a Phobia
मस्तिष्क के कुछ हिस्से भयंकर या संभावित घातक घटनाओं को संग्रहीत और याद करते हैं.
यदि कोई व्यक्ति जीवन में फिर से ऐसी ही घटना का सामना करता है, तो मस्तिष्क के वे क्षेत्र तनावपूर्ण स्मृति में फिर से प्रकट हो जाते हैं. यह घटनाचक्र शरीर को उसी प्रतिक्रिया का अनुभव करने का कारण बनता है.
फोबिया में मस्तिष्क के वे क्षेत्र जो भय और तनाव से निपटते हैं, भयावह घटना को अनुपयुक्त रूप से पुनः प्राप्त करते रहते हैं.
फोबिया का इलाज – Treatment for Phobias
फोबिया एक आम मानसिक बीमारी (Mental illness) की तरह है, दुनिया भर में बड़ी संख्या में लोग किसी न किसी तरह के फोबिया या डर से पीड़ित हैं.
भले ही फोबिया आपके जीवन को बाधित कर सकता है, लेकिन वे चिकित्सकीय रूप से उपचार योग्य मानसिक विकार हैं. बेहतर दवाओं और परामर्श से फोबिया का इलाज किया जा सकता है. विभिन्न उपचार विकल्पों में से कुछ में चिकित्सा और दवा उपचार आदि शामिल हैं.
जिन लोगों को फोबिया होता है, वे लगभग हमेशा अपने विकार के बारे में जागरूक रहते हैं और यह बहुत ही सराहनीय है क्योंकि डॉक्टरों को इसका निदान करने में बहुत मदद मिलती है.
पहले से ही पहचाने गए फोबिया के बारे में मनोवैज्ञानिक या मनोचिकित्सक से बात करना उपचार में एक उपयोगी पहला कदम साबित होता है.
यदि फोबिया गंभीर समस्याओं का कारण नहीं बनता है, तो ज्यादातर लोग पाते हैं कि बस अपने डर के स्रोत से बचने से उन्हें नियंत्रण में रहने में मदद मिलती है.
विशिष्ट फ़ोबिया वाले बहुत से लोग उपचार प्रक्रिया से नहीं गुजरते हैं क्योंकि ये भय अक्सर आत्म-नियंत्रणीय होते हैं.
लेकिन अगर फोबिया चरम पर है, तो इलाज डॉक्टर, मनोचिकित्सक या मनोवैज्ञानिक मदद से ही लेना चाहिए.
फोबिया आम बीमारियों की तरह नहीं है. इसमें बीमार व्यक्ति का खास ख्याल रखना होता है. पर्याप्त उपचार और परामर्श के साथ, फोबिया से ग्रस्त व्यक्ति को उस वस्तु या स्थिति से विचलित किया जा सकता है जो उसके डर का कारण है.
सामान्य डर और फोबिया में अंतर (Difference Between Phobia and Fear)
डर एक प्राकृतिक भावना (Natural emotion) है जो लोगों को वास्तविक और आसन्न खतरे का सामना करने पर नुकसान से बचाती है.
फोबिया एक प्रकार का मानसिक विकार (Mental disorder) है जिसमें किसी विशिष्ट वस्तुओं या स्थितियों के भय का स्तर बहुत अधिक होता है, जो कभी-कभी जीवन के विकास में बाधा या खतरा बन जाता है.
फोबिया की स्थिति में व्यक्ति भले ही जानता हो कि सामने की स्थिति वास्तव में इतनी खतरनाक नहीं है, लेकिन उसके बाद भी वह अपने डर या चिंता को दूर नहीं कर पाता है.
फोबिया के बारे में कुछ रोचक और आश्चर्यजनक तथ्य – Some interesting and surprising facts about Phobias
# Phobia शब्द ग्रीक शब्द “Phobos” से लिया गया है.
# डर और फोबिया एक ही चीज नहीं हैं.
# यह चिंता विकार का सबसे आम प्रकार है.
# सामाजिक भय (Social phobia) अब तक का सबसे आम फोबिया है.
# एक शोध से पता चला है कि फोबिया ऐसी यादें हैं जो DNA में बदलाव के कारण पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली जाती हैं.
# मनोवैज्ञानिकों द्वारा 400 से अधिक विभिन्न प्रकार के फोबिया का वर्णन किया गया है.
# दुनिया की 3% आबादी किसी न किसी फोबिया से प्रभावित है.
# लगभग 17% लोग अपने डर/फोबिया के कारण डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं.
# हममें से लगभग 15 से 20 प्रतिशत लोग अपने जीवन में कम से कम एक बार विशिष्ट फोबिया का अनुभव करते हैं.
# सिकंदर महान, नेपोलियन, मुसोलिनी और हिटलर सभी को “Ailurophobia” था जो बिल्ली का डर है.
कुछ दिलचस्प फोबिया – Some of the interesting phobias
# “Socialphobia” वह डर है जिसमें व्यक्ति किसी अनजान व्यक्ति या समूह के सामने आने, उनसे बात करने से डरता है. उसके अंदर हमेशा यह डर बना रहता है कि कहीं वह कुछ गलत न कह दे ताकि कहीं उसकी छवि खराब न हो जाए.
# स्कूल जाने के डर को “Didaskaleinophobia” कहा जाता है… उफ़ मुझे भी ये फोबिया था!
# जब आपको लगता है कि ज्यादा खुश रहने से भविष्य में कुछ दुखद न हो जाए तो उस डर को “Cherophobia” कहते हैं.
# अगर अतीत में आपके साथ कुछ बुरा हुआ है और अब आप नए लोगों पर से विश्वास खो चुके हैं, तो इसे “Pistanthrophobia” कहा जाता है.
# किसी के प्यार में पड़ने के डर को “Philophobia” कहा जाता है.
# मोबाइल फोन के बिना रहने और सिग्नल न मिलने के डर को “Namophobia” कहा जाता है.
# कुछ लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों, बाजारों या बस-ट्रेन में यात्रा करने से डर लगता है, इसे “Agoraphobia” कहा जाता है. इसलिए वह ऐसी जगहों पर जाने से कतराते हैं और अकेले रहना और यात्रा करना पसंद करते हैं.
# अंधेरे से लगने वाले डर को “Nyctophobia” कहा जाता है. इसमें इंसान अंधेरी जगह में जाने से डरता है. यह डर मन में इस तरह बस जाता है कि अगर वह व्यक्ति सो रहा हो और अचानक अंधेरा हो जाए तो उसकी नींद उसी समय खुल जाती है.
# एक व्यक्ति जो किसी भी प्रकार का निर्णय लेने में असमर्थ है, वह “Decidophobia” से पीड़ित हो सकता है. यह एक ऐसा फोबिया है जिसमें व्यक्ति पूरी स्थिति को समझने के बाद भी अंतिम निर्णय लेने से डरता है.
# ऊंचाई से लगने वाले डर को “Acrophobia” कहा जाता है. इसमें व्यक्ति को ऊंचाई से बहुत ज्यादा डर लगता है. ऊंचे स्थान पर पहुंचते ही ऐसे व्यक्ति को पैनिक अटैक आ जाता है या उसे उल्टियां शुरू हो सकती हैं.
# कुत्तों से लगने वाले डर को “Cyanophobia” कहा जाता है. वैसे तो कई लोगों को कुत्तों से डर लगता है और यह एक आम बात है, लेकिन इस फोबिया से पीड़ित लोगों को घर में बैठे-बैठे भी कुत्तों के गली में भौंकने से भी डर लगता है.
# इंजेक्शन के डर को “Trypanophobia” कहा जाता है. इसमें व्यक्ति को इंजेक्शन से इतना डर लगता है कि उसके डर से वह डॉक्टर के पास भी नहीं जाता. इंजेक्शन देखकर उसका दिल तेजी से धड़कने लगता है.
# कीटाणुओं या धूल के डर को “Mysophobia” कहा जाता है, जिसमें थोड़ी सी धूल भी घबराहट, सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, दिल की धड़कन का बढ़ना और कंपकंपी जैसी समस्याएं पैदा कर सकती है.
# “Ablutophobia” का अर्थ है स्नान करने का डर. अक्सर यह नवजात बच्चों में आसानी से पाया जाता है, लेकिन बच्चे ही नहीं बड़े भी इस फोबिया के शिकार हो जाते हैं.
# कार्यस्थल पर किसी की निंदा का सामना न करना पड़े और ऐसे में काम से बचने वाले लोग “Ergophobia” के शिकार हो जाते हैं. ये वो लोग होते हैं जो अक्सर पहली बार कुछ कर रहे होते हैं.
# “Coulrophobia” एक ऐसा फोबिया है जिसमें व्यक्ति को सर्कस के जोकरों से बेवजह डर लगता है.
# जब कोई बुरा काम करता है और फिर आंख मिलाने के डर को “Ommetaphobia” कहा जाता है.
# शादी करने के डर और रिश्तेदारी में बंधने के डर को “Gamophobia” कहा जाता है.
# दंत चिकित्सा और देखभाल के डर को “Odontophobia” कहा जाता है.
# लंबे और बड़े शब्दों को देखने के डर को “Hippopotomonstrosesquippedalio” कहा जाता है. अब इस फोबिया का नाम पढ़कर ही इस बात की पुष्टि हो जाती है.
# “Ombrophobia” बारिश से जुड़ा एक डर है, जिसमें ऐसा लगता है कि बारिश के कारण कोई गंभीर आपदा आ सकती है, यह ज्यादातर किसानों में होता है.
# “Trypophobia” छोटे-छोटे छेद वाली वस्तु को देखकर लगने वाला डर है.
# यदि आप पीले रंग को देखकर डर जाते हैं, तो आपको “Xanthophobia” है.
# संख्या 666 से संबंधित भय को “Hexakosioihexekontahexaphobia” कहा जाता है.
# संत-ऋषि या पुजारी को देखने के डर को “Papaphobia” कहा जाता है.
# फोबिया होने के डर को “Phobophobia” कहा जाता है.
# किसी खूबसूरत लड़की को देखने के डर को “Caligynephobia” कहा जाता है.
# जब आपका बीयर का गिलास खाली हो जाता है और उसके बाद आप जो डर महसूस करते हैं, उसे “Cenosillicaphobia” कहा जाता है.
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