ओस चाटे प्यास नहीं बुझती मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग (Os Chate Pyaas Nahi Bujhti Muhavara)

Os Chate Pyaas Nahi Bujhti Muhavare Ka Matlab

ओस चाटे प्यास नहीं बुझती का अर्थ – Os Chate Pyaas Nahi Bujhti Muhavare Ka Matlab

ओस चाटे प्यास नहीं बुझती मुहावरे का अर्थजब अधिक की आवश्यकता होती है तो वह सीमित संसाधनों से पूरी नहीं होती।
Os Chate Pyaas Nahi Bujhti

ओस चाटे प्यास नहीं बुझती मुहावरे का अर्थ

Os Chate Pyaas Nahi Bujhti Muhavre Ka Arth – ओस चाटे प्यास नहीं बुझती मुहावरे का अर्थ है अधित की आवश्यकता बहुत कम वस्तुओं से पूरी नहीं होती, अधिक आवश्यकता कम साधनों से पूरी नहीं होती, आवश्यकता बहुत छोटी वस्तु से पूरी नहीं होती, अधिक कंजूसी से काम नहीं चलता।

ओस चाटे प्यास नहीं बुझती मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग

Os Chate Pyaas Nahi Bujhti Muhavre Ka Vakya Prayog

#1. वाक्य प्रयोग: जिओ वाले समझ गए थे की ओस चाटे प्यास नहीं बुझती, अब लोगों को रोजाना ज्यादा इंटरनेट डेटा चाहिए, तभी अपने कस्टमर और बिज़नेस बढ़ेगा।

#2. वाक्य प्रयोग: कंपनी के मालिक ने प्रोजेक्ट के सफलतापूर्वक पूरा होने पर अपने कर्मचारियों की सराहना की, लेकिन कर्मचारियों का कहना था कि ओस चाटने से प्यास नहीं बुझती, यानी वेतन भी बढ़ाना होगा।

#3. वाक्य प्रयोग: भारतीय क्रिकेट टीम को समझना होगा कि ओस चाटने से प्यास नहीं बुझती, आयरलैंड जैसे छोटे देश को हराने से काम नहीं चलेगा, अब ऑस्ट्रेलिया को भी हराना होगा, तभी फाइनल में जगह मिलेगी।

#4. वाक्य प्रयोग: घनश्याम अपने सपनों का घर बनाने में लगा हुआ है, लेकिन वह इसमें बहुत कंजूसी कर रहा है, फिर उसके लिए वही कहावत कही जाती है कि ओस चाटे प्यास नहीं बुझती, यानी जरूरत के मुताबिक पूर्ति नहीं होने पर वह कार्य पूरा नहीं होता है।

#5. वाक्य प्रयोग: विनोद अपने घर पर एक पार्टी रखना चाहता है और उस पार्टी के लिए उसे और भी खाने-पीने का सामान लाना होगा, क्योंकि ओस चाटे प्यास नहीं बुझती, पार्टी में कितने लोग आएंगे इसका कोई अंदाजा नहीं है, इसलिए कम मेनू रखने की बजाय ज्यादा मेनू का इंतजाम करना होगा।

मौखिक बातचीत में अक्सर मुहावरों का प्रयोग किया जाता है जो मानवीय भावनाओं को वास्तविक बनाते हैं। मुहावरों को स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है।

प्रत्येक पाठ्यक्रम में मुहावरों का अपना-अपना अनुभाग होता है, छोटी-बड़ी कक्षाओं में मुहावरों को पढ़ाया जाता है, याद कराया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इसे मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।

मुहावरा अधिक असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करना है। एक शब्द के कई अलग-अलग मुहावरे हो सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि यहां दिए गए मुहावरे ही परीक्षा में पूछे जाएंगे।

मुहावरे सभी प्रकार की परीक्षाओं की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरों की अपनी अहमियत होती है। पेपर चाहे हिंदी में हो या अंग्रेजी में, यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।

मुहावरों का अभ्यास करना कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। अगर इसे ध्यान से समझा जाए तो इसे याद रखने की जरूरत ही नहीं पड़ती। इसे समझ-समझ कर ही लिखा और बोलचाल में उपयोग किया जा सकता है।

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