ओखली में सिर दिया तो मूसल का क्या डर मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग (Okhli mein sir diya to musal ka kya dar Muhavara)

Okhli mein sir diya to musal ka kya dar Muhavare Ka Matlab

ओखली में सिर दिया तो मूसल का क्या डर का अर्थ – Okhli mein sir diya to musal ka kya dar Muhavare Ka Matlab

ओखली में सिर दिया तो मूसल का क्या डर मुहावरे का अर्थयदि आपने कोई कठिन कार्य हाथ में लिया है तो आपको कठिनाइयों से नहीं घबराना चाहिए।
Okhli mein sir diya to musal ka kya dar

ओखली में सिर दिया तो मूसल का क्या डर मुहावरे का अर्थ

Okhli mein sir diya to musal ka kya dar Muhavre Ka Arth – ओखली में सिर दिया तो मूसल का क्या डर मुहावरे का अर्थ है – यदि आपने कोई कठिन कार्य करने का निश्चय कर लिया है तो आपको कठिनाइयों से नहीं डरना चाहिए, यदि आपने कोई कठिन कार्य शुरू किया है तो आपको कठिनाइयों से नहीं डरना चाहिए, जब कोई कष्ट सहने को तैयार है तो फिर क्यों डरना, यदि आप कोई कठिन कार्य शुरू करते हैं तो आपको कठिनाइयाँ सहनी ही पड़ती हैं।

ओखली में सिर दिया तो मूसल का क्या डर मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग

Okhli mein sir diya to musal ka kya dar Muhavre Ka Vakya Prayog

#1. वाक्य प्रयोग: पहली बार पैराशूट जंपिंग करते वक्त उमेश के मन में बस यही ख्याल आया कि जब ओखली में सिर दे दिया तो फिर मुसल से क्या डरना।

#2. वाक्य प्रयोग: 10वीं का सिलेबस पूरा न करने पर भी विद्यार्थी को परीक्षा देनी ही पड़ती है, आखिर ओखली में सिर दे दिया तो मूसल से क्या डरना।

#3. वाक्य प्रयोग: रवि ने अपना सारा पैसा शेयर मार्केट में लगा रखा है, वह बहुत ही निश्चिंत व्यवहार कर रहा है, आखिर ओखली में सर दे दिया तो मुसल से क्या डरना।

#4. वाक्य प्रयोग: दिनेश ने बिना अनुभव के नया बिजनेस करने का फैसला किया है और इसमें जोखिम भी बहुत है, इसलिए दिनेश कहता हैं कि जब ओखली में सिर दे दिया तो मुसल से क्या डरना।

#5. वाक्य प्रयोग: रीना ने पैदल चलकर पहाड़ीवाले बाबा के दर्शन करने का संकल्प ले लिया है, अब वह रास्ते में आने वाली बाधाओं से नहीं डरने वाली, क्योंकि जब ओखली में सिर दे दिया तो मूसल से क्या डरना।

मौखिक बातचीत में अक्सर मुहावरों का प्रयोग किया जाता है जो मानवीय भावनाओं को वास्तविक बनाते हैं। मुहावरों को स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है।

प्रत्येक पाठ्यक्रम में मुहावरों का अपना-अपना अनुभाग होता है, छोटी-बड़ी कक्षाओं में मुहावरों को पढ़ाया जाता है, याद कराया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इसे मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।

मुहावरा अधिक असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करना है। एक शब्द के कई अलग-अलग मुहावरे हो सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि यहां दिए गए मुहावरे ही परीक्षा में पूछे जाएंगे।

मुहावरे सभी प्रकार की परीक्षाओं की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरों की अपनी अहमियत होती है। पेपर चाहे हिंदी में हो या अंग्रेजी में, यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।

मुहावरों का अभ्यास करना कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। अगर इसे ध्यान से समझा जाए तो इसे याद रखने की जरूरत ही नहीं पड़ती। इसे समझ-समझ कर ही लिखा और बोलचाल में उपयोग किया जा सकता है।

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