Myths About Snakes in Hindi – दुनियाभर में सांपों की करीब 3,600 प्रजातियां पाई जाती हैं, सांप विषैले (poisonous) तथा विषहीन (non-poisonous) दोनों प्रकार के होते हैं.
भारत में सांपों की 270 से अधिक प्रजातियां हैं और इनमें लगभग 69 अत्यधिक जहरीली हैं, जिनमे से 29 समुद्री सर्प तथा 40 स्थलीय सर्प है. सांप बिना पैर वाला सरीसृप (Reptiles) प्राणी हैं, यह निचले भाग में उपस्थित घड़ारियों की सहायता से चलता फिरता है और यह छिपकली से संबंधित वर्ग में आता हैं.
सांप पानी तथा जमीन दोनों जगह पाए जाते है. इनका आकार चार इंच (Barbados Threadsnake) से लेकर 393 इंच लंबा (Reticulated Python) तक होता है.
भारत में सांपो को सदियों से धार्मिक और पौराणिक महत्व प्राप्त हैं, पुरातन समय से ही सांपों से जुड़ी कई मान्यताएं एवं किवदंतियां हमारे समाज में फैली हुई हैं और सांपो को लेकर कई तरह के अन्धविश्वास और भ्रम भी फैले हुए है. हमारा साहित्य, फिल्मे और हमारी अंधधार्मिकता इनको कम करने की बजाय बढ़ाने का काम करती है, आज हम इस लेख में सांपो से जुड़ी हुई मान्यताओं और अन्धविश्वास को वैज्ञानिक द्रष्टिकोण से परखेंगे.
क्या सांप अपने साथी की मौत का बदला लेते हैं? Do snakes avenge the death of their partner?
मान्यताओं के अनुसार यदि कोई मनुष्य किसी सांप को मार दे तो मरे हुए सांप की आंखों में मारने वाली की तस्वीर उतर आती है, जिसे पहचान कर सांप का साथी मारने वाले मनुष्य का पीछा करता है और उसको काटकर वह अपने साथी की हत्या का बदला लेता है. यह सांपो से जुड़ा एक ऐसा अंधविश्वास है जिसका हमारे यहां कहानियों और फिल्मो मे भलीभांति इस्तेमाल हुआ हैं.
वैज्ञानिक दृष्टिकोण: यह मान्यता पूरी तरह से अंधविश्वास पर आधारित है क्योंकि सांप अल्पबुद्धि वाले जीव हैं. इनका मस्तिष्क इतना विकसित नहीं होता की ये किसी घटनाक्रम को याद रख सकें और बदला लें. जीव विज्ञान के अनुसार जब कोई सांप मरता है तो वह अपने गुदा द्वार से एक खास तरह की गंध छोड़ता है जो उस प्रजाति के अन्य सांपों को आकर्षित करती है, इस गंध को सूंघकर अन्य सांप मरे हुए सांप के पास आते हैं, जिन्हें देखकर ये समझ लिया जाता है कि अन्य सांप अपने मरे हुए सांप की हत्या का बदला लेने आए हैं.
क्या सांप दूध पीते हैं? Do snakes drink milk?
हिंदू धर्म में पौराणिक काल से सांप को दूध पिलाने का प्रचलन है जो कि पूरी तरह से गलत है.
वैज्ञानिक दृष्टिकोण: जीव विज्ञान के अनुसार सांप पूरी तरह से मांसाहारी जीव है. सांपो का मुख्य भोजन मेंढक, चूहे, पक्षियों के अंडे व अन्य छोटे-छोटे जीव जिन्हे खाकर सांप अपना पेट भरते हैं. दूध इनका प्राकृति आहार नहीं है. नागपंचमी के दिन सांप को दूध पिता देख लोग इसे चमत्कार मानते हैं दरअसल सपेरे सांपो को कई दिनों तक भूखा प्यासा रखते है, भूखे प्यासे सांप के सामने जब दूध लाया जाता है तो वो इसे पी लेता है लेकिन कई बार दूध सांप के फेफड़ों में घुस जाता है जिससे उसे निमोनिया हो जाता है और इसके कारण सांप की मौत भी हो जाती है.
क्या सांप बीन की धुन पर नाचते हैं? Do snakes dance to the tune of Bean?
आपने फिल्मो में और सड़कपर देखा होगा की सपेरा सांप को अपनी बीन की धुन पर नचा रहा हैं जबकि ये पूरी तरह से अंधविश्वास है क्योंकि सांप के तो कान ही नहीं होते।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण: दरअसल ये मामला सांपों की देखने और सुनने की शक्तियों और क्षमताओं से जुड़ा है. सांप हवा में मौजूद ध्वनि तरंगों पर प्रतिक्रिया नहीं दर्शाते पर धरती की सतह से निकले कंपनों को वे अपने निचले जबड़े में मौजूद एक खास हड्डी के जरिए ग्रहण कर लेते हैं. सांपों की नजर ऐसी है कि वह केवल हिलती-डुलती वस्तुओं को देखने में अधिक सक्षम हैं बजाए स्थिर वस्तुओं के. सपेरे की बीन को इधर-उधर लहराता देखकर नाग उस पर नजर रखता है और उसके अनुसार ही अपने शरीर को लहराता है और लोग समझते हैं कि सांप सपेरे की बीन की धुन पर नाच रहा है.
क्या सच में सांपों के पास नागमणि होती है? Do snakes really have Nagamani?
सांपो से जुडी एक अन्य मान्यता यह है की कई सांप मणिधारी होते है यानी इनके सिर के ऊपर एक चमकदार, मुल्यवान और चमत्कारी मणि होती है जिसे नागमणि भी कहते हैं. ये नागमणि यदि किसी इंसान को मिल जाये तो उसकी किस्मत चमक जाती है.
वैज्ञानिक दृष्टिकोण: जीव विज्ञान के अनुसार यह मान्यता भी पूरी तरह से अंधविश्वास है क्योंकि दुनिया में अभी तक 3600 से भी ज्यादा प्रजातियों के करोडो सांप पकडे जा चुके है लेकिन किसी के पास भी इस प्रकार कि कोइ मणि नही मिली है. भारत के तमिलनाडु में इरुला जनजाति के लोग जो सांप को पकडऩे में माहिर होते हैं वे भी मणिधारी सांप के होने से इंकार करते हैं. दरअसल सांप की त्वचा काफी चमकीली होती हैं, रौशनी में जब सांप अपना फन उठाकर खड़ा होता हैं तब सांप के गोलाकार फन की ऊपरी त्वचा ज्यादा चकमक उठती हैं, शायद इसी भ्रम से लोगों को लगता हैं की सांप के सिर के ऊपर मणि होती है.
क्या कुछ सांपों के दोनों सिरों पर मुंह होता है? Do some snakes have mouth on both ends?
कुछ लोग दो मुंह वाले सांप देखने का भी दावा करते हैं जिसके के दोनो सिरो पर मुंह होते है, यह केवल एक भ्रम हैं.
वैज्ञानिक दृष्टिकोण: ऐसा कोई भी सांप नही होता है जिसके दोनो सिरो पर मुंह होते है. दरअसल कुछ सांपों की पूंछ नुकीली न होकर मोटी और ठूंठ जैसी दिखाई देती है. चालाक सपेरे ऐसे सांपों की पूंछ पर चमकीले पत्थर लगा देते हैं जो आंखों की तरह दिखाई देते हैं और देखने वाले को यह लगता है कि इस सांप को दोनों सिरों पर दो मुंह हैं.
क्या कुछ सांपों की मूंछ होती है? Do some snakes have a whisker?
ऐसा भी कहा जाता है कि कुछ सांपों की मुंछे भी होती हैं ये तथ्य भी पूरी तरह से अंधविश्वास है.
वैज्ञानिक दृष्टिकोण: जीव विज्ञान के अनुसार मुंछ वाले सांप होते ही नहीं हैं, सांप सरीसृप (Reptiles) वर्ग के जीव हैं, इनके शरीर पर अपने जीवन की किसी भी अवस्था में बाल नहीं उगते। ये किसी शातिर सपेरे के दिमाग की उपज होती है. सांप को कोई खास स्वरूप देने पर अच्छी कमाई हो सकती है इसी लालच में सपेरे घोड़े की पूंछ के बाल को बड़ी ही सफाई से सांप के ऊपरी जबड़े में पिरोकर सिल देता है. इसके अलावा जब कोई सांप अपनी केंचुली उतारता है तो कभी- कभी केंचुली का कुछ हिस्सा उसके मुंह के आस-पास चिपका रह जाता है. ऐसे में उस सांप को देखकर मुंछों का भ्रम हो सकता है.
क्या उड़ने वाले सांप भी होते हैं? Are there flying snakes too?
कुछ लोग उड़ने वाले सांप देखने का दावा करते हैं, यह केवल एक भ्रम हैं.
वैज्ञानिक दृष्टिकोण: वैसे तो सांपो की किसी भी प्रजाति मे उडने का गुण नही होता है और सांपो के पंख भी नहीं होते. लेकिन भारत के कुछ जंगली इलाके और दक्षिण पूर्वी एशिया के वर्षा वनों में एक साँप पाया जाता है जिसका नाम ही फ्लाइंग स्नेक (Flying snakes) है. हालांकि इनमे भी इनके नाम के अनुरूप उड़ने का गुण नही होता है. लेकिन इनमे अन्य सांपो से अलग एक विषेश गुण पाया जाता हैं. ये फ्लाइंग स्नेक अपना अधिकांश समय वर्षा वनों के ऊँचे ऊँचे पेडो पर बिताते है. इन सांपो को जब एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर जाना होता है तो यह अपने शरीर को सिकोड़कर छलांग लगा देते है. जब ये सांप उछलकर एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर जाते हैं तो ऐसा प्रतीत होता है की जैसे ये उड़ रहे हों. हालांकि इस तरह से यह 100 मीटर तक की दूरी तय कर लेते है.
क्या इच्छाधारी सांप भी होते हैं? Are there wishing snakes too?
भारत में सापोंसे जुड़ी एक कपोलकल्पित मान्यता हैं की कुछ सांप इच्छाधारी होते हैं यानी वे अपनी इच्छा के अनुसार अपना रूप बदल लेते हैं और कभी-कभी ये मनुष्यों का रूप भी धारण कर लेते हैं, ये भी एक मान्यता है जो कि पूरी तरह से गलत है.
वैज्ञानिक दृष्टिकोण: जीव विज्ञान के अनुसार इच्छाधारी सांप सिर्फ मनुष्यों का अंधविश्वास और भ्रामिक कल्पना है, इससे ज्यादा और कुछ नहीं.
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