मटके का पानी ठंडा क्यों रहता है? Why does the water in the pitcher remain cold?

मटके का पानी ठंडा क्यों रहता है? Why does the water in the pitcher remain cold?

Matke ka pani thanda kyon rahata hai? गर्मी के मौसम में हम अक्सर ठंडा पानी पीना अधिक पसंद करते हैं क्योंकि बिना ठंडे पानी के गर्मी में प्यास बुझाना मुश्किल हो जाता है.

ठंडे पानी के लिए हम फ्रिज या मटके (घड़ा) का रुख करते हैं. कुछ लोग तो केवल मटके का ठंडा पानी ही पीना पसंद करते हैं क्योंकि यह सेहत की दृष्टि से भी फायदेमंद होता है जबकि फ्रिज का ठंडा पानी कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है.

लेकिन क्या कभी आपके मन में भी यह सवाल आया है कि गर्मी के मौसम में भी मिट्टी के घड़े या मटके का पानी ठंडा क्यों रहता है? 

अगर आपके पास इस सवाल का जवाब नहीं है तो कोई बात नहीं, क्योंकि आज इस लेख में हम आपको इसके पीछे का कारण और अन्य जानकारी भी उपलब्ध कराने जा रहे हैं.

मिट्टी के घड़े / मटके का पानी ठंडा क्यों रहता है? Why earthen pot water remains cool?

दरअसल, मिट्टी के घड़े की सतह पर बहुत छोटे-छोटे छिद्र (Hole) होते हैं, जिससे घड़े की सतह पर हमेशा नमी बनी रहती है. जब इन छिद्रों से पानी निकलता है तो उस पानी का लगातार वाष्पीकरण (Evaporation) होता रहता है और जिस सतह पर वाष्पीकरण होता है वह सतह ठंडी हो जाती है.

वाष्पीकरण की यह प्रक्रिया (Evaporation process) हर समय इसी तरह चलती रहती है और मटके का पानी ठंडा होता रहता है. यदि मिट्टी के घड़े को चारों ओर से पर्याप्त हवा मिले, तो यह वाष्पीकरण की प्रक्रिया को तेज करता है.

इस भागदौड़ भरे दौर में लोग अक्सर फ्रिज के पानी का इस्तेमाल करने लगे हैं, लेकिन फिर भी कुछ लोग ऐसे भी हैं जो मिट्टी के घड़े के पानी का ही इस्तेमाल करते हैं क्योंकि इससे सेहत को भी फायदा होता है.

मटके का पानी पीने के स्वास्थ्य लाभ – Matke ka pani peene ke fayde

Health Benefits of drinking Clay Pot/Earthen pitcher or Matka Water: वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो मिट्टी में कई ऐसे तत्व होते हैं जो रोगों से लड़ने की क्षमता पैदा करते हैं. इस वजह से मिट्टी के बर्तन में रखे खाद्य पदार्थों का सेवन शरीर को स्वस्थ व निरोगी रखने में फायदेमंद होता है.

इतना ही नहीं इसमें पाए जाने वाले खनिज पदार्थ (Minerals) शरीर को विषाक्त पदार्थों से मुक्त (Detoxifying) करने में भी मदद करते हैं.

आइए अब आगे जानते हैं कि मिट्टी के घड़े यानी मटके का पानी पीने से क्या-क्या फायदे होते हैं (Ghade ka pani pine ke fayde).

#1. मेटाबॉलिज्म को बनाएं मजबूत (For strong metabolism):

चयापचय (Metabolism) को बढ़ाता है – जब हम प्लास्टिक की बोतलों में रखा पानी पीते हैं तो उसमें Bisphenol A या BPA जैसे जहरीले रसायन (Toxic chemicals) जमा हो जाते हैं, अगर आप रोजाना घड़े का पानी पीते हैं तो यह आपके मेटाबॉलिज्म (Metabolism) को बेहतर करने में मदद करता है.

#2. पानी का pH स्तर बनाए रखता है (Maintain pH level):

मिट्टी के बर्तन में पानी रखने से इसका pH स्तर उचित मात्रा में बना रहता है और मिट्टी के गुण पानी में आ जाते हैं, जिससे इसका pH संतुलित रहता है. pH स्तर शरीर के पोषक तत्वों और रसायनीक गतिविधि को नियंत्रित करता है.

#3. गर्मी में लू से बचाता है (Protects from heatstroke):

घड़े का पानी भीषण गर्मी में लू से बचाने में मदद करता है. मिट्टी के बर्तनों में पानी जमा करने से पानी में मौजूद विटामिन और मिनरल्स शरीर के ग्लूकोज लेवल को बनाए रखते हैं, जिससे शरीर को ठंडक मिलती है. मटके का पानी पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immune system) भी बढ़ती है.

#4. गले की सेहत में फायदेमंद (Beneficial in throat health):

अक्सर आपने देखा होगा कि गर्मियों में लोग फ्रिज में रखा ठंडा पानी पीते हैं जिससे गला खराब हो जाता है. ठंडा पानी पीने से गले की कोशिकाओं का तापमान अचानक गिर जाता है, जिससे गले की ग्रंथियों मे सूजन आ जाती हैं और गले में खराश हो जाती है. वहीं घड़े का पानी पीने से गले पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है.

#5. गैस से राहत (Relieve gas):

अगर आप नियमित रूप से मटके का पानी पीते हैं तो इससे पेट में बनने वाली गैस की समस्या में भी आराम मिलता है. घड़े का पानी पीने से आपको एसिडिटी और पेट दर्द जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है. जिन लोगों को गैस या एसिडिटी की समस्या है उन्हें मटके का पानी ही पीना चाहिए.

#6. रक्तचाप को नियंत्रित करता है (Relief in blood pressure):

घड़े का पानी पीने से रक्तचाप (Blood pressure) को नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है. आपको जानकर हैरानी होगी कि मटके का पानी पीने से शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल (Bad cholesterol) की मात्रा कम हो जाती है, जिससे दिल का दौरा (Heart attack) पड़ने की संभावना भी कम हो जाती है.

#7. दर्द में राहत देता है (Pain relief): 

मिट्टी में सूजनरोधी तत्व (Anti-inflammatory elements) पाए जाते हैं, जो शरीर में दर्द, ऐंठन और सूजन की समस्या को कम करते हैं. मिट्टी के घड़े का पानी पीने से गठिया (Arthritis) जैसे रोग में भी आराम मिलता है.

#8. आयरन की कमी को पूरा करता है (Improve iron deficiency): 

अगर आप एनीमिया (Anemia) जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं तो आपको मटके का पानी जरूर पीना चाहिए, इससे शरीर में आयरन की कमी दूर होती है. लोहे की कमी (Iron deficiency) को मिट्टी के बर्तन में रखा पानी पीने से दूर किया जा सकता है.

#9. त्वचा संबंधी समस्याओं में फायदेमंद (Beneficial in skin problems):

जिन लोगों को त्वचा संबंधी रोग हैं उन्हें नियमित रूप से मटके का पानी पीना चाहिए. इससे त्वचा संबंधी कई समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है. घड़े का पानी पीने से फोड़े फुंसी और मुंहासों से बचा जा सकता है और त्वचा में निखार आता है.

#10. रोजाना घड़े का पानी पीने से शरीर में टेस्‍टोस्‍टेरोन (Testosterone – male sex hormone) भी बढ़ता है.

घड़े का पानी पीने के नुकसान – Matke ka pani peene ke nuksan

# जो लोग मटके के पानी का सेवन करते हैं उनके लिए यह ध्यान रखना जरूरी है कि घड़ा साफ-सुथरा हो, अगर घड़ा गंदा रहता है तो आप कई बीमारियों के शिकार हो सकते हैं.

# एक ही मटके को ज्यादा दिनों तक इस्तेमाल न करें, क्योंकि अगर आप एक ही मटके का इस्तेमाल करते हैं तो उसके अंदर बैक्टीरिया के पनपने की संभावना बढ़ जाती है.

तो दोस्तों अगर आप भी खुद को बीमारियों से दूर रखना चाहते हैं तो फ्रिज का पानी पीने की बजाय मटके का ठंडा पानी पिएं और अपनी प्यास बुझाएं. मिट्टी के बर्तन में रखा पानी पीने में भी स्वादिष्ट लगता है और ऐसे में आप पानी ज्यादा पीते हैं.

Note: यह सारी जानकारी इंटरनेट के माध्यम से प्राप्त हुई है, यह आवश्यक नहीं है कि यह जानकारी शत-प्रतिशत सटीक हो. इन्हें केवल एक सुझाव के रूप में लें और इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/आहार का पालन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लें.

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