कूप मंडूक होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग (Kup Manduk Hona Muhavara)

Kup Manduk Hona Muhavare Ka Matlab

कूप मंडूक होना का अर्थ – Kup Manduk Hona Muhavare Ka Matlab

कूप मंडूक होना मुहावरे का अर्थसीमित ज्ञान या सीमित अनुभव होना या संकीर्ण सोच होना।
Kup Manduk Hona

कूप मंडूक होना मुहावरे का अर्थ

Kup Manduk Hona Muhavare Ka Arth – जो व्यक्ति अपना स्थान छोड़कर कहीं नहीं गया हो या उसे केवल एक ही क्षेत्र का ज्ञान हो, जिसके कारण उसका ज्ञान सीमित हो और वह स्वयं को सर्वज्ञ समझता हो। ऐसे लोगों को “कूप मंडूक” यानी कुएं का मेंढक कहा जाता है।

कूप मंडूक होना मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग

Kup Manduk Hona Muhavre Ka Vakya Prayog

#1. वाक्य प्रयोग: बदलती टेक्नोलॉजी को न अपनाने के कारण नोकिया जैसी बड़ी कंपनी कूप मंडूक बनकर रह गई।

#2. वाक्य प्रयोग: पोटला छाप डॉक्टरों पर ज्यादा भरोसा न करें, ये तो कूप मंडूक होते हैं।

#3. वाक्य प्रयोग: हमारे पूर्वजों ने हमें समुद्र पार करने से मना करके हमें बस कूप मंडूक बना रहने दिया।

#4. वाक्य प्रयोग: आज भी देश के कुछ हिस्सों में परंपराओं और रीति-रिवाजों के नाम पर लड़कियों को कूप मंडूक ही बना के रखा जाता है।

#5. वाक्य प्रयोग: आधी-अधूरी स्कूली शिक्षा ने हमें कूप मंडूक बना दिया है।

मौखिक बातचीत में अक्सर मुहावरों का प्रयोग किया जाता है जो मानवीय भावनाओं को वास्तविक बनाते हैं। मुहावरों को स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है।

प्रत्येक पाठ्यक्रम में मुहावरों का अपना-अपना अनुभाग होता है, छोटी-बड़ी कक्षाओं में मुहावरों को पढ़ाया जाता है, याद कराया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इसे मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।

मुहावरा अधिक असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करना है। एक शब्द के कई अलग-अलग मुहावरे हो सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि यहां दिए गए मुहावरे ही परीक्षा में पूछे जाएंगे।

मुहावरे सभी प्रकार की परीक्षाओं की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरों की अपनी अहमियत होती है। पेपर चाहे हिंदी में हो या अंग्रेजी में, यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।

मुहावरों का अभ्यास करना कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। अगर इसे ध्यान से समझा जाए तो इसे याद रखने की जरूरत ही नहीं पड़ती। इसे समझ-समझ कर ही लिखा और बोलचाल में उपयोग किया जा सकता है।

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