कोयले की दलाली में हाथ काले होना का अर्थ – Koyle Ki Dalali Mein Hath Kale Hona Muhavare Ka Matlab
कोयले की दलाली में हाथ काले होना मुहावरे का अर्थ | बुरी संगत से चरित्र अवश्य खराब होता है, बुरी संगत का बुरा प्रभाव पड़ता है, बुरे काम का परिणाम भी बुरा होता है, बुरी संगत से बदनामी होती है, बुरी संगत का व्यक्तित्व पर बुरा प्रभाव पड़ता है। |
कोयले की दलाली में हाथ काले होना मुहावरे का अर्थ
Koyle Ki Dalali Mein Haath Kale Hona Muhavre Ka Arth – कोयले की दलाली में हाथ काले होना मुहावरे का अर्थ है – बुरी संगत से चरित्र अवश्य खराब होता है, बुरी संगत का बुरा प्रभाव पड़ता है, बुरे काम का परिणाम भी बुरा होता है, बुरी संगत से बदनामी होती है, बुरी संगत का व्यक्तित्व पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
कोयले की दलाली में हाथ काले होना मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग
Koyle Ki Dalali Mein Hath Kale Hona Muhavre Ka Vakya Prayog
#1. वाक्य प्रयोग: राहुल बुरी संगत में पड़कर अपना ही बुरा कर रहा है क्योंकि जब लोग बुरी संगत में पढ़ते हैं तो इसका उस पर बुरा प्रभाव पड़ता है, इसीलिए कहा जाता है कि कोयले की दलाली में हाथ काले हो जाते हैं।
#2. वाक्य प्रयोग: दिनेश ने अफ़ीम के धंधे में बहुत पैसा कमाया, लेकिन इसके साथ-साथ उसे बदनामी भी बहुत मिली, एक कहावत है कि कोयले की दलाली में हाथ काले हो जाते है।
#3. वाक्य प्रयोग: रवि एक अच्छा लड़का था, लेकिन जब से वह गली के आवारा लड़कों के साथ रहने लगा, तब से सभी रवि को भी आवारा समझने लगे, यह सच ही है कि कोयले की दलाली में हाथ काले हो जाते है।
#4. वाक्य प्रयोग: वह एक बदनाम लड़की है और श्वेता भी उसकी संगत में रहने लगी है और अब वह भी बदनाम हो गई है, इसीलिए कहा जाता है कि कोयले की दलाली में हाथ काले हो जाते हैं।
मौखिक बातचीत में अक्सर मुहावरों का प्रयोग किया जाता है जो मानवीय भावनाओं को वास्तविक बनाते हैं। मुहावरों को स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है।
प्रत्येक पाठ्यक्रम में मुहावरों का अपना-अपना अनुभाग होता है, छोटी-बड़ी कक्षाओं में मुहावरों को पढ़ाया जाता है, याद कराया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इसे मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।
मुहावरा अधिक असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करना है। एक शब्द के कई अलग-अलग मुहावरे हो सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि यहां दिए गए मुहावरे ही परीक्षा में पूछे जाएंगे।
मुहावरे सभी प्रकार की परीक्षाओं की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरों की अपनी अहमियत होती है। पेपर चाहे हिंदी में हो या अंग्रेजी में, यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।
मुहावरों का अभ्यास करना कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। अगर इसे ध्यान से समझा जाए तो इसे याद रखने की जरूरत ही नहीं पड़ती। इसे समझ-समझ कर ही लिखा और बोलचाल में उपयोग किया जा सकता है।
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