कसाई के खूँटे से बाँधना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग (Kasai Ke Khunte Se Bandhana Muhavara)

Kasai Ke Khunte Se Bandhana Muhavare Ka Matlab

कसाई के खूँटे से बाँधना का अर्थ – Kasai Ke Khunte Se Bandhana Muhavare Ka Matlab

कसाई के खूँटे से बाँधना मुहावरे का अर्थक्रूर व्यक्ति को सौंप देना 
Kasai Ke Khunte Se Bandhana

कसाई के खूँटे से बाँधना मुहावरे का अर्थ

Kasai Ke Khunte Se Bandhana Muhavre Ka Arth – कसाई के खूँटे से बाँधना मुहावरे का अर्थ होता है किसी क्रूर, निर्दयी या दुष्ट व्यक्ति के हाथों सौंपना।

कसाई के खूँटे से बाँधना मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग

Kasai Ke Khunte Se Bandhana Muhavre Ka Vakya Prayog

#1. वाक्य प्रयोग: गंगारामजी को नहीं पता था कि वह अपनी बेटी की शादी एक ऐसे आदमी से कर रहे हैं जो बेहद क्रूर और निर्दयी है। उन्होंने अनजाने में अपनी बेटी को कसाई के खूंटे से बांध दिया है।

#2. वाक्य प्रयोग: स्कुल बस पर शराबी ड्रायवर को नियुक्त कर स्कुल ने सभी बच्चों को मानो कसाई के खूंटे से बांध दिया है।

#3. वाक्य प्रयोग: शर्माजी को सब पता था कि वह अपने बेटे को जहां नौकरी पर रखवा रहा है, वहां उसे कसाई के खूंटे से बांध दिया जाएगा, लेकिन फिर भी मोहनलाल ने कुछ नहीं किया, अब बाकी लोग क्या करेंगे।

#4. वाक्य प्रयोग: माफिया गिरोह में शामिल होकर प्रणव ने खुद को कसाई के खूंटे से बांध लिया है, अब उसके पास कोई भविष्य नहीं बचा है।

#5. वाक्य प्रयोग: बबीता ने ऐसी जगह नौकरी पा ली है जहां उसे कसाई के खूंटे से बांध दिया गया है, लेकिन वह नौकरी उसने खुद चुनी है, तो आप और क्या कर सकते हैं?

मौखिक बातचीत में अक्सर मुहावरों का प्रयोग किया जाता है जो मानवीय भावनाओं को वास्तविक बनाते हैं। मुहावरों को स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है।

प्रत्येक पाठ्यक्रम में मुहावरों का अपना-अपना अनुभाग होता है, छोटी-बड़ी कक्षाओं में मुहावरों को पढ़ाया जाता है, याद कराया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इसे मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।

मुहावरा अधिक असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करना है। एक शब्द के कई अलग-अलग मुहावरे हो सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि यहां दिए गए मुहावरे ही परीक्षा में पूछे जाएंगे।

मुहावरे सभी प्रकार की परीक्षाओं की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरों की अपनी अहमियत होती है। पेपर चाहे हिंदी में हो या अंग्रेजी में, यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।

मुहावरों का अभ्यास करना कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। अगर इसे ध्यान से समझा जाए तो इसे याद रखने की जरूरत ही नहीं पड़ती। इसे समझ-समझ कर ही लिखा और बोलचाल में उपयोग किया जा सकता है।

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