कलेजा निकालकर रख देना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग (Kaleja Nikal Kar Rakh Dena Muhavara)

Kaleja Nikal Kar Rakh Dena Muhavare Ka Matlab

कलेजा निकालकर रख देना का अर्थ – Kaleja Nikal Kar Rakh Dena Muhavare Ka Matlab

कलेजा निकालकर रख देना मुहावरे का अर्थसर्वस्व अर्पण कर देना
Kaleja Nikal Kar Rakh Dena

कलेजा निकालकर रख देना मुहावरे का अर्थ

Kaleja Nikal Kar Rakh Dena Muhavre Ka Arth – कलेजा निकालकर रख देना मुहावरे का अर्थ है सर्वस्व अर्पण कर देना, सब कुछ समर्पित कर देना, सब कुछ दे देना, अपनी जान दे देना, अपने दिल की सच्चाई बता देना।

कलेजा निकालकर रख देना मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग

Kaleja Nikal Kar Rakh Dena Muhavre Ka Vakya Prayog

#1. वाक्य प्रयोग: चाणक्य नीति के अनुसार हर व्यक्ति को कुछ बातें अपने मन में दबाकर रखनी चाहिए, अगर वह हर बार अपना कलेजा निकाल कर रख देगा तो सामने वाला उसकी कदर नहीं करेगा।

#2. वाक्य प्रयोग: दिनेश आज तक न जाने कितनी बार झूठ बोल चुका है और आज अगर वह अपना कलेजा भी निकाल कर रख देगा तो भी कोई उस पर विश्वास नहीं करेगा।

#3. वाक्य प्रयोग: हरहर माता-पिता अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए अपना कलेजा निकाल कर रख देते हैं।

#4. वाक्य प्रयोग: दिनेश ने अपनी प्रेमिका के सामने अपना कलेजा निकाल कर रख दिया, फिर भी वह उस पर विश्वास नहीं कर सकी, तो अब दिनेश क्या कर सकता है?

#5. वाक्य प्रयोग: समय-समय पर वीर देशभक्तों ने देशहित में अपना कलेजा निकाल कर रख दिया, तभी तो आज हम आजादी में जी रहे हैं।

मौखिक बातचीत में अक्सर मुहावरों का प्रयोग किया जाता है जो मानवीय भावनाओं को वास्तविक बनाते हैं। मुहावरों को स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है।

प्रत्येक पाठ्यक्रम में मुहावरों का अपना-अपना अनुभाग होता है, छोटी-बड़ी कक्षाओं में मुहावरों को पढ़ाया जाता है, याद कराया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इसे मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।

मुहावरा अधिक असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करना है। एक शब्द के कई अलग-अलग मुहावरे हो सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि यहां दिए गए मुहावरे ही परीक्षा में पूछे जाएंगे।

मुहावरे सभी प्रकार की परीक्षाओं की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरों की अपनी अहमियत होती है। पेपर चाहे हिंदी में हो या अंग्रेजी में, यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।

मुहावरों का अभ्यास करना कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। अगर इसे ध्यान से समझा जाए तो इसे याद रखने की जरूरत ही नहीं पड़ती। इसे समझ-समझ कर ही लिखा और बोलचाल में उपयोग किया जा सकता है।

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