टेडी बियर का इतिहास और दुनिया के पहले टेडी की कहानी – History of Teddy Bear and the story of a world-first teddy
History of Teddy Bear and the story of world-first teddy – दोस्तों वैसे तो हम सभी ‘टेडी बेयर’ (Teddy bear) नामके खिलोनेसे परिचित है, टेडी बेयर (Teddy bear) एक मुलायम खिलौने (Soft toys) श्रेणी का खिलौना है जो की ना केवल बच्चो का पसंदीदा खिलौना है बल्कि हर उम्रके लोगो को अपनी तरफ आकर्षित करता है, इसका मूल कारण है इसका लुभावना रूप और इसकी बनावट.
यही नही बल्कि आजकल तो टेडी बेयर को प्रेम के प्रतीक (Love symbol) के नजरियेसे भी देखा जाता है, आपने देखा होगा अक्सर प्रेमी जोड़े एक-दूसरे को टेडी बेयर देकर अपने प्यार का इज़हार करते है, लेकिन क्या आप जानते है की टेडी बेयर का आविष्कार किसने और कब किया? …तो आइये जानते है टेडी बेयर के आविष्कार की यह रंजक कहानी.
तो दोस्तों, इस सबकी शुरुआत हुई थी अमेरिका (America) के 26 वे राष्ट्रपति ‘थियोडोर रूज़वेल्ट’ (Theodore Roosevelt) की 14 नवंबर 1902 में की गयी शिकार यात्रा से, इन्हीं के सम्मान में टेडी बेयर का आविष्कार किया गया था.
राष्ट्रपति थियोडोर रूजवेल्ट एक बड़े शिकारी थे, अपने राष्ट्रपति पद के दौरान, वह अक्सर पहाड़ों में शिकार करने जाते थे और अपने दोस्तों को दिखाने के लिए बड़ी ट्राफियों के साथ घर आते थे. दरअसल, अमेरिका के ही मिसिसिपी राज्य (Mississippi state) के राज्यपाल (Governor) एंड्रयू एच लोंगीनो (Andrew H. Longino) ने राष्ट्रपति थियोडोर रूज़वेल्ट को और अन्य कुछ परिजनों को मिसिसिपी यात्रा का निमंत्रण दिया था.
इस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति अपने बाकी सहयोगी और कुछ शिकारी मार्गदर्शक (Guides), घोडें, शिकारी कुत्ते और पत्रकारों के दल के साथ शिकार पर निकल पड़े. इसके अलावा, होल्ड कोलियर (Hold Collier) नाम का एक स्थानीय नागरिक भी शामिल था जो इस इलाके को अच्छी तरह से जानता था, उसे 10 दिन के अभियान के लिए मार्ग-दर्शक के रूप में नियुक्त किया गया था. सभी लोग राष्ट्रपति को शिकार करते देखने के लिए उत्सुक थे.
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हालांकि रूजवेल्ट एक अनुभवी शिकारी थे और विशेष रूप से बड़े शिकार करने में कुशल थे परन्तु यह शिकार यात्रा रूज़वेल्ट के लिये काफी निराशाजनक रही, क्योंकि लगातार तीन दिन कोशिश करने के बावजूद भी रूज़वेल्ट को कोई शिकार हासिल नहीं हो सकी, जब की उनके अन्य साथियों को भालू की शिकार करने में सफलता मिली थी.
राष्ट्रपति का यह प्रयास विफल रहा, लेकिन अगले ही दिन होल्ड कोलियर की नजर एक बूढ़े काले भालू पर पड़ी, उन्होंने तुरंत उस भालू को कुछ पालतू कुत्तों के सहायता से घेर लिया और पकड़ कर एक पेड़ से बांध दिया. इस बात की जानकारी तुरंत राष्ट्रपति जी को दी गयी ताकि राष्ट्रपति जी पकड़े गये भालू को गोली मारकर शिकार का लुत्फ़ उठा सके.
अब राष्ट्रपति उम्मीद कर रहे थे कि वे भालू का शिकार करने में सफल होंगे. इसके बजाय, उन्होने खून से लथपथ भालू को एक पेड़ से बंधा पाया. अन्य शिकारियों ने राष्ट्रपति को भालू पर निशाना साधने के लिए प्रोत्साहित किया लेकिन राष्ट्रपति जी को यह सुझाव पसंद नही आया, उन्होंने भालू को गोली मारने से इनकार कर दिया और कहा की इस तरह शिकार करना उन्हें कदापि पसंद नही, तथा भालू को छोड़ दिया, लेकिन जिस वक्त भालू को पकड़ा गया था वह बुरी तरह से चोटिल हो चुका था, इसलिये राष्ट्रपति जी एक सहयोगी ने चाकू से भालू का अंत कर दिया, और वह भालू का शव घोड़े पर डालकर अपने कैम्प ले आये.
राष्ट्रपति के साथ यात्रा पर आए पत्रकारों ने रूजवेल्ट की भालू के प्रति दयाभाव के बारे तुरंत अपने संबंधित अखबारों में छाप दिया, और दूसरे ही दिन यह खबर पूरे देश में फैल गई. इसी बात पर राजनितिक कार्टूनिस्ट क्लिफर्ड बेरिमन (Clifford Berryman) ने एक कार्टून ड्राइंग के साथ इस कहानी को दर्शाया की किस तरह से राष्ट्रपतिजी ने भालू को गोली मारने से इनकार किया.
16 नवंबर 1902 मे प्रकाशित अमेरिका के प्रसिद्ध अखबार वाशिंगटन पोस्ट ( Washington Post ) मे कार्टून ड्राइंग का विवरण कुछ इस तरह किया गया की राष्ट्रपति जी आगे खड़े है तथा उनके सहयोगी और भालू उनके पीछे है और वे एक ही आकार के दिखाई देते है. बाद मे यही कार्टून ड्राइंग दोबारा छापा लेकिन इस बार भालू का आकार छोटा था और वह भयभीत था.
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एक दिन ब्रुकलीन (Brooklyn) निवासी मिचटोम (Morris and Rose Michtom) दम्पत्तीने अखबार मे क्लिफर्ड बेरिमन (Clifford Berryman) द्वारा बनाया भालू का कार्टून ड्राइंग देखा और उन्हे टेडी बेयर बनाने का खयाल आया, रोज मिचटोम ने तुरंत एक आलीशान मखमल का टुकड़ा लिया और अपनी कलात्मकतासे उसे भालू के आकार मे गठन किया, और उसपर नकली आंखे भी जड़ दी, दोस्तों यही था दुनिया का पहला टेडी बेयर, लेकिन टेडी बेयर के तौर पर अभी इसका नामकरण नही हुआ था, अभी तो यह सिर्फ भालू का मखमली पुतला था.
दुसरे दिन मिचटोम ने अपने पत्नी द्वारा बनाया टेडी बेयर अपने मिठाई के दुकान मे रख दिया, टेडी बेयर का वह लुभावना रूप सभी को अपनी और आकर्षित कर रहा था, दर्जनों लोगो ने तो टेडी बेयर को खरीदने की पेशकश भी रखी.
मिचटोम ने सोचा की शायद इस तरह के खिलौनों के निर्माण के लिये व्हाईट हाऊस (White House) से अनुमति लेना ज़रुरी है, उन्होने अपने पत्नी द्वारा बनाया टेडी बेयर राष्ट्रपति थियोडोर रूज़वेल्ट को उनके बच्चों के लिये उपहार के तौर पर भेज दिया और उनसे अनुमति प्राप्त कर ली. इस तरह भालू के तर्ज पर बने खिलोने को राष्ट्रपति थियोडोर रूज़वेल्ट के नाम के आधार पर अब टेडी बेयर के नाम से पहचान मिली.
टेडी बेयर के अमाप लोकप्रियता के पश्चात मिचटोम ने मिठाई की दुकान बंद कर पूर्णतः टेडी बेयर के निर्माण के लिए समर्पित हो गये. रूज़वेल्ट ने 1904 के चुनाव के लिए टेडी बेयर को ही रिपब्लिकन पार्टी के प्रतीक (Symbol) के रूप में अपनाया था.
मिचटोम अंततः नवीनतम खिलौनों का निर्माण करते रहे, उन्होने अपने पहले टेडी बेयर उत्पादन से एक टेडी बेयर स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूशन ( Smithsonian Institution) को भेट स्वरूप दिया था, जिसे आज भी “अमेरिकी राष्ट्रीय संग्रहालय” (National Museum of American History) मे रखा गया है.
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