अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस पर निबंध – International Tea Day Essay In Hindi

अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस पर निबंध - International Tea Day Essay In Hindi

Essay on International Tea Day in Hindi – एक चीज जो पूरी दुनिया में बहुत कॉमन मानी जाती है वो है भारतीयों में चाय पीने की आदत. कोई इसे लत कहता है तो कोई इसे जीवन का अनिवार्य तत्व बताता है.

चाय कुछ लोगों के जीवन का अहम हिस्सा होती है और चाय के बिना उनका दिन अधूरा होता है. 

चाय एक सुगंधित पेय (Fragrant drink) है जिसकी वैश्विक बाजार में बहुत मांग है. पानी के बाद यह दुनिया का दूसरा सबसे लोकप्रिय पेय पदार्थ (Beverage) है.

वैसे तो चाय के भी कई रूप (Types of tea) होते हैं और हर रूप के साथ उसका स्वाद भी अलग होता है. हर व्यक्ति अलग-अलग स्वाद के साथ खास अंदाज में चाय पीता है साथ ही अलग-अलग क्षेत्रों में चाय बनाने के तरीकों में भी अंतर होता है.

हमारे जड़ी-बूटी बहुल देश में तो चाय के ढेर सारे प्रकार पाए जाते हैं जैसे कि अदरक की चाय, तुलसी की चाय, मसाला चाय, इलायची की चाय, गुड़ की चाय, Lemon Tea, Green Tea आदि. इनमें से काफी सारे प्रकार की चाय का आस्वाद तो आपने भी अवश्य ही चखा होगा.

लेकिन शायद कम ही चाय प्रेमी इस बात से वाकिफ हैं कि मेहमाननवाजी की निशानी इस चाय का साल में अपना एक खास दिन भी होता है. हम बात कर रहे हैं “21 मई” – अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस यानी “International Tea Day” की.

इस दिन चाय पूरी दुनिया में सुर्ख़ियों में रहती है और इस दिन को चाय की चुस्कियों के साथ मनाया भी जाता है.

आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि कुछ साल पहले तक दुनिया भर में 15 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस मनाया जाता था, जो अब आधिकारिक रूप से 21 मई को मनाने का चलन बन गया है.

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये अलग-अलग तारीखों का मामला क्या है? तो बता दें कि इसके पीछे भारत की अहम भूमिका है, क्योंकि भारत ने वैश्विक स्तर पर चाय को उसका हक दिलाया है.

इसके साथ ही इस लेख में आप जानेंगे कि Chai diwas kya hota hai? Chai diwas kab manaya jata hai? भारत में चाय दिवस कब मनाया जाता है? और अन्य जानकारी, तो चलिए शुरू करते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस का इतिहास – International Tea Day History In Hindi

वर्ष 2005 में, भारत में पहला अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस (First International Tea Day) आयोजित किया गया था, तब से दुनिया भर के चाय उत्पादक देशों में 2005 से हर साल 15 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस मनाया जाता रहा हैं.

दरअसल, भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, वियतनाम, इंडोनेशिया, केन्या, मलावी, मलेशिया, युगांडा और तंजानिया सहित दुनिया भर के कई चाय उत्पादक देश 15 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस (International Tea Day) मनाते आ रहे हैं.

उस समय इस मिठास भरे दिन को संयुक्त राष्ट्र द्वारा आधिकारिक तौर पर मान्यता नहीं दी गई थी.

दूसरी ओर, भारत सरकार ने इसे लेकर एक बड़ी पहल की और 2015 में संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (Food and Agriculture Organization of the United Nations) के माध्यम से आधिकारिक तौर पर अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा, जिसे जल्द ही स्वीकार भी कर लिया गया.

लेकिन दुनिया के ज्यादातर चाय उत्पादक देशों में मई के महीने से चाय की कटाई का मौसम शुरू हो जाता है, जिसके चलते संयुक्त राष्ट्र (United Nation) ने “21 मई / 21 May” को अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस (International Tea Day) के रूप में नामित किया है.

इसके बाद, संयुक्त राष्ट्र ने 21 दिसंबर, 2019 को एक प्रस्ताव पारित किया और “21 मई” को “अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस” ​​घोषित किया गया. संयुक्त राष्ट्र से मान्यता मिलने के बाद 21 मई 2020 को पहली बार अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस मनाया गया.

इतना ही नहीं इस दिन के मौके पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा मनाए जाने वाले अन्य दिनों की तरह International Tea Day Theme भी निर्धारित की जाती है.

अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस का महत्व – International Tea Day Importance In Hindi

आपके कप में परोसी जाने वाली चाय निश्चित रूप से स्वादिष्ट होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि चाय की खेती करने के लिए बहुत कौशल और श्रम की आवश्यकता होती है.

हर साल अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस सरकार और आम जनता का ध्यान आकर्षित करने के लिए मनाया जाता है, ताकि चाय उत्पादन में आने वाली चुनौतियों और चाय बागानों से स्थानीय चाय उत्पादकों और उपभोक्ताओं का वैश्विक चाय व्यापार सकारात्मक रूप से प्रभावित हो सके.

चाय के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, चाय का चिकित्सकीय महत्व (Therapeutic significance) है और इसमें लोगों के स्वास्थ्य में मदद (Health improvement) करने की क्षमता है.

इस दिन का उद्देश्य चाय के स्थायी उत्पादन और खपत के समर्थन में पहल के लिए सामूहिक कार्रवाई को बढ़ावा देना भी है.

चाय उत्पादन हजारों लोगों की आजीविका का आधार है.

विश्व की अधिकांश चाय का उत्पादन एशिया और अफ्रीका में होता है. जिसमें भारत, चीन, नेपाल, श्रीलंका, केन्या, युगांडा और तंजानिया जैसे देश शामिल हैं.

इन देशों में दैनिक दिनचर्या के साथ-साथ सामाजिक और धार्मिक समारोहों में भी चाय पीना आम बात है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह आसानी से और बेहद कम कीमत में उपलब्ध हो जाती है.

पूर्वोत्तर भारत में भी हजारों लोग चाय बागानों (Tea garden) में काम करते हैं, उनकी रोजी-रोटी चाय पर ही निर्भर है. इसके लिए एक सुनियोजित व्यवसाय प्रबंधन होना बहुत जरूरी है ताकि चाय उत्पादकों को प्रोत्साहन मिले और बागानों में काम करने वाले गरीब लोगों को उनकी मेहनत का मूल्य मिल सके.

अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस कैसे मनाया जाता है? How is International Tea Day celebrated?

चाय का लुत्फ उठाने और पिलाने के लिए अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस मनाया जाता है. आजकल तो कई तरह-तरह की चाय उपलब्ध है, जिसका मजा आप अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ महफिल बनाकर ले सकते हैं, ताकि रिश्तों में भी मिठास भरी जा सके.

साथ ही चाय बागानों में काम करने वाले मजदूरों की प्रगति और चाय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए भी इस दिन को मनाया जाता है.

राष्ट्रीय (भारतीय) चाय दिवस – National Tea Day

वैसे तो भारत में चाय की चुस्की लेने के लिए किसी खास दिन की जरूरत नहीं है क्योंकि भारत का शायद ही कोई ऐसा घर होगा जहां दिन की शुरुआत चाय से न होती हो.

चाय के प्रति भारतीय लोगों की दीवानगी इस बात की गवाह है कि दुनिया में सबसे ज्यादा चाय की किस्में भारत में ही पाई जाती हैं, जैसे दूध वाली चाय, ब्लैक टी, ग्रीन टी, हर्बल टी आदि.

पूरी दुनिया के साथ-साथ भारत में भी 21 मई को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस मनाया जाता है, लेकिन जबकि भारत ने 15 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस की पहल शुरू की थी, इसीलिए कुछ लोग 15 दिसंबर को भी भारत में अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस मनाते हैं.

आज चाय का उत्पादन (Tea production) दुनिया भर के कई देशों द्वारा किया जाता है, लेकिन भारत इस मामले में दूसरे स्थान पर है. लेकिन भारत चाय की खपत (Tea consumption) के मामले में पहले स्थान पर है.

2007 में भारतीय चाय समिति (Tea Board of India) द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, घरेलू आबादी भारत में उत्पादित कुल चाय का लगभग 80% उपभोग करती है.

इतना ही नहीं, भारत में चाय की लोकप्रियता और स्वीकार्यता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दुनिया के कुल चाय उत्पादन का लगभग 30 प्रतिशत चाय की खपत यहीं होती है.

भारत में चाय का इतिहास – History of tea in India

ऐसा कहा जाता है कि 18वीं शताब्दी में 1836 से अंग्रेजों द्वारा भारत में चाय की व्यवसाइक शुरुआत की गई थी और चाय के बागान सबसे पहले बर्मा, म्यांमार और असम की सीमावर्ती पहाड़ियों पर शुरू किए गए थे.

पहले खेती के लिए चीन से बीजों का आयात किया जाता था, लेकिन अंग्रेजों के भारत आने के बाद चाय का उत्पादन तेजीसे बढ़ा.

कुछ समय बाद असम की प्रसिद्ध चाय के बीजों को खेती के लिए इस्तेमाल किया जाने लगा और भारत में बड़े पैमाने पर चाय का उत्पादन होने लगा. भारत में चाय का उत्पादन मूल रूप से ब्रिटिश बाजार में चाय की मांग को पूरा करने के लिए किया जाता था.

उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्ध तक भले ही भारत में चाय की खपत नगण्य थी, लेकिन आज आपको भारत के कोने-कोने में चाय जरूर मिल जाएगी.

FAQ

Q: अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस कब मनाया जाता है?
A: अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस हर साल 21 मई को मनाया जाता है.

Q: विश्व का सबसे बड़ा चाय निर्यातक देश कौन सा है.
A: चीन वर्तमान में दुनिया का सबसे बड़ा चाय निर्यातक देश (Tea-exporting country) है.

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