अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस क्यों मनाया जाता है? Why is International Literacy Day celebrated?
दुनिया में शिक्षा के महत्व को दर्शाने और निरक्षरता को समाप्त करने के लिए, संयुक्त राष्ट्र ने 17 नवंबर 1965 को एक अंतरराष्ट्रीय पर्व मनाने का फैसला किया और यह तय किया गया कि हर साल 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस (International Literacy Day) के रूप में मनाया जाएगा.
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस, जिसे भारत में ‘विश्व साक्षरता दिवस’ के रूप में भी जाना जाता है, हर साल 8 सितंबर को पूरे विश्व में मनाया जाने वाला एक अंतरराष्ट्रीय पर्व है. जिसे संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) द्वारा 26 अक्टूबर 1966 को यूनेस्को के आम सम्मेलन के 14वें सत्र में घोषित किया गया था.
पहला विश्व साक्षरता दिवस कब मनाया गया? When was the first World Literacy Day observed?
पहला ‘विश्व साक्षरता दिवस’ साल 1967 में मनाया गया था और वर्ष 2009-2010 को संयुक्त राष्ट्र साक्षरता दशक के रूप में घोषित किया गया था. इस अवसर के बाद से, ‘8 सितंबर’ को पूरी दुनिया में विश्व साक्षरता दिवस के रूप में मनाया जाता है.
विश्व साक्षरता दिवस कैसे मनाएं? How to celebrate world literacy day?
हालांकि पहले अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के बाद से पचास से अधिक वर्षों में साक्षरता दर में सुधार करने में बहुत प्रगति हुई है, लेकिन फिर भी निरक्षरता एक जागतिक समस्या बनी हुई है.
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अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने के लिए, आप निम्नलिखित गतिविधियों को लागू कर सकते हैं:
- आप सामूहिक समारोह का आयोजन कर साक्षरता को लेकर भाषण के माध्यम से जनजागृति कर सकते है.
- कुछ गरीब एवं पृथक बस्तियों में पुस्तकों एवं शैक्षिक सामग्री का वितरण कर शिक्षा का प्रकाश जगाने का प्रयास किया जा सकता है.
- समाज के सभी वर्गों में साक्षरता और निरक्षरता के आंकड़ों की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने का काम किया जा सकता है.
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2021 का विषय क्या है? What is the theme for International Literacy Day 2021?
इस वर्ष, कोविड -19 महामारी को ध्यान में रखते हुए, अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2021 का उद्देश्य ‘मानव-केंद्रित पुनर्प्राप्ति के लिए साक्षरता: डिजिटल विभाजन को कम करना’ (Literacy for a human-centered recovery: Narrowing the digital divide) है.
साक्षरता के प्रति जागरूकता की आवश्यकता क्यों है? Why is literacy awareness needed?
साक्षरता का अर्थ केवल पढ़ना, लिखना या शिक्षित होना नहीं है. जनता में उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूकता लाकर साक्षरता सामाजिक विकास का आधार बन सकती है. साक्षरता गरीबी उन्मूलन में महत्वपूर्ण और अर्थपूर्ण योगदान दे सकती है. महिलाओं और पुरुषों के बीच समानता के लिए महिलाओं का भी साक्षर होना बहुत जरूरी है.
भारत पूर्ण साक्षरता से कोसों दूर है – India is far from full literacy
विश्व संगठन का अनुमान है कि दुनिया के 127 देशों में से भारत सहित 101 देश ऐसे हैं जो पूर्ण साक्षरता हासिल करने से कोसों दूर हैं. जबकि भारत देश ने पिछले कुछ वर्षों में साक्षरता में सुधार करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है, लेकिन भारत में साक्षरता दर वैश्विक स्तर से नीचे ही है. भारत में साक्षरता दर अभी भी संतोषजनक नहीं है.
संयुक्त राष्ट्र सहस्राब्दी विकास लक्ष्य सूचकांक के अनुसार, भारत में साक्षरता प्रतिशत अभी भी 75 प्रतिशत के वैश्विक स्तर से काफी नीचे है. निरक्षर महिलाओं का बड़ा अनुपात भारत में कम साक्षरता दर का एक और कारण है. लिंग के आधार पर असमानता के कारण महिला साक्षरता दर (65.46%) पुरुष (82.14%) समकक्षों की तुलना में कम है.