‘मंगल’ ग्रह, सूर्य से दूर सौरमंडल का चौथा और दूसरा सबसे छोटा ग्रह है. ‘मंगल’ ग्रह का भूमंडलीय नाम “मार्स (Mars)” है, जिसे युद्ध के प्राचीन रोमन देवता के नाम पर रखा गया है. ‘मंगल’ ग्रह को अपने लाल रंग के कारण अक्सर “लाल ग्रह (Red Planet)” के रूप में भी वर्णित किया जाता है.
‘मंगल’ ग्रह एक स्थलीय ग्रह है जहां पर मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड से बना विरल वातावरण मौजूद है.
‘मंगल’ ग्रह के बारे में रोचक तथ्य
#1. ‘मंगल’ ग्रह और पृथ्वी का भूभाग लगभग एक समान ही है.
‘मंगल’ ग्रह पृथ्वी के विस्तृत-क्षेत्र के केवल 15% है, पृथ्वी के द्रव्यमान का मात्र 10% है और ‘मंगल’ ग्रह की सतह का गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी के केवल 37% है. ‘मंगल’ ग्रह पृथ्वी के व्यास के लगभग आधे हिस्से जितना ही है, लेकिन दोनों ग्रहों में शुष्क भूमि की सतह का क्षेत्रफल लगभग एक समान ही है. ऐसा इसलिए है क्योंकि पृथ्वी की सतह का दो-तिहाई से अधिक हिस्सा महासागरों से ढंका है, जबकि वर्तमान में ‘मंगल’ ग्रह की सतह पर पानी का कोई निशान नहीं है.
#2. पूरे सौरमंडल में सबसे ऊंचा पर्वत ‘मंगल’ ग्रह पर स्थित है.
‘मंगल’ ग्रह पर स्थित सबसे ऊंचा पर्वत वास्तव में “ओलंपस मॉन्स (Olympus Mons)” नामक एक ज्वालामुखी है. ‘ओलंपस मॉन्स’ की ऊंचाई 24 किमी और व्यास 600 किमी है. हालांकि यह ज्वालामुखी अरबों साल पुराना है, इसके लावा प्रवाह के हालिया प्रमाण मिले हैं, कई वैज्ञानिकों का मानना है कि यह अभी भी सक्रिय हो सकता है.
#3. सौर मंडल में ‘मंगल’ ग्रह पर धूल के सबसे बड़े तूफान हैं.
‘मंगल’ ग्रह पर उठे तूफान महीनों तक कायम रह सकते हैं और पूरे ग्रह को ढांक सकते हैं. सूर्य के चारों ओर ‘मंगल’ ग्रह का कक्षीय मार्ग अण्डाकार है और सौरमंडल के अन्य ग्रहों की तुलना में अधिक लंबा है, जिसके कारण यहां का मौसम अपने चरम पर होता है.
#4. ‘मंगल’ ग्रह पर से, सूर्य का आकार पृथ्वी पर से दिखने वाले सूर्य के लगभग आधे आकार में दिखाई देता है.
‘मंगल’ ग्रह सूर्य से लगभग 14.2 करोड़ मील दूर है. चूंकि ‘मंगल’ ग्रह पृथ्वी की तुलना में सूर्य से डेढ़ गुना दूर है, इसलिए ‘मंगल’ ग्रह से देखा जाने वाला सूर्य ‘मंगल’ ग्रह के धूल भरे आकाश में आकर से छोटा दिखाई देता है.
#5. पृथ्वी पर ‘मंगल’ ग्रह के टुकड़े पाए गए हैं.
वैज्ञानिकों ने उल्कापिंडों के भीतर ‘मंगल’ ग्रह के वातावरण के छोटे निशान पाए हैं जो ‘मंगल’ ग्रह से बलपूर्वक निष्कासित किये गए थे, जो फिर पृथ्वी पर टकराव होने से पहले लाखों वर्षों तक आकाशगंगा में मलबे के रूप में सौर प्रणाली की परिक्रमा करते रहे थे. इस घटना ने वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष मिशन शुरू करने से पहले ‘मंगल’ ग्रह का अध्ययन शुरू करने की प्रेरणा दी.
प्रत्येक ग्रह सूर्य से कितनी दूरी पर है? (How far away from the sun is each planet?)
#6. युद्ध के रोमन देवता (Mars) के नाम पर ‘मंगल’ ग्रह का भूमंडलीय नाम रखा गया है.
‘मंगल’ ग्रह का भूमंडलीय नाम “मार्स (Mars)” है. “मार्स (Mars)” एक रोमन देवता है जिन्हे युद्ध के देवता के रूप में जाना जाता है. कई लोगों का मानना है कि प्राचीन लोगों ने ‘मंगल’ ग्रह के लाल रंग के कारण ‘मंगल’ ग्रह को रक्तपात और युद्ध से जोड़ा था.
केवल रोमन ही एकमात्र समाज नहीं था जो ‘मंगल’ ग्रह को रक्तपात से जोड़ता था. प्राचीन बेबीलोन के लोग इसे “नर्गल (Nergal)” कहते थे जो की उनके अग्नि, युद्ध और विनाश के देवता थे, चीनी खगोलविदों के लिए यह ‘अग्नि तारा’ था.
#7. ‘मंगल’ ग्रह पर एक वर्ष 687 दिन का होता है.
जैसा की हम जानते है की पृथ्वी पर एक वर्ष 365 दिन का होता है, ‘मंगल’ ग्रह पर एक वर्ष 687 दिन का होता है. क्योंकि ‘मंगल’ ग्रह सूर्य से बहुत दूर है, इसलिए उसे सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करने के लिए अधिक दूरी तय करनी पड़ती है. ‘मंगल’ ग्रह के लिए यह समय सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने के लिए पृथ्वी की तुलना में लगभग दोगुना है.
#8. ‘मंगल’ ग्रह पर एक दिवस पृथ्वी पर एक दिन की तुलना में लगभग 40 मिनट लंबा होता है.
‘मंगल’ ग्रह एक ऐसा ग्रह है जिसका पृथ्वी के समान ही दैनिक चक्र है. ‘मंगल’ ग्रह का नक्षत्र दिवस 24 घंटे, 37 मिनट और 22 सेकंड का होता है, और इसका सौर दिन 24 घंटे, 39 मिनट और 35 सेकंड का होता है. इसलिए एक ‘मंगल’ दिवस (जिसे “सोल (sol)” कहा जाता है) पृथ्वी पर एक दिन की तुलना में लगभग 40 मिनट लंबा होता है.
#9. ‘मंगल’ ग्रह को ‘लाल ग्रह’ के रूप में भी जाना जाता है.
‘मंगल’ ग्रह को ‘लाल ग्रह’ के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि, यह लाल है! ‘मंगल’ ग्रह को यह लाल रंग इसकी चट्टानों और मिट्टी में मौजूद आयरन ऑक्साइड नामक रासायनिक पदार्थ की बड़ी मात्रा से प्राप्त हुआ है.
#10. ‘मंगल’ ग्रह का गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी की तुलना में बहुत कमजोर है.
आप पृथ्वी की तुलना में ‘मंगल’ ग्रह पर लगभग तीन गुना अधिक ऊंचा कूद सकते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि ‘मंगल’ ग्रह का गुरुत्वाकर्षण बल जो हमें जमीन पर खींचता है – बहुत कमजोर है. ‘मंगल’ ग्रह की सतह पर गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी की तुलना में 62.5% कम है. मान लीजिए कि पृथ्वी पर आपका वजन 100 किलोग्राम है तो यह ‘मंगल’ ग्रह पर केवल 38 किलोग्राम होगा.
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