भारतीय नौसेना दिवस पर निबंध – Indian Navy Day Essay In Hindi

भारतीय नौसेना दिवस पर निबंध - Indian Navy Day Essay In Hindi

Essay on Indian Navy Day in Hindi – भारत के पास देश की सीमाओं की रक्षा के लिए जल, थल और वायु सेना के रूप में आधुनिक सशस्त्र सुरक्षा बल (Armed forces) हैं, जो अपने कर्तव्यों का बखूबी पालन करते हैं.

भारतीय सुरक्षा बल के तहत भारतीय सेना (Indian Army), भारतीय नौसेना (Indian Navy) और भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) को सुरक्षा क्षेत्रों में विभाजित किया गया है. नौसेना देश के जल क्षेत्र और तटीय क्षेत्रों पर बाहरी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है.

भारतीय नौसेना दिवस पर निबंध – Indian Navy Day Essay In Hindi

भारतीय नौसेना के इतिहास पर नजर डालें तो इसने हमेशा ही दुश्मन के खेमे में अपना दबदबा कायम किया है. अपने अविश्वसनीय कारनामों से, भारतीय नौसेना ने न केवल भारत का गौरव बढ़ाया है, बल्कि लोगों में सुरक्षा और विश्वास की भावना भी पैदा की है.

भारतीय नौसेना दिवस यानी Indian Navy Day हर साल 4 दिसंबर को भारत में मनाया जाता है. नौसेना के स्वर्णिम इतिहास में यह एक महत्वपूर्ण तिथि थी, जब भारतीय नौसेना ने 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम (Bangladesh Liberation War) में 4 दिसंबर को ऑपरेशन ट्राइडेंट (Operation Trident) शुरू किया था.

नौसेना के इस सैन्य अभियान ने पाकिस्तान के कराची शहर के नौसैनिक अड्डों और सैन्य सामग्री को नष्ट कर युद्ध को निर्णायक भूमिका में ला दिया था. इससे पहले 3 दिसंबर की रात को पाकिस्तानी वायुसेना ने भारत के कई हवाईअड्डों पर बमबारी की थी और भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान की इस हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने की पहल की थी.

इस ऑपरेशन को भारतीय नौसेना ने 4 दिसंबर की रात सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया था. उस समय पाकिस्तानी नौसेना के पास रात में समुद्री युद्ध लड़ने के लिए कोई हथियार नहीं था, इसलिए भारतीय नौसेना ने अपने लक्ष्य (Target) के रूप में कराची मुख्यालय को चुना था.

भारतीय नौसेना ने एक मिसाइल बोट (Missile boat) और दो युद्धपोतों (Warships) की एक टुकड़ी के साथ कराची पोत पर हमला कर दिया. पहला हमला एक जहाज-रोधी मिसाइल (Anti-ship missile) दागकर किया गया था, जिसमें पाकिस्तानी नौसेना के अधिकांश जहाज और तेल टैंकर नष्ट हो गए थे.

Karachi Harbor Oil Reserve पर किया गया हमला इतना जोरदार था कि पाकिस्तानी नौसेना ने हार मान ली.

इस हमले की तबाही इतनी भीषण थी कि यहां खड़े तेल के टैंकरों में आग का गुब्बार 50 किमी की दूरी से देखा जा सकता था और यह तेल डिपो अगले सात दिनों तक जलता रहा.

भारतीय नौसेना का इतिहास – Indian Navy History In Hindi

भारतीय नौसेना तटीय सुरक्षा और व्यापार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. 400 वर्षों के अपने गौरवशाली इतिहास के साथ, नौसेना न केवल भारतीय सीमाओं की रक्षक रही है, बल्कि भारतीय संस्कृति की भी रक्षक रही है.

यह 67,000 से अधिक सशस्त्र बलों, आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) जैसे विमान वाहक युद्धपोत और मिसाइलों से लैस पनडुब्बियों के साथ दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी नौसेना है.

हाल के वर्षों में, नौसेना का तेजी से आधुनिकीकरण हुआ है. नौसेना में कई आधुनिक हथियार, युद्धपोतों के बेड़े और तकनीक को शामिल किया गया. अपने अथक प्रयासों से नौसेना भारत को सुपर पावर बनाने में अपनी भूमिका निभा रही है.

भारत के राष्ट्रपति तीनों भारतीय सशस्त्र बलों (Indian Armed Forces) के प्रमुख होते हैं. नौसेना के सेवा प्रमुख या अध्यक्ष को एडमिरल (Admiral) कहा जाता है. 

वर्तमान में, भारतीय नौसेना का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है. भारतीय नौसेना को तीन क्षेत्र कमानों (पश्चिम में मुंबई, पूर्व में विशाखापत्तनम और दक्षिण में कोच्चि) के तहत तैनात किया गया है, प्रत्येक की कमान एक फ्लैग ऑफिसर के पास है.

भारतीय नौसेना का आदर्श वाक्य “शं नो वरुणः” है, जिसका अर्थ है: “जल के देवता वरुण हमारे लिए मंगलकारी रहें”. वेदों में वर्णित भगवान वरुण (समुद्र देवता) का आह्वान करने वाले इस आदर्श वाक्य को भारतीय नौसेना ने अपने प्रतीक के रूप में अपनाया था.

पहली बार, आधुनिक भारतीय नौसेना की स्थापना 1613 में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा इंडियन मरीन (Indian Marine) के रूप में की गई थी. वर्ष 1658 में इसका नाम बदलकर बॉम्बे मरीन (Bombay Marine) कर दिया गया.

फिर 1934 में पारित भारतीय नौसेना अनुशासन अधिनियम के तहत इसका नाम बदलकर रॉयल इंडियन नेवी (Royal Indian Navy) कर दिया गया. उस समय तक नौ सैनिकों की संख्या केवल दो हजार थी, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इसे बढ़ाकर तीस हजार कर दिया गया था.

26 जनवरी 1950 को भारत गणतंत्र बना और इस दिन भारतीय नौसेना ने अपने नाम से “रॉयल” शब्द हटा दिया. उस समय भारतीय नौसेना के पास 32 जहाज़ों का समूह और लगभग 11,000 अधिकारी और नाविक थे.

15 अगस्त 1947 को जब देश आजाद हुआ तो भारत के नौसैनिक बेड़े में पुराने युद्धपोत थे. भारतीय रक्षा मंत्रालय ने 1960 में बॉम्बे (मुंबई) में मझगांव पोर्ट (Mazagon Port) और कलकत्ता (कोलकाता) में गार्डन रीच वर्कशॉप (GRSE) को अपने कब्जे में ले लिया, और देश के अपने जहाज निर्माण की दिशा में पहला कदम उठाया.

आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) भारतीय नौसेना का पहला विमानवाहक पोत (aircraft carrier) था, जिसे 1961 में नौसेना में शामिल किया गया था. आईएनएस विराट (INS Viraat) को बाद में 1986 में नौसेना में शामिल किया गया, जो भारत का दूसरा विमानवाहक पोत बन गया.

आज, भारतीय नौसेना के पास Petrol powered submarines, Destroyers, Warships, Frigates, Corvettes, Training ships, महासागर और तटीय minesweepers और कई अन्य प्रकार के जहाजों का बेड़ा है.

इसके अलावा, भारतीय नौसेना की विमानन सेवा (Indian Navy’s aviation service) कोच्चि में आईएनएस गरुड़ (INS Garuda) के शामिल होने के साथ शुरू हुई. इसके बाद, आईएनएस हंस (INS Hans) को कोयम्बटूर में जेट विमान की मरम्मत और रखरखाव के लिए शामिल किया गया था.

भारतीय नौसेना ने समुद्र में कई बड़े ऑपरेशनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, विशेष रूप से जब नौसेना ने 1961 में गोवा को पुर्तगालियों से मुक्त कराने के लिए सेना की सहायता की थी. इसके अलावा 1971 में जब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ा तो नौसेना ने अपनी क्षमता का परचम लहराकर अपनी उपयोगिता साबित की.

देश की सीमाओं की रक्षा करने के अलावा, भारतीय नौसेना ने भारतीय सेना के साथ संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न शांति अभियानों में भी भाग लिया.

नौसेना दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? When and why is Navy Day celebrated?

हालांकि भारतीय तटीयरेखाओं (Coastlines) की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार भारतीय नौसेना की शुरुआत 5 सितंबर 1612 को तब हुई जब ईस्ट इंडिया कंपनी (East India Company) के युद्धपोतों का पहला बेड़ा सूरत बंदरगाह (Surat port) पर पहुंचा और 1934 में “रॉयल इंडियन नेवी” की स्थापना की गई, लेकिन हर बार 4 दिसंबर को “भारतीय नौसेना दिवस (Indian Navy Day)” मनाने की वजह इसके गौरवशाली इतिहास से जुड़ी है.

भारतीय नौसेना दिवस का इतिहास 1971 के ऐतिहासिक भारत-पाकिस्तान युद्ध (Indo-Pakistani War) से जुड़ा हुआ है, जिसमें भारत ने न केवल पाकिस्तान पर अविस्मरणीय जीत हासिल की थी, बल्कि पूर्वी पाकिस्तान (East Pakistan) को आजाद कराकर उसे एक स्वायत्त राष्ट्र “बांग्लादेश (Bangladesh)” का दर्जा भी दिलाया था.

भारतीय नौसेना की वीरता और गौरवशाली इतिहास को उजागर करने के लिए 4 दिसंबर को भारत में नौसेना दिवस मनाया जाता है.

गोवा और पांडिचेरी में पुर्तगालियों को खदेड़ने के लिए स्वतंत्र भारत में पहली बार नौसेना का इस्तेमाल किया गया था. भारतीय सैनिक उस योजना में सफल रहे और यह क्षेत्र देश का हिस्सा बन सका.

1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में दूसरी बार नौसेना का इस्तेमाल किया गया था. इस अभियान की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रात के अंधेरे में इतने बड़े ऑपरेशन को अंजाम देने के बाद भी एक भी भारतीय सैनिक को नुकसान नहीं पहुंचा.

भारत के इस हमले में पाकिस्तान के 500 सैनिक मारे गए थे और 700 से ज्यादा घायल हुए थे. आपको यह जानकर गर्व होगा कि नौसेना के इस कारनामे को दुनिया के सबसे सफल नौसेना अभियानों में गिना जाता है.

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद नौसेना के इतिहास में यह सबसे सफल लड़ाई मानी जाती है. इस दिन को खास बनाने के उद्देश्य से भारत में हर साल 4 दिसंबर को नेवी डे (Navy Day) मनाया जाता है.

भारत में नौसेना दिवस कैसे मनाया जाता है? How is Navy Day celebrated in India?

देश के प्रत्येक नागरिक को अपनी सेना और सैनिकों पर गर्व है. ये हमारे वीर जवान ही हैं जिनकी वजह से हमारा देश सुरक्षित है और हम अपने घरों में चैन की नींद सो पा रहे हैं.

4 दिसंबर को पूरे देश में नौसेना दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. नौसेना अपनी ओर से विशाखापत्तनम (Visakhapatnam) में इस कार्यक्रम का आयोजन करती है.

कार्यक्रम की शुरुआत RK Beach स्थित War Memorial पर श्रद्धांजलि देने के बाद होती हैं. पश्चिमी नौसेना कमान अपने जहाजों और प्रभावशाली चालक दल के साथ अपनी सामरिक शक्ति का प्रदर्शन करती है. 

इस दिन, नौ सैनिकों द्वारा नौसैनिक जहाजों और सामरिक पनडुब्बियों और बेड़े को प्रदर्शित और संचालित किया जाता है. यह न केवल एक प्रदर्शनी का अवसर होता है बल्कि नौसेना Navy Ball, Navy Fest और Navy Queen जैसी प्रतियोगिताएं भी होती हैं और सेना अपना पेशेवराना अंदाज दिखाती है.

देश भर के काफी स्कूलों और कॉलेजों में नौसेना दिवस पर निबंध लेखन, भाषण प्रतियोगिता और अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।

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