भारतीय त्योहारों की सूची हिन्दी में (Indian festival list in Hindi)

Indian festival list in Hindi

Indian festival list in Hindi – भारत दुनिया का एक ऐसा देश है जहां साल भर तरह-तरह के पर्व और त्योहार (Indian festivals throughout the year) मनाए जाते हैं। यहां के लोग अपने प्रत्येक त्यौहार को अपने धर्म, संस्कृति और परंपराओं के साथ बहुत ही उत्सवपूर्ण तरीके से मनाते हैं।

यहां भारत में जीवन का हर दिन एक त्यौहार की तरह मनाया जाता है और यह दुनिया भर के अन्य देशों की तुलना में सबसे अधिक त्यौहार मनाये जाते है। हर त्यौहार का अपना विशेष महत्व होता है और समाज, संस्कृति और धार्मिक मान्यताओं के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता और अखंडता में भी इसका महत्वपूर्ण महत्व होता है।

इन त्योहारों के माध्यम से लोग सामाजिक जुड़ाव, आपसी सद्भाव और एकजुटता के महत्व को समझते हैं। ये त्यौहार समाज को एक साथ लाते हैं और विभिन्न समुदायों के लोगों को एक साथ आने का अवसर प्रदान करते हैं। इसके अलावा, ये त्योहार धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण को भी बढ़ावा देते हैं और लोगों को उनके मौलिक मूल्यों और धार्मिक अर्थ से अवगत कराते हैं।

प्रमुख भारतीय त्योहारों की सूची (List of major Indian festivals in Hindi)

  • दिवाली (Diwali) – भारतीयों का सबसे बड़ा त्यौहार रोशनी के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है।
  • दशहरा (Dussehra) – बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।
  • होली (Holi) – रंगों का त्योहार, जो फागुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।
  • मकर संक्रांति (Makar Sankranti) – सूर्य का उत्सव मनाने वाला एक त्योहार, जिसमें खिचड़ी, तिल और गुड़ से बने व्यंजन खाए जाते हैं।
  • रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) – भाई-बहन के प्यार का प्रतीक बहनें अपने भाइयों को राखी बांधती हैं।
  • नाग पंचमी (Nag Panchami) – नाग पंचमी नाग या साँपों की पारंपरिक पूजा का दिन है।
  • पोंगल (Pongal) – तमिलनाडु में मनाया जाने वाला धान की कटाई का त्योहार है।
  • गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) – भगवान गणेश के आगमन की प्रत्याशा में मनाया जाता है।
  • चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) – नवरात्रि का त्यौहार, जिसमें नौ दिनों तक देवी दुर्गा की पूजा की जाती है।
  • नवरात्रि (Navratri) – गुजरात में मनाया जाता है, जिसमें रास गरब नृत्य किये जाते हैं।
  • दुर्गा पूजा (Durga Puja) – दुर्गा पूजा देवी भगवानी की पूजा है और महानवमी के अवसर पर बहुत धूमधाम से मनाई जाती है।
  • करवा चौथ (Karwa Chauth) – पत्नि द्वारा अपने पति की दीर्घायु और खुशहाली की कामना के साथ मनाया जाने वाला व्रत त्योहार है।
  • जन्माष्टमी (Janmashtami) – जन्माष्टमी श्री कृष्ण के जन्म का जश्न मनाने के लिए हिंदू समुदाय द्वारा मनाया जाने वाला त्योहार है।
  • हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) – हनुमान जी की आराधना का पर्व चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है।
  • महाशिवरात्रि (Mahashivratri) – महाशिवरात्रि एक हिंदू धार्मिक त्योहार है जो भगवान शिव की पूजा करने और उनके जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
  • छठ पूजा (Chhath Puja) – छठ पूजा बिहार और पश्चिम बंगाल के लोगों द्वारा सूर्य देव की पूजा के अवसर पर मनाया जाने वाला त्योहार है।
  • बैसाखी (Baisakhi) – पंजाब और हरियाणा के लोगों की कड़ी मेहनत की सफलता का जश्न मनाने का त्योहार है।
  • ओणम (Onam) – ओणम एक हिंदू त्योहार है जो केरल के लोगों द्वारा समृद्धि और समृद्धि के अवसर पर मनाया जाता है।
  • बिहू (Bihu) – बिहू, असम राज्य में मनाया जाने वाला हाड़ि पर्व है जो फसलों की खुशी में मनाया जाता है।
  • वैषाख पूर्णिमा (Buddha Purnima) – वैशाख पूर्णिमा आध्यात्मिक महत्व वाला एक त्योहार है जिसे चंद्रमा के साथ मनाया जाता है।
  • लोहड़ी (Lohri) – लोहड़ी एक हिंदू त्योहार है जो पंजाब और हरियाणा के लोगों द्वारा पिछले वर्ष की फसल का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है।
  • गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) – यह गुरुओं और उनके शिष्यों के बीच गुरु-शिष्य संबंधों के महत्व को याद करने के लिए मनाया जाने वाला त्योहार है।
  • गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti) – गुरु नानक जयंती को सिख समुदाय के प्रमुख गुरु नानक देव जी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
  • गुरुपर्व (Gurpurab) – गुरुपर्व सिख समुदाय के प्रमुख गुरु के जन्म और जोति जोत के अवसर पर मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है।
  • क्रिसमस (Christmas) – क्रिसमस ईसाई धर्म का एक प्रमुख त्योहार है जो 25 दिसंबर को ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
  • ईद (Eid) – यह मुस्लिम समुदाय का एक महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहार है, जो रमज़ान के बाद मनाया जाता है।

कौन से त्यौहार किस महीने में आते हैं? Indian festivals by month

जनवरी में मनाये जाने वाले त्योहार (Festivals celebrated in January in Hindi)
मकर संक्रांतिपोंगललोहड़ीमाघ बिहू (बोहाग बिहु)सरस्वती पूजा
फरवरी में मनाये जाने वाले त्योहार (Festivals celebrated in February in Hindi)
वसंत पंचमीगुरु रविदास जयंती
मार्च/अप्रैल में मनाए जाने वाले त्योहार (Festivals celebrated in March/April in Hindi)
होलीचैत्र नवरात्रिराम नवमीउगड़ी गुड़ी पड़वा (महाराष्ट्र)विषुबैसाखी (वैशाखी)मेष संक्रांति (ओड़िशा)बड़ी ईद (ईद-उल-फितर)
मई/जून में मनाये जाने वाले त्यौहार (Festivals celebrated in May/June in Hindi)
बुद्ध पूर्णिमारथ यात्रा (जगन्नाथ रथ यात्रा)शयनी एकादशी (जगन्नाथ एकादशी)महेश जयंती
जुलाई/अगस्त में मनाए जाने वाले त्योहार (Festivals celebrated in July/August in Hindi)
रक्षाबंधनश्रीकृष्ण जन्माष्टमीहरियाली तीजनाग पंचमीवरलक्ष्मी पूजा (वरलक्ष्मी व्रत)तीज (हरियाणा, पंजाब)
सितंबर/अक्टूबर में मनाए जाने वाले त्यौहार (Festivals celebrated in September/October in Hindi)
गणेश चतुर्थीनवरात्रिदुर्गा पूजादशहराओणम शरद पूर्णिमाकर्तिक मास (कर्तिक मास व्रत)
नवंबर/दिसंबर में मनाए जाने वाले त्योहार (Festivals celebrated in November/December in Hindi)
कार्तिक पूर्णिमाधनतेरस दिवालीगोवर्धन पूजाकरवा चौथछठ पूजागुरु पुरब (गुरु नानक जयंती)क्रिसमस (ईसाई धर्म का प्रमुख त्योहार)

भारतीय पर्वों का विवरण (Description of Indian festivals)

भारत में पूरे वर्ष विभिन्न प्रकार के त्यौहार मनाये जाते हैं। यहां व्यक्तिगत, सामाजिक और धार्मिक आयाम आपस में गुंथे हुए हैं और भारतीय सांस्कृतिक, धार्मिक और राष्ट्रीय चेतना के साथ-साथ लोगों के जीवन की विशिष्टता को भी प्रकट करते हैं। ये त्यौहार विभिन्न प्रतिष्ठानों, उत्सवों और अनुष्ठानों के साथ मनाए जाते हैं और विविधता के अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।

यहां हर दिन त्योहार मनाए जाते हैं और यह एक अनोखी विशेषता है क्योंकि पूरी दुनिया की तुलना में भारत में अधिक त्योहार मनाए जाते हैं। हर त्यौहार का अपना महत्व होता है और यह लोगों के जीवन में खुशी और सामाजिक एकता की भावना को बढ़ावा देता है।

दीपावली (Diwali)

कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाने वाला यह त्यौहार भारत में अक्टूबर और नवंबर के बीच मनाया जाता है और इसे “दीपावली” या “दिवाली” के नाम से भी जाना जाता है। यह एक प्रमुख हिंदू त्योहार और भगवान लक्ष्मी की पूजा का त्योहार है, जिसे धन और वैभव की देवी के आगमन के रूप में मनाया जाता है।

दिवाली का त्योहार भगवान राम की अयोध्या वापसी की याद दिलाता है, जब वह 14 साल के वनवास के बाद अपने राज्य में लौटे थे। इस दिन को “छोटी दिवाली” के रूप में मनाया जाता है।

दिवाली शब्द का शाब्दिक अर्थ है ‘दीपकों की पंक्तियाँ’ और इसे रोशनी का त्योहार कहा जाता है। इस दिन घरों को दीपों, दियों और मोमबत्तियों से सजाया जाता है, जो अच्छाई, रोशनी और ज्ञान का प्रतीक हैं। इसके साथ ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं।

दिवाली के दिन लोग अपने दोस्तों और परिवार के साथ जश्न मनाते हैं और विभिन्न प्रकार की मिठाइयों और विशेष व्यंजनों का स्वाद लेते हैं।

दिवाली के त्योहार के दौरान घरों की दीवारें, खिड़कियां और छतें रंगों और रोशनी से भर जाती हैं और इसके लिए लोग तरह-तरह के दीयों और लाइटों का इस्तेमाल करते हैं। यह त्यौहार बच्चों, युवाओं और वयस्कों के लिए बहुत ही उत्सवपूर्ण होता है और लोग इसे बहुत धूमधाम और मनोरंजन के साथ मनाते हैं।

होली (Holi)

होली, जिसे रंगों का त्योहार भी कहा जाता है, हिंदुओं का एक प्रमुख और आध्यात्मिक त्योहार है। यह त्यौहार हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है और दूसरे दिन लोग रंग-बिरंगे रंगों से होली खेलते हैं।

होली हर्ष, उल्लास और सामाजिक भाईचारे का त्योहार है। इसका मुख्य उद्देश्य बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक और लोगों के बीच मुक्ति, सामाजिक सद्भाव और सद्भाव की भावना को बढ़ावा देना है। इस दिन लोग अपने दोस्तों, परिवार के सदस्यों और पड़ोसियों के साथ मिलकर रंग खेलते हैं, गाने गाते हैं और मिठाइयाँ खाते हैं।

होली समय के बदलाव का भी प्रतीक है, क्योंकि यह वसंत के आगमन का प्रतीक है, और प्राकृतिक सुंदरता और नए जीवन का जश्न मनाती है। इस दिन लोग अपने जीवन में एक नई शुरुआत करने का फैसला करते हैं और इसे बुराई दूर करने का प्रतीक मानते हैं।

दशहरा (Dussehra)

दशहरा, जिसे विजयादशमी और आयुध पूजा के नाम से भी जाना जाता है, भारत के प्रमुख हिंदू त्योहारों में से एक है। यह अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है और एक प्रमुख क्षत्रिय त्योहार है। इस दिन क्षत्रिय अपने शस्त्रों की पूजा करते हैं और दशहरे के दिन कोई अनुष्ठान नहीं करते हैं।

दशहरा का महत्व इसलिए है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम ने लंकापति रावण को मारकर विजय प्राप्त की थी, इसलिए इसे असत्य पर सत्य की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।

दशहरे के मौके पर देश के अलग-अलग हिस्सों में रामलीला का मंचन किया जाता है, जिसमें भगवान राम के जीवन की महत्वपूर्ण कहानियां दिखाई जाती हैं. इसके बाद असत्य की हार के प्रतीक दशहरा के दिन रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले बड़ी धूमधाम से जलाए जाते हैं।

रक्षा बंधन (Raksha Bandhan)

रक्षाबंधन, जिसे आमतौर पर राखी के नाम से जाना जाता है, हिंदी कैलेंडर के सावन महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। इस त्यौहार का मुख्य उद्देश्य भाई-बहन के मजबूत बंधन को मजबूत करना है और इसका अर्थ है “रक्षा” या “सुरक्षा” का बंधन।

राखी का त्यौहार पूरे भारत में आध्यात्मिक हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह सिर्फ एक त्यौहार नहीं बल्कि हमारी परंपराओं और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की आरती उतारती हैं, उन्हें तिलक लगाती हैं, उनकी कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं। परिणामस्वरूप, भाई अपनी बहनों के जीवन की सुरक्षा और खुशी की गारंटी देते हैं और यह रिश्ता साझेदारी और स्नेहपूर्ण वादे का प्रतीक है।

कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami)

जन्माष्टमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो भगवान विष्णु के रूप में भगवान कृष्ण के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह त्यौहार जुलाई-अगस्त के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन मनाया जाता है।

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, श्री कृष्ण का जन्म मथुरा के राक्षस राजा कंस को खत्म करने के लिए हुआ था। जन्माष्टमी के अवसर पर, पुरुष और महिलाएं दोनों व्रत रखते हैं, प्रार्थना करते हैं और भगवान कृष्ण के जन्म की कहानियाँ सुनते हैं।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के वृन्दावन शहर के मंदिरों में विशेष उत्सव आयोजित किए जाते हैं, जिनमें विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान और प्रार्थनाएँ शामिल होती हैं। इस त्यौहार को “कृष्णाष्टमी” और “गोकुलाष्टमी” के नाम से भी जाना जाता है, और यह भक्तों के लिए भगवान कृष्ण की पूजा और स्मरण करने का एक अनूठा अवसर है।

लोहड़ी (Lohri)

पंजाबी संस्कृति का प्रमुख त्योहार लोहड़ी मकर सक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है। यह त्यौहार भारत के विभिन्न हिस्सों में मनाया जाता है, लेकिन विशेष रूप से उत्तर भारत में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, जम्मू और उत्तराखंड जैसे राज्यों में मनाया जाता है।

त्यौहार के इस अवसर पर लोग एक बड़ा घेरा बनाकर आग के चारों ओर बैठते हैं और गीत गाते हैं। इस घेरे के चारों ओर प्रदर्शनी अग्नि जलाई जाती है, जिसे “लोहड़ी” कहा जाता है। लोग इस अग्नि के चारों ओर नाचते, गाते हैं और खुशी के साथ इस त्योहार का स्वागत करते हैं।

इस दिन के अवसर पर महिलाएं विशेष रूप से तांबे के बर्तन में रेवड़ी (एक प्रकार की मिठाई), मूंगफली और गुड़ से बनी मिठाइयां बनाती हैं और फिर उन्हें आपस में बांटती हैं। यह भोजन बांटने और आपसी रिश्तों को मजबूत करने का प्रतीक है। इसके बाद लोग गीत गाते हैं, जश्न मनाते हैं और आपसी दोस्ती को बढ़ावा देते हैं।

लोहड़ी भारतीय कृषि मौसम के साथ-साथ खेतों में उगी फसलों की सफलता और समृद्धि का प्रतीक है और यह त्यौहार खेतों में समृद्धि की प्राप्ति के रूप में भी मनाया जाता है।

राम नवमी (Ram Navami)

राम नवमी भगवान श्री राम के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। इस दिन भक्त बड़ी संख्या में मंदिरों में जाते हैं और भगवान श्री राम की पूजा करते हैं। यह त्यौहार “मर्यादा पुरूषोत्तम” कहे जाने वाले भगवान राम का जश्न मनाता है और भक्त भगवान राम की मूर्ति की पूजा करने, भजन गाने और भगवान के जीवन से कहानियाँ सुनाने के लिए मंदिरों में जाते हैं। इस दिन कई जगहों पर रामलीला का आयोजन किया जाता है, जिसमें भगवान राम की कहानी का नाटक प्रस्तुत किया जाता है।

रामनवमी के महत्वपूर्ण अनुष्ठानों का केंद्र अयोध्या है, जो भगवान राम की जन्मभूमि के रूप में प्रसिद्ध है। इस दिन भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की रथयात्रा निकाली जाती है जिसमें वे अपने भक्तों के साथ निकलते हैं। इसके अलावा लोग अपने घरों में भी रामनवमी की पूजा करते हैं और भगवान राम की मूर्तियों को विशेष रूप से सजाते हैं।

राम नवमी भारतीय सभ्यता का एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है और लोग इसे भगवान राम के जीवन मूल्यों और आदर्शों को याद करते हुए खुशी और भक्ति के साथ मनाते हैं।

ओणम (Onam)

ओणम, जिसे थिरुवोणम त्योहार के नाम से भी जाना जाता है, भारत के केरल राज्य के सदगोपनम केरल में मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार मुख्य रूप से अगस्त और सितंबर के महीनों में मनाया जाता है और मलयालम कैलेंडर के अनुसार वर्ष के 22वें नक्षत्र पर आता है। ओणम का उत्सव केरल की परंपराओं और संस्कृति को प्रदर्शित करने का एक अनूठा तरीका है और इसे समर्थन और एकता का प्रतीक माना जाता है।

ओणम का उत्सव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक प्रकार का फसल उत्सव है, जो विशेष रूप से चावल की फसल का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है। इस त्यौहार में मलयालम लोग विशेष रूप से फूलों की रंग-बिरंगी सजावट करते हैं जिसे ओणम पुक्कलम कहा जाता है, जिसका अर्थ है “ओणम का निर्माण”।

केरल में ओणम त्यौहार का बहुत महत्व है और इसे बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। लोग विशेष तैयारियों में लगे हुए हैं, और अपने घरों को सजाने के लिए बड़ी माताओं और बच्चों सहित विशेष यात्रा श्रेणियों की मदद लेते हैं।

मकर संक्रांति (Makar Sankranti)

मकर संक्रांति, जिसे भारत के विभिन्न हिस्सों में पोंगल, लोहड़ी, उत्तरायण, माघ बिहू, बिहू, तिल संक्रांति, खिचड़ी और कई अन्य नामों से जाना जाता है, भारत का एक प्रमुख फसल त्योहार है। यह त्यौहार हर साल 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता है, जब सूर्य कर्क राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। उत्तर भारत के लोगों के बीच तो यह बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन दक्षिण भारत के अन्य क्षेत्रों में भी इसका महत्व है।

मकर संक्रांति को सूर्य पूजा के नाम से भी जाना जाता है, जिसमें लोग सूर्य देव की पूजा करते हैं। यह खेती के नए मौसम की शुरुआत का प्रतीक है और खेतों में अच्छी फसल की उम्मीद से जुड़ा है।

इस त्योहार के दौरान पतंग उड़ाना एक महत्वपूर्ण गतिविधि है और लोग आसमान में रंग-बिरंगी पतंगें उड़ाते हैं। इससे पता चलता है कि वसंत के आगमन के साथ खुशी और उत्साह आता है।

गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti)

गुरु नानक जयंती सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की जयंती के उपलक्ष्य में मनाई जाती है। इसे “गुरु पर्व” या “नानक प्रकाश उत्सव” के नाम से भी जाना जाता है। गुरु नानक देव सिख धर्म के पहले गुरु थे, और उनका जन्म 1469 में लाहौर के पास तलवंडी गाँव में हुआ था। गुरु नानक जयंती का त्योहार सिखों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है, और इसे धार्मिक महत्व के साथ मनाया जाता है।

इस त्योहार के अवसर पर सिखों के प्रमुख धार्मिक ग्रंथ संपूर्ण गुरु ग्रंथ साहिब का बिना किसी रुकावट के पाठ किया जाता है, जिसे “अखंड पाठ” कहा जाता है। यह पाठ समृद्धि और सुख-शांति की कामना से किया जाता है। मुख्य कार्यक्रम के दिन, गुरु ग्रंथ साहिब को फूलों से सजाया जाता है और नाव पर रखा जाता है और पूरे गांव या शहर में जुलूस निकाला जाता है। इस जुलूस के दौरान सिख संगत गुरुवाणी का पाठ करती है और भजन-कीर्तन का आनंद लेती है। इसके बाद गुरुद्वारे में सामुदायिक भोजन (लंगर) का आयोजन किया जाता है, जिसमें सभी वर्गों के लोग बिना किसी भेदभाव के एक साथ भोजन करते हैं। गुरु नानक जयंती के दिन, सिख समुदाय अच्छाई, एकता और सेवा की महत्वपूर्ण भावना का जश्न मनाता है और अपने गुरु की शिक्षाओं का पालन करता है।

क्रिसमस (Christmas)

क्रिसमस ईसाइयों का सबसे महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध त्योहार है, जो पूरी दुनिया में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। ईसाई धर्म के अलावा अन्य धर्मों के लोग भी इसे उत्साह से मनाते हैं। क्रिसमस का मुख्य कार्यक्रम ईसा मसीह का जन्मदिन है, जो हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है।

क्रिसमस के दिन चर्च को फूलों और रोशनी से सजाया जाता है और विशेष प्रार्थनाएं की जाती हैं। क्रिसमस मनाने के लिए घरों में लाइटें और क्रिसमस ट्री लगाए जाते हैं, जिन पर तरह-तरह की सजावट की जाती है।

क्रिसमस का महत्व यह है कि यह एक पारिवारिक और सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसमें परिवार और दोस्त एक साथ समय बिताने, उपहारों का आदान-प्रदान करने और एक-दूसरे को मनाने के लिए आते हैं। इसके साथ ही क्रिसमस दान का भी त्योहार है और लोग गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए कई अच्छे काम करते हैं।

क्रिसमस पर, बच्चे भगवान के रिश्तेदार यीशु मसीह के जन्म की कहानी सुनते हैं और उनके उदाहरण का अनुसरण करने के लिए प्रेरित होते हैं। त्योहार के दिनों में खासतौर पर बच्चों के लिए उपहार और क्रिसमस खिलौने भी रखे जाते हैं, जिससे उनका उत्साह और खुशी काफी बढ़ जाती है।

क्रिसमस का महत्व इस बात में भी है कि यह साल के अंत का प्रतीक है और नए साल की शुरुआत की तैयारियों का आयोजन करता है। यह साल के आखिरी महीने में आयोजित किया जाता है, जिससे लोग साल के अंत और नए साल की शुरुआत का जश्न मना सकते हैं।

क्रिसमस के दिन खाने-पीने का विशेष उत्सव होता है और लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ खाने का आनंद लेते हैं। क्रिसमस को प्लम पुडिंग, क्रिसमस केक और अन्य विशेष व्यंजनों की गर्माहट से बढ़ाया जाता है और लोग एक-दूसरे के साथ त्योहारी सीजन का जश्न मनाते हैं।

इस त्यौहार का एक और महत्वपूर्ण हिस्सा उपहार देना और प्राप्त करना है। लोग अपने परिवार और दोस्तों को उपहार देते हैं और वे खुशी-खुशी उन उपहारों को खोलते हैं।

ईद (Eid)

दो महत्वपूर्ण मुस्लिम त्योहार ईद-उल-फितर और ईद-उल-जुहा मनाने के बाद पुरे भारत में खुशी और जश्न का माहौल होता है। इन दिनों लोग मस्जिदों में नमाज पढ़ते हैं और इस दिन को विशेष रूप से मनाते हैं।

ईद-उल-फितर, जो चाँद दिखने के बाद मनाया जाता है, रमज़ान के उपवास महीने के अंत का प्रतीक है। यह एक सामाजिक और पारिवारिक मिलन का अवसर है जिसमें लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ खाने का आनंद लेते हैं और एक-दूसरे को उपहार देते हैं। इसके साथ ही ईद-उल-फितर के दिन जरूरतमंदों और गरीबों को दान देने का एक पारंपरिक तरीका भी है, जो सामाजिक समृद्धि और सद्भाव का संदेश देता है।

ईद-उल-अजहा, जिसे बकरीद भी कहा जाता है, मुस्लिम समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन कुर्बानी (बलिदान) का आयोजन किया जाता है जिसमें बकरे या कुछ अन्य जानवरों की बलि दी जाती है और फिर उनका मांस गरीबों और जरूरतमंदों में वितरित किया जाता है जो खाने से भी वंचित होते हैं। इस दिन का संदेश सहानुभूति, साझेदारी और सेवा का है।

भारत में त्योहार का महत्व (Importance of festivals in India)

हमारे देश में त्योहारों का बहुत महत्व है। यहां कई तरह के त्योहार होते हैं और इन त्योहारों का पर्व साल भर मनाया जाता है। यहाँ के अधिकांश त्यौहार और अवसर धार्मिक, सांस्कृतिक, भौगोलिक और सामाजिक हैं। इन त्योहारों का महत्व समाज और राष्ट्र के लिए बहुत अधिक है और इन्हें आयोजित करके लोग एकता, सद्भावना, सामाजिक समरसता और सद्भावना जैसे अपने सांस्कृतिक मूल्यों को व्यक्त करते हैं।

भारतीय जीवन एवं संस्कृति की त्योहारों के रूप में गहरी प्रतिष्ठा है। लोगों के लिए ये त्यौहार समाज में मेल-मिलाप, ख़ुशी और सद्भाव का प्रतीक हैं। यह जीवन को रंगीन बनाता है और लोगों को एक साथ लाता है, चाहे वह दिवाली का त्योहार हो, जब घरों को दीयों से सजाया जाता है, या होली का खेल, जब रंगों से बौछार की जाती है।

इन त्योहारों के माध्यम से लोग अपनी पारंपरिक संस्कृति को जीवित रखते हैं और अपने पसंदीदा देवी-देवताओं की पूजा करते हैं। ये त्यौहार भारतीय जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और लोग इन्हें खुशी, उत्सव और सहयोग का प्रतीक मानते हैं।

इन त्योहारों के माध्यम से विभिन्न धर्मों, जातियों और सामाजिक वर्गों के लोग आते हैं और साझा धार्मिक अनुष्ठानों, परंपराओं और भोजन का आनंद लेते हैं। ये त्योहार भारतीय समाज की एकता और सद्भाव को प्रकट करते हैं और विभिन्न समुदायों के लोगों के बीच मेलजोल को बढ़ावा देते हैं।

धार्मिक त्योहारों के साथ-साथ गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, गांधी जयंती आदि राष्ट्रीय त्योहार भी महत्वपूर्ण हैं। ये दिन देश के इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम को याद करने के लिए मनाए जाते हैं और लोग अपने देश के गौरव को याद करते हैं।

ये सभी त्यौहार, चाहे वे धार्मिक हों या राष्ट्रीय, महत्व रखते हैं क्योंकि ये भारतीय समाज की सांस्कृतिक धारा के लोगों के बीच एकता और सद्भाव को प्रकट करते हैं। ये त्यौहार भारतीय संस्कृत त्यौहारों के माध्यम से विभिन्न समुदायों की विविधता और समृद्ध संस्कृति को उजागर करते हैं।

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