Unsolved Mysteries of the India in Hindi – वैसे तो भारत को किस्से-कहानियों वाला देश कहा जाता है, लेकिन समय-समय पर यहां कई ऐसी रहस्यमयी घटनाएं घटी हैं, जिन्हें देखकर इंसान न चाहते हुए भी इन रहस्यमयी घटनाओं पर यकीन कर ही लेता है.
आज के इस लेख में हम आपके लिए भारत के कुछ ऐसे अनसुलझे रहस्य लाये हैं, जिन्हें जानने के बाद आप जरूर सोचने पर मजबूर हो जाएंगे.
1) कुलधारा गांव (Kuldhara Village)
जैसलमेर से 15 किमी दूर एक रहस्यमयी जगह है जिसे “कुलधरा गांव” के नाम से जाना जाता है. कुलधरा गांव 1291 में यानी लगभग तेरहवीं शताब्दी में बसाया गया था.
इस गांव के बारे में कहा जाता है कि यह मुख्य रूप से “पालीवाल ब्राह्मणों (Paliwal Brahmins)” का निवास स्थान था, लेकिन वर्ष 1825 में यानी लगभग 19वीं शताब्दी की एक रात को गांव के सभी लोगों ने अचानक इस गांव को खाली कर दिया.
कुलधरा गांव के लोगों के अचानक गायब होने की गुत्थी आज तक कोई नहीं सुलझा पाया है और तब से लेकर आज तक यह गांव यूं ही खाली पड़ा है.
यह भी सुनने में आया है कि अगर कोई इस गांव की जमीन हड़पने की कोशिश भी करता है तो उसकी रहस्यमय तरीके से मौत हो जाती है और राजस्थान सरकार ने भी यहां किसी तरह के भवन-निर्माण पर रोक लगा दी है.
इस गांव में लगभग सात शताब्दियां बिताने के बाद कुलधरा गांव के लोगों का अचानक गायब होना आज भी हमारे लिए एक अनसुलझा रहस्य बना हुआ है.
2) प्रह्लाद जानी (Prahlad Jani)
कोई इंसान बिना कुछ खाए-पिए कितने दिनों तक जीवित रह सकता है? शायद 10 दिन, 20 दिन या एक महीना. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में एक ऐसा अलौकिक व्यक्ति भी था जो बिना कुछ खाए 70 साल तक जीवित रहा. जी हां, इस व्यक्ति का नाम “प्रह्लाद जानी” था, जिनकी 26 मई 2020 को मौत हो गई.
गुजरात के रहने वाले प्रह्लाद जानी ने 83 साल की उम्र में दावा किया था कि उन्होंने पिछले 70 सालों से कुछ भी खाया-पिया नहीं है.
इस रहस्य को जानने के लिए डॉक्टरों की एक टीम ने 22 अप्रैल से 06 मई 2010 तक करीब 15 दिनों तक कैमरों की मदद से प्रह्लाद जानी पर नजर रखी और नतीजे देखकर डॉक्टरों की टीम दंग रह गई.
जहां विज्ञान का दावा है कि इंसान बिना कुछ खाए कुछ हफ्ते और बिना पानी पिए सिर्फ 3 से 4 दिन तक जिंदा रह सकता है, वहीं पिछले 70 सालों से बिना कुछ खाए-पिए प्रह्लाद जानी का जिंदा रहना अपने आप में एक बहुत बड़ा अनसुलझा रहस्य है.
3) जोधपुर की “सोनिक बूम” घटना (Sonic Boom of Jodhpur)
“सोनिक बूम” की यह घटना 18 दिसंबर 2012 को राजस्थान के एक छोटे से कस्बे जोधपुर की है. यहां के लोग अपनी सामान्य दिनचर्या में व्यस्त थे, तभी लोगों को एक अजीब सी आवाज सुनाई दी जो दिल दहला देने वाली थी.
इस आवाज से ऐसा लग रहा था जैसे आसमान में कोई बड़ा धमाका हो गया हो. यह आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के देशों में भी यह साफ सुनी गई थी.
दोस्तों जब कोई विमान ध्वनि की गति से अधिक गति से चलता है, तो उनके टकराने से एक ध्वनि उत्पन्न होती है जो सुनने में एक बड़े विस्फोट की तरह लगती है, इस ध्वनि को “सोनिक बूम (Sonic boom)” के रूप में जाना जाता है.
जोधपुर में सुनाई देने वाली यह आवाज सोनिक बूम जैसी लग रही थी. लेकिन भारतीय सेना ने इस बात से साफ इनकार किया था कि उन्होंने उस दिन जोधपुर या उसके आसपास के इलाकों में ऐसा कोई विमान उड़ाया हो, जिससे इतनी तेज आवाज होती है.
अब यह आवाज कहां से आई यह आज भी हमारे लिए एक रहस्य बना हुआ है.
4) उत्तराखंड की रूपकुंड झील (Roopkund Lake of Uttarakhand)
“रूपकुंड” उत्तराखंड में स्थित एक रहस्यमयी झील है जिसे कंकाल की झील (Skeleton Lake) के नाम से भी जाना जाता है.
इस झील को 1942 में सर्दियों में खोजा गया था और उस समय यह झील पूरी तरह से कंकालों से जमी हुई थी. बाद में गर्मियों में जब यहां की बर्फ पिघली तो इस झील में और इसके आसपास और कंकाल मिले.
स्थानीय लोग इस रहस्यमयी झील के बारे में तरह-तरह की बातें करते हैं. जहां कुछ लोग इसे विस्फोट में मारे गए जापानी सैनिकों के कंकाल कहते हैं, वहीं कुछ अन्य लोग इसे अचानक घातक और मूसलाधार बारिश के कारण मारे गए मनुष्यों के कंकाल बताते हैं.
हालांकि, इस रूपकुंड झील का सच क्या है? यह आज तक कोई नहीं जानता और यह आज भी हमारे लिए एक अनसुलझा रहस्य बना हुआ है.
5) नौ अज्ञात पुरुष (The Nine Unknown Men)
इन 9 अज्ञात लोगों के संघटन के बारे में जानने के लिए हम “सम्राट अशोक” के कार्यकाल यानी 273 ई.पू. में ले चलते है.
“कलिंगा” का युद्ध जीतने के बाद सम्राट अशोक ने मानवता और विकास की रक्षा के लिए 9 लोगों का एक गुप्त संघटन बनाया, अशोक ने इन 9 लोगों को 9 अलग-अलग किताबें दीं थी. इन किताबों में मानव जीवन, युद्ध की कला, प्रकाश की गति और UFO की जानकारी सहित दुनिया भर का अद्भुत ज्ञान शामिल था.
इन पुस्तकों के ज्ञान को पढ़कर व्यक्ति असीमित शक्तियों को प्राप्त कर सकता है और पूरी दुनिया को बदल भी सकता है.
इन पुस्तकों के साथ-साथ सम्राट अशोक ने इन 9 लोगों को यह जिम्मेदारी भी दी कि उन्हें इन पुस्तकों को किसी भी गलत हाथों में पड़ने से बचाना है, क्योंकि कोई भी व्यक्ति इन पुस्तकों में छिपे ज्ञान से सर्वशक्तिमान बन सकता है और अगर ये किताबें गलत हाथों में पड़ जातीं तो दुनिया तबाह हो सकती थी.
सम्राट अशोक ने उन 9 लोगों को यह आदेश भी दिया कि जरूरत पड़ने पर इन किताबों का इस्तेमाल मानवता की भलाई के लिए किया जाए.
माना जाता है कि सम्राट अशोक का यह गुप्त संघटन आज भी इस दुनिया में मौजूद है, लेकिन इन 9 लोगों की पहचान क्या है, यह आज भी भारत का एक अनसुलझा रहस्य बना हुआ है.