हम कितने रंग देख सकते हैं? How many colors can we see?
मनुष्य वास्तव में केवल 3 प्राथमिक रंग ही देख सकते है: लाल (red), हरा (green) और नीला (blue) – इसका मतलब यह है कि, अन्य सभी रंग अलग-अलग मात्रा में लाल, हरे और नीले रंगों को मिलाकर बने होते हैं. और जब तीनों प्राथमिक रंगों को समान मात्रा में एक साथ मिला दिया जाता है, तो सफेद रंग उत्पन्न होता है.
इन तीनों की मदद से मानव आंख लाखों-करोड़ों रंग देख सकती है. लेकिन मानो या न मानो, हमारी दुनिया में कुछ ऐसे रंग भी मौजूद हैं जिन्हें इंसान की आंख नहीं देख सकती है.
मस्तिष्क का कौन सा हिस्सा आंखों को नियंत्रित करता है? What part of the brain controls the eyes?
क्या आप जानते हैं कि हमारे दिमाग का आधे से ज्यादा हिस्सा (करीब 65 फीसदी) आंखों को संसाधित करने के लिए जिम्मेदार होता है.
ओसीसीपिटल लोब (Occipital Lobe) मस्तिष्क का पिछला भाग है जो हमारी दृष्टि से जुड़ा होता है.
आपकी आंख जो दृश्य जानकारी एकत्र करती है उसे अधिकृत करने और उसे एक चित्र में एक साथ रखने में मस्तिष्क की महत्वपूर्ण भूमिका होती है जिसे आप समझ सकते हैं. और दृष्टिगत तंत्रिका सीधे मस्तिष्क को आंख के पिछले हिस्से से जोड़ती है.
आंखों को नियंत्रित करने वाली मांसपेशियां शरीर की सबसे अधिक सक्रिय मांसपेशियां होती हैं – Most active muscle in your body.
आंख की मांसपेशियां आपके शरीर की सबसे सक्रिय मांसपेशियां हैं, जो आपकी आंखों की स्थिति को समायोजित करने के लिए लगातार हिलती-डुलती रहती हैं – भले ही वे खुली न हों.
यह अनुमान लगाया गया है कि आंख की मांसपेशियां दिन में 100,000 से अधिक बार हिलती-डुलती हैं.
क्या आपकी आंखें अपने आप ठीक हो सकती हैं? Can your eyes heal themselves?
हमारी आंखों में जबरदस्त चिकित्सा शक्ति होती है. इनमें धूल और मिट्टी को छानने की क्षमता होती है. और संयोग से आंख के शीशे (कॉर्निया) पर जरा सी भी सतही खरोंच लग जाए तो दो से तीन दिनों के भीतर अपने आप ठीक हो जाती हैं.
मानव आंख कितने मेगापिक्सेल की होती है? How Many Megapixels Is the Human Eye?
इंसान की आंख 576 मेगापिक्सल की होती है. इसे एक जगह फोकस करने में सिर्फ 2 मिलीसेकंड का समय लगता है. इतना तेज और साफ-सुथरा कैमरा बनाना वैज्ञानिकों की समझ से परे है.
हम चीजों को कैसे देख सकते हैं? How can we see things?
हम जो चित्र देखते हैं, वे उन वस्तुओं से परावर्तित प्रकाश से बने होते हैं जिन्हें हम देखते हैं.
हमारी आंख में दो मुख्य प्रकार की प्रकाश-संवेदनशील कोशिकाएं होती हैं जिनके कारण हम देख सकते है: रॉड सेल्स (Rod cells) और कोन सेल्स (Cone cells).
हमारी आंखों में 130 मिलियन रॉड सेल्स और 7 मिलियन कोन सेल्स होती हैं. आप अंधेरे में रॉड सेल्स की मदद से ही देख सकते हैं.
आंखों के अलग-अलग रंग क्यों होते हैं? Why do eyes have different colors?
कुछ लोगों की आंखें अलग-अलग रंग की होती हैं. दरअसल, हमारी आंखों का रंग मेलेनिन (Melanin) नामक रंगद्रव्य की मात्रा से तय होता है, जिस तरह से आंखों में मेलेनिन का वितरण होता है, उसी अनुपात में आंखों का रंग भी तय होता है.
मेलेनिन एक प्राकृतिक त्वचा वर्णक है. लोगों और जानवरों में बाल, त्वचा और आंखों का रंग ज्यादातर मेलेनिन के प्रकार और मात्रा पर निर्भर करता है. आंखों के रंगों को नौ श्रेणियों में बांटा गया है.
हेटेरोक्रोमिया इरिडिस (Heterochromia iridis) एक असामान्य स्थिति है जिसमें किसी व्यक्ति की दोनों आंखें एक दूसरे से रंग में भिन्न होती हैं.
दिल (मानव हृदय) के बारे में 31+ रोचक तथ्य – Interesting Facts About Human Heart ♥ In Hindi
Fascinating facts about your eyes in Hindi – 1 to 10
#1. मनुष्य की आंख का आकार 1 इंच और वजन 8 ग्राम होता है.
#2. यदि आप आस-पास की वस्तुओं को नहीं देख सकते हैं, तो आपकी आंखों के नेत्रगोलक (Eyeball) बड़े होते हैं और यदि आप दूर की वस्तुओं को नहीं देख पाते हैं तो ये नेत्रगोलक छोटे होते हैं.
#3. जब हम कुछ आश्चर्यजनक देखते हैं, तो हमारी आंखों की पुतलियों का आकार 45% तक बढ़ जाता है.
#4. नीली आंखों वाले लोग सूरज की चकाचौंध को दूसरों की तुलना में कम सहन कर पाते हैं. और आज से 10,000 साल पहले, पृथ्वी पर नीली आंखों वाला एक भी व्यक्ति नहीं था. यानी आज पृथ्वी पर जितने भी नीली आंखों वाले लोग है, उन सबका पूर्वज एक ही था, जिसका जन्म 10 हजार साल पहले हुआ था.
#5. जिन लोगों की आंखें नीली होती हैं उनमें शराब को सहन करने की क्षमता अधिक होती है, जिसका अर्थ है कि वे अन्य लोगों की तुलना में अधिक शराब पी सकते हैं.
#6. नवजात शिशु 15 इंच की दूरी तक ठीक से देख पाता है और जन्म से लेकर मृत्यु तक आपकी आंखों का आकार एक जैसा रहता है, यह बढ़ता या घटता नहीं है.
#7. मनुष्य की आंखें जन्म से लेकर मृत्यु तक हमेशा बराबर होती हैं, लेकिन उम्र के साथ आंखों का लेंस मोटा होता जाता है, जिससे सामान्य चालीस की उम्र के बाद चश्मे की जरूरत पड़ती है.
#8. जब तक बच्चा 4 से 13 हफ्ते का नहीं हो जाता तब तक वह सिर्फ रोने की आवाज करता है, उसकी आंखों से आंसू नहीं निकलते.
#9. बच्चे जन्म के समय रंगों को नहीं पहचान पाते हैं.
#10. मस्तिष्क के बाद आंखें शरीर का दूसरा सबसे जटिल अंग हैं, जिसमें 20 लाख भाग होते हैं और हर घंटे 4.5kb (0.034 एमबी) सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं.
Interesting facts about the human eye in Hindi – 11 to 20
#11. जब आप रोते हैं तो आपकी नाक इसलिए बहती है क्योंकि आपकी नाक से आंसू बहने लगते हैं.
#12. पूरी आंख में कॉर्निया एकमात्र ऐसा ऊतक है जिसमें रक्त नहीं होता है. इस कारण कॉर्निया को ऑक्सीजन की भी जरूरत नहीं होती है. आंख की कई सर्जरी में, शार्क मछली की आंख के कॉर्निया का उपयोग किया जाता है क्योंकि यह मानव के कॉर्निया के समान होता है.
#13. हम अपने दिन के समय का 10 प्रतिशत पलक झपकते ही बिताते हैं, जो पूरे दिन के आधे घंटे के बराबर है.
#14. पलक झपकने के दो कारण होते हैं: आंखों में नमी बनाए रखना और आंखों को बाहरी कणों से बचाना. आंखें एक मिनट में लगभग 17 बार, दिन में 14,280 बार और साल में 52 लाख बार झपकाती हैं. एक बार पलक झपकने में 100 से 150 मिलीसेकंड का समय लगता है लेकिन एक सेकंड में 5 बार से अधिक पलक झपकाना असंभव है. अगर पूरी जिंदगी का पलक झपकने का समय जोड़ दिया जाए तो यह 1 साल से ज्यादा का होगा.
#15. हर 5 महीने के बाद हमारी पलकें वापस आती रहती हैं जबकि सिर पर बाल 2 से 4 साल बाद बदल जाते हैं.
#16. सिक्योरिटी लॉक के लिए आंखों के स्कैन का अधिक उपयोग किया जाता है क्योंकि उंगलियों के निशान में 40 अद्वितीय वर्ण (Unique characters) होते हैं जबकि आंख की पुतली में 256 होते हैं.
#17. पूरी दुनिया में इंसान और कुत्ते ही ऐसे प्राणी हैं जिनकी आंखों का इलाज दूसरों की आंखें बदलकर किया जा सकता है. कुत्तों में यह गुण तभी आता है जब कुत्ते इंसानों के साथ रहते हैं.
#18. खुली आंखों से छींकना असंभव है.
#19. हमारी आंखें 500 अलग-अलग रंगों में अंतर बता सकती हैं.
#20. हमारी आंख में 10 करोड़ कोशिकाएं होती हैं, जो प्रकाश के प्रति बहुत संवेदनशील होती हैं.
Amazing facts about your eyes in Hindi – 21 to 30
#21. हर 12 में से एक पुरुष को रंगों को न पहचानने की समस्या होती है.
#22. नींद से जागने के बाद आपके शरीर के अंगों को सक्रिय होने में कुछ समय लगता है, लेकिन आपकी आंखें हमेशा चौबीसों घंटे सक्रिय रहती हैं.
#23. लोग कंप्यूटर पर किताबों की तुलना में 25 प्रतिशत धीमी गति से पढ़ पाते हैं.
#24. दुनिया में करीब 4 करोड़ लोग अंधे हैं और इतने ही लोग आंखों से जुड़ी किसी न किसी समस्या से परेशान हैं.
#25. अगर मौसम साफ रहा तो हमारी आंखें 48 किमी दूर जलते हुए दीये की रोशनी भी देख सकती हैं.
#26. एक सामान्य व्यक्ति की नजर प्रति सेकेंड 50 अलग-अलग वस्तुओं पर केंद्रित होती है.
#27. आंखों को नम रखने के लिए हमें शरीर को हाइड्रेट रखने की जरूरत होती है, इसलिए आपको दिन में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए.
#28. आपको अपनी आंखों को जोर से नहीं रगड़ना चाहिए, क्योंकि इससे आपकी रक्त वाहिकाओं को नुकसान हो सकता है जो बहुत कोमल होती हैं.
#29. आपको चलते वाहन में पढ़ने से बचना चाहिए, इस दौरान हमें ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है, जिससे आंखों पर दबाव पड़ता है और यहां तक कि सिरदर्द और उल्टी भी हो सकती है.
#30. ओमैटोफोबिया (Ommatophobia) आंखों से जुड़ा एक डर है जो एक बीमारी है.