कितने मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए और प्रत्येक रुद्राक्ष के क्या लाभ हैं? How many Mukhi Rudraksha should be worn and what are the benefits of each Rudraksha?

How many Mukhi Rudraksha should be worn and what are the benefits of each Rudraksha? कितने मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए और प्रत्येक रुद्राक्ष के क्या लाभ हैं?

Table of Contents

21 रुद्राक्षों के बारे में सटीक जानकारी – Accurate information about 21 Rudrakshas

रुद्राक्ष (Rudraksha) कई प्रकार के होते हैं, लेकिन उनमें से 21 प्रकार के रुद्राक्ष सबसे लोकप्रिय हैं. विशेष रूप से रुद्राक्ष एक मुखी से लेकर इक्कीस मुखी तक पाया जाता है, 16 मुखी से 25 मुखी रुद्राक्ष को भद्राक्ष या शुभाक्ष के रूप में जाना जाता है. 

प्रत्येक प्रकार के रुद्राक्ष का अपना विशेष प्रभाव होता है. इस लेख में हम आपको सभी 21 रुद्राक्षों के बारे में सटीक जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं, और प्रत्येक रुद्राक्ष आश्चर्यजनक लाभ देता है. 

रुद्राक्ष के मामले में ‘मुखी’ (Mukhi) शब्द का उपयोग इसके प्रकार और लाभों को विभाजित करने के लिए किया जाता है. प्रत्येक रुद्राक्ष के कोई न कोई अधिष्ठाता ग्रह और देवता होते हैं. रुद्राक्ष को अपनी राशि, ग्रह, नक्षत्र और कुंडली के अनुसार धारण करने से विभिन्न प्रकार के लाभ प्राप्त हो सकते हैं जो नीचे दर्शाए गए हैं.

रुद्राक्ष की उत्पत्ति कैसे हुई? How did Rudraksha originate?

#1. एक मुखी रुद्राक्ष (1 Mukhi Rudraksha):

एक मुखी रुद्राक्ष के स्वामी ग्रह ‘सूर्य’ है और ईष्‍ट देवता ‘भगवान शिव’ है. एक मुखी रुद्राक्ष को साक्षात भगवान शिव माना गया है. एक मुखी रुद्राक्ष अक्सर ‘ॐ’ के आकार का होता है और मान्यता है कि इसमें भगवान शंकर का वास होता है. ऐसा माना जाता है कि एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से भगवान शंकर की शक्तियां हमें अनिष्ट शक्तियों से बचाती हैं. 

इसे धारण करने से सभी पापों का नाश, भय और चिंता से मुक्ति, लक्ष्मी की प्राप्ति स्वत: ही हो जाती है और इसे धारण करने वाले व्यक्ति को भगवान शिव के साथ सूर्य देव की भी कृपा प्राप्त होती है.

एक मुखी रुद्राक्ष का मंत्र (1 Mukhi Rudraksha Mantra):

ऊं नम: शिवाय

ऊं ह्रीं नम:

एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लाभ (Benefits of wearing 1 Mukhi Rudraksha):

  • सिंह राशि के जातकों के लिए एक मुखी रुद्राक्ष बहुत ही शुभ होता है.
  • यह धारण करने वाले की सभी मनोकामनाएं पूरी करता है.
  • यह ध्यान और समाधि के उद्देश्यों के लिए सबसे शक्तिशाली रुद्राक्ष है.
  • यह व्यक्ति को बुरी और नकारात्मक ऊर्जाओं से भी बचाता है.
  • यह धारण करने वाले को पहले से अधिक आत्मविश्वासी बनने में मदद करता है.
  • ऐसा माना जाता है कि जहां एक मुखी रुद्राक्ष की पूजा की जाती है वहां से लक्ष्मी कभी दूर नहीं होती है.
  • यह मानव के शरीर में ऊर्जा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है.
  • एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने से शरीर में उच्च रक्तचाप धीरे-धीरे नियंत्रित हो जाता है.

#2. दो मुखी रुद्राक्ष (2 Mukhi Rudraksha):

दो मुखी रुद्राक्ष के स्वामी ग्रह ‘चंद्रमा’ है और ईष्‍ट देवता ‘भगवान शिव’ है. दो मुखी रुद्राक्ष अर्धनारीश्वर अर्थात शिव और शक्ति दोनों का प्रतिनिधित्व करते हैं. भगवान शंकर की सौम्य और शांत मुद्रा दो मुखी रुद्राक्ष में स्थित मानी जाती है. इस दो मुखी रुद्राक्ष में शिव और शक्ति दोनों की शक्तियां समाहित होती हैं. 

इसे धारण करने से जन्म-जन्मान्तर के पाप मिट जाते हैं. दो मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से एकाग्रता और शांति की प्राप्ति होती है तथा वशीकरण की शक्ति भी प्राप्त होती है. 

दो मुखी रुद्राक्ष का मंत्र (2 Mukhi Rudraksha Mantra):

ऊं नम:

दो मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लाभ (Benefits of wearing 2 Mukhi Rudraksha)

  • कर्क राशि के जातकों के लिए दो मुखी रुद्राक्ष लाभकारी होता है.
  • इसका उपयोग मानसिक बेचैनी और राहु के हानिकारक प्रभावों को रोकने के लिए किया जाता है.
  • जिन लोगों को रात में नींद नहीं आती और जिनका मन सदैव अशांत रहता है उन्हें भी इसे पहनने की सलाह दी जाती है.
  • यह उन लोगों के लिए भी फायदेमंद होता है जो बेहतरीन जीवनसाथी की तलाश में हैं.
  • दांपत्य जीवन को सुखमय बनाने के लिए दो मुखी रुद्राक्ष लाभकारी होता है.
  • यह संबंध में सकारात्मकता लाता है ताकि वे एक-दूसरे को परस्पर समझ सकें.
  • अगर किसी को दाम्पत्य जीवन में समस्या या परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो यह रुद्राक्ष उनके लिए बहुत फायदेमंद होता है.
  • यह स्त्री रोग, नेत्र विकार को ठीक करने में सहायक होता है.
  • यह गुर्दे से संबंधित बीमारी, गैस्ट्रोएंटेराइटिस की समस्या, हृदय से संबंधित समस्या को ठीक करने में मदद करता है और आपकी याददाश्त को बढ़ाने में मदद करता है.
  • यह धारण करने वाले के जीवन में आनंद और आध्यात्मिक लाभ प्रदान करने में भी मदद करता है.
  • यह चंद्रमा ग्रह के नकारात्मक प्रभावों को ठीक करने में भी मदद करता है. इसलिए जिनकी कुंडली में चंद्रमा कमजोर है उन्हें दो मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए.

#3. तीन मुखी रुद्राक्ष (3 Mukhi Rudraksha):

तीन मुखी रुद्राक्ष के स्वामी ग्रह मंगल है और ईष्‍ट देवता ‘अग्‍नि देव’ है. इसे ब्रह्म स्वरूप माना जाता है. तीन मुखी रुद्राक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश की शक्तियां समाहित होती हैं. तीन मुखी रुद्राक्ष इन तीन शक्तियों का प्रतिनिधित्व करता है. तीन मुखी रुद्राक्ष हमेशा वास्तविक फल देता है.

तीन मुखी रुद्राक्ष का मंत्र (3 Mukhi Rudraksha Mantra):

ऊं क्‍लीं नम:

तीन मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लाभ (Benefits of wearing 3 Mukhi Rudraksha)

  • मेष राशि के जातकों के लिए तीन मुखी रुद्राक्ष शुभ माना जाता है.
  • तीन मुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाले को निडर, साहसी, शक्तिशाली बनाता है और आत्मविश्वास को बढ़ाता है.
  • तीन मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और बुद्धि कुमार्गों से दूर रहती है.
  • यह मंगल के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में मदद करता है.
  • स्मरण शक्ति, त्वचा की चमक, बुद्धि और बुद्धिमत्ता को बढ़ाता है.
  • छात्रों को अक्सर तीन मुखी रुद्राक्ष पहनने की सलाह दी जाती है.
  • यह उन बच्चों के लिए अच्छा माना जाता है जो दुर्घटनाओं और बीमारी से ग्रस्त हैं.
  • इसे धारण करने से वास्तु दोष दूर होते हैं, आत्मबल में वृद्धि होती है और ज्ञान की प्राप्ति होती है. संक्रामक रोगों, स्त्री रोग आदि में भी तीन मुखी रुद्राक्ष से लाभ होता है.

#4. चार मुखी रुद्राक्ष (4 Mukhi Rudraksha):

चार मुखी रुद्राक्ष के स्वामी ग्रहबुधहै और आराध्य देवता ‘ब्रह्मा’ हैं. चार मुखी रुद्राक्ष में ब्रह्मा और देवी सरस्वती का वास होता है, इसलिए इस रुद्राक्ष को ब्रह्मा और सरस्वती का प्रतिनिधि माना जाता है. इसे धारण करने से सम्मोहन की शक्ति प्राप्त होती है. 

चार मुखी रुद्राक्ष का मंत्र (4 Mukhi Rudraksha Mantra):

ऊं ह्रीं नम:

चार मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लाभ (Benefits of wearing 4 Mukhi Rudraksha)

  • मिथुन राशि के जातकों के लिए चार मुखी रुद्राक्ष सर्वोत्तम है.
  • यह शिक्षकों, लेखकों, छात्रों, व्यापारियों, विद्वानों, पत्रकारों और शोधकर्ताओं के लिए अत्यधिक फायदेमंद होता है.
  • जो लोग अंदर से कमजोर होते हैं और बहुत शर्मीले और डरपोक स्वभाव के होते हैं उन्हें चार मुखी रुद्राक्ष पहनने की सलाह दी जाती है.
  • यह रुद्राक्ष उन लोगों को भी सुझाया जाता है जो संतान चाहते हैं.
  • पहनने वाला अपनी सोच और व्यवहार में नियमबद्ध और एक-केंद्रित हो जाता है.
  • नियमित रूप से पहनने वाले के जीवन में यह सकारात्मक बदलाव लाता है.
  • यह प्रतिरक्षा में सुधार करने में मदद करता है.

#5. पंचमुखी रुद्राक्ष (Panchmukhi Rudraksha):

पंचमुखी रुद्राक्ष के स्वामी ग्रह गुरु है और इसके ईष्‍ट देवता ‘रुद्र’ हैं. पांच मुखी रुद्राक्ष में भगवान शिव की सभी शक्तियां निहित हैं और साथ ही इस रुद्राक्ष को धारण करने से पंच तत्वों से शक्ति प्राप्त होती है. पांच मुखी रुद्राक्ष सभी रुद्राक्षों में सबसे शक्तिशाली रुद्राक्ष के रूप में जाना जाता है.

पांच मुखी रुद्राक्ष का मंत्र (5 Mukhi Rudraksha Mantra):

ऊं ह्रीं नम:

पंचमुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लाभ (Benefits of wearing Panchmukhi Rudraksha)

  • धनु और मीन राशि के जातकों के लिए पंचमुखी रुद्राक्ष शुभ होता है.
  • पंचमुखी रुद्राक्ष को धारण करने से यश, धन और ऐश्वर्य में वृद्धि होती है.
  • इसे पहनने वाले को स्वास्थ्य और शांति मिलती है.
  • पांच मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से सभी प्रकार के मानसिक विकारों, मधुमेह और रक्तचाप से मुक्ति मिलती है.
  • यह रुद्राक्ष मनुष्य के श्वसन तंत्र को बेहतर बनाता है.
  • पांच मुखी रुद्राक्ष मुख्य रूप से मन पर अपने शक्तिशाली प्रभावों के लिए जाना जाता है.
  • पांच मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से कभी भी अकाल मृत्यु नहीं होती है.

#6. छह मुखी रुद्राक्ष (6 Mukhi Rudraksha):

छह मुखी रुद्राक्ष के स्वामी ग्रह शुक्र है और इसके अधिष्ठाता देवता ‘गणेश’ और ‘कार्तिकेय’ हैं. इसे भगवान कार्तिकेय के लिए भगवान शंकर का प्रेम माना जाता है. छह मुखी रुद्राक्ष को साधना और वैराग्य के प्रतीक के रूप में जाना जाता है. छह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से भगवान शिव कार्तिकेय की शक्तियों से नकारात्मक भावनाओं का नाश होता है.

छह मुखी रुद्राक्ष का मंत्र (6 Mukhi Rudraksha Mantra):

ऊं ह्रीं हूं नम:

छह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लाभ (Benefits of wearing 6 Mukhi Rudraksha)

  • इस रुद्राक्ष को धारण करने के लिए वृषभ और तुला राशि के लोगों से विशेष आग्रह किया जाता है.
  • छह मुखी रुद्राक्ष की पूजा करने से जीवन में संतुलन आता है.
  • इस रुद्राक्ष को धारण करने से ध्‍यान और एकाग्रता की शक्ति बढ़ती है.
  • इससे आसपास की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है.
  • छह मुखी रुद्राक्ष वैवाहिक जीवन में सफलता और प्रेम की वृद्धि के लिए सबसे अच्छा माना जाता है.
  • छह मुखी रुद्राक्ष कलात्मक भावनाओं को विकसित करता है.
  • अगर आपके जीवन में प्यार की कमी है तो आपको छह मुखी रुद्राक्ष जरूर धारण करना चाहिए.

# 7. सात मुखी रुद्राक्ष (7 Mukhi Rudraksha):

सात मुखी रुद्राक्ष के स्वामी ग्रह शनि है और ईष्‍ट देवता ‘मां लक्ष्‍मी’ है. इसमें सप्त नाग निवास करते हैं. सप्त ऋषि तथा अनंग देवता इसके अधिष्ठाता हैं. 

सात मुखी रुद्राक्ष का मंत्र (7 Mukhi Rudraksha Mantra):

ऊं हूं नम:

सात मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लाभ (Benefits of wearing 7 Mukhi Rudraksha)

  • सात मुखी रुद्राक्ष मकर और कुंभ राशि के लोगों के लिए सबसे अच्छा माना जाता है.
  • जिन लोगों को कोर्ट-कचहरी के मामलों में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है उन्हें इस रुद्राक्ष को धारण करने की सलाह दी जाती है.
  • इसे उन लोगों को भी पहनना चाहिए जो शरीर संबंधी बीमारियों से पीड़ित हैं.
  • यह आर्थिक और मानसिक स्थिति में सुधार के लिए भी उपयोगी है.
  • इस रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति व्यापार और काम में उन्नति कर सकता है और अपना जीवन सुखमय व्यतीत कर सकता है.

राशि के अनुसार आपको कौन-सा रुद्राक्ष लाभ देगा? Which Rudraksha will give you benefits according to the zodiac sign?

#8. आठ मुखी रुद्राक्ष (8 Mukhi Rudraksha):

आठ मुखी रुद्राक्ष के स्वामी ग्रह ‘राहु’ है और ईष्‍ट देवता ‘भगवान गणेश’ है. इसमें कार्तिकेय, गणेश, अष्टमातृका, अष्ट बसु निवास करते हैं. अष्टमुखी रुद्राक्ष को आठ देवियों का रूप माना जाता है. इसे धारण करने से आठ देवियों की विशेष कृपा बनी रहती है.

आठ मुखी रुद्राक्ष का मंत्र (8 Mukhi Rudraksha Mantra):

ऊं हूं नम:

आठ मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लाभ (Benefits of wearing 8 Mukhi Rudraksha)

  • जिनकी कुंडली में राहु की दशा के कारण परेशानी हो रही है उन्हें इसे धारण करना चाहिए.
  • आठ मुखी रुद्राक्ष उन लोगों को अवश्य पहनना चाहिए जो शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर हैं.
  • जिन लोगों को पीठ या रीढ़ की हड्डी से जुड़ी कोई समस्या है, उन्हें इसे धारण करने की सलाह दी जाती है.
  • यह सभी समस्याओं, बाधाओं को दूर करता है और सभी उपक्रमों में सफलता लाता है.

# 9. नौ मुखी रुद्राक्ष (9 Mukhi Rudraksha):

नौ मुखी रुद्राक्ष के स्वामी ग्रह ‘केतु’ है एवं ‘नौ दुर्गा’ तथा ‘भैरव’ इसके ईष्‍ट देवता हैं. नौ मुखी रुद्राक्ष को महाशक्ति भवानी के नौ रूपों और शक्तियों का प्रतिबिंब माना जाता है, यह रुद्राक्ष राहु और केतु के दुष्प्रभाव को दूर करता है.

नौ मुखी रुद्राक्ष का मंत्र (9 Mukhi Rudraksha Mantra):

ऊं ह्रीं हूं नम:

नौ मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लाभ (Benefits of wearing 9 Mukhi Rudraksha)

  • जो लोग राहु-केतु के दोष से प्रभावित हैं उन्हें यह रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए.
  • नौ मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से धन-संपत्ति और मान-सम्मान में वृद्धि होती है.
  • विशेष रूप से यह रुद्राक्ष महिलाओं को सभी बुरी नजर से बचाता है क्योंकि भवानी दुर्गा स्वयं शक्ति का एक रूप हैं.
  • यह मानव जीवन से जुड़ी हर समस्या को दूर करता है.
  • यह नौ मुखी रुद्राक्ष पहनने वाले के चारों ओर सकारात्मक वातावरण बनाने की अपनी शक्तियों के लिए जाना जाता है.
  • यह रक्तचाप को भी नियंत्रित करता है.

#10. दस मुखी रुद्राक्ष (10 Mukhi Rudraksha):

ब्रह्मांड के सभी ग्रह दस मुखी रुद्राक्ष के स्वामी ग्रह हैं और भगवान विष्णु, दस दिकपाल और दस महाविद्या इसके देवता हैं. दस मुखी रुद्राक्ष दस दिशाओं और नारायण के आठ अवतारों का प्रतिनिधित्व करता है. दस मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से तंत्र-मंत्र आदि के प्रयोग से मुक्ति मिलती है. इस दस मुखी रुद्राक्ष में दस अवतारों और दस दिशाओं का प्रभाव है.

दस मुखी रुद्राक्ष का मंत्र (10 Mukhi Rudraksha Mantra):

ऊं ह्रीं नम:

दस मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लाभ (Benefits of wearing 10 Mukhi Rudraksha)

  • दस मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से अकाल मृत्यु, भय, नाश और सभी बाधाओं से रक्षा होती है.
  • दस मुखी रुद्राक्ष अदालती मामलों में फसे व्यक्तियों को जीत और सुरक्षा प्रदान करता है.
  • दस मुखी रुद्राक्ष मानव शरीर पर ढाल की तरह काम करता है और बुराइयों को दूर भगाता है.
  • दस मुखी रुद्राक्ष पहनने वाले को बहुत सारी सकारात्मक ऊर्जा देता है.

#11. ग्यारह मुखी रुद्राक्ष (11 Mukhi Rudraksha):

ग्यारह मुखी रुद्राक्ष के स्वामी ग्रह मंगल है एवं ‘हनुमान’ जी इसके ईष्‍ट देवता हैं. सभी 11 रुद्र, ग्यारह मुखी रुद्राक्ष के देवता हैं. इसे धारण करने से सभी ग्रह प्रसन्न होते हैं. कहा जाता है कि ग्यारह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से हनुमान जी जैसे गुण प्राप्त होते हैं.

ग्यारह मुखी रुद्राक्ष का मंत्र (11 Mukhi Rudraksha Mantra):

ऊं क्‍लीं नम:

ग्यारह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लाभ (Benefits of wearing 11 Mukhi Rudraksha)

  • ग्यारह मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले को अकाल मृत्यु से बचाता है.
  • ग्यारह मुखी रुद्राक्ष घर की परेशानियों, उलझनों और समस्याओं को दूर करता है और पराक्रम, साहस और आत्मबल में वृद्धि करता है.
  • ग्यारह मुखी रुद्राक्ष उन लोगों को धारण करना चाहिए जिनके घर या शरीर में भूत जैसी कोई अनिष्ट शक्ति है.

#12. बारह मुखी रुद्राक्ष (12 Mukhi Rudraksha):

‘सूर्य’, बारह मुखी रुद्राक्ष के देवता और अधिपति ग्रह हैं. इसे धारण करने से वैभव और ऐश्वर्य की वृद्धि होती है. बारह मुखी रुद्राक्ष श्री हरि का प्रतीक माना जाता है. सूर्य व्यक्ति को शक्तिशाली और मेधावी बनाता है. बारह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से सूर्य की चमक और तेज की प्राप्ति होती है.

बारह मुखी रुद्राक्ष का मंत्र (12 Mukhi Rudraksha Mantra):

ऊं रों शों नम: 

ॐ नमः

बारह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लाभ (Benefits of wearing 12 Mukhi Rudraksha)

  • बारह मुखी रुद्राक्ष सूर्य ग्रह के नकारात्मक प्रभाव और क्लेश को शांत करता है.
  • बारह मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को निडर और शक्तिशाली बनाता है.
  • बारह मुखी रुद्राक्ष पहनने वाले को कभी भी मानसिक और शारीरिक पीड़ा नहीं होती है.
  • जिन लोगों का सूर्य कमजोर होने के कारण वे बहुत बीमार पड़ते हैं, उन्हें बारह मुखी रुद्राक्ष धारण करने की सलाह दी जाती है.
  • बारह मुखी रुद्राक्ष व्यक्ति को नकारात्मक विचारों और नकारात्मक भावनाओं से बचाता है जो वित्तीय स्थिति को कमजोर करते हैं.

#13. तेरह मुखी रुद्राक्ष (13 Mukhi Rudraksha):

तेरह मुखी रुद्राक्ष के स्वामी सभी ग्रह हैं और इसके ईष्‍ट देवता ‘कामदेव’ हैं. तेरह मुखी रुद्राक्ष इंद्र का प्रतिनिधित्व करता है. कामदेव की कृपा से इसे धारण करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

तेरह मुखी रुद्राक्ष का मंत्र (13 Mukhi Rudraksha Mantra):

ऊं हीं नम:

तेरह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लाभ (Benefits of wearing 13 Mukhi Rudraksha)

  • तेरह मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को इंद्र और कामदेव के गुण प्राप्त होते हैं.
  • तेरह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से दरिद्रता का नाश होता है और सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है.
  • कुण्डलिनी जागरण के लिए भी तेरह मुखी रुद्राक्ष का प्रयोग किया जाता है.
  • यौन विकारों, काम इच्छा, बांझपन से राहत देता है.
  • तेरह मुखी रुद्राक्ष मूत्र और प्रजनन अंगों के कार्य में सुधार करता है.

#14. चौदह मुखी रुद्राक्ष (14 Mukhi Rudraksha):

चौदह मुखी रुद्राक्ष के स्वामी ग्रह शनि है एवं ईष्‍ट देवता ‘शिव’ तथा ‘हनुमान’ जी हैं. चौदह मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव और श्री हनुमान जी का प्रतीक माना जाता है. इससे जीवन की सभी परेशानियां दूर होती हैं और आत्मविश्वास बढ़ता है. इस रुद्राक्ष पर शनि देव की विशेष कृपा भी होती है.

चौदह मुखी रुद्राक्ष का मंत्र (14 Mukhi Rudraksha Mantra):

ऊं नमः शिवाय

चौदह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लाभ (Benefits of wearing 14 Mukhi Rudraksha)

  • जो लोग शनि दोष से प्रभावित हैं उन्हें चौदह मुखी रुद्राक्ष धारण करने की सलाह दी जाती है.
  • हनुमान जी से संबंधित होने के कारण 14 मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले को भी हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
  • चौदह मुखी रुद्राक्ष हड्डी, मांसपेशियों, गठिया और मोटापे के लिए बहुत अच्छा है.
  • यह एक स्वस्थ, सुखी और समृद्ध जीवन प्राप्त करने में मदद करता है.
  • यह रुद्राक्ष जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता और श्रेष्ठता प्राप्त करने में मदद करता है.

कितने रुद्राक्ष से बनी माला शरीर के कौन-से अंग पर पहननी चाहिए? How many Rudraksha beads should be worn on which part of the body?

#15. पंद्रह मुखी रुद्राक्ष (15 Mukhi Rudraksha):

पंद्रह मुखी रुद्राक्ष के स्वामी ग्रह बुध है और ईष्‍ट देवता ‘भगवान पशुपति’ है. पंद्रह मुखी रुद्राक्ष को पशुपतिनाथ का प्रतिबिंब माना जाता है, यह रुद्राक्ष स्वास्थ्य, धन, शक्ति, ऊर्जा, समृद्धि, आत्मा के उत्थान और आध्यात्मिक शक्ति में वृद्धि लाता है.

पंद्रह मुखी रुद्राक्ष का मंत्र (15 Mukhi Rudraksha Mantra):

ऊं ह्रीं नम:

ॐ पशुपतये नमः

पंद्रह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लाभ (Benefits of wearing 15 Mukhi Rudraksha)

  • यह त्वचा रोगों को ठीक करने में मदद करता है.
  • पंद्रह मुखी रुद्राक्ष भूमि श्रमिकों के लिए और जमीन खरीदने में भी फायदेमंद हो सकता है.
  • पंद्रह मुखी रुद्राक्ष मन की सहज शक्तियों में सुधार के लिए बहुत अच्छा है.
  • पंद्रह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाला व्यक्ति कभी न खत्म होने वाले धन और समृद्धि से युक्त होता है.
  • यह रुद्राक्ष अलौकिक है और सभी समस्याओं के अंत के लिए अत्यंत उत्तम है.

#16. सोलह मुखी रुद्राक्ष (16 Mukhi Rudraksha):

सोलह मुखी रुद्राक्ष के स्वामी ग्रह ‘चन्द्रमा’ है और ईष्‍ट देवता ‘महाकाल शिव’ है. सोलह मुखी रुद्राक्ष सोलह कलाओं और उपलब्धियों का प्रतिनिधित्व करता है. सोलह मुखी रुद्राक्ष भगवान विष्णु और शिव का संयुक्त रूप है.

सोलह मुखी रुद्राक्ष का मंत्र (16 Mukhi Rudraksha Mantra):

ऊं हौं जूं स:

सोलह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लाभ (Benefits of wearing 16 Mukhi Rudraksha)

  • सोलह मुखी रुद्राक्ष आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है और केतु के बुरे प्रभावों से बचाता है.
  • सोलह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से भगवान राम की कृपा प्राप्त होती है.
  • सोलह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से कार्यसिद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
  • सोलह मुखी रुद्राक्ष घर को विभिन्न दुर्भाग्य से सुरक्षा प्रदान करता है.

#17. सत्रह मुखी रुद्राक्ष (17 Mukhi Rudraksha):

सत्रह मुखी रुद्राक्ष के स्वामी ग्रह शनि है और ईष्‍ट देवता ‘कात्‍यायनी देवी’ है. यह रुद्राक्ष धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष प्रदान करता है. देवी कात्यायनी के रूप में देवी दुर्गा का प्रतिनिधित्व करती हैं.

सत्रह मुखी रुद्राक्ष का मंत्र (17 Mukhi Rudraksha Mantra):

ऊं नम: शिवाय:

सत्रह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लाभ (Benefits of wearing 17 Mukhi Rudraksha)

  • जिन लोगों में अत्यधिक क्रोध होता है, ऐसे लोगों को सत्रह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से लाभ होता है.
  • सत्रह मुखी रुद्राक्ष शारीरिक ऊर्जा की कमी से पीड़ित लोगों के लिए बहुत उपयोगी है.
  • सत्रह मुखी रुद्राक्ष पहनने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और तनाव कम होता है.
  • यह रुद्राक्ष जातक को निडर बनाता है और शनि ग्रह के अशुभ प्रभावों को दूर करता है.
  • जो व्यक्ति सत्रह मुखी रुद्राक्ष धारण करता है, उसके जीवन और मार्ग के कष्ट समाप्त हो जाते हैं.

#18. अठारह मुखी रुद्राक्ष (18 Mukhi Rudraksha):

अठारह मुखी रुद्राक्ष के स्वामी ग्रहमंगल है और देवता ‘भूमि, धरती’ है. अठारह मुखी रुद्राक्ष धरती माता और शिव के भैरव रूप का प्रतिनिधित्व करता है. अठारह मुखी रुद्राक्ष एक दुर्लभ रुद्राक्ष है.

अठारह मुखी रुद्राक्ष का मंत्र (18 Mukhi Rudraksha Mantra):

ऊं ह्रीं हूं एकत्‍वारूपाय हूं ह्रीं ऊं

अठारह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लाभ (Benefits of wearing 18 Mukhi Rudraksha)

  • अठारह मुखी रुद्राक्ष गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद होता है, इसे धारण करने से गर्भ में पल रहे बच्चे को बुरी शक्तियों से बचाया जाता है, साथ ही शारीरिक क्षमता और ऊर्जा का विकास होता है.
  • यह रुद्राक्ष 18 शक्तियों से युक्त है जो बुराइयों और समस्याओं को नष्ट करने में मदद करता है.
  • अठारह मुखी रुद्राक्ष कफ दोष के असंतुलन के कारण होने वाले रोगों को ठीक करने में कारगर है.
  • स्वस्थ शरीर पाने के लिए इस रुद्राक्ष को धारण किया जा सकता है.
  • अठारह मुखी रुद्राक्ष का ग्रह मंगल है इसलिए इस रुद्राक्ष को धारण करने से मंगल संबंधी दोष दूर होते हैं.

#19. उन्नीस मुखी रुद्राक्ष (19 Mukhi Rudraksha):

उन्नीस मुखी रुद्राक्ष के स्वामी ग्रहबुध है और ईष्‍ट देवता ‘भगवान विष्णु’ है. उन्नीस मुखी रुद्राक्ष भगवान शंकर-पार्वती, श्री गणेश और भगवान नारायण का प्रतिनिधित्व करता है. इस रुद्राक्ष को धारण करने से सांसारिक सुखों में कमी नहीं आती है.

उन्नीस मुखी रुद्राक्ष का मंत्र (19 Mukhi Rudraksha Mantra):

ऊं वं विषणवे क्षीरशयने स्वाहा:

उन्नीस मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लाभ (Benefits of wearing 19 Mukhi Rudraksha)

  • इस रुद्राक्ष को धारण करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है.
  • मनोकामना पूर्ति के लिए आप उन्नीस मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं.
  • यह शक्तिशाली रुद्राक्ष आपको कवच की तरह नकारात्मकता से बचाता है.
  • उन्नीस मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से भौतिक सुख मिलता है और आर्थिक स्थिति संतुलित रहती है.
  • यह रुद्राक्ष घबराहट, उच्च रक्तचाप, अस्थमा, एलर्जी और बुखार के इलाज में मदद करता है.
  • व्यक्ति को उदासी, अकेलेपन और अवसाद से दूर करने में मदद करता है.

#20. बीस मुखी रुद्राक्ष (20 Mukhi Rudraksha):

बीस मुखी रुद्राक्ष के स्वामी ग्रह ‘चन्द्रमा’ है और ईष्‍ट देवता ‘ब्रम्हा’ है. श्री ब्रह्मा को बीस मुखी रुद्राक्ष का प्रथम आरूढ़ देवता माना जाता है, साथ ही यह ब्रह्मा, विष्णु और महेश की शक्तियों का संयोजन है. बीस मुखी रुद्राक्ष बड़ी कठिनाई से प्राप्त होता है.

बीस मुखी रुद्राक्ष का मंत्र (20 Mukhi Rudraksha Mantra):

ऊं ह्रीं ह्रीं हूं हूं ब्रह्मनेय नम:

बीस मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लाभ (Benefits of wearing 20 Mukhi Rudraksha)

  • बीस मुखी रुद्राक्ष बहुत शक्तिशाली होता है और व्यक्ति की सभी इच्छाओं को पूरा करने की शक्ति रखता है.
  • इस रुद्राक्ष पर त्रिदेवों की कृपा, 8 दिग्पाल और 9 ग्रहों की कृपा होती है.
  • बीस मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से भूत, दैत्य और अन्य अनिष्ट शक्तियों के कष्ट दूर होते हैं.
  • बीस मुखी रुद्राक्ष आंखों की रोशनी की समस्या से पीड़ित लोगों के लिए बहुत उपयोगी है.
  • यह घुटनों और जोड़ों के दर्द से राहत दिलाता है.
  • अकाल मृत्यु से बचाता है और आत्मसम्मान को बढ़ाता है.

#21. इक्कीस मुखी रुद्राक्ष (21 Mukhi Rudraksha):

इक्कीस मुखी रुद्राक्ष के स्वामी ग्रह शुक्र है और ईष्‍ट देवता ‘कुबेर’ है. इक्कीस मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव के साथ भगवान कुबेर का प्रतिनिधित्व करता है. इसके अलावा इस रुद्राक्ष को भगवान ब्रह्मा, विष्णु, महेश और अन्य सभी देवताओं का भी प्रतीक माना जाता है.

इक्कीस मुखी रुद्राक्ष का मंत्र (21 Mukhi Rudraksha Mantra):

ऊं ह्रीं हूं शिवमित्राय नमः

इक्कीस मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लाभ (Benefits of wearing 21 Mukhi Rudraksha)

  • इसे आप धन प्राप्ति और आर्थिक संकट से उबरने के लिए पहन सकते हैं.
  • इक्कीस मुखी रुद्राक्ष धन-धान्य की कमी को दूर करता है.
  • इससे रुके हुए काम या काम के बीच में आ रही नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.
  • इक्कीस मुखी रुद्राक्ष सौभाग्य, नाम, धन और प्रसिद्धि लाता है.
  • इस रुद्राक्ष की मदद से ब्लड शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है और प्रोस्टेट से संबंधित कोई भी रोग नहीं होता है.

टिप्पणी: रुद्राक्ष हमेशा किसी विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही धारण करें. भगवान शिव की कृपा आप पर सदैव बनी रहे. ॐ नमः शिवाय!

12 ज्योतिर्लिंग और उनसे जुड़ी कुछ खास बातें – 12 Jyotirlingas and some special things related to them

अगर आपको How many Mukhi Rudraksha should be worn and what are the benefits of each Rudraksha? जानकारी अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी करे, हमारे अगले Post प्राप्त करने के लिए हमें करे और हमारा Facebook page करे, अपने सुझाव हमें Comments के माध्यम से दे.