हिरोशिमा और नागासाकी के परमाणु बम विस्फोट के बारे में (20+) रोचक तथ्य – Interesting facts about the atomic bombings of Hiroshima and Nagasaki

हिरोशिमा और नागासाकी के परमाणु बम विस्फोट के बारे में रोचक तथ्य - Interesting facts about the atomic bombings of Hiroshima and Nagasaki

Information and facts about the atomic bombings of Hiroshima and Nagasaki in Hindi – परमाणु बम मनुष्य द्वारा बनाए गए अब तक के सबसे विनाशकारी हथियारों में से एक है. इस तरह के विस्फोटक हथियार भारी मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न करते हैं और इसलिए यह विनाश का कारण भी बनते हैं.

जब अमेरिका ने जापान के शहर हिरोशिमा पर पहला परमाणु बम गिराया, तो उस विनाशकारी दस्तक ने न केवल जापान को बल्कि पूरी दुनिया को स्तब्ध कर दिया था. 

जापान इस दिल दहलाने वाले झटके से उबर भी नहीं पाया कि तीन दिन बाद नागासाकी पर एक और बम गिराया गया, जिसमें एक झटके में ही लाखों लोग मारे गए थे. 

परमाणु बमबारी की यह घटना इतिहास की ऐसी भीषण घटना थी कि दशकों बाद भी इसे भुलाया नहीं जा सकता है.

इस बमबारी के बाद एशिया में दूसरे युद्ध की समाप्ति महज एक औपचारिकता रह गई थी. जापानी सेना पीछे हटने लगी थी और लगभग एक हफ्ते बाद, जापान ने मित्र देशों के गठबंधन के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.

आज के इस लेख में आप Hiroshima and Nagasaki atomic bombings facts in Hindi पढ़ने जा रहे हैं.

हिरोशिमा और नागासाकी बमबारी की जानकारी और तथ्य हिंदी में – Hiroshima and Nagasaki bombing information and facts in Hindi (1 to 10)

#1. पहला परमाणु बम 6 अगस्त, 1945 को सुबह 8:15 बजे हिरोशिमा (Hiroshima) पर और दूसरा, ठीक तीन दिन बाद, 9 अगस्त, 1945 को नागासाकी (Nagasaki) पर गिराया गया था. तब से, दुनिया में फिर कभी परमाणु हथियारों (Nuclear weapons) का इस्तेमाल हमले के लिए नहीं किया गया.

#2. हिरोशिमा पर बम गिराने का फैसला बम गिराए जाने से ठीक एक घंटे पहले लिया गया था.

#3. हिरोशिमा पर गिराए गए बम का नाम “लिटिल बॉय (Little Boy)” था, इसका वजन लगभग 4000 किलो और लंबाई 10 फीट थी. इसमें यूरेनियम की मात्रा 65 किलो थी, लेकिन जो धमाका हुआ वह सिर्फ 0.7 ग्राम यूरेनियम की वजह से हुआ था. यानी जिस पदार्थ के कारण विस्फोट हुआ उसका वजन एक अल्पाइन या एक डॉलर के नोट के बराबर भी नहीं था.

#4. नागासाकी पर गिराए गए बम का नाम “फैट मैन (Fat Man)” था, इसका वजन लगभग 4500 किलोग्राम था और इसकी लंबाई 11.5 फीट थी. इसमें 6.4 किलो प्लूटोनियम का इस्तेमाल किया गया था, जो यूरेनियम से कहीं ज्यादा ताकतवर था.

#5. नागासाकी पर गिराया जाने वाला बम पहले जापान के कोकुरा (Kokura) शहर पर गिराया जाना था, लेकिन उस समय कोकुरा शहर का मौसम साफ नहीं था और बादल भी घने थे, इसलिए अमेरिकी सेना ने नागासाकी पर ही बम गिरा दिया. इसी बम को क्योटो (Kyoto) शहर पर भी गिराने की योजना थी, लेकिन अमेरिका के युद्ध सेक्रेट्री हेनरी स्टिमसन (Henry Stimson) ने इसे बदल दिया क्योंकि उन्होंने यहां अपनी पत्नी के साथ हनीमून मनाया था और उनकी कई यादें इस शहर से जुड़ी हुई थीं.

#6. हिरोशिमा पर गिराए गए बम को ले जाने वाले विमान का नाम “एनोला गे (Enola Gay)” था. इस विमान में साइनाइड (Cyanide) की 12 गोलियां भी रखी गई थीं, ताकि अगर मिशन फेल हो जाए तो विमान के सभी अधिकारी उन्हें खा जाएं. जिस विमान से दूसरा बम गिराया गया उसका नाम “बॉस्कर Bockscar” था.

#7. परमाणु बम के विध्वंस ने हिरोशिमा और नागासाकी में लगभग 2,46,000 लोगों की जान ले ली. बम गिरते ही करीब 1 लाख लोग मारे गए और बाकी अगले कुछ सालों में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से मर गए.

#8. हिरोशिमा हमले के समय, बमबारी स्थल का तापमान 300,000 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था और इसके नीचे की जमीन का तापमान लगभग 4,000 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, जो स्टील को पिघलाने के लिए पर्याप्त होता है. इस हमले के कारण 1005 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चली थी और 10 वर्ग किलोमीटर में गहरे गड्ढे बन गए थे और 500 मीटर तक 19 टन प्रति वर्ग इंच का दबाव बन गया था. यह विनाशकारी माहौल किसी भी बड़ी इमारत को हवा में उड़ाने के लिए काफी था.

#9. दोनों परमाणु बम जमीन से 100 फीट की कुल ऊंचाई पर हवा में फटे थे.

#10. दोनों परमाणु बमों के हमले में लगभग डेढ़ लाख लोग मारे गए, साथ ही रेडिएशन के प्रभाव से कई लाख लोग अपंग हो गए. इतना ही नहीं रेडिएशन का प्रभाव उनकी आने वाली पीढ़ियों पर भी देखने को मिला.

हिरोशिमा और नागासाकी बमबारी की जानकारी और तथ्य हिंदी में – Hiroshima and Nagasaki bombing information and facts in Hindi (11 to 20)

#11. हिरोशिमा हमले के एक महीने बाद, शहर में एक चक्रवात आया था, जिसमें 2,000 और लोग मारे गए थे.

#12. हिरोशिमा बम विस्फोट में एक दर्जन अमेरिकी भी मारे गए थे, जिसके बारे में अमेरिका को 1970 में पता चला था.

#13. हिरोशिमा पर हमले के बाद एक पुलिसकर्मी नागासाकी गया और वहां की पुलिस को हमले की सूचना दी, नतीजा यह हुआ कि नागासाकी परमाणु हमले में एक भी पुलिसकर्मी की मौत नहीं हुई.

#14. हिरोशिमा हमले के समय एक 13 वर्षीय लड़के शिगेकी तनाका (Shigeki Tanaka) ने 20 मील दूर से विस्फोट देखा था. परमाणु हमले से बच गया यह लड़का छह साल बाद 1951 में बोस्टन गया और वहां मैराथन जीतकर दिखाई.

#15. त्सुतोमु यामागुची (Tsutomu Yamaguchi) दोनों बम विस्फोटों में जीवित बचे एकमात्र व्यक्ति थे. दरअसल हुआ ये कि जब हिरोशिमा पर बम गिराया गया तो वह इसी शहर में मौजूद थे, फिर वह अपने गांव नागासाकी गए, वहां भी बम गिराया गया. लेकिन वह इतने भाग्यशाली थे कि वह दोनों बार बच गए. 2010 में पेट के कैंसर से उनकी मृत्यु हो गई.

#16. हिरोशिमा और नागासाकी पर बम गिराने से पहले अमेरिका ने अभ्यास के तौर पर जापान पर 49 बम गिराए थे, जिसमें 400 लोग मारे गए थे और 1200 लोग घायल हुए थे.

#17. नागासाकी परमाणु हमले के छह दिन बाद जापान के राजा हिरोहितो (King Hirohito) ने अमेरिकी सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. यह घोषणा रेडियो पर की गई थी और अधिकांश जापानियों ने पहली बार उनकी आवाज सुनी थी. अगर जापान ने आत्मसमर्पण नहीं किया होता, तो अमेरिका ने 19 अगस्त को जापान के एक और शहर पर परमाणु बम गिराने की योजना बनाई थी.

#18. हिरोशिमा-नागासाकी बमबारी के बाद अमेरिका युद्ध में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने वाला पहला और एकमात्र राष्ट्र बन गया.

#19. अमेरिका ने अभी तक जापान से परमाणु हमले के लिए माफी नहीं मांगी है. हमले के 71 साल बाद हिरोशिमा जाने वाले बराक ओबामा (Barack Obama) पहले अमेरिकी राष्ट्रपति हैं.

#20. इस परमाणु हमले से पहले द्वितीय विश्व युद्ध में जापान का दबदबा था, लेकिन परमाणु बम हमले ने उनकी कमर तोड़ दी. फिर भी जापान अपनी अलौकिक आत्मशक्ति के दम पर इन हमलों से उबर गया और आज वह दुनिया के विकसित देशों की कतार में खड़ा है

#21. हर साल 6 अगस्त को हिरोशिमा दिवस (Hiroshima Day) के रूप में मनाया जाता है.

#22. हिरोशिमा और नागासाकी आज रेडियोएक्टिव फ्री हैं क्योंकि दोनों परमाणु बम जमीन से कुछ सौ फीट ऊपर हवा में फटे थे.

#23. 1964 में, जापान ने बम विस्फोटों के पीड़ितों के सम्मान में एक ज्योति जलाई, जो आज भी प्रज्वलित है. यह उस दिन बुझाई जाएगी जिस दिन दुनिया से सारे परमाणु बम खत्म हो जाएंगे और यह दुनिया परमाणु हमले के खतरे से मुक्त हो जाएगी.

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