विराम चिन्ह (परिभाषा, प्रकार, उदाहरण और उनके उपयोग) | Viram Chinh in Hindi

विराम चिह्न (परिभाषा, प्रकार, उदाहरण और उनके उपयोग) | Viram Chinh in Hindi

विराम चिन्ह (परिभाषा, प्रकार, उदाहरण और उनके उपयोग) | Viram Chinh in Hindi – वाक्यों को लिखते समय उनके विराम को दर्शाने के लिए हम कुछ विशेष चिन्हों का प्रयोग करते हैं, जिन्हें विराम चिन्ह (Viram Chinh In Hindi) कहते हैं।

Table of Contents

विराम चिन्ह क्या होते हैं? (Viram Chinh Kise Kahate Hain)

वाक्यों को बोलते समय हम वहीं रुक जाते हैं जहां उन्हें रोकने की आवश्यकता होती है। लिखित शब्दों को वाक्यों और खंडों में अलग करने के लिए विराम, अल्पविराम या प्रश्न चिन्ह जैसे प्रतीकों का उपयोग है जो वाक्यों और वाक्यांशों को अलग करते हैं इन्हे ही हिंदी व्याकरण में विराम चिन्ह कहते है।

मतलब हिंदी व्याकरण में विराम चिन्ह (punctuation mark) का अर्थ है ठहराव, विश्राम, रुकना। अर्थात किसी वाक्य को लिखते समय विराम को प्रकट करने के लिए जिस चिन्ह का प्रयोग किया जाता है उसे विराम चिन्ह कहते हैं।

विराम चिह्न (परिभाषा, प्रकार, उदाहरण और उनके उपयोग) | Viram Chinh in Hindi
Hindi viram chinh

विराम का क्या मतलब होता है?

विराम का शाब्दिक अर्थ रुकना या ठहर जाना है – जब हम वाक्यों को बोलते हैं तो हमें समय-समय पर रुकने की आवश्यकता होती है ताकि भाषा का स्पष्ट रूप सामने आ सके और बोला गया वाक्य अधिक प्रभावशाली लगे। इससे भाषा पहले से अधिक अर्थपूर्ण और भावपूर्ण लगने लगती है।

लिखित भाषा में हम इस विराम को विशेष चिन्हों द्वारा व्यक्त करते हैं जिन्हें विराम चिन्ह (Viram Chinh) कहते हैं।

भाषा में विराम चिन्ह का महत्व:

किसी भी वाक्य को एक सांस में पूरा बोल देना सार्थक सिद्ध नहीं होता। जब किसी विषय को लेकर दो व्यक्तियों के बीच संवाद होता है तो उसमें अलग-अलग भाव होते हैं और उन भावों को व्यक्त करने के लिए व्यक्ति अपने उच्चारण में उतार-चढ़ाव लाता है। जैसे बातचीत में जहां रुकने की जरूरत होती है, वहीं ब्रेक ले लेते हैं।

उदाहरण के लिए, कुछ उदाहरण व्यक्त करते समय, वहां थोड़ा विराम लिया जाता है। इसी प्रकार शौक या आनंद जैसी भावना को जब व्यक्त करना होता है तो व्यक्ति उस भावना को अपने हाथों, आंखों और मुंह से व्यक्त करता है। लेकिन लिखते समय ऐसा नहीं होता है।

भाषा लिखते समय, भावों को व्यक्त करने के लिए व्याकरणिक रूप से विराम चिन्हों का उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि हम कोई प्रश्न पूछ रहे हैं, तो वाक्य के अंत में प्रश्न सूचक चिन्ह (?) का प्रयोग करना आवश्यक है। क्योंकि इस चिन्ह के बिना यह ज्ञात नहीं होगा कि लिखित वाक्य सरल वाक्य है या प्रश्नवाचक वाक्य है।

इस प्रकार लेखक के विचारों को लिखित भाषा में सही ढंग से अभिव्यक्त करने के लिए विराम चिन्हों के प्रयोग की आवश्यकता होती है और सभी भाषाओं में विराम चिन्हों की आवश्यकता होती है। हालांकि इसके नाम अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग हो सकते हैं। 

इसके अलावा, कुछ भाषाओं में कुछ विराम चिन्ह भी बदलते हैं। जैसे हिंदी व्याकरण में किसी भी वाक्य का अंत (।) इस चिन्ह से होता है जबकि अंग्रेजी भाषा में किसी भी वाक्य का अंत (.) इस चिन्ह से होता है।

यदि वाक्यों में विराम चिन्ह न हो तो वाक्यों के अंत का पता नहीं चलता और पाठक यह नहीं समझ पाता कि कौन सा वाक्य कहां समाप्त हो रहा है और किस वाक्य का क्या अर्थ है। इसलिए हर भाषा में विराम चिन्हों का बहुत महत्व होता है।

हालांकि यह सच है कि किसी भी भाषा में विराम चिन्ह लेखक के भावुक विचारों को स्पष्ट करना आसान बनाते हैं। लेकिन अगर इसका सही इस्तेमाल न किया जाए तो अर्थ का अनर्थ हो सकता है। उदाहरण के लिए

“उसे रोको मत जाने दो”

“उसे रोको मत, जाने दो”

“उसे रोको, मत जाने दो”

पहले वाक्य के भाव ठीक से समझ नहीं आ रहे हैं। लेकिन दूसरे उदाहरण – उसे रोको मत, जाने दो में “मत रोको” के बाद अल्पविराम लगा हुआ है जो वक्ता को यह महसूस करा रहा है कि उस व्यक्ति को रोकना नहीं है, उसे जाने देना है।

लेकिन तीसरे उदाहरण में, “उसे रोको” के बाद विराम चिन्ह लगाया गया है, जिससे यह आभास होता है कि उस व्यक्ति को रोका जाना है उसे जाने नहीं देना है।

इस प्रकार वाक्य में मात्र विराम चिन्हों के स्थान से ही वाक्य का पूर्ण अर्थ बदल जाता है। इसलिए यह जानना आवश्यक है कि किसी भी वाक्य का सही अर्थ उत्पन्न करने के लिए विराम चिन्हों का सही स्थान पर उपयोग कैसे किया जाता है।

विराम चिन्ह के कुछ उदाहरण (Viram Chinh Ke Udaharan)

तो आइए इन विराम चिन्हों के कुछ और उदाहरण देखें और समझने की कोशिश करें।

  • मैं साइकिल चला रहा हूं। (यह वाक्य सामान्य जानकारी व्यक्त कर रहा है।)
  • चांद पर पहला कदम किसने रखा था? (इस वाक्य में प्रश्न भाव व्यक्त किया जा रहा है।)
  • इस भीषण सुनामी में भी वो बच गए! (इस वाक्य में आश्चर्य का भाव व्यक्त किया जा रहा है।)

विराम चिन्हों का उपयोग (Viram Chinh Ka Prayog)

यदि विराम चिन्ह का सही स्थान पर प्रयोग न किया जाए तो वाक्य अर्थहीन हो जाते हैं, उनके भावों में विपरीत अर्थ का प्रयोग होने लगता है साथ ही वे अर्थहीन और अस्पष्ट लगने लगते हैं।

यहां हम एक वाक्य को उदाहरण के रूप में लेते हैं।

1) रोको मत जाने दो।

यहां इस वाक्य से केवल इतनी सामान्य जानकारी प्राप्त हो रही है कि एक व्यक्ति सामान्य रूप से कह रहा है कि – रुको मत जाने दो।

2) रोको, मत जाने दो।

यहां वाक्य पहले की तरह ही है – रोको मत जाने दो, लेकिन यदि वाक्य में “रोको” शब्द के बाद विराम चिन्ह (Viram Chinh) लगा दिया जाए, तो अर्थ निकलता है कि – मत जाने देना, रोक लो।

3) रोको मत, जाने दो।

यहां भी वाक्य पहले जैसा ही है -रोको मत जाने दो लेकिन, लेकिन विराम चिन्ह (Viram Chinh) का स्थान बदल दिया गया है। इस प्रकार यहां इस वाक्य का अर्थ यह है कि – रोकना मत, जाने दो।

उपरोक्त सरल उदाहरण से स्पष्ट है कि विराम चिन्हों के स्थान बदलने से वाक्यों के अर्थ भी कैसे बदल जाते हैं। यहां पहले वाक्य में अर्थ स्पष्ट नहीं है जबकि दूसरे और तीसरे वाक्य में अर्थ की स्पष्टता बहुत स्पष्ट है। तीनों वाक्यों में शब्द एक ही हैं, लेकिन विराम के हेरफेर के कारण अर्थ अलग-अलग हो गया है।

विराम चिन्हों के प्रकार (Viram Chinh Ke Prakar)

हिंदी भाषा के व्याकरण के अनुसार विराम चिन्ह निम्न प्रकार के होते हैं:

  1. अल्प विराम (Comma) ( , )
  2. अर्द्ध विराम (Semicolon) ( ; ) 
  3. पूर्ण विराम (Full-Stop) ( । ) 
  4. उप विराम (Colon) ( : )
  5. विस्मयादिबोधक चिन्ह (Exclamation mark) ( ! ) 
  6. प्रश्नवाचक चिन्ह (Question mark) ( ? ) 
  7. कोष्ठक (Bracket) ( ( ) ) 
  8. योजक चिन्ह (Hyphen) ( – )
  9. अवतरण चिन्ह या उद्धरण चिन्ह (Inverted comma) (” “) 
  10. लाघव चिन्ह (Abbreviation sign) ( o ) 
  11. आदेश चिन्ह (Sign of following – विवरण चिन्ह) ( :- ) 
  12. रेखांकन चिन्ह (Underline) ( _ ) 
  13. लोप चिन्ह (Mark of omission – पदलोप चिन्ह) ( … )
  14. पुनरुक्ति सूचक चिन्ह-Repeat pointer symbol (,,) 
  15. विस्मरण चिन्ह या त्रुटिपूरक चिन्ह-Oblivion sign  ( ^ )
  16. दीर्घ उच्चारण चिन्ह (Long accent mark) ( S )
  17. तुल्यता सूचक चिन्ह (Equivalence indicator)  ( = )
  18. निर्देशक चिन्ह (Directive mark)  ( ―  )
विराम चिह्न (परिभाषा, प्रकार, उदाहरण और उनके उपयोग) | Viram Chinh in Hindi
Hindi viram chinh chart

विराम चिन्ह सूची तालिका हिंदी में – Punctuation Mark List Table In Hindi

#विराम चिन्ह का नाम (हिंदी में)Punctuation Mark Name (In English)विराम चिन्ह
01.अल्प विरामA little break,
02.अर्द्ध विरामSemi stop;
03.पूर्ण विरामFull stop
04.उप विरामSub stop:
05.विस्मयादिबोधक चिन्हExclamation mark!
06.प्रश्नवाचक चिन्हQuestion mark?
07.कोष्ठक Brackets( )
08.योजक चिन्हAdder symbol
09.अवतरण चिन्ह या उद्धरण चिन्हQuotation mark or quotation mark”… ”
10.लाघव चिन्हAbbreviation signo
11.आदेश चिन्ह या विवरण चिन्हCommand mark:-
12.रेखांकन चिन्हUnderline_
13.लोप चिन्ह या पदलोप चिन्हOmission mark
14.पुनरुक्ति सूचक चिन्हRepetition indicator,,
15.विस्मरण चिन्ह या त्रुटिपूरक चिन्हExclamation mark^
16.दीर्घ उच्चारण चिन्हLong accent markS
17.तुल्यता सूचक चिन्हEquivalence indicator
18.निर्देशक चिन्हDirective mark

विराम चिन्हों की परिभाषा (Hindi Viram Chinh With Example)

1) अल्प विराम / Comma (,):- 

अल्प विराम को अंग्रेजी में Comma कहते हैं और यह चिन्ह (,) के साथ प्रदर्शित होता है। अल्प विराम (Alp Viram) का प्रयोग उन स्थानों पर किया जाता है जहां थोड़े समय के लिए विराम अर्थात रुकने की आवश्यकता होती है। प्राय: इस अल्प विराम चिन्ह (,) का प्रयोग एक स्थान पर एक से अधिक वस्तुओं को लिखने के लिए किया जाता है।

उदाहरण:

  • नदी, पर्वत, जलप्रपात, पुष्प, वृक्ष सब दैवीय वरदान हैं।
  • हम बाजार से किताबें, पेन, कॉपी, पेंसिल लाए हैं।
  • आपको कुछ देर वहीं रुक जाना चाहिए था, मैं बस पहुंचने ही वाला था।
  • तुम आगे बढ़ो, मैं चाबी  लेकर आता हूं।
  • मैं गाना चाहता था लेकिन, गा नहीं सका।

2) अर्द्ध विराम / Semicolon (;):-

अर्द्ध विराम को अंग्रेजी में Semicolon कहते हैं, इसे इस चिन्ह (;) द्वारा दर्शाया जाता है। जहां “अल्प विराम” की तुलना में थोड़े अधिक समय के लिए विराम की स्थिति हो वहां अर्द्ध विराम (Ardh Viram) का प्रयोग किया जाता है।

उदाहरण:

  • देखो, सूर्यास्त हो गया है; अब जल्द ही चारों तरफ घना अंधेरा छा जाएगा।
  • मेरे पास तुम्हारा नंबर था; इसलिए मैं आपको कॉल कर पाया।
  • वह मदद के लिए पुकारता रहा; लेकिन वहां उसकी मदद करने वाला कोई नहीं था।
  • अगर पढ़ाई नहीं करोगे, तो परीक्षा में सफल कैसे हो पाओगे।
  • मैंने पर्याप्त धन जमा कर लिया है; मैं इस पैसे से एक नया घर बनाऊंगा।

3) पूर्ण विराम / Full Stop (।):-

पूर्ण विराम को अंग्रेजी में Full Stop कहते हैं, यह चिन्ह हिन्दी में (।) तथा अंग्रेजी में (.) द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। वाक्य पूरा होने पर वाक्य के अंत में पूर्ण विराम (Purn Viram) का प्रयोग किया जाता है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वाक्य लंबा है या छोटा।

हिंदी भाषा के दोहे, कविता या छंद में पूर्ण विराम का बहुत महत्व होता है। इसमें पहले चरण के समाप्त होने पर एक पूर्ण विराम लगाया जाता है, जबकि दूसरे चरण के समाप्त होने पर दो पूर्ण विराम आते हैं।

उदाहरण:

  • भारत ने 1983 में पहला विश्व कप जीता था।
  • जनसंख्या की दृष्टि से भारत विश्व का दूसरा देश है।
  • शेर को जंगल का राजा कहा जाता है।
  • एक साल में बारह महीने होते है।
  • रविवार को सार्वजनिक अवकाश होता है।

4) उप विराम / Colon (:):-

उप विराम को अंग्रेजी में colon कहते हैं, हिंदी में यह चिन्ह (:) लगाकर प्रदर्शित किया जाता है। जब किसी विवरण को अलग से दिखाना होता है तो वहां उप विराम (Up Viram) का प्रयोग किया जाता है।

उदाहरण:

  • प्रदूषण: एक अभिशाप।
  • स्मार्टफोन: फायदे और नुकसान।
  • विज्ञान: वरदान या अभिशाप।

5) विस्मयादिबोधक चिन्ह / Exclamation mark (!):-

विस्मयादिबोधक चिन्ह या Exclamation mark (!) के साथ प्रदर्शित किया जाता है। विस्मयादिबोधक चिन्ह का उपयोग तब किया जाता है जब किसी वाक्य में आश्चर्य, घृणा, शोक आदि की भावनाओं को व्यक्त करना होता है, अर्थात इसका प्रयोग क्रिया विशेषण के पहले होता है। 

हिंदी में विस्मयादिबोधक शब्द (Vismayadibodhak Shabd) जैसे – ओह!, छी!, हे!, हाय!, काश! के अंत में (!) चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।

उदाहरण:

  • ओह! आप सीढ़ियों से नीचे गिर गए।
  • अरे! तुम अचानक यहां।
  • छी! यह तो बहुत ही बदबूदार सड़क है।
  • बहुत खूब! विराट ने एक और शानदार शतक लगाया।
  • वाह! मेरा ड्राइविंग लाइसेंस आ गया।
  • हाय राम! ड्राइवर ने कितनी ज्यादा शराब पी रखी है।
  • काश! मैंने सही समय पर ईमेल किया होता।

6) प्रश्नवाचक चिन्ह / Question Mark (?):-

प्रश्नवाचक चिन्ह को अंग्रेजी में Question mark कहा जाता है और इसे चिन्ह (?) के साथ प्रदर्शित किया जाता है। जब किसी प्रकार का प्रश्न पूछा जाता है तो प्रश्नवाचक चिन्ह (Prashn Chinh) का प्रयोग वाक्य के अंत में किया जाता है।

उदाहरण:

  • क्या तुम मुझे लिफ्ट दे सकते हो?
  • एक साल में कितने महीने होते हैं?
  • सचिन तेंदुलकर कौन है?
  • यह कौन सा साल चल रहा है?
  • कौन जानता है कि स्कूल बस कहां है?
  • आपकी दादी मां का स्वास्थ्य अब कैसा है?

7) कोष्ठक / Bracket ():-

कोष्ठक को अंग्रेजी में Brackets कहते हैं, यदि किसी विशेष शब्द का अर्थ दर्शाना हो तो कोष्ठक ( ) का प्रयोग किया जाता है। शब्दों और वाक्यांशों के अर्थ को और अधिक सही तरीके से स्पष्ट करने के लिए शब्दों या वाक्यांशों के सामने कोष्ठक में अर्थ लिखा जाता है। 

क्रमवाचक अक्षरों और संख्याओं के साथ भी कोष्ठकों का बखूबी उपयोग किया जाता है।

उदाहरण:

  • हिंदुस्तान (भारत) एक विकसित देश के रूप में तेजी से उभर रहा है।
  • दोहरा शतक पूरा करने पर सचिन ने (हर्षित होकर) दर्शकों का अभिवादन किया।
  • महाभारत के धर्मराज (युधिष्ठिर) को धर्म और सत्य के रक्षक के रूप में जाना जाता है।
  • क्रमवाचक अक्षरों में कोष्ठकों का प्रयोग- (1) गणित, (2) अंग्रेजी, (3) विज्ञान, (4) इतिहास, (5) भूगोल।

8) योजक चिन्ह / Hyphen (-):-

योजक चिन्ह को अंग्रेजी में Hyphen कहते हैं, जिसका प्रयोग शब्दों के बीच के भेद को दर्शाने के लिए किया जाता है। इसे (-) चिन्ह द्वारा दर्शाया जाता है और इसका उपयोग सभी पदों के बीच में किया जाता है।

उदाहरण:

  • मां-बाप, दिन-रात, धरती-आसमान, हानि-लाभ, पाप-पुण्य, जीवन-मरण, काल-चक्र, यश-अपयश, सोना-चांदी, तेरा-मेरा, हीरा-मोती।
  • स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी के लिए अपना तन-मन-धन न्यौछावर कर दिया।
  • अब बगीचे में आना-जाना लगा रहेगा।
  • सड़क पर इधर-उधर थूकना प्रतिबंधित है।
  • बारिश के दिनों में बिजली कम-ज्यादा होती रहती है।

9) अवतरण चिन्ह / उद्धरण चिन्ह / Inverted comma (” “):- 

इसे अंग्रेजी में Inverted comma कहते हैं और इसके लिए (” “) चिन्ह का प्रयोग किया जाता है। अवतरण चिन्हों या उद्धरण चिन्हों का उपयोग किसी व्यक्ति द्वारा किसी विशेष बात को कहने या किसी साहित्य की किसी पंक्ति को ठीक उसी तरह प्रकट करने के लिए किया जाता है।

उदाहरण:

  • गौतम बुद्ध ने कहा – “मन ही सब कुछ है; आप जो सोचते हैं, वही बन जाते हैं।”
  • गीता में लिखा है, “कर्म करते रहो, फल की चिंता मत करो”।
  • “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा” – नेताजी सुभाष चंद्र बोस।
  • मेरे पिताजी कल स्कूल आने वाले हैं, उन्होंने कहा कि “वह खुद आपसे मिलेंगे और स्कूल की फीस भरेंगे”।
  • संसार का यही नियम है कि “जो बोता है वही काटता है”।

10) लाघव चिन्ह / Abbreviation sign (०):-

लाघव चिन्ह को अंग्रेजी में Abbreviation sign कहते हैं, हिंदी वाक्य में इसे दर्शाने के लिए (०) का प्रयोग किया जाता है। किसी बड़े शब्द या नाम को संक्षेप में दर्शाने के लिए उस शब्द का पहला अक्षर लिखकर उसके सामने लाघव चिन्ह यानि (०) बना दिया जाता है।

उदाहरण:

  • उत्तर प्रदेश – उ०प्र०
  • मध्य प्रदेश – म०प्र०
  • डॉक्टर – डॉ० 
  • पंडित – पं० 
  • इंजिनियर – इंजी०

11) विवरण चिन्ह / Sign of following (:-):-

विवरण चिन्ह को आदेश चिन्ह के नाम से भी जाना जाता है, इसे अंग्रेजी में Sign of following कहते हैं, इसे (:-) द्वारा दर्शाया जाता है। इस चिन्ह का उपयोग तब किया जाता है जब वाक्यांशों के विषयों को कुछ निर्देश दिए जाते है या उन्हें उपखंडों में विभाजित किया जाता है।

उदाहरण:

  • रोजाना व्यायाम करने के निम्नलिखित फायदे हैं:-
  • अनाज मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:-
  • भारत में यातायात नियम इस प्रकार हैं:-

12) रेखांकन चिन्ह / Underline mark ( _ ) :-

रेखांकन चिन्ह को अंग्रेजी में Underline mark कहते हैं, इसे (_) के साथ प्रदर्शित किया जाता है। वाक्यांशों को लिखने में यदि बीच में महत्वपूर्ण या उद्देश्यपूर्ण शब्द आते हैं तो उन्हें विशेष दर्शाने के लिए उस वाक्य के नीचे रेखांकन चिन्ह लगा दिया जाता है, अर्थात् उस वाक्य के नीचे एक रेखा खींच दी जाती है।

उदाहरण:

  • स्कूल देर से आने पर 50 रुपये जुर्माना देना होगा।
  • भारत में सड़क के दाईं ओर गाड़ी चलाना प्रतिबंधित है।
  • कंप्यूटर के क्षेत्र में देश ने काफी तरक्की की है।
  • दिवाली की छुट्टियां 7 नवंबर से शुरू होने जा रही हैं।

13) लोप चिन्ह / Mark of Omission (…):- 

इसे अंग्रेजी में Mark of Omission कहते हैं, इसका चिन्ह (………..) होता है। वाक्य लिखते समय जब कुछ अंशों को छोड़ना होता है, तब विलोपन चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।

उदाहरण:

  • स्कूल तो मैं जल्दी पहुंच गया था लेकिन…….
  • कार तेजी से हमारी तरफ आ रही की तभी…….
  • गर्मी के दिनों में तापमान इतना बढ़ गया है कि…..
  • समाचार समाप्त होते ही……. और दोबारा बिजली चली गई…….

14) पुनरुक्ति सूचक चिन्ह / Repeat pointer symbol (,,):-

पुनरुक्ति सूचक चिन्ह को अंग्रेजी में Repeat pointer symbol कहते हैं, इसका सिंबल (,,) होता है। इस चिन्ह का प्रयोग तब किया जाता है जब पहली पंक्ति में लिखे किसी शब्द को दूसरी, तीसरी और आगे की पंक्तियों में दोहराया जाना हो ताकि शब्द को बार-बार न लिखना पड़े।

उदाहरण:

भारत संस्कृति प्रधान देश है।
,, का इतिहास गौरवशाली रहा है।
,, में अनेक आविष्कार हुए हैं।

जी हां, यहां पुनरुक्ति सूचक चिन्ह (,,) का इस्तेमाल इसलिए किया गया है ताकि बार-बार भारत न लिखना पड़े।

15) विस्मरण चिन्ह / त्रुटीपूरक चिन्ह / Oblivion sign  (^):-

विस्मरण चिन्ह को हिंदी में त्रुटीपूरक चिन्ह भी कहते हैं, अंग्रेजी में इसे Oblivion sign कहते हैं और इसे दर्शाने के लिए (^) का प्रयोग किया जाता है। जब हम लिखते समय गलती से कोई शब्द छोड़ देते हैं, तो हम सही जगह पर (^) का निशान लगाकर उस गलती को ठीक कर सकते हैं।

उदाहरण:

  • मेरी (^) पढ़ाई पूरी हो गई।
  • मैं (^) बाजार से कुछ चीजें खरीद कर लाया।
  • पेट्रोल (^) की कीमतेंदिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं।
  • सफलता पाने के लिए लगातार प्रयास (^) करते रहना चाहिए।

16) दीर्घ उच्चारण चिन्ह / Long accent mark (s):-

दीर्घ उच्चारण चिन्ह को अंग्रेजी में Long accent mark कहते हैं, इसे (s) सिंबल द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। जहां वाक्य में किसी विशेष शब्द के उच्चारण में अन्य शब्दों की अपेक्षा अधिक समय देना हो वहां दीर्घ उच्चारण चिन्ह (s) का प्रयोग किया जाता है।

उदाहरण के लिए:

  • हाsss आ रहा हूँ। 
  • साsss रेsss गsss मsss 

17) तुल्यता सूचक चिन्ह / Equivalence indicator (=):-

तुल्यता सूचक चिन्ह को “बराबर” भी कहते हैं और अंग्रेजी में Equivalence indicator कहते हैं साथ ही इसे तुलना के रूप में (=) चिन्ह से प्रदर्शित किया जाता है। इस चिन्ह का प्रयोग तब किया जाता है जब शब्दों, संख्याओं, मापों आदि को समान रूप से दर्शाने की आवश्यकता होती है।

उदाहरण:

  • हिंदुस्तान = भारत 
  • 1 डॉलर = 82.55 भारतीय रुपया
  • विद्यालय = ज्ञान का मंदिर 
  • शेर = जंगल का राजा 

18) निर्देशक चिन्ह / Directive mark (-):-

निर्देशक चिन्ह को अंग्रेजी में Directive mark कहा जाता है और इसे (-) चिन्ह के साथ लिखा या दर्शाया जाता है। इस चिन्ह का प्रयोग तब किया जाता है जब लिखते समय निर्देश देने की आवश्यकता होती है।

उदाहरण:

प्रश्न – भारत में कुल कितने राज्य हैं?
उत्तर – वर्तमान में भारत में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं।

यहां उदाहरण में, प्रश्न और उत्तर के बाद लगाया गया चिन्ह यह संकेत कर रहा है कि प्रश्न आगे है, या उत्तर आगे है।

FAQ:

Q – लाघव चिन्ह (०) का प्रयोग कब किया जाता है?
A – किसी भी शब्द को पूरा लिखे बिना उसके संक्षिप्त रूप को लिखने के लिए लाघव चिन्ह का प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश = यू० पी०

Q – विस्मयादिबोधक चिन्ह (!) का प्रयोग कब किया जाता है?
A – आश्चर्य, दुख या प्रसन्नता के भाव को जब किसी वाक्य में व्यक्त करना हो तो विस्मयादिबोधक चिन्ह का प्रयोग किया जाता है। जैसे – अरे वह! कितना सुंदर इंद्रधनुष है.

Q – अर्धविराम (;) चिन्ह को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?
A – अर्धविराम को अंग्रेजी में Semicolon कहते हैं।

Q – हिंदी पूर्ण विराम चिन्ह को अंग्रेजी में कैसे लिखा जाता है?
A – हिंदी के पूर्ण विराम चिन्ह (।) को अंग्रेजी में (.) की तरह लिखा जाता है।

निष्कर्ष:

आज के इस लेख में हमने विराम चिन्ह किसे कहते हैं (viram chinh kise kahate hain), विराम चिन्ह की परिभाषा (viram chinh ki paribhasha), विराम चिन्ह के उदाहरण (punctuation examples) आदि के बारे में जानकारी साझा की है।

भले ही हम बोलचाल की भाषा में व्याकरण की दृष्टि से अनेक गलतियां करते हैं, फिर भी लेखन में विराम चिन्हों का बहुत महत्व होता है। खासकर जब आप हिंदी ऑनर्स में ग्रेजुएशन या प्रॉपर ग्रेजुएशन की डिग्री कर रहे हों तो इस पर ध्यान देना और भी जरूरी है।

इसके अलावा जो युवा किसी भी तरह की सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए हिंदी में विराम चिन्हों की पूरी जानकारी होना जरूरी है, क्योंकि परीक्षा में विराम चिन्ह ठीक से न लगाने पर भी आपके अंक काट लिए जाते हैं।

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