Essay On Hindi Diwas / Hindi Diwas Par Nibandh – मंदारिन, स्पेनिश और अंग्रेजी के बाद हिंदी दुनिया की चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है. वर्तमान में, भारत में 52.8 करोड़ लोगों या 43.6 प्रतिशत से अधिक आबादी हिंदी भाषी हैं.
हिंदी भाषा की प्रशंसा और विकास के उपलक्ष्य में भारत में हर साल 14 सितंबर को “हिंदी दिवस (Hindi Diwas)” मनाया जाता है, जबकि “विश्व हिंदी दिवस (Vishwa Hindi Diwas)” 10 जनवरी को मनाया जाता है.
भारत के अलावा, अन्य देश जहां हिंदी व्यापक रूप से बोली जाती है, वे हैं पाकिस्तान, नेपाल, मॉरीशस, फिजी, गुयाना और सूरीनाम.
हिन्दी दिवस पर निबंध – Hindi Diwas Essay in Hindi
भारत के संविधान ने 1950 के अधिनियम के अनुच्छेद 343 के तहत 1950 में देवनागरी लिपि (Devanagari script) में लिखी गई हिंदी को देश की आधिकारिक भाषा (Official language) का दर्जा दिया था. इसके साथ ही सरकारी स्तर पर औपचारिक रूप से अंग्रेजी और हिन्दी दोनों भाषाओं का प्रयोग होने लगा.
इससे पहले 1949 में, भारत की संविधान सभा ने हिंदी को देश की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया था. 1949 से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है.
हिंदी दिवस का महत्व (Significance of Hindi day)
हिंदी दिवस, हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है, भारतीय संस्कृति को संजोने और हिंदी भाषा को सम्मान देने की यह एक पहल है. भारत की संविधान सभा द्वारा वर्ष 1949 में आज ही के दिन हिंदी को देश की राजभाषा (Official language) के रूप में अपनाया गया था.
भारत में “हिंदी दिवस” उस दिन को याद करने के लिए मनाया जाता है जिस दिन हिंदी हमारे देश की आधिकारिक भाषा बनी थी. यह विशेष दिन हर साल हिंदी के महत्व को उजागर करने और हर उस पीढ़ी के बीच इसे बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है जो आजकल अंग्रेजी भाषा से प्रभावित है.
यह पहल युवाओं को उनकी जड़ों की याद दिलाने का एक सराहनीय तरीका है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम किस युग में पहुंचे हैं, हमने क्या हासिल किया है और आज हम क्या हैं, क्योंकि अगर हम जमीन से जुड़े रहेंगे और अपनी जड़ों से तालमेल बिठाएंगे तो हम अपनी पकड़ मजबूत बना लेंगे.
यह दिन हर साल हमें हमारी सच्ची गौरवपूर्ण पहचान की याद दिलाता है और देश के सभी विविध लोगों को एकजुट करता है. यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि हम अपने देश से बाहर जहां भी जाएं, हमारी भाषा, संस्कृति और संस्कार हमारे साथ रहें.
आज के विज्ञान आधारित आधुनिक समय में अंग्रेजी के प्रति युवाओं का प्रबल झुकाव है, जिसे तर्क से समझा जा सकता है, क्योंकि अंग्रेजी का प्रयोग पूरे विश्व में किया जाता है और यह भारत की राजभाषाओं में से भी एक है.
यह हिंदी भाषा के प्रति सम्मान प्रकट करने का दिन है, जो विशेष रूप से नई पीढ़ी के बीच अपना महत्व खोती जा रही है.
यह दिन हमें यह याद दिलाने का एक छोटा सा प्रयास है कि हिंदी हमारी राजभाषा है और इसका अत्यधिक महत्व है. हिंदी दिवस एक ऐसा उत्साहवर्धक दिन है जो हमें देशभक्ति की भावना से प्रेरित करता है.
हिन्दी भारत की सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है – Hindi is the most spoken language of India
निस्संदेह “हिंदी” भारत में सभी भाषाओं में सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली भाषा है. हालांकि युवाओं का झुकाव अभी भी अंग्रेजी की ओर है और स्कूलों, कॉलेजों और अन्य जगहों पर भी इसके महत्व पर जोर दिया जाता है, लेकिन हिंदी अभी भी हमारे देश की सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा के रूप में अपना अस्तित्व बनाये है.
2011 की भाषाई जनगणना के अनुसार, हिंदी सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली मातृभाषा है, लगभग 52.8 करोड़ लोगों या 43.6 प्रतिशत आबादी ने हिन्दी को अपनी मातृभाषा (Mother toungue) घोषित किया है.
कुल आबादी के 10% से अधिक द्वारा देश में किसी अन्य क्षेत्रीय भाषा या बोली का उपयोग नहीं किया जाता है. आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि हिंदी भाषी आबादी का अधिकांश हिस्सा उत्तर भारत में केंद्रित है.
“हिंदी” उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, हरियाणा, राजस्थान, और उत्तराखंड सहित कई भारतीय राज्यों की आधिकारिक भाषा है. हिंदी को अपनी एकमात्र आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाने वाला बिहार देश का पहला राज्य है.
दुनिया भर में बड़ी आबादी में लोग हिंदी गाने, हिंदी फिल्में और हिंदी साहित्य को पसंद करते हैं जो इस भाषा के प्रति लगाव को स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है.
हिंदी दिवस समारोह – Hindi day celebration in Hindi
स्कूलों, कॉलेजों और कार्यालयों में मनाया जाने वाला हिंदी दिवस औपचारिक रूप से राष्ट्रीय स्तर पर भी मनाया जाता है जिसमें देश के राष्ट्रपति उन लोगों को सम्मानित करते हैं जिन्होंने हिंदी भाषा से संबंधित किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया है.
स्कूलों और कॉलेजों में प्रबंधन समितियां इस दिन के अवसर पर हिंदी भाषा में वाद-विवाद, कविता, भाषण या निबंध लेखन जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन करती हैं.
राष्ट्रभाषा के महत्व को समझाने के प्रयास में कुछ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं, जिसमें शिक्षक और प्रमुख अतिथि भी हिंदी भाषा के महत्व पर जोर देने के लिए भाषण देते हैं.
कई स्कूल हिंदी में अंतर-विद्यालय वाद-विवाद, कविता, मुहावरे, निबंध, कहानी लेखन और अन्य हिंदी साहित्य-आधारित प्रतियोगिता की मेजबानी करते हैं.
यह दिन कई सरकारी और गैर-सरकारी कार्यालयों और संस्थानों में भी मनाया जाता है. भारतीय संस्कृति का गौरव प्रकट करने के लिए कामकाजी लोग विशेष रूप से इस दिन भारतीय जातीय पोशाक पहनते हैं.
कई जगहों पर इस दिन बड़े पैमाने पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिसमें लोग अपने सह-परिवारों के साथ उत्साह से भाग लेते हैं.
निष्कर्ष
हिंदी दिवस हमारी सांस्कृतिक पहचान को उजागर करने और इसकी समृद्धि का जश्न मनाने का दिन है.
जहां अंग्रेजी एक सार्वभौमिक भाषा है और इसके महत्व को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम पहले भारतीय हैं और हमें सबसे पहले अपनी राजभाषा का सम्मान करना चाहिए.
“हिंदी” को राजभाषा के रूप में अपनाने से सिद्ध होता है कि राजनीतिक विचारधारा वाले लोग अपनी जड़ों को पहचानते हैं और चाहते हैं कि हिंदी को भी लोगों द्वारा महत्व दिया जाए.
हिंदी हमारी राजभाषा है और हमें हमेशा इसका आदर और सम्मान करना चाहिए.
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हिंदी दिवस और विश्व हिंदी दिवस में अंतर – Difference between Hindi Day and World Hindi Day
हिंदी दिवस (Hindi Diwas) हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है, जबकि विश्व हिंदी दिवस, जिसे World Hindi Day या World Hindi Diwas भी कहा जाता है, हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है.
“हिंदी दिवस” हिंदी को राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है, जबकि “विश्व हिंदी दिवस” का उद्देश्य दुनिया भर में हिंदी के प्रचार के लिए जागरूकता पैदा करना और हिंदी को एक अंतरराष्ट्रीय भाषा (International language) के रूप में पेश करना है.
विश्व हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है? Why is World Hindi Day celebrated?
विश्व में हिंदी के विकास और प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से विश्व हिंदी सम्मेलनों की शुरुआत की गई थी और पहला विश्व हिंदी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित किया गया था, तभी से इस दिन को “विश्व हिंदी दिवस” के रूप में मनाया जाता है.
वर्ष 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) ने प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन किया था. 1975 से भारत, मॉरीशस, यूनाइटेड किंगडम, त्रिनिदाद और टोबैगो, अमेरिका जैसे विभिन्न देशों में विश्व हिंदी सम्मेलन आयोजित किया गया है.
“विश्व हिंदी दिवस” पहली बार 10 जनवरी 2006 को मनाया गया था. इसी दिन भारत के पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) ने घोषणा की थी कि हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाएगा. तब से हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है.
विदेशों में भारत के दूतावास और अनिवासी भारतीय नागरिक इस दिन को विशेष रूप से मनाते हैं.
हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है? Why is Hindi Day celebrated?
भले ही हिंदी दुनिया की चौथी व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है, लेकिन दुर्भाग्य से इसके मूल देश भारत में लोग इसके महत्व और प्रासंगिकता को नहीं समझते हैं.
आजकल एक अलग ही मानसिकता स्थापित होती दिख रही है कि अंग्रेजी बोलने वाला सब कुछ जानता है और वह व्यक्ति अंग्रेजी न जानने वालों से बेहतर माना जाता है.
स्कूल, कॉलेज जैसे शिक्षण संस्थानों से लेकर व्यावसायिक स्थलों तक अंग्रेजी को अधिक प्राथमिकता दी जाती है और इस दौड़ में हिंदी अंग्रेजी से भी पीछे रह जाती है.
आज की दुनिया में माता-पिता, शिक्षक और सभी के लिए अंग्रेजी सीखने के महत्व पर जोर देना आम बात है क्योंकि यह एक अच्छी नौकरी पाने और व्यवसाय में वृद्धि करने में बहुत प्रभावी साबित होती है.
यह देखकर दुख होता है कि नौकरियों और शैक्षिक पाठ्यक्रमों के लिए भी लोगों को स्मार्ट होना पड़ता है क्योंकि चयनकर्ता अधिकारी उन्हें उनकी बुद्धिमत्ता से अधिक अंग्रेजी से संबंधित ज्ञान के आधार पर चुनते हैं.
इंटरव्यू या अन्य जगहों पर हिंदी बोलने वाले लोगों को हेय दृष्टि से देखा जाता है. एक तथ्य यह भी है कि बहुत से लोग सिर्फ इसलिए काम करने का अवसर खो देते हैं क्योंकि वे धड़ल्ले से अंग्रेजी नहीं बोल सकते, भले ही उन्हें अपने व्यवसाय और काम के बारे में अच्छी जानकारी हो.
हिंदी दिवस मनाने के पीछे ऐसे लोगों को जागरूक करने और उनमें हिंदी भाषा के प्रति सम्मान स्थापित करने का प्रयास है, जो हिंदी भाषा को पिछड़ा हुआ मानते हैं.
हिन्दी दिवस पर 10 पंक्तियां हिंदी में (10 Lines on Hindi Diwas in Hindi)
- हिंदी भाषा की प्रशंसा और विकास के उपलक्ष्य में भारत में हर साल 14 सितंबर को “हिंदी दिवस” मनाया जाता है.
- 1949 में, भारत की संविधान सभा ने हिंदी को देश की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया था.
- भारत के संविधान ने 1950 में देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदी को देश की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया था.
- हिंदी दिवस, भारतीय संस्कृति को संजोने और हिंदी भाषा को सम्मान देने की यह एक पहल है.
- भारत में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली एकमात्र भाषा “हिंदी” है जिसे देश के 77% लोग बोल और समझ सकते हैं.
- भारत की कोई आधिकारिक “राष्ट्रभाषा” नहीं है लेकिन हिंदी भारत की “राजभाषा” है. भारत की विविध भाषा संस्कृति को देखते हुए हिंदी सर्वाधिक उपयुक्त भाषा सिद्ध होती है.
- हिंदी के बारे में एक दिलचस्प तथ्य यह भी है कि “हिंदी” शब्द फारसी शब्द “हिंद” से बना है जिसका अर्थ है – सिंधु नदी की भूमि.
- हिंदी भाषा कोश में शब्दों की संख्या ढाई लाख से अधिक है. हर एक बात, क्रिया, भावना आदि को व्यक्त करने के लिए सैकड़ों शब्द हैं.
- हिंदी भाषा में “नमस्ते” शब्द सबसे अधिक प्रयोग किया जाने वाला शब्द है.
- भारत के अलावा, अन्य देश जहां हिंदी व्यापक रूप से बोली जाती है, वे हैं पाकिस्तान, नेपाल, मॉरीशस, फिजी, गुयाना और सूरीनाम.
FAQ:
Q: भारत में हिंदी दिवस कब से मनाया जाता है?
A: 1949 से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है.
Q: भारत में पहली बार हिंदी दिवस कब मनाया गया था?
A: भारत में पहली बार 14 सितंबर 1953 को हिंदी दिवस मनाया गया था.
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