Hanuman Jayanti in Hindi / Hanuman Janmotsav 2023 – हनुमान जयंती का पर्व हिन्दू धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला ऐसा पावन पर्व है कि इसे पूरे भारत देश में बड़ी ही धूमधाम और आस्था के साथ मनाया जाता है। भगवान हनुमान हिंदू धर्म के अनुयायियों द्वारा पूजे जाने वाले एक बहुत लोकप्रिय देवता हैं।
हनुमान जी को कई नामों से जाना जाता है, जिनमें अंजनीपुत्र, पवनपुत्र, बजरंगबली, महाबली, रामदूत, रामेष्ट आदि प्रमुख नाम हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं हनुमान जयंती क्यों मनाई जाती है?
दरअसल हनुमान जयंती का पर्व साल में दो बार मनाया जाता है और इस पर्व को दो बार मनाने के पीछे दो अलग-अलग मान्यताएं और अलग-अलग उद्देश्य हैं। एक तिथि की हनुमान जयंती को भगवान हनुमान के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है जबकि दूसरी तिथि की हनुमान जयंती को उनके विजय उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
हनुमान जयंती का त्योहार हनुमान जी के भक्तों द्वारा पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन शहरों में हनुमानजी की महिमा गाथाओं से सजी बड़ी-बड़ी झांकियां निकाली जाती हैं। कई भक्त भगवान हनुमान का आशीर्वाद लेने के लिए व्रत भी रखते हैं।
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हनुमान जयंती क्या है? What is Hanuman Jayanti in Hindi?
हनुमान जयंती एक हिंदू धार्मिक त्योहार है जिसमें भगवान श्री हनुमान का जन्मदिन बड़ी आस्था के साथ मनाया जाता है। हनुमान जयंती हिंदू धर्म के अनुयायियों द्वारा मनाया जाने वाला एक बहुत ही प्राचीन और प्रसिद्ध त्योहार है।
भारत के अलावा अन्य देशों में भी इस त्यौहार को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। चूंकि भारत में हिंदू धर्म के अनुयायियों की जनसंख्या अन्य सभी धर्मों के अनुयायियों की तुलना में बहुत अधिक है, इसलिए यह त्योहार भारत देश में व्यापक रूप से बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
हालांकि दूसरे देशों में भी इस दिन हिंदू धर्म के लोग व्रत आदि रखते हैं और इस दिन हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है।
हनुमान जयंती कब मनाई जाती है? Hanuman Jayanti Kab Manae Jata Hai?
दरअसल हनुमान जयंती साल में दो बार मनाई जाती है। इस वर्ष मुख्य हनुमान जयंती 6 अप्रैल 2023, गुरुवार को मनाई जा रही है।
हनुमान जयंती हर साल दो अलग-अलग तिथियों को मनाई जाती है। पहली हनुमान जयंती हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है, हनुमान जयंती हर साल ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार मार्च या अप्रैल के महीने में मनाई जाती है।
जबकि दूसरी हनुमान जयंती मंगलवार को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है क्योंकि महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण के अनुसार हनुमान जी का जन्म मंगलवार को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को स्वाति नक्षत्र और मेष लग्न में हुआ था।
गौरतलब है कि एक तिथि को भगवान हनुमान के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है तो दूसरी हनुमान जयंती को उनके अतुलनीय पराक्रम और विजय अभिनंदन महोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
हालांकि चैत्र शुक्ल मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाने वाली हनुमान जयंती उत्तर भारत में अधिक प्रचलित है।
हनुमान जयंती 2023 तारीख और समय – Hanuman jayanti 2023 kab hai?
त्यौहार के नाम | दिन | त्यौहार के तारीख |
हनुमान जयंती | गुरुवार | 6 अप्रैल 2023 |
हनुमान जयंती क्यों मनाई जाती है? Hanuman jayanti kyon manae jaati hai?
हिन्दू पुराणों के अनुसार हनुमान जी को भगवान शिव का 11वां अवतार माना जाता है। जैसा कि हम जानते हैं कि हनुमान जयंती साल में दो बार मनाई जाती है और दोनों जयंती के पीछे अलग-अलग मान्यताएं हैं। दोनों हनुमान जयंती के पीछे दो अलग-अलग कथाएं भी काफी प्रचलित हैं।
हनुमान जी का जन्म माता अंजनी के गर्भ से हुआ था। इस कारण से एक हनुमान जयंती को भगवान हनुमान के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
ऐसी मान्यता है कि जब हनुमान जी का जन्म हुआ था, तब उन्हें बहुत भूख लगी थी, तब उन्होंने आकाश में सूर्य को चमकते हुए देखा, उसे फल समझकर वे उसे खाने के लिए सूर्य की ओर बढ़ने लगे। उसी दिन राहु भी अपना ग्रास बनाने के लिए सूर्य की ओर आ रहा था तभी सूर्य देव ने गलती से हनुमान जी को राहु समझ लिया।
उस समय हाहाकार मचने पर इंद्र देव ने बालक हनुमान पर अपने वज्र से प्रहार किया, जिससे हनुमानजी मूर्छित हो गए। इस घटना से पवन देव को क्रोध आ गया और उन्होंने सारे संसार की वायु को रोक दिया।
जिसके बाद सभी देवताओं ने उन्हें मनाया और हनुमानजी को नया जीवन दिया और उन्हें कई सारे वरदान भी दिए। यह चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि थी, इसीलिए हनुमानजी का जन्मोत्सव चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है।
दूसरी ओर, पवित्र हिंदू त्योहार दिवाली के दौरान दूसरी हनुमान जयंती मनाई जाती है। इस हनुमान जयंती को मनाए जाने के पीछे मान्यता यह है कि हनुमान जी की लगन और भक्ति को देखकर माता सीता ने उन्हें अमरता का वरदान दिया था।
यह तिथि दिवाली से एक दिन पहले मनाई जाती है। जिस दिन माता सीता ने हनुमानजी को यह वरदान दिया था उस दिन दिवाली का शुभ पर्व था, इसीलिए दिवाली के दिन भी हनुमान जयंती मनाई जाती है।
हनुमान जयंती 2023 मुहूर्त – Hanuman Jayanti 2023 Muhurat
चैत्र पूर्णिमा तिथि प्रारंभ | 05 अप्रैल 2023 | सुबह 09.19 |
चैत्र पूर्णिमा तिथि समाप्त | 06 अप्रैल 2023 | सुबह 10.04 |
हनुमान जयंती कैसे मनाई जाती है? Hanuman Jayanti celebration in Hindi
भारत के अलग-अलग हिस्सों में हनुमान जयंती को कई तरह से पूजा-अर्चना के साथ मनाया जाता है। कई लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद 5 या 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं।
इस दिन भक्त भगवान हनुमान की विधिवत पूजा करने के साथ ही व्रत भी रखते हैं। कई घरों और मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन भी किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से व्यक्ति को हर कष्ट से मुक्ति मिलती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
इस दिन घरों और मंदिरों में श्री राम और हनुमान जी का भजन कीर्तन भी किया जाता है क्योंकि भगवान हनुमान जी श्री राम के परम भक्त थे। हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए सुंदरकांड का पाठ भी किया जाता है।
हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी थे, इसलिए हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी की मूर्ति को विधिवत जनेऊ पहनाया जाता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार हनुमान जी ने अपने प्रिय श्रीराम की लंबी उम्र के लिए अपने पूरे शरीर पर सिंदूर चढ़ा लिया था, जिसे चोला कहते हैं। मान्यता है कि हनुमान जी को चोला अत्यंत प्रिय था, इसीलिए इस दिन भगवान हनुमान जी की मूर्ति पर चोला चढ़ाया जाता है और कुछ भक्त स्वयं भी चोला चढ़ा लेते हैं।
इस दिन के शुभ अवसर पर तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस का पाठ भी किया जाता है। भगवान हनुमान जी की आरती और पूजा के बाद भक्तों में प्रसाद बांटा जाता है।
कई जगहों पर इस दिन हनुमान मंदिर के प्रांगण में मेले का आयोजन किया जाता है तो कई जगहों पर इस दिन भंडारे का आयोजन किया जाता है।
इस दिन हिंदू धर्म के अनुयायियों द्वारा कई जगहों पर विशाल रैलियां भी आयोजित की जाती हैं जिनमें ढोल-नगाड़ों और भजन-कीर्तन के साथ भगवान हनुमान जी की तस्वीर या मूर्ति की शोभायात्रा निकाली जाती है।
हनुमान पूजा में महिलाओं के लिए नियम
हनुमान जी की पूजा में उन सभी नियमों का पालन किया जाता है, जिनका पालन अन्य देवी-देवताओं की पूजा में किया जाता है, लेकिन हनुमानजी की पूजा में स्त्रियों के लिए अलग नियम बताए गए हैं।
शास्त्रों के अनुसार हनुमान जी की पूजा करते समय महिलाओं को कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। हनुमान जन्मोत्सव पर महिलाएं न करें ये गलतियां।
चूंकि हनुमानजी ब्रह्मचारी थे, इसलिए हनुमान जयंती पर भगवान हनुमान की पूजा करते समय महिलाओं को कुछ नियमों का पालन करना चाहिए।
पूजा करते समय हनुमान जी की मूर्ति को स्पर्श न करें।
शास्त्रों के अनुसार हनुमान जी को बाल ब्रह्मचारी माना जाता है। इसलिए महिलाओं को पूजा करते समय हनुमान जी की मूर्ति को नहीं छूना चाहिए, इससे अशुभ फलों की प्राप्ति होती हैं।
हनुमान जी को सिंदूर का लेप न लगाएं।
वैसे तो हनुमान जी को सिंदूर बहुत प्रिय है, लेकिन महिलाओं को इसे लगाने की मनाही है, इसलिए महिलाओं को सिंदूर की जगह लाल रंग का फूल चढ़ाना चाहिए।
बजरंग बाण का पाठ न करें।
महिलाओं को बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहिए, शास्त्रों में इसकी मनाही है। ऐसा करने से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
महिलाओं को हनुमान जी को नहीं चढ़ानी चाहिए ये चीजें।
शास्त्रों के अनुसार महिलाओं को कभी भी हनुमान जी को जनेऊ, चोला या यज्ञोपवीत आदि नहीं चढ़ाना चाहिए। ये चीजें पुरुषों को ही हनुमानजी को चढ़ानी चाहिए।
हनुमान जी की पूजा में इस रंग के वस्त्र न पहनें।
हनुमान जयंती के दिन महिलाओं को काले या सफेद वस्त्र नहीं पहनने चाहिए, यह अशुभ फल देता है। हनुमान जी की पूजा करते समय लाल, पीला, गुलाबी जैसे रंगों के वस्त्रों को धारण करना शुभ माना जाता है।
महिलाएं ऐसे कर सकती हैं हनुमान जी की पूजा।
हनुमान जी की पूजा करते समय महिलाएं हनुमान जी के चरणों में फूल, माला चढ़ा सकती है और धूप, दीप आदि जला सकती हैं। इसके साथ ही आप चाहें तो हनुमान जयंती के दिन बजरंग बाण छोड़कर हनुमानाष्टक, हनुमान चालीसा या सुंदरकांड आदि का पाठ कर सकते हैं, इसमें कोई दिक्कत नहीं है।
हनुमान जयंती का महत्व – Hanuman Jayanti In Hindi
हिंदू धर्म में प्राचीन काल से ही हनुमान जयंती का बहुत महत्व रहा है। हनुमान जी का नाम हिन्दू धर्म के प्रमुख देवताओं में गिना जाता है। हनुमान जी को प्रभु श्रीराम का परम भक्त भी कहा जाता है।
हनुमान जी को भगवान शिव का 11वां रुद्र अवतार माना जाता है। कलयुग में हनुमान जी की पूजा करने से मनोकामना सबसे जल्दी पूरी होती है। हनुमान जी की पूजा करने से जातक को कुंडली से ग्रह पीड़ा और शनि दोष से मुक्ति मिलती है।
पुराणों के अनुसार भगवान हनुमान भगवान शिव के 11वें अवतार थे। हिंदू धर्म में भगवान हनुमान को परम शक्तिशाली माना जाता है और कहा जाता है कि हनुमान जी को स्मरण करने मात्र से ही हमारे सारे संकट दूर हो जाते हैं।
हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी थे इसलिए महिलाएं हनुमान जी को स्पर्श नहीं कर सकतीं। महिलाएं बिना छुए हनुमान जी की पूजा कर सकतीं हैं।
मंगलवार को हनुमान जी का दिन माना जाता है इस वजह से हनुमान जी के भक्त इस दिन मांस, शराब आदि अशुद्ध चीजों का सेवन नहीं करते हैं।
हनुमान जी के व्रत को कठोर तप भी माना जाता है क्योंकि हनुमान जी के व्रत में साफ-सफाई और पवित्रता का काफी ध्यान रखा जाता है।
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