गिरगिट अपना रंग क्यों और कैसे बदलता हैं? Why and how do chameleons change his color?

गिरगिट अपना रंग क्यों और कैसे बदलते हैं? Why and how do chameleons change his color?

हेल्लो दोस्तों, मुझे यकीन है कि आपने गिरगिट की रंग बदलने की आदत के बारे में न सिर्फ सुना होगा बल्कि देखा भी होगा. गिरगिट अपने इस गुण के लिए बहुत प्रसिद्ध भी हैं.

गिरगिट की समय-समय पर रंग बदलने की आदत के कारण मनुष्य ने उस पर कई मुहावरे भी गढ़े हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि गिरगिट बार-बार अपना रंग क्यों बदलता रहता है?

आज हम आपको गिरगिट के रंग बदलने के प्राकृतिक और वैज्ञानिक दोनों कारणों के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं.

इस पोस्ट में हम जानेंगे कि गिरगिट रंग क्यों बदलता हैं? गिरगिट रंग कैसे बदलता हैं? गिरगिट कितने रंग बदलता हैं? और गिरगिट के रंग बदलने के पीछे क्या कारण हैं?

गिरगिट रंग क्यों बदलता है? Girgit rang kyun badalta hai?

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि प्रकृति ने हर जीव को कुछ ऐसा हुनर दिया है जिसकी मदद से वह अपना जीवन जीता है. जब किसी प्राणी को खतरा महसूस होता है, तो वह अपनी रक्षा (Safety) के लिए कदम उठाता है. 

गिरगिट के रंग बदलने के पीछे भी यही कारण है. गिरगिट को भी प्रकृति द्वारा इसी तरह के कौशल से नवाजा गया है.

प्राकृतिक कारण (Natural causes):

गिरगिट अपना रंग तब बदलता है जब उसे अपने आसपास किसी तरह का खतरा महसूस होता है. कभी-कभी गिरगिट शिकारियों से खुद को बचाने के लिए उसी रंग में ढाल लेता है जहां वह बैठा होता है.

कई बार गिरगिट शिकार करते समय भी अपना रंग बदल लेते हैं, जिससे उनके शिकार को इस बात का अहसास नहीं होता और वे उनसे दूर नहीं भागते हैं.

गिरगिट अपनी सुरक्षा और शिकार प्रक्रिया दोनों में इस कौशल का बखूबी इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा गिरगिट तापमान में बदलाव होने पर भी अपना रंग बदलता है.

यह मादा गिरगिट को लुभाने के लिए अपना रंग भी बदलता है।

वैज्ञानिक कारण (Scientific reason):

वैज्ञानिकों के अनुसार गिरगिट अपनी भावनाओं के अनुसार रंग बदलते हैं. गिरगिट एक दूसरे से बात करने, गुस्सा, आक्रमकता और दूसरे जानवरों को अपना मिजाज बताने के लिए अपना रंग बदलने की प्रक्रिया करते हैं.

एक शोध के अनुसार गिरगिट कभी-कभी अपना रंग नहीं बल्कि सिर्फ अपनी चमक बदलते हैं, जबकि खतरे की स्थिति में गिरगिट अपने रंग के साथ-साथ अपना आकार भी बदल लेते हैं. गिरगिट परिस्थिति के अनुसार अपना आकार बढ़ा सकता है और जरूरत पड़ने पर छोटा भी कर सकता है.

 अब जानते हैं कि गिरगिट रंग कैसे बदलते हैं?

गिरगिट रंग कैसे बदलता है? Girgit rang kaise badalta hai?

गिरगिट सुरक्षा के हिसाब से अपना रंग बदलते हैं. एक अध्ययन में पाया गया कि गिरगिट के रंग बदलने के पीछे उसकी त्वचा में मौजूद क्रोमैटोफोर्स कोशिकाएं (Chromatophores cells) होती हैं, जो उसे पर्यावरण के अनुसार रंग बदलने में मदद करती है.

आपको जानकर हैरानी होगी कि गिरगिट के शरीर में फोटोनिक क्रिस्टल (Photonic Crystals) नाम की एक परत होती है जो क्रोमैटोफोर्स कोशिकाओं से (Chromatophores cells) बनी होती हैं.

दरअसल, फोटोनिक क्रिस्टल की परत प्रकाश के परावर्तन को प्रभावित करती है, जिससे गिरगिट का रंग बदलता हुआ दिखाई देता है.

क्रोमैटोफोर्स कोशिकाओं को गिरगिट के मस्तिष्क (Brain) द्वारा नियंत्रित किया जाता है. जब मस्तिष्क को किसी प्रकार का खतरा महसूस होता है, तो वह खतरे को भांप लेता है और कोशिकाओं को फैैलने और सिकुडने हेतु निर्देशित देता है . 

जिसके कारण क्रोमैटोफोर्स कोशिकाएं अपना आकार बदलती हैं और क्रोमैटोफोर्स कोशिकाओं में भूरे, पीले, काले और सफेद रंग के रंगद्रव्य होते हैं और इन रंगद्रव्यों के कारण गिरगिट का रंग बदल जाता है. इसके बाद गिरगिट का रंग आसपास के वातावरण से घुलमिल जाता है और यह अपने आप को सुरक्षित बना लेता है.

गिरगिट कितने रंग बदलता है? Girgit kitne rang badalta hai?

गिरगिट का रंग ठीक वहीं हो जाता है जहां वह बैठा होता है. गिरगिट अगर पत्तेदार पेड़-पौधों के आसपास हो तो उसकी त्वचा हरी हो जाएगी. यदि वह सूखी लकड़ी के पास हो तो उसका रंग लकड़ी जैसा हो जाएगा. यदि वह किसी पत्थर के पास हो तो उसका रंग रूप पत्थर जैसा हो जाएगा.

कुल मिलाकर गिरगिट अपना रंग नहीं बदलता है, बलि फोटोनिक क्रिस्टल की परत प्रकाश को परावर्तित करती है और गिरगिट का बदला हुआ रंग हमें दिखाई देता है. इस प्रकार गिरगिट असीमित रूप से रंग बदल सकता है.

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